बुधवार, 24 फ़रवरी 2021

Gazipur Murder सिपाहीअजय सिंह यादव एवं सोनाली सिंह बचपन के प्यार में मिली दर्दनाक मौत।

 गाजीपुर आनर किलिंग : सिपाही अजय सिंह यादव एवं सोनाली सिंह बचपन का प्यार चढ़ परवान तो मिली दर्दनाक मौत।

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उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के खानपुर थाना के बभनौली गांव निवासी अजय सिंह यादव और ईचवल निवासी सोनाली सिंह बचपन से ही एक दूसरे को पसंद करते थे। हाईस्कूल की पढ़ाई के दौरान दोनों का प्रेम संबंध इस कदर बढ़ा कि साथ-साथ रहने की और एक-दूजे के लिए जीने-मरने की कसमें खाया करते थे।

जब दोनों अपने प्रौढ़ावस्था में आए तो अजय पुलिस महकमे में सिपाही के पद पर भर्ती हो गया। इसके बाद दोनों ने परिजनों को बिना बताए कोर्ट मैरिज कर ली। इधर, जब सोनाली सिंह के परिवार को कोर्ट मैरिज की जानकारी मिली तो उन्होंने इस शादी को स्वीकार करने से मना कर दिया।

अपनी चचेरी बहन की सगाई पर छुट्टी लेकर अमेठी से आए अजय को सोमवार की भोर में सोनाली से फोन करवाकर परिजनों ने घर बुलाया। इसके बाद सोनाली एवं अजय की परिजनों ने जमकर पिटाई की। बाद में सोनाली के पिता राजेश सिंह ने उसके सिर में गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। 


                     घटनास्थल पर पुलिस टीम। 

बाद में अजय की कनपटी में गोली मारकर रामपुर गांव के पास फेंक आए। इधर, हत्यारे पिता ने परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर घर के पास गेहूं के खेत में पुत्री के शव को दफना दिया। जब पुलिस मृतक के स्मार्ट फोन पर मिले काल डिटेल और सर्विलांस के सहारे मृतका सोनाली के घर पहुंची तो वहां से मृतक पुलिस कर्मी अजय की चप्पल बरामद हुई।

                  घटनास्थल पर पुलिस टीम। 

इसके बाद तो शक और गहरा गया। पूछताछ के बाद हत्यारोपी पिता की निशानदेही पर पुत्री के शव को पुलिस ने बरामद कर पूरे हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने में जुट गई। इधर, ग्रामीण भी इस घटना के बाद से जहां सकते में हैं, वहीं दोनों गांवों में चारों तरफ मातम फैला हुआ है।




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Murder in UP Prayagraj ; कारोबारी प्यारे लाल यादव (65) की धारदार हथियार से हत्या,

 UP Prayagraj : कारोबारी प्यारे लाल यादव (65) की धारदार हथियार से हत्या, जमीन का कारोबार भी करते थे।

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                     फाइल फोटो प्यारे लाल यादव। 

प्रयागराज जिले के सोरांव थाना क्षेत्र के हाजीगंज गांव निवासी प्यारे लाल यादव (65) कारोबारी की हत्‍या कर दी गई। हाजीगंज गांव में मंगलवार देर रात भूसा कारोबारी की धारदार हथियार से मौत के घाट उतारा गया। घर के बगल में बने गोदाम में वह अकेले सो रहे थे, उसी समय वारदात को अंजाम दिया गया। बुधवार सुबह कारोबारी की नातिन उनको नाश्ता देने पहुंची तो चारपाई पर रक्तरंजित लाश देखा।

https://twitter.com/prayagraj_pol/status/1364470290722349059?s=19

कारोबारी का खून से सना शव देखकर उनकी नातिन चीखने लगी। आवाज सुनकर स्वजन और आसपास के लोग मौके पर पहुंची। सूचना पाकर सोरांव पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। शव के पास खून से सना फावड़ा और सरिया बरामद हुआ है। वारदात किन कारणों से हुई, यह अभी स्‍पष्‍ट नहीं हो सका है, लेकिन जमीन की खरीद-फरोख्त को लेकर घटना होने की संभावना जताई जा रही है।


हाजीगंज गांव निवासी प्यारे लाल यादव (65) का मकान सड़क के किनारे है। घर के बगल में ही उन्होंने भूसे का गोदाम बना रखा है। गोदाम के बाहर मड़ही बनाकर वे अकेले यहां रहते थे। मंगलवार रात खाना खाकर वे यही सो गए। देर रात किसी ने फावड़ा और सरिया से सिर पर प्रहार कर उनको मौत के घाट उतार दिया। बुधवार सुबह उनके छोटे पुत्र अशोक की पुत्री सोनाली नाश्ता देने पहुंची तो चारपाई पर बाबा को मृत देखा। चीखते हुए वह घर पहुंची और घरवालों को जानकारी दी। खबर पाते ही स्वजन व आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। चारपाई पर प्यारेलाल मृत पड़े थे। सिर व चेहरा खून से सना था। वहीं बगल में जमीन पर फावड़ा और सरिया पड़ी थी, जिसमें खून लगा था। 

घटनास्‍थल पर कुछ कागजात पड़े थे, जिसे जलाया गया था। ये कागजात संदूक और आलमारी का ताला तोड़कर निकाला गया था। घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने स्वजनों से बातचीत की तो पुत्र संतोष व अशोक ने बताया कि प्यारेलाल भूसा का काम करने के साथ ही प्रापर्टी डीलिंग का भी काम करते थे। गोदाम के बगल प्लाटिंग चल रही है, जिस कारण चार-पांच लोग यहीं बैठते थे। सभी का नाम पुलिस को बताया। साथ ही यह भी बताया कि जो कागजात जलाए गए हैं, वे प्रापर्टी की खरीद-फरोख्त से संबंधित थे।

संतोष और अशोक ने बताया कि करीब तीन माह पहले उनके पिता ने भौजीतारा गांव के एक व्यक्ति से तीन बिस्वा जमीन खरीदी थी। उसे तीन लाख रुपये दिए थे, जबकि शेष रुपये जमीन बेचते समय देने की बात कही गई थी। इसकी बकायदा लिखापढ़ी की गई थी। हालांकि, उन्होंने रंजिश की कोई बात नहीं कही है। पुलिस का कहना है कि अभी तक की जांच में मामला प्रापर्टी से संबंधित लग रहा है। कागजातों को जलाने से यह संदेह पुख्ता भी होता है। फिलहाल पुलिस भौजीतारा गांव के उस व्यक्ति की तलाश कर रही है, जिसकी जमीन प्यारेलाल ने खरीदी थी।

#UP_Panchyat_Election_2021 ; यूपी पंचायत चुनाव से पहले हजारों लोगों पर होगी कार्रवाई, इस वजह से...

 यूपी पंचायत चुनाव से पहले हजारों लोगों पर होगी कार्रवाई, इस वजह से हो सकती है कार्रवाई। 

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पंचायत चुनाव से पहले प्रदेश भर में हजारों बवालियों पर कार्रवाई होगी। उनको पाबंद करने के साथ ही जिला बदर किया जाएगा। गुप्त रिपोर्ट के मुताबिक चिह्नित उपद्रवी बवाल कर सकते हैं। इसलिए पहले ही उन पर कार्रवाई करके निष्पक्ष चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है।

अप्रैल में पंचायत चुनाव प्रस्तावित है। हर जिले में करीब  हजारों लोगों पर बवाल की आशंका को देखते हुए कार्रवाई की जाएगी। माफिया व बवालियों को चिह्नित करने की जिम्मेदारी लेखपाल और एलआईयू को दी गई है। थानास्तर पर कार्रवाई शुरू हो गई है।

  प्रिंटिंग करने वालो की हो रही निगरानी।  

गांव में माहौल बिगाड़ने के लिए छपी सामग्री के इस्तेमाल की आशंका है। इसलिए जिला प्रशासन-पुलिस हर प्रिटिंग प्रेस संचालक से बात करने का प्रयास कर रहे हैं। हिदायत दी जा रही है कि कोई भी आपत्तिजनक सामग्री न छापें। चुनाव में उपयोग होने वाले मतपत्र और उनके रंग को लेकर भी हिदायत दी गई है, जिससे मिलती-जुलती सामग्री छपवाकर किसी भी तरह से चुनाव का माहौल खराब न किया जा सके।

  चुनाव से पहले जमा हो जाएंगे शस्त्र। 

पंचायत चुनाव को लेकर पुलिस अफसरों को अलर्ट किया गया है। डीआईजी ने कहा कि चुनाव से पहले हर हाल में सभी लाइसेंसी हथियार जमा कराए जाएं। इसके लिए डीएम से समन्वय कर हथियार जमा कराएं जाएं। डीआईजी उपेंद्र कुमार अग्रवाल ने सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और शामली के पुलिस अफसरों से गुगल मीट की थी। उन्होंने कहा कि गुरू रविदास जयंती,  कुम्भ मेला हरिद्वार एवं आगामी पंचायत चुनाव की तैयारी शुरू करने को कहा। डीएम के साथ समन्वय स्थापित कर अपराधिक प्रवृत्ति वाले शस्त्र धारकों के विरुद्ध शस्त्र अधिनियम के अन्तर्गत निरस्तीकरण की लम्बित कार्यवाही पूर्ण करायी जाये। शस्त्रों को शत-प्रतिशत जमा कराने की कार्यवाही की जाये। चुनाव में कच्ची अवैध शराब का प्रचलन पर अंकुश लगाया जाए। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव में शराब की तस्करी पर कार्रवाई हो। निरोधात्मक कार्यवाही करने से पहले प्रत्येक व्यक्ति का भौतिक सत्यापन अवश्य कर लिया जाये। वर्तमान प्रधान या प्रत्याशी के खिलाफ कोई विवाद हो तो इस संबंध में उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाए

पंचायत चुनाव के लिए तारीखों की घोषणा से पहले ही चुनाव को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। मतदान स्थल तक पोलिंग पार्टियों को भेजने के लिए वाहनों के बंदोबस्त की जिम्मेदारी परिवहन विभाग को दी गई है। निर्वाचन कार्यालय ने इस संबंध में परिवहन विभाग से सूचना मांगी है। पत्र के बाद परिवहन विभाग ने ऐसे वाहनों की सूची तैयार कर भेज भी दी है। एआरटीओ विभाग ने बताया फिलहाल वाहनों की सूची तैयार कराई गई है। मांग के अनुसार तय समय पर वाहनों को अधिकृत किया जाएगा।


डीएम एसपी ने महिला संबंधी अपराधों को लेकर तत्परता से कार्रवाई करने के निर्देश थाना प्रभारियों को दिए। 

लगभग सभी जिलाधिकारियों ने थाना प्रभारियों को निर्देश दे दिया है कि थाना प्रभारी अपने-अपने थाना क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में प्राथमिकता के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजने का काम करें। कोई भी व्यक्ति चाहे वह कितना भी असरदार हो उसके खिलाफ कार्रवाई में थाना प्रभारी हिचकें नहीं। सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिए कि आने वाले समय में पंचायत चुनाव को लेकर वह अलर्ट पर रहें । कोई भी व्यक्ति पंचायत चुनाव में गड़बड़ी व शांति व्यवस्था भंग करने की किसी प्रकार की आशंका हो तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाएं। थाना प्रभारी इस बात का ध्यान रखें कि पंचायत चुनाव को शांतिपूर्ण तरीके से पारदर्शिता के साथ संपन्न कराना है



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मंगलवार, 23 फ़रवरी 2021

UP_Panchayat_Election_2021 ; यूपी राज्य निर्वाचन आयुक्त ने की कई मंडलो के 40 जिलों की किया समीक्षा

  एक जिला एक चरण के आधार पर निर्वाचन प्रक्रिया की तैयारी।  

यूपी राज्य निर्वाचन आयुक्त ने की 40 जिलों की समीक्षा, बरेली, अलीगढ़, सहारनपुर, आगरा, कानपुर, प्रयागराज, चित्रकूट, मेरठ और मुरादाबाद मंडलों के 40 जिलों की समीक्षा की। 

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राज्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा है कि एक जिला एक चरण के आधार पर निर्वाचन प्रक्रिया की तैयारी की जाए।

लखनऊ।  यूपी पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयुक्त (State Election Commission) मनोज कुमार की अध्यक्षता में सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के 40 जिलों की समीक्षा की गई. बैठक में प्रदेश के संबंधित जिलों के डीएम को एक जनपद में एक चरण में निर्वाचन कराए जाने के सम्बंध में तैयारी शुरू करने के निर्देश दिए गए।

इस दौरान राज्य निर्वाचन आयुक्त ने चुनाव में प्रयोग होने वाली सामग्री, प्रपत्र इत्यादि की उपलब्धता और उसकी खरीद के संबंध में भी निर्देश दिए। साथ ही मतदान केंद्रों की संवेदनशीलता को जनपद स्तर पर समिति गठित कर समीक्षा करके आयोग को अवगत कराने के लिए कहा गया। 

  वीडियो कांफ्रेंसिंग में बरेली, अलीगढ़, सहारनपुर, आगरा, कानपुर, प्रयागराज, चित्रकूट, मेरठ और मुरादाबाद मंडलों के 40 जिलों की समीक्षा की गई. बैठक में राज्य निर्वाचन आयुक्त के साथ ही अपर निर्वाचन आयुक्त वेद प्रकाश शर्मा और विशेष कार्याधिकारी जय प्रकाश सिंह भी उपस्थिति रहे।  

बैठक में राज्य निर्वाचन आयुक्त के 3 प्रमुख निर्देश। 

👉  एक जनपद में एक चरण में निर्वाचन कराए जाने को लेकर तैयारियां शुरू की जाएं। 

👉  निर्वाचन में प्रयुक्त होने वाली विभिन्न सामग्री, प्रपत्र इत्यादि की उपलब्धता और उनकी खरीद के संबंध में भी जनपदों को निर्देश दिया गया। 

👉  स्ट्रॉन्ग रूम और मतगणना स्थलों की समीक्षा के बारे में निर्देश दिया गया. मतदान केंद्रों/स्थलों की संवेदनशीलता को जनपद स्तर पर समिति गठित कर समीक्षा करते हुए आयोग को अवगत कराने के लिए भी निर्देशित किया गया। 

  अभी तक एक जिले में चार चरणों में होते थे चुनाव  

बता दें अभी तक पंचायत चुनाव में एक जिले में विकास खंडों में चार चरण में चुनाव कराए जाते थे। लेकिन इस बार आयोग ने पंचायत चुनाव में एक जनपद-एक चरण व्यवस्था लागू करने का निर्णय किया है। निर्णय के अनुसार पूरे जिले में एक ही चरण में चुनाव पूरे करा लिए जाएंगे।  इसके तहत हर मंडल के एक से दो जिलों को एक चरण में शामिल किया जाएगा। ताकि पूरे मंडल में चार चरण में चुनाव संपन्न कराए जा सकें। 




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सोमवार, 22 फ़रवरी 2021

UP_Panchayat_Election_2021; इनके बकाएदार नहीं लड़ पाएंगे पंचायत चुनाव।

समितियों के बकाएदार नहीं लड़ पाएंगे पंचायत चुनाव। बिना अदेय प्रमाणपत्र के नहीं हो सकेगा नामांकन,  

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जो भी पंचायत चुनाव लड़ना चाहता है, उसे पहले सहकारी संस्थाओं से अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना होगा। ऐसा नहीं करने वालेां को चुनाव से वंचित होना पड़ सकता है।

 यूपी पंचायत चुनाव में इस बार भाग्य आजमाने को हर कोई आतुर है। दावेदारों ने अपने दांव बैठाने भी शुरू कर दिए हैं, लेकिन समितियों के बकाएदार होने पर पंचायत चुनाव लड़ने से वंचित हो सकते हैं। चुनाव में ताल ठोकने के लिए वालों को समितियों, जिला सहकारी बैंक और सहकारी ग्राम विकास बैंक के ऋण की भी अदायगी करनी होगी। ऐसे में बड़े बकाएदारों को शुरुआती दौर में ही झटका लग सकता है।

उत्तर प्रदेश में सहकारी समितियां, जिला सहकारी बैंक, दीर्घकालीन ऋण उपलब्ध कराने के लिए उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक की सैकड़ों शाखाएं काम कर रही हैं। इनमें संस्थाओं के काफी संख्या में लोग बकाएदार हैं। कई किसान बड़े कर्जदारों की सूची में आते हैं। अफसर उनसे ऋण समाप्त करने के लिए समय-समय पर संपर्क भी करते हैं। इन सबके बाद भी भुगतान नहीं होता है। नतीजा यह है कि ज्यादातर समितियां कर्ज में डूबी हैं।  

कई जिलाधिकारियों ने अपने-अपने जिलों में पंचायत राज अधिकारीयों और सभी ब्लॉकों के बीडीओ को निर्देश दिए कि पंचायत चुनाव में समितियों और सहकारी बैंकों से अदेय प्रमाणपत्र जरूर लिया जाए। अदेय प्रमाणपत्र पाने के लिए चुनाव लड़ने के इच्छुक दावेदारों को पहले ऋण समाप्त करना होगा। सहकारी समितियों में ऋण वसूली में सुधार होने से जिले में अल्पकालीन और दीर्घकालीन ऋण की उपलब्धता में बढ़ोतरी हो सकेगी। इसका सीधा प्रभाव उर्वरक और बीज उपलब्धता पर पड़ेगा। जिला सहकारी और उ.प्र. सहकारी ग्राम विकास बैंक के ऋण की भी करनी होगी अदायगी। बिना अदेय प्रमाणपत्र के नहीं हो सकेगा नामांकन, डीएम ने दिए निर्देश।












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UP_Panchayat_Election_2021; सीटों पर आरक्षण का प्रस्ताव बनना शुरू हो गया, जानिए कैसे तय।

  सीटों पर आरक्षण का प्रस्ताव बनना शुरू हो गया, जानिए कैसे तय होंगी आपके पंचायत की सीट। 

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यूपी में पंचायतवार आरक्षण का काम शुरू हो गया । इसके लिए प्रक्रिया शुरू हो गई है। अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह ने जनपदों में 20 फरवरी से एक मार्च तक प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य के आरक्षण का प्रस्ताव तैयार करने को कहा है। दो और तीन मार्च को सभी पदों के आरक्षण की अनंतिम सूची प्रकाशित की जाएगी। चार से आठ मार्च के बीच सभी पदों पर आपत्तियां मांगी जाएंगी। नौ मार्च को सभी आपत्तियों को एकत्र किया जाएगा।

जिलों के लिए जारी शासनादेश में कहा गया है कि 10 से 12 मार्च तक डीएम की अध्यक्षता वाली समिति जिसमें सीडीओ, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत व डीपीआरओ भी होंगे, आपत्तियों का परीक्षण व निस्तारण करेंगे। 13 व 14 मार्च को सभी पदों के आरक्षण की अंतिम सूची प्रकाशित भी कर दी जाएगी। इस बाबत गुरुवार को कलक्टे्रट सभागार में बीडीओ, एडीओ पंचायत व प्रशासकों को ट्रेनिंग भी दी गई। शासनादेश के अनुसार किस तरह आरक्षण दिया जाना है, यह विस्तार से बताया गया है। इस साल उन गांवों को एससी के लिए आरक्षित किया जाएगा जो कभी एससी नहीं हुए इसी तरह उन गांवों को ओबीसी के लिए आरक्षित किया जाएगा जो कभी ओबीसी नहीं हुए। यदि निदेशालय की ओर से निर्धारित आरक्षित गांवों की संख्या से इस तरह के गांव अधिक होंगे तो वहां आबादी के घटते क्रम में आरक्षण दिया जाएगा।

  कब तक और कैसे क्या काम होगा :  

👉  -20 फरवरी से एक मार्च तक प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य के आरक्षण का प्रस्ताव तैयार होगा।

👉  -दो और तीन मार्च को सभी पदों के आरक्षण की सूची का अनंतिम प्रकाशन होगा।

👉   -चार से आठ मार्च के बीच सभी पदों पर आपत्तियां मांगी जाएंगी।

👉   -नौ मार्च को सभी आपत्तियों को एकत्र किया जाएगा।

👉   -10 से 12 मार्च तक डीएम की अध्यक्षता वाली समिति आपत्तियों का परीक्षण व निस्तारण करेगी।

👉   -13 व 14 मार्च को सभी पदों के आरक्षण की अंतिम सूची प्रकाशित कर दी जाएगी।

👉   -15 मार्च तक आरक्षण की सूचना पंचायती राज निदेशालय में भी भेजी जाएगी।





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Jal Shakti Mantralay ; 25050 पुल-पुलियों के जीर्णोद्धार एवं नवनिर्माण का शुभारंभ।

25050 पुल-पुलियों के जीर्णोद्धार एवं नवनिर्माण का शुभारंभ। 

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Ravindra_Yadav 6 AM NEWS TIMES Lucknow 22:02 :2021 

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर जल शक्ति विभाग के अन्तर्गत सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की नहरों पर निर्मित 25,050 पुल / पुलियों के जीर्णोद्धार एवं पुनर्निर्माण महाअभियान का शुभारम्भ किया । इस अवसर मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अगले चरण में सिंचाई विभाग द्वारा आवश्यकता व उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए नहर की पटरियों को चिन्हित कर आवागमन के लिए तैयार किया जाए । नहर की पटरियों के आवागमन से जुड़ जाने पर वह सुरक्षित हो जाती हैं । साथ ही, उनका रख - रखाव भी सहजता से सम्भव हो पाता है । 

👉  [ शुभारंभ हम सबके लिए बहुत प्रसन्नता का विषय है।] 


मैं इसके लिए सिंचाई विभाग एवं सभी जनप्रतिनिधियों को उनके परिश्रम और उनके द्वारा किए गए प्रयासों के लिए हृदय से बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ


👉 [ मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश तेजी आगे बढ़ रहा है। जल शक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह ] 


राज्य के 70 जनपदों में नहरों पर निर्मित पुल व पुलियाओं का नवनिर्माण, जीर्णोद्धार एवं पुनर्निर्माण कार्य को मानक गुणवत्ता के अनुरूप पूर्ण कराया जा रहा है । डॉ महेन्द्र सिंह 

उन्होंने कहा कि प्रदेश में नहरों पर लगभग 70,000 पुल / पुलिया निर्मित हैं । इनमें से 21,542 पुल / पुलियों की जीर्णोद्धार तथा 3,508 पुल / पुलियों का पुनर्निर्माण किया जायेगा । वर्तमान वित्तीय वर्ष 2020-2021 में विभाग ने सम्बन्धित क्षतिग्रस्त पुलों एवं पुलियों हेतु धनराशि की व्यवस्था है । आगामी वर्ष 2021-2022 में भी धनराशि प्रस्तावित की जायेगी । 

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश का कृषि योग्य क्षेत्रफल 188 लाख हेक्टेयर है । 120 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में सिंचन क्षमता का सृजन किया गया है । राज्य में नहरों की लम्बाई 74,659 कि. मी. , नलकूपों की संख्या 34,401 तथा पम्प नहरों की संख्या 278 है । उन्होंने कहा कि प्रदेश में मुख्य नहर प्रणालियां 100 वर्षों से भी अधिक पुरानी हैं । पूर्वी यमुना नहर प्रणाली लगभग 190 वर्ष , ऊपरी गंगा नहर प्रणाली 166 वर्ष , निचली गंगा नहर प्रणाली 142 वर्ष , बेतवा व केन नहर प्रणाली 135 वर्ष , धसान नहर प्रणाली 113 वर्ष एवं शारदा नहर प्रणाली 92 वर्ष पुरानी है । इन पर पुरानी तकनीकों व आवश्यकताओं के अनुसार पुल व पुलिया बनाये गये थे । विगत वर्षों में वाहनों की बढ़ती संख्या एवं भार के दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा आमजन व किसानों के हित में नहरों पर निर्मित पुल व पुलिया के जीर्णोद्धार व पुनर्निर्माण कराया जा रहा है । 

 इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रयागराज , प्रतापगढ़ , अयोध्या , आगरा , जालौन , रामपुर , मथुरा , बलिया आदि जनपदों के जनप्रतिनिधियों से संवाद किया । उन्होंने कहा कि पुल व पुलिया ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं । इनसे किसानों सहित जनसामान्य को आवागमन में बड़ी सुविधा होती है ।

जनपद रामपुर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े जल शक्ति राज्य मंत्री  बलदेव ओलख ने कार्यक्रम के समापन अवसर पर धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व व मार्गदर्शन में सिंचाई व जलसंसाधन विभाग निरन्तर विकास के नये मानक तय कर रहा है । इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव सिंचाई टी वेंकटेश , प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद , सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे ।



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शनिवार, 20 फ़रवरी 2021

Bharat Scott & Guide UP ; भारत स्काउट और गाइड उ.प्र. की वार्षिक प्रादेशिक परिषद की बैठक सम्पन्न।

 भारत स्काउट और गाइड उ.प्र. की वार्षिक प्रादेशिक परिषद की बैठक सम्पन्न। बैठक की अध्यक्षता संगठन के अध्यक्ष डाॅ महेन्द्र सिंह मंत्री जल शक्ति उत्तर प्रदेश शासन ने की। 

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अपने अध्यक्षीय उदबोधन में डाॅ महेंद्र सिंह ने वर्तमान परिवेश में स्काउट / गाइड की महत्ता को रेखांकित करते हुए प्रयागराज की महान प्राचीन विरासत एवं कुम्भ मेला सन् 1918 में पं मदन मोहन मालवीय के नेतृत्व में सेवा कार्य करने वाले स्काउट के 100 स्वयंसेवकों के माध्यम से प्रारम्भ हुई सामाजिक सद्भाव एवं परोपकार के उदात्त भावना का उल्लेख किया । 

  प्रादेशिक परिषद की बैठक को संबोधित करते, डॉ महेंद्र सिंह।  

सभागार में उपस्थित प्रदेश के 75 जनपदों के जिला मुख्यायुक् एवं उनके प्रतिनिधि तथा प्रादेशिक मुख्यालय के समस्त पदाधिकारियों को सम्बोधित करते हुए मा मंत्री महोदय ने आवाह्न किया कि स्काउट / गाइड के माध्यम से जल संरक्षण पर जन जागरण हेतु वर्षवार एक वृहत कार्यक्रम बनाकर संचालित किया जाय । 


 प्रादेशिक प्रशिक्षण केंद्र का निरीक्षण करते, डॉ महेंद्र सिंह   

अध्यक्ष महोदय ने यह भी निर्देशित किया कि संस्था की उपलब्धियों एवं गतिविधियों को सोशल मीडिया के सभी माध्यमों पर प्राथमिकता से प्रचारित किया जाय। क्योकि व्यक्तित्व निर्माण के क्रम में शारीरिक , बौद्धिक एवं सामाजिक क्षेत्र में सशक्त होने के लिए स्काउटिंग / गाइडिंग गतिविधियों से बेहतर कोई दूसरा विकल्प नहीं है । 


 प्रादेशिक प्रशिक्षण केंद्र का निरीक्षण करते, डॉ महेंद्र सिंह 


डॉ प्रभात कुमार अध्यक्ष लोक सेवा आयोग उ. प्र. एवं प्रादेशिक मुख्यायुक्त भारत स्काउट / गाइड उ.प्र. के नेतृत्व की सराहना करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर प्राप्त हुई उपलब्धियों पर बधाई देते हुए यह अपेक्षा की कि उपलब्धियों का यह कम आगे ही बढ़ता रहेगा इसमें कोई सन्देह नहीं है । समस्त कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों को बधाई देते हुए मा अध्यक्ष महोदय ने अच्छा कार्य करने वाले जनपदों को प्रोत्साहित करते हुए सम्मान पुरस्कार एवं आर्थिक सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया । बैठक का संचालन आनन्द सिंह रावत प्रादेशिक सचिव ने किया तथा आभार प्रदर्शन डॉ राजेश मिश्रा प्रादेशिक आयुक्त ने किया । इस अवसर पर संजय सिन्हा निदेशक सीमेट एवं प्रादेशिक आयुक्त ( रोवर ) , आलोक कुमार अग्रवाल प्रादेशिक कोषाध्यक्ष सहित संस्था के चारों उपाध्यक्ष डॉ आर. पी. मिश्रा , महेश चन्द्र सक्सेना, देवभाष्कर तिवारी एवं डॉ राजेश त्यागी उपस्थित रहे । 






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Jal Shakti Mantralay ; तीन वर्षों में कुल 11 परियोजनाएं हुईं पूर्ण।

   16.41 लाख हेक्टेयर की अतिरिक्त सिंचाई क्षमता होगी सृजित।  तीन वर्षों में कुल 11 परियोजनाएं हुईं पूर्ण। जलशक्ति मंत्रालय उत्तर प्रदेश। 

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  वर्तमान वर्ष में 9 परियोजनाओं को पूरी करने का लक्ष्य।  

जल शक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह कहा  यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के कुशल मार्गदर्शन मे लोकप्रिय जलशक्ति मंत्री डॉ.महेन्द्र सिंह के प्रयासों से हर खेत को मिल रहा है भरपूर पानी किसानों की दुगुनी होरही है आमदनी।जल सम्वर्द्धन जलसंरक्षण के सफल परिणाम आ रहे हैं। यशस्वी प्रधानमंत्री के संकल्प अटल भूजल योजना हो रही है साकार।

लखनऊ
👉   सीएम योगी ने अबतक बाढ़ बचाव की 146 परियोजनाओं का लोकार्पण, 170 का शिलान्यास किया। 
👉   किसानों के लिए सीएम योगी का प्रयास ला रहा रंग। 
👉   सिंचाई के अभाव में नहीं सूखेगी यूपी की फसल। 
👉   सिंचन क्षमता में बढ़ोतरी के लिए रंग ला रहीं योगी सरकार की कोशिशें। 
👉   तीन वर्षों में कुल 11 परियोजनाएं हुईं पूर्ण। 
👉   2.21 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता का सृजन हुआ। 
👉   वर्तमान वर्ष में 9 परियोजनाओं को पूरी करने का लक्ष्य। 
👉   16.41 लाख हेक्टेयर की अतिरिक्त सिंचाई क्षमता होगी सृजित। 
👉   प्रदेश के 40.48 लाख किसान सीधे होंगे लाभान्वित। 
👉   सिंचाई के साथ ही बाढ़ संकट से निजात पा रहा उत्तर प्रदेश। 
👉   नदियों की ड्रेजिंग, चैनलाइजेशन की कार्ययोजना बनाकर हो रहा काम। 




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शुक्रवार, 19 फ़रवरी 2021

#UP_Jal_Shakti_Mantralay ; पैक्ट विशेषज्ञों ने गंगा नहर लोटों का भ्रमण कर ली कार्य प्रगति की जानकारी।

 पैक्ट विशेषज्ञों ने समानंतर निचली गंगा नहर लोटों का भ्रमण कर कार्य प्रगति की जानकारी ली ।

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  समानंतर निचली गंगा नहर लोटों का भ्रमण कर प्रगति की जानकारी लेते, पैक्ट विशेषज्ञों की टीम। 

यू.पी.डब्ल्यू एस.आर.पी विशेषज्ञों का पी.के सतसंगी (अधिशासी अभियंता/प्रशासक) के कुशल दिशानिर्देश मे पैक्ट विशेषज्ञों ( कृषि, समाज शास्त्री, पर्यावरण व गुणवत्ता अभियंता आदि ) ने परियोजना की समानांतर निचली गंगा नहर के लोट संख्या 3 कासगंज जनपद की प्रगति का जायजा लेने हेतु भ्रमण कर आवश्यक दिशा निर्देश दिये।

बुधवार, 17 फ़रवरी 2021

Jal_Shakti_Mantralay ; बाढ़ के दुष्प्रभावों को कम करने में मिली सफलता को दोहराने के लिए प्रतिबद्ध।

 बीते वर्षों में बाढ़ के दुष्प्रभावों को कम करने में  मिली सफलता को दोहराने के लिए प्रतिबद्ध।       जल शक्ति मंत्रालय 

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👉   मुख्यमंत्री योगी के निर्देशों के अनुरूप नदियों के ड्रेजिंग व चैनलाइजेशन का कार्य किए जाने के कारण तटबंधों को सुरक्षित रखने व बीते वर्षों में बाढ़ के दुष्प्रभावों को कम से कम करने में मिली अभूतपूर्व सफलता।  डॉ महेन्द्र सिंह 

👉  पटना स्थित गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग के कार्यालय को लखनऊ में स्थापित किए जाने के लिए तत्काल कार्यवाही शुरू की जाए। डॉ महेन्द्र सिंह 


👉  उत्तर प्रदेश प्रदेश में बाढ़ से बचाव एवं प्रबंधन हेतु कारगर कार्ययोजना तैयार कर तेजी से क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएं। डॉ महेन्द्र सिंह 


लखनऊ :उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डॉ महेन्द्र सिंह ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में बाढ़ से बचाव प्रबंधन हेतु सुनियिोजित मास्टर प्लान तैयार करते हुए ठोस कार्ययोजना बनायी जाये। 

जिससे बाढ़ से हर साल होने वाली जन - धन की हानि को कम से कम किया जा सके । उन्होंने यह भी कहा कि बाढ़ की दृष्टि से संवेदनशील 42 जनपदों से संबंधित सभी नदियों का गहनता से अध्ययन कराकर इसके निष्कर्षों को कार्यायोजना में शामिल किया जाए और इसके आधार पर तेजी से कार्यवाही सुनिश्चित की जाए । जलशक्ति मंत्री आज यहां विधान भवन के कक्ष संख्या -80 में बाढ़ से बचाव हेतु तैयार की जाने वाली कार्ययोजना के संबंध में गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग के अध्यक्ष मंजीत सिंह ढिल्लों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे । 

   गंगा व बड़ी नदियों के कारण आने वाली बाढ़ की समस्या का स्थायी समाधान व बेहतर समन्वय के लिए पटना स्थित गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग का मुख्यालय लखनऊ स्थानान्तरित किए जाने के लिए तत्काल कार्यवाही शुरू की जाए ।

डॉ महेंद्र सिंह 


👉  बचाव हेतु तैयार की जाने वाली मास्टर प्लान की कार्ययोजना पर तत्परता से कार्यवाही की जाए। 

इसके साथ ही नदियों के व्यवहार का अध्ययन के लिए जो भी नवीनतम तकनीक उपलब्ध हो उसका उपयोग किया जाए । उन्होंने कहा कि बाढ़ के संबंध में अभी कोई अध्ययन / सर्वे नहीं किया गया है । उन्होंने कहा कि अध्ययन के पश्चात जो ठोस कार्ययोजना तैयार की जाए उसके आधार पर किए जाने वाले कार्यों को समयबद्ध तथा चरणबद्ध ढंग से पूरा किया जाए । इसके अलावा योजना तैयार करते समय भविष्य की आवश्यकताओं का भी ध्यान रखा जाए । जलशक्ति मंत्री ने कहा कि प्रदेश में गंगा , यमुना , सरयू , सई , गोमती आदि बड़ी नदियां हैं । बरसात के दिनों में तेजी से पानी के साथ गाद / मिट्टी बहकर आती है , जिससे नदी का तल उथला होता है और पानी बड़े क्षेत्र में फैलकर तवाही मचाता है । इसके साथ ही बड़े पैमाने पर कटान होती है और बांध आदि क्षतिग्रस्त होते हैं । उन्होंने यह भी कहा कि कटान वाले स्थानों की मिट्टी का परीक्षण भी किया जाना चाहिए । उन्होंने शारदा नदी को गोमती नदी सेजायेगी और सई तथा गोमती नदियों में पानी आने से यह पुनर्जीवित हो सकेंगी । उन्होंने कहा कि रिवर बेसिन का अध्ययन करते समय इस विषय को भी उसमें शामिल किया जाना चाहिए । 

डॉ महेन्द्र सिंह ने कहा कि उ प्र में माननीय मुख्यमंत्री जी की प्रेरणा से बाढ़ नियंत्रण के लिए अनूठी पहल की गई है । इसके तहत बाढ़ से बचाव के लिए निर्माण कार्य जनवरी से ही शुरू करके मई तक पूरा करा लिया गया है । जिसके फलस्वरूप मौजूदा सरकार के कार्यकाल में बाढ़ से कोई जन - धन हानि नहीं हुई है और बाढ़ से प्रभावित होने वाले क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कमी आई है । उन्होंने कहा कि बाढ़ के समय सतत निगरानी के चलते तटबन्ध सुरक्षित रहे । उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग द्वारा तटबन्धों की निगरानी के लिए 91 स्थानों पर कैमरे लगाये गये थे , जिसके फलस्वरूप बाढ़ से नुकसान नहीं हुआ और तटबन्ध सुरक्षित रहे । उन्होंने कहा कि गंगा बाढ़ नियंत्रण कमीशन के अध्यक्ष  मंजीत सिंह ढिल्लो से अपेक्षा किया कि आयोग के कार्यालय को यथाशीघ्र लखनऊ में स्थापित किए जाने की कार्यवाही सुनिश्चित करायें । गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग के अध्यक्ष मंजीत सिंह ढिल्लो ने कहा कि गंगा के पूरे बेसिन का अध्ययन किया जाना चाहिए । उन्होंने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि फ्लड फाइटिंग के लिए उ प्र में सराहनीय कार्य हुआ है । उन्होंने कहा कि प्रदेश में कई शहरों को स्मार्टसिटी का दर्जा दिया जाना है । इसको दृष्टिगत रखते हुए तैयारी की जानी चाहिए । इसके अलावा नदियों के किनारे का ड्रोन के माध्यम से सर्वे कराकर संवेदनशील क्षेत्रों का चिन्हाकन कर लिया जाए। साथ ही बनायी जाने वाली कार्ययोजना में बाढ़ लाने वाले सभी कारकों का अध्ययन किया जाए । 

बैठक में उपस्थित प्रमुख सिंचाई एवं जलसंसाधन अनिल गर्ग ने भी सुझाव दिए तथा सूचना प्रणाली संगठन के प्रमुख अभियन्ता नवीन कपूर ने कार्ययोजना के बारे में विस्तार से प्रस्तुतीकरण किया । इस मौके पर प्रमुख अभियन्ता एवं विभागाध्यक्ष वी. के. निरंजन , प्रमुख अभियन्ता परिकल्प एवं नियोजन ए.के. सिंह , गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग के सदस्य तथा कई जनपदों के अधीक्षण अभियन्ता उपस्थित रहे ।






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मंगलवार, 16 फ़रवरी 2021

Up_panchayat_election_reservation_seat ? “आरक्षण” सेटिंग में लखनऊ में जुटे सम्भावित प्रत्याशी।

    अपने पक्ष में “आरक्षण” सेट करने लखनऊ में जुटे सम्भावित प्रत्याशी।  नेताओं और बाबुओं के चक्कर काट रहे हैं। कहीं से सेट हो जाएं सीट। 

UP Panchayat Chunav 2021 Latest News: सब्सक्राइब करें www.6amnewstimes.com  16:02:2021 रविन्द्र यादव लखनऊ।


यूपी में पंचायत चुनाव की सरगर्मी के साथ अपनी सीट पर आरक्षण की चिंता सम्भावित प्रत्याशियों को गांव से शहर तक खींच ला रही है। पिछले एक महीने से कहीं पूर्व तो कहीं मौजूदा प्रधान आरक्षण का गणित सेट करने के लिए लखनऊ में भटक रहे हैं।


कोई महिला सीट चाहता है ताकि पत्नी को लड़ा सके। कोई खास आरक्षण की सेटिंग के लिए नेताओं से लेकर बाबुओं तक चक्कर काट रहा है ताकि विरोधियों का पत्ता कट जाए। राजधानी में पिछले त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के समय 570 ग्राम पंचायतें थीं। अब ये घट कर 495 रह गई हैं। 

 जिस तेजी से शहर का विकास हो रहा है।  उसे देखकर लगता है कि अगले पांच साल में 100 से अधिक ग्राम पंचायतें और नगर निगम में शामिल हो जाएंगी। ऐसे में जो ग्राम पंचायतें राजधानी की शहरी सीमा के पास हैं उनके प्रधान, पूर्व प्रधान या उम्मीवार ज्यादा जोड़ तोड़ करने में लगे हैं। 

 ग्राम प्रधानों से बात करने पर उन्होंने कहा कि उनके लिए पंचायत की राजनीति का यह आखिरी चुनाव साबित हो सकता है। पता नहीं इसके बाद के चुनाव में उनकी ग्राम पंचायत रहे कि शहरी क्षेत्र में चली जाए। इसलिए चुनाव लड़ना और जीतना उनके लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न है। 

 पंचायत चुनावों में मतदाता भी बढ़ गए हैं। पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार 55 हजार से अधिक मतदाता बढ़े हैं। पुनरीक्षण बाद तैयार 494 ग्राम पंचायतों की मतदाता सूचियों में वोटरों की संख्या बढ़कर 10,50,517 हो गयी है।पांच साल पहले वर्ष 2015 में 570 ग्राम पंचायतों में हुए पंचायत चुनाव में वोटरों की यह संख्या 9,95,213 थी।

 युवा भी आकर्षित हो रहे हैं प्रधानी की राजनीति में। 

एक लोकगीत है ‘जब नौकरी न मिले जवानी में तो कूद पड़ौ परधानी में’। आजकल गांव-गांव ऐसे ही गीत बज रहे हैं। इस बार प्रधानी के लिए कई गांवों में युवा भी अपनी जमीन तलाश रहे हैं। मलिहाबाद से लेकर मोहनलालगंज तक गांव से लेकर कस्बे तक पंचायत चुनावों को लेकर चर्चाएं गर्म हैं। चाय की गुमटियों से ढाबों तक राजनीति की गोटियां सेट हो रही हैं।




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रविवार, 14 फ़रवरी 2021

UP_LDA_LUCKNOW ; विकास प्राधिकरण को कई सौ करोड़ का नुकसान।

   प्राधिकरण को कई सौ करोड़ का पहुंचाया नुकसान।  कंम्यूटर सिस्टम का काम देख रही कंपनी के सीईओ अजीत मित्तल व सर्विस इंजीनियर दीपक मिश्रा व सहयोगियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज।  

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  प्राधिकरण को कई सौ करोड़ का पहुंचाया नुकसान। कंम्यूटर सिस्टम का काम देख रही कंपनी न‍िशाने पर।  

लखनऊ । कायदे-कानून से हुई जांच तो कई बड़े लोगों के नाम सामने आ सकते हैं सामने। मुकदमा दर्ज कराने के बाद संबंधित एजेंसी के सीईओ व सर्विस इंजीनियर को आधार बनाकर असली नुकसान पहुंचाने वाले तक क्राइम ब्रांच पहुंच सकती है।

'तीन सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर कंप्यूटर एक्जीक्यूटिव को चार्जशीट दी गई है। सचिव लविप्रा पवन कुमार गंगवार को जांच अधिकारी बनाया गया है। जल्द ही मामला पूरा साफ हो जाएगा।' -अभिषेक प्रकाश, डीएम व उपाध्यक्ष लविप्रा

लखनऊ, जेएनएन। लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) ने कम्प्यूटर सिस्टम का देखरेख का कार्य करने वाली डीजी टेक प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ अजीत मित्तल व सर्विस इंजीनियर दीपक मिश्रा व सहयोगियों के खिलाफ कई धाराओं में गोमती नगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। मुकदमे में आरोप लगाया है कि लविप्रा के इस कार्य हेतु अधिकृत अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा एक सुनियोजित योजना के अनुसार आपराधिक षडयंत्र करके कंम्प्यूटर के संचित डिजिटल डाटा में छेड़छाड़ करके परिवर्तन किया गया। यह खेल पचास नहीं 500 संपत्तियों में हो सकता है। एक कॉकस बनाकर यह खेल किया गया और करोड़ों के वारे न्यारे किए गए। क्राइम ब्रांच ने जांच में पाया कि गोपनीय तरीके से डाटा में हेराफेरी व अनाधिकृत बदलाव, संशोधन परिवर्तन, कूट रचना कर काफी मात्रा में आर्थिक लाभ प्राप्त किया गया एवं करोड़ों रुपये की आर्थिक क्षति लविप्रा को पहुंचाई गई। इस पूरे खेल में कई बड़े भी फंस सकते हैं।

  बड़े लोगों के नाम भी सामने आ सकते हैं  

क्राइम ब्रांच की जांच में कई बड़े लोगों के नाम सामने आ सकते हैं। मुकदमा दर्ज कराने के बाद संबंधित एजेंसी के सीईओ व सर्विस इंजीनियर को आधार बनाकर असली नुकसान पहुंचाने वाले तक क्राइम ब्रांच पहुंच सकती है। जालसाजों तक पहुंचने के लिए तीन सदस्यीय टीम जांच कर रही थी। टीम में संयुक्त सचिव ऋतु सुहास, एसीपी विवेक रंजन और तहसीलदार राजेश कुमार शुक्ला थे।

UP Panchayat Chunav 2021: डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा का संकेत, प्रदेश में बोर्ड परीक्षा के पहले 


 खाली भूखंडों को देख होता था पूरा खेल  


दलालों, अधिकारियों व कंप्यूटर सेल का पूरा कॉकस था। पहले संपत्ति की तलाश होती थी और फिर फर्जी बैनामा बनाकर हस्ताक्षरों की स्कैनिंग करके रजिस्ट्री होती थी । इसकी फर्जी रसीदी, आवंटन पत्र जारी होते थे। बकायदा डिस्पैच रजिस्टर में चढ़ता भी था। यही नहीं आवंटी के नाम से लविप्रा परिसर में स्थित यूको बैंक में किस्तें भी कुछ जमा होती थी और बाहर ही रजिस्ट्री हो जाया करती थी। ऐसे एक नहीं सैकड़ों मामले हैं। पचास संपत्तियों में ट्रांसपोर्ट नगर फेस वन व टू, गोमती नगर, अलीगंज, रत्नाकर खंड, रजनी खंड, रूचि खंड, नेहरू इन्क्लेव, कानपुर खंड, सेक्टर जे जानकीपुरम, सीतापुर रोड की संपत्तियां हैं।

  फीड करवाई 50 हजार से पांच लाख तक लेते थे  

भूखंडों की कंप्यूटर सेल में फीड करवाने पर लाखों रुपये दलाल खर्च करते थे। यहां मृतक कर्मचारियों व लालची बाबुओं की आइडी का इस्तेमाल करके भूखंड व संपत्ति फीड कर दी जाती थी। 75 वर्ग मीटर का एक लाख से शुरुआत होती थी और तीन सौ वर्ग मीटर का पांच लाख तक लेते थे।दो बारा बेचने पर खरीददार को इससे विश्वास हो जाता था कि संपत्ति सही है।


एक्जीक्यूटिव सिस्टम एसबी भटनागर को चार्जशीट


एक्जीक्यूटिव सिस्टम एसबी भटनागर की कार्यप्रणाली पर सवाल दैनिक जागरण पहले से उठा रहा था। अब प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए चार्जशीट दी गई है। सचिव लविप्रा पवन कुमार गंगवार स्वयं मामले की जांच करेंगे। पंद्रह दिन में भटनागर को जवाब देना होगा। नवंबर में भटनागर ने पचास संपत्तियों की सूची लविप्रा सचिव को सौंपी थी और आरोप लगाया था कि अलग अलग आइडी का उपयोग करके एक साल में पचास संपत्तियों में हेराफेरी हुई। सचिव ने वर्ष 2018 से वर्ष 2019 के बीच संपत्तियों का ब्योरा मांगा था, इस सूची में 450 संपत्तियों का नामांतरण रोक के बाद भी कर दिया गया था। लविप्रा की अलग अलग योजनाओं में यह खेल हुआ था। बता दे कि एक्जीक्यूटिव सिस्टम एसबी भटानगर कम्प्यूटर सेल के मुखिया है, ऐसे में साल भर खेल चलता रहा और मामले से अंजान कैसे हो सकते हैं? कई सवाल उठ रहे थे।


31 मार्च 2021 को हो रहे हैं सेवानिवृत्त


एक्जीक्यूटिव सिस्टम एसबी भटनागर 31 मार्च 2021 में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। सूत्रों की माने तो भटानगर की मुश्किले उस वक्त से बढ़ना शुरू हो गई थी, जब वास्तुखंड की छह संपत्तियों का मामला सामने आया और भटनगार डर गए। उसके बाद भटनागर ने पचास संपत्तियों की सूची स्वयं निकाली औ सचिव लविप्रा को यह कहते हुए सौंप दी कि कर्मचारियों ने ओटीपी बाइपास करके मृतक कर्मचारियों की आइडी का प्रयोग करते हुए करोडों की संपत्ति में खेल किया। अब जांच में अगर दोषी पाए जाते हैं तो जेल भी जा सकते हैं और सेवानिवृत्ति पर मिलने वाले लाभ से वंचित हो सकते हैं।


कई घोटाले में पहले भी चर्चा में रहा लविप्रा


लविप्रा की शायद ही कोई ऐसी आवासीय योजना हो, जहां भ्रष्टाचार न हुआ है। स्व. मुक्तेश्वर नाथ ओझा, काशी नाथ, अजय प्रताप वर्मा सहित आधा दर्जन कर्मचारी प्राधिकरण के दामन में दाग लगाते रहे हैं। वहीं जानकीपुरम, गोमती नगर, ट्रांसपोर्ट नगर, कानपुर रोड, प्रियदशर्नी नगर योजना सहित अलग अलग योजना में खूब खेल हुआ।




 

UP_Election_2021_2022 ; पंचायत चुनाव के साथ ही मिशन-2022 की युद्ध स्तर पर तैयारी में जुटी भाजपा, चार चरणों में शुरू होगा अभियान।

   यूपी: पंचायत चुनाव के साथ ही मिशन-2022   की युद्ध स्तर पर तैयारी में जुटी भाजपा, चार चरणों में शुरू हो रहा है भाजपा का अभियान।  

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पंचायत चुनावों में परचम फहराएं तो विधानसभा चुनाव की राह आसान होगी। सुनील बंसल

यूपी पंचायत चुनाव के बहाने भाजपा पूरी तरह मिशन-2022 की तैयारी में जुट गई है। पार्टी के प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने भी कार्यकर्ताओं को संदेश दिया है कि पंचायत चुनावों में परचम फहराएं तो विधानसभा चुनाव की राह आसान होगी। उन्होंने कहा कि भाजपा पंचायत चुनाव को लेकर चार चरणों में अभियान चलाएगी। कार्यकर्ताओं से अपील कि केंद्र और प्रदेश सरकार की उपलब्धियां और योजनाएं लेकर गांव गांव जाएं। बंसल, शुक्रवार को भाजपा क्षेत्र समिति की सिविल लाइंस स्थित गोरखपुर क्लब में बैठक को वर्चुअल संबोधित कर रहे थे। 

फ्लाइट कैंसिल होने के कारण महानगर नहीं पहुंच सके। लिहाजा उन्होंने पश्चिम बंगाल से बैठक को वर्चुअल संबोधित किया। कहा कि कोरोना महामारी की समस्या अब लगभग खत्म है, क्षेत्र, जिला और मंडल की टीमों को सक्रिय होकर संगठन की गतिविधियों को बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि 19 फरवरी को प्रदेश की भाजपा सरकार के कार्यकाल का 4 साल पूरा होगा। 19 से 25 फरवरी तक सरकार की उपलब्धियां बताने के लिए सरकारी कार्यक्रम आयोजित होंगे। इसमें भाजपा कार्यकर्ताओं को भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए। बैठक का संचालन क्षेत्रीय महामंत्री प्रदीप शुक्ला ने किया।


इस दौरान प्रदेश उपाध्यक्ष नीलम सोनकर, मंत्री त्रयंबक नाथ तिवारी, प्रदेश उपाध्यक्ष पिछड़ा मोर्चा चिरंजीव चौरसिया, प्रदेश प्रवक्ता समीर सिंह, कामेश्वर सिंह, क्षेत्रीय कोषाध्यक्ष पुष्प दत्त जैन, उपाध्यक्ष डॉ सत्येंद्र सिन्हा, विश्वजीताशु सिंह आशु, महामंत्री सुनील गुप्ता, मंत्री जनार्दन तिवारी, मीडिया प्रभारी डॉ बच्चा पांडेय नवीन, क्षेत्रीय कार्यालय मंत्री सत्येंद्र मिश्रा, सह मंत्री पंकज जायसवाल, गोरखपुर के जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह, भूमि विकास बैंक के चेयरमैन संतराज यादव, महानगर उपाध्यक्ष दयानन्द शर्मा, क्षेत्र के सभी जिलाध्यक्ष, जिला प्रभारी शामिल रहे। प्रदेश सह संगठन महामंत्री ने अलग से गोरखपुर महानगर के मंडल अध्यक्ष, वार्ड अध्यक्ष एवं वार्ड मंत्री की बैठक कर पार्टी के आगामी कार्यक्रमों की चर्चा की। 

 19 फरवरी से 19 मार्च तक चलेगा अभियान। 

भाजपा प्रदेश महामंत्री संगठन बंसल ने कहा कि पंचायत चुनाव को लेकर पार्टी 19 फरवरी से 19 मार्च तक 4 चरणों में अभियान चलाएगी। प्रथम चरण में जिला पंचायत के वार्डो की बैठक कर पंचायत चुनाव की रणनीति बनानी है। दूसरे चरण में पंचायत चुनाव को लेकर ग्राम पंचायत स्तर की बैठक होगी। तीसरे चरण में गांवो में चौपाल लगाईं जाएगी। अन्तिम चरण में सरकार की उपलब्धियां बताने कार्यकर्ता गांव-गांव जाएंगे। 

  सेक्टर इकाई अब शक्ति केंद्र में परिवर्तित होगें। 

प्रदेश सह संगठन महामंत्री भवानी सिंह ने मंडल इकाई को सक्षम और बूथ इकाई को सक्रिय बनाने का आह्वान किया। उन्होंने सेक्टर इकाई को अब शक्ति केंद्र कहा जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर संगठन की यह मंशा पूरी हुई तो पंचायत चुनाव में परचम लहरा कर विधानसभा चुनाव के लिए राह आसान होगी। प्रदेश महामंत्री और गोरखपुर क्षेत्र के प्रभारी अनूप गुप्ता ने पंचायत चुनाव में भाजपा की सशक्त भागीदारी सुनिश्चित करने का आह्वान किया।

क्षेत्र समिति ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित लोक कल्याणकारी बजट के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया। क्षेत्रीय अध्यक्ष डॉ धर्मेन्द्र सिंह ने अभिनन्दन प्रस्ताव पढ़ कर सुनाया। प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने बजट को सर्वस्पर्शी और सर्वांगीण विकास करने वाला बताते हुए बजट की खासियत को जनता तक पहुंचाने के लिए गोरखपुर क्षेत्र के पदाधिकारियों, जिलाध्यक्षों एवं जिला प्रभारियों का आह्वान किया।

UP Panchayat Election 2021: उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा बातों-बातों में दे दी चुनाव की तारीख की अहम जानकारी।

कब होंगे पंचायत चुनाव, रायबरेली के बुद्धजीवी सम्मेलन में उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा बातों-बातों में दे दी अहम जानकारी। 

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      कभी भी राज्य निर्वाचन आयोग पंचायत चुनाव की तारीखों की घोषणा कर सकता है।  

लखनऊ / रायबरेली    यूपी में होने वाले पंचायत चुनाव की तारीख धीरे धीरे हाईकोर्ट द्वारा दिए गए वक्त के करीब आ रही हैं। चुनाव का बिगुल कब बजेगा, इसका इतंजार सभी को है। राज्य सरकार ने ग्राम प्रधान, ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष पद के आरक्षण की घोषणा कर दी है। सभी संभावित प्रत्याशियों निगाहें अब मतदान की तारीखों पर हैं. कभी भी राज्य निर्वाचन आयोग पंचायत चुनाव की तारीखों की घोषणा कर सकता है. 

  डॉ. दिनेश शर्मा ने बातों-बातों दे गए ये संकेत।  

उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने पंचायत चुनाव की तारीखों पर से लगभग पर्दा हटा दिया है. उनकी बातों से ये अनुमान लग गया है कि सरकार अब ज्यादा देर नहीं करेगी। उन्होंने मीडिया से कहा कि पंचायत चुनाव बोर्ड परीक्षा से पहले होंगे. इससे तो यह तय हो गया है कि सरकार के साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग 20 अप्रैल से पहले ही उत्तर प्रदेश में पंचायत के चुनाव कराने की तैयारी में है। 

डॉ दिनेश शर्मा शनिवार को रायबरेली में बुद्धजीवी सम्मेलन में शामिल होने आए थे. इस सम्मेलन से पहले पत्रकारवार्ता में डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि भाजपा पंचायत चुनाव के लिए बूथ स्तर तक अपनी तैयारी में जुटी है. भाजपा ने इस बार पंचायत चुनाव में भी उम्मीदवार उतारने की बात कही है।

ध्यान दे 👉  यूपी: पंचायत चुनाव के साथ ही मिशन-2022 की युद्ध स्तर पर तैयारी में जुटी भाजपा, 👇👇👇👇https://www.6amnewstimes.com/2021/02/upelection20212022-2022.html

चुकी है आरक्षण लिस्ट

आपको बता दें कि जिला पंचायत अध्यक्ष पद के अलावा ग्राम प्रधान और ब्लॉक प्रमुख के लिए भी आरक्षण लिस्ट आ चुकी है. इस बार ग्राम प्रधान के पदों पर चुनाव में महिलाओं के लिए 333 आरक्षित पद घट गए हैं.



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शनिवार, 13 फ़रवरी 2021

up panchayat election; पंचायत चुनाव के आरक्षण में पिछड़ा वर्ग की महिलाओं की सीटों मे भारी कटौती।

देखे ; ग्राम प्रधान पद किस जाति के लिए कितने हुए रिजर्व, कौन कहां से लड़ेगा चुनाव 👉 लखनऊ अध्यक्ष पद दलित महिला के लिए होगा आरक्षित।

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  यूपी में होने वाले पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण सूची जारी हो गई है। अब लोगों को पंचायत चुनाव की तारीखों के ऐलान का इंतजार है।  जिला पंचायत अध्यक्ष पद के अलावा ग्राम प्रधान और ब्लॉक प्रमुख के लिए भी आरक्षण लिस्ट आ चुकी है। इस बार ग्राम प्रधान के पदों पर चुनाव में महिलाओं के लिए 333 आरक्षित पद घट गए हैं। 

2015 के पंचायत चुनाव में ग्राम प्रधान पद के लिए महिलाओं के लिए कुल 19,992 पद आरक्षित हुए थे, इनमें से अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के लिए कुल 132 पद आरक्षित थे, अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए कुल 4341 पद आरक्षित हुए थे, अन्य पिछड़ा वर्ग की महिलाओं के लिए कुल 9927 पद आरक्षित हुए थे जबकि इस बार के पंचायत चुनाव में महिलाओं के लिए कुल 19659 पद आरक्षित हुए हैं। इनमें से अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के लिए 131, अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए 4288, अन्य पिछड़ा वर्ग की महिलाओं के लिए 5501 और सामान्य वर्ग की महिलाओं के लिए 9739 पद आरक्षित किए गए हैं। 

 किस जाति को कितने पद पर मिला आरक्षण :

शुक्रवार को जारी किए गए आरक्षण ब्योरे के अनुसार जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर 12 सामान्य महिलाएं, सात ओबीसी महिलाएं और छह अनुसूचित जाति की महिलाएं यानी कुल 25 महिलाएं काबिज होंगी।यह जानकारी लखनऊ में पंचायतीराज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह व निदेशक किंजल सिंह ने दी। उन्होंने इस बार के पंचायत चुनाव में आरक्षण के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा तय किए गए आरक्षण फार्मूले के तहत इस बार प्रदेश में महिलाओं के लिए ब्लॉक प्रमुख के कुल 300 पद आरक्षित किये गये हैं। इनमें से चार पद अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के लिए, 86 पद अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए और 97 पद अन्य पिछड़ा वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। सामान्य वर्ग की महिलाओं के लिए 113 पदों रहेंगे। 

  पिछली बार यह हुआ था आरक्षण । 

वर्ष 2015 में हुए पिछले पंचायत चुनाव में महिलाओं के लिए ब्लॉक प्रमुख के कुल 298 पद आरक्षित हुए थे, इनमें से चार पद अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए, 86 पद अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के लिए, 98 पद अन्य पिछड़ा वर्ग की महिलाओं के लिए और 110 पद सामान्य वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित हुए थे। इस तरह से 2015 के पंचायत चुनाव के मुकाबले इस बार जहां एक तरफ ब्लॉक प्रमुख के पद पर अन्य पिछड़ा वर्ग की महिला का एक पद कम हुआ। 

वहीं सामान्य वर्ग की महिलाओं के लिए तीन आरक्षित पद बढ़ गए हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष के पदों पर महिलाओं के आरक्षण की स्थिति पिछले चुनाव की तरह ही है। जानकारी के अनुसार, इस बार के पंचायत चुनाव में जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर अनुसूचित जनजाति की महिला के लिए कोई पद आरक्षित नहीं हुआ, यही स्थति पिछले पंचायत चुनाव में भी थी। अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए पिछले चुनाव की ही तरह छह पद आरक्षित किये गये हैं जबकि सात पद ओबीसी की महिलाओं के लिए आरक्षित हुए हैं, इतने ही पद पिछले चुनाव में भी आरक्षित हुए थे। सामान्य वर्ग की महिलाओं के लिए कुल 12 पद आरक्षित हुए हैं, इतने ही पद पिछले चुनाव में भी आरक्षित हुए थे। जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए पिछले चुनाव के ही मुताबिक कुल 25 पद आरक्षित हुए हैं।

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पंचायत चुनाव में आरक्षण जारी होने के बाद कितनी बदल गई राजनीति। 

UP Panchayat Elections: यूपी पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण जारी होने के बाद कई जिलों की ग्रामीण राजनीति के समीकरण बदल गए हैं। राजधानी लखनऊ में जिला पंचायत अध्यक्ष का पद दलित महिला के लिए आरक्षित होगा।

    

  •  हाइलाइट्स। 👇👇

  • 👉  उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के लिए जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत और ग्राम प्रधान के पदों के लिए आरक्षण जारी । 
  • 👉  कई जिलों के समीकरण बदले, लखनऊ में जिला पंचायत अध्यक्ष का पद दलित महिला के लिए आरक्षित होगा। 
  • 👉  लखनऊ मंडल में उन्नाव छोड़कर जिला पंचायत अध्यक्ष के सभी पद आरक्षित श्रेणी में होंगे, गोरखपुर अनारक्षित। 

  यूपी पंचायत चुनाव में हर सीट पर बदलेगी आरक्षण की सूरत, देखे और जाने।   


लखनऊ

उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के लिए जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत और ग्राम प्रधान के पदों के लिए आरक्षण जारी कर दिया गया है। रोटेशन के बाद कई जिलों की ग्रामीण राजनीति के समीकरण बदल गए हैं। राजधानी लखनऊ में जिला पंचायत अध्यक्ष का पद दलित महिला के लिए आरक्षित होगा। पिछली बार यह सीट ओबीसी के लिए आरक्षित थी। लखनऊ मंडल में उन्नाव छोड़कर जिला पंचायत अध्यक्ष के सभी पद आरक्षित श्रेणी में होंगे।


सीएम के शहर गोरखपुर में जिला पंचायत अध्यक्ष का पद इस बार अनारक्षित श्रेणी में है, जबकि पीएम का संसदीय क्षेत्र वाराणसी रोटेशन के बाद ओबीसी महिला के लिए आरक्षित हो गया है।

शुक्रवार, 12 फ़रवरी 2021

UP Panchayat Chunav 2021: आरक्षण तय, कब क्या होगा ? 👉 दिन तारीख से जानें पूरी प्लानिंग।

यूपी पंचायत चुनाव आरक्षण लिस्ट : हर सीट पर बदलेगी आरक्षण की सूरत अध्यक्ष के लिए आरक्षण तय, कब क्या होगा ? जानिए दिन तारीख से जानें पूरी प्लानिंग

UP Panchayat Chunav 2021 Latest News: सब्सक्राइब करें। www.6amnewstimes.com lucknow 12:02:2021   रविन्द्र यादव लखनऊ।



यूपी पंचायत चुनाव 2021 के तहत शुक्रवार को शासन ने

 जिला पंचायत अध्यक्ष के आरक्षण की स्थिति साफ कर दी। शासन के मुताबिक जिला पंचायत अध्यक्षों के आरक्षण की लिस्ट जारी कर दी गई है।  

  • हाइलाइट्स:
  • उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव 2021 को लेकर आरक्षण नीति जारी
  • शासन ने शुक्रवार को जिला पंचायत अध्यक्ष के आरक्षण पर भी लगाई मुहर
  • जिला पंचायत अध्यक्ष के 27 पद अनारक्षित, 12 सीट महिला और 27 सीटें ओबीसी

  यूपी पंचायत चुनाव आरक्षण लिस्ट : कब क्या होगा ? जानिए दिन तारीख से जानें पूरी प्लानिंग।  

त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण प्रक्रिया शुक्रवार से शुरू हो जाएगी। इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है। इसके तहत जिला पंचायत अध्यक्षों का आरक्षण शासन स्तर से तय किया जाएगा जबकि ब्लॉक प्रमुखों की संख्या शासन स्तर से और आरक्षण जिले स्तर पर तय किया जाएगा। इसके अलावा ग्राम प्रधानों का आरक्षण जिले स्तर पर होगा और संख्या भी ब्लाकों को मानक मानकर जिले में ही तय की जाएगी। आरक्षण की व्यवस्था अब तक अनारक्षित रही सीटों को ध्यान में रखते हुए की जाएगी। मसलन, जो सीट पिछले पांच चुनावों में अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित नहीं हुई, उसे अब एससी के लिए आरक्षित किया जाएगा। यही व्यवस्था ओबीसी की सीटों को लेकर अपनाई जाएगी।  

  जिला पंचायत अध्यक्ष पद में कौना सा जिला किसके लिए हुआ आरक्षित:  

अनुसूचित जाति स्त्री : 

👉  शामली, बागपत, लखनऊ, कौशांबी, सीतापुर, हरदोई

अनुसूचित जाति : 

👉  कानपुर नगर, औरैया, चित्रकूट, महोबा, झांसी, जालौन, बाराबंकी, लखीमपुर खीरी, रायबरेली, मिर्जापुर

ओबीसी महिला : 

👉  संभल, हापुड, एटा, बरेली, कुशीनगर, वाराणसी, बदायूं

ओबीसी : 

👉  आजमगढ़, बलिया, इटावा, फर्रुखाबाद, बांदा ,ललितपुर, अंबेडकर नगर, पीलीभीत, बस्ती ,संत कबीर नगर, चंदौली, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर


  यूं तय होगा आरक्षण :  

-रोटेशन रिजर्वेशन लागू किया जाएगा, वर्ष 1995 से 2015 तक हुए पांच चुनावों को माना जाएगा आरक्षण तय करने का आधार

-जो पंचायतें अभी तक एससी के लिए आरक्षित हुईं और ओबीसी के लिए कभी आरक्षित नहीं हुईं, वे अब ओबीसी के लिए आरक्षित होंगी

-जो पंचायतें अभी तक ओबीसी के लिए आरक्षित होती रहीं और एससी के लिए कभी आरक्षित नहीं हुईं, वे पंचायतें अब एससी के लिए आरक्षित होंगी

-महिलाओं का 33 फीसदी आरक्षण हर चुनाव में पूरा होता रहा है, यह ऐसे ही जारी रहेगा

पंचायत चुनाव के तिथिवार कार्यक्रम-

1.सरकार द्वारा जिला पंचायत का आरक्षणव आवंटन एवं क्षेत्र पंचायत प्रमुख का जिलेवार आरक्षण चार्ट जारी करना। निदेशालय द्वारा विकास खण्डवार प्रधानों के पदों का आरक्षण चार्ट से तैयार कर जिलों को प्रेषण : 11/02/2021 से 15/02/2021

2. निदेशालय स्तर पर वरिष्ठ अधिकारियों का प्रशिक्षण : 16/02/2021

3. जिले स्तर पर विकासखम्ड स्तरीय अफसरों का प्रशिक्षण: 18/02/2021 से 19/02/2021

4. आरक्षित ग्राम पंचायत प्रधानों तथा ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत के आरक्षित प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों (वार्ड)के आवंटन का डीएम द्वारा प्रस्ताव की तैयारी : 20/02/2021 से 01/03/2021

5. ग्राम पंचायत के आरक्षित प्रधानों तथा ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत के आरक्षित प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र के आवंटन की सूची का डीएम द्वारा प्रकाशन : 02/03/2021 से 03/03/2021

6. प्रस्ताव पर आपत्तियों प्राप्त करने की तिथि : 04/03/2021 से 08/03/2021

7. आपत्तियों को जिला मुख्यालय पर एकत्रिकरण- 09/03/2021

8. आपत्तियों का डीएम की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा परीक्षण एवं निस्तार व अन्तिम सूची तैयार किया जाना : 10/03/2021 से 12/03/2021

9. डीएम द्वारा आरक्षित ग्राम पंचायत के प्रधानों, ग्राम पंचायतों तथा जिला पंचायतों के प्रादेशिक निर्वाचन की अन्तिम सूची का प्रकाशन : 13/03/2021 से 14/03/2021

10. डीएम द्वारा पंचायतीराज निदेशालय को शासनादेश में उल्लिखित प्रारूप पर आरक्षित ग्राम पंचायत के प्रधानों तथा ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत के आरक्षित प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों की सूचना प्रेषित किया जाना :15/03/2021

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लखनऊ उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव 2021 को लेकर आरक्षण नीति जारी होने के बाद शुक्रवार को जिला पंचायत अध्यक्ष के आरक्षण पर भी मुहर लग गई। यूपी सरकार ने शुक्रवार को जिला पंचायत अध्यक्ष के आरक्षण की घोषणा की। इसके तहत जिला पंचायत अध्यक्ष के 27 पद अनारक्षित यानी सामान्य रहेंगे। वहीं 12 सीट महिला और 27 सीटें ओबीसी के खाते में गई हैं। इसके अलावा जिला पंचायत अध्यक्ष की 16 सीटें एससी में आरक्षित की गई हैं।

जिला पंचायत के आरक्षण की स्थिति शुक्रवार को साफ हो गई है। शासन के मुताबिक जिला पंचायत अध्यक्षों के आरक्षण की लिस्ट जारी कर दी गई है।    27 जिला पंचायत अध्यक्ष सीट अनारक्षित श्रेणी से होंगे, जबकि 48 आरक्षित। इनमें अनुसूचित जाति की 16 (6 महिला), पिछड़ी जाति की 20 (7 महिला) और 12 सीटें सामान्य महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी।  


  इस आधार पर तय आरक्षण। 

इससे पहले गुरुवार को शासन ने आरक्षण नीति जारी कर दी थी। नीति में साफ है कि वर्ष 2015 में ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के लिए आरक्षण की जो स्थिति थी, वह इस बार बदलेगी। आरक्षण नीति में वर्ष 1995 से 2015 तक तय आरक्षण को संज्ञान में रखा जाएगा। उधर, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के मद्देनजर परिसीमन को पहले ही अंतिम रूप दिया जा चुका है।


  एससी और ओबीसी के लिए कभी आरक्षित नहीं हुईं दो जिला पंचायत की सीटें।  

पूरे प्रदेश में 2 जिला पंचायत ऐसी हैं जो आज तक एससी और ओबीसी के लिए आरक्षित ही नहीं हुईं। वहीं, 7 जिला पंचायतें ऐसी हैं, जो कभी भी महिलाओं के लिए आरक्षित नहीं हुईं। ऐसी जिला पंचायतों को वरीयता मिलेगी। 

  2015 के मुकाबले बदली रहेंगी सीटें ।  

पंचायतीराज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि पंचायत चुनाव में 2015 में जो आरक्षण की स्थिति थी, वह इस चुनाव में नहीं होगी। जो पद या सीटें एससी-एससी या महिला के आरक्षित थे, वे इस बार अनारक्षित और ओबीसी के हो सकते हैं। कोई भी ऐसा पद जो आज तक एससी के लिए आरक्षित नहीं हुआ, वह एससी के लिए आरक्षित हो सकता है। ऐसा ही ओबीसी और महिला सीटों और पदों के लिए भी होगा।

  जल्द तय होगी ग्राम पंचायतों के आरक्षण की स्थिति  

मनोज कुमार सिंह ने बताया कि 826 ब्लॉकों में जिलेवार किस श्रेणी में आरक्षण होगा, यह राज्य स्तर पर जारी किया जाएगा। जिला पंचायतों की आरक्षण प्रक्रिया भी राज्य स्तर पर जारी होगी। डीएम 2 से 3 मार्च के बीच प्रधानों, ग्राम पंचायत, क्षेत्र और जिला पंचायत के आरक्षित प्रदेशिक आरक्षण निर्वाचन क्षेत्र के आवंटन की प्रस्‍तावित सूची का प्रकाशन करके आपत्तियां मांगेंगे। 4 मार्च से 8 मार्च तक लिखित आपत्ति दर्ज करवाई जा सकती हैं। 10 से 12 मार्च के बीच आपत्तियों को निपटाते हुए फाइनल सूची तैयार की जाएगी। 15 मार्च तक जिला अधिकारी को निदेशालय को आरक्षण की अंतिम सूची उपलब्ध करवाने को कहा गया है।

  बीडीसी और प्रधान की सीट पर ऐसा होगा आरक्षण  

मनोज कुमार ने बताया कि 826 क्षेत्र पंचायत अध्यक्षों में से पांच अनुसूचित जनजाति के होंगे, जबकि 171 अनुसूचित जाति के और पिछड़ा वर्ग के 223 होंगे। ग्राम प्रधानों 330 अनुसूचित जनजाति से, 12,045 अनुसूचित जाति से और 15,712 पिछड़ी जाति से होंगे।

  1. हाइलाइट्स ;
  2. इतने पदों पर पड़ेंगे वोट
  3. 58,194 ग्राम प्रधान
  4. 7,31,813 ग्राम पंचायत सदस्य
  5. 75,805 क्षेत्र पंचायत सदस्य
  6. 3,051 जिला पंचायत सदस्य




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गुरुवार, 11 फ़रवरी 2021

Jal_Shakti_Mantralay ; नदियों, नहरों की सिल्ट निस्तारण पारदर्शिता के साथ करने का निर्देश।

 बंधे एवं जलाशयों की सिल्ट निस्तारण के प्रस्ताव तैयार किये जाएं।  

नदियों, नहरों की निकली सिल्ट निस्तारण पारदर्शिता के साथ 15 दिन के भीतर सुनिश्चित किया जाएं। डॉ महेन्द्र सिंह 

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रविन्द्र यादव लखनऊ ।


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डॉ महेन्द्र सिंह ने वर्षाकाल से पूर्व नदियों एवं नहरों आदि से निकाली गयी सिल्ट का नियमानुसार निस्तारण सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये हैं । उन्होंने नदियों से निकाली गयी बालू / मिट्टी को उठाने के लिए उपयुक्त रास्ता बनाने के लिए भी निर्देश दिये , ताकि बरसात के समय निकाली गयी सिल्ट का समुचित उपयोग करके उससे अर्जित राजस्व को सरकारी खजाने में जमा कराया जा सके। उन्होंने कहा कि बंधे एवं जलाशयों की सिल्ट के निस्तारण के लिए प्रस्ताव तैयार किये जाएं जलशक्ति मंत्री आज विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में निकाली गयी सिल्ट के निस्तारण के सम्बंध में खनन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे । उन्होंने कहा कि उ. प्र. में लगभग 10 हजार छोटी - बड़ी नहर प्रणालियां हैं । जिनकी लम्बाई लगभग 72 हजार किमी है , उनकी हर वर्ष सफाई की जाती है और निकाली गयी सिल्ट का जिलाधिकारी की देखरेख में निस्तारण किया जाता है । उन्होंने कहा कि सिल्ट के समुचित निस्तारण से खेतों तक पानी पहुंचाने में आसानी होगी और लोगों को आवागमन में भी कोई दिक्कत नहीं आयेगी। डॉ महेन्द्र सिंह ने कहा कि छोटी - बड़ी नहरों एवं नदियों में सर्वाधिक सिल्ट जमा होती है । खासतौर से जनपद बाराबंकी में अत्यधिक मात्रा में सिल्ट पैदा होती है। हर वर्ष 47 हजार से 50 हजार किमी तक नहरों की सफाई करायी जाती है । इससे सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी खेतों तक पहुंचाने में आसानी होती है । उन्होंने कहा कि ड्रेजिंग एवं डिसिल्टिंग का कार्य अति आवश्यक एवं जनहित में है ।

 



इस मौके पर जनपद बलरामपुर एवं गोरखपुर में राप्ती नदी के मैटेरियल में मिट्टी अधिक होने को भी संज्ञानित किया गया , जिसे निदेशक खनन द्वारा ईंट भट्ठों हेतु मुफ्त में मिट्टी उठाने की कार्यवाही हेतु आश्वस्त किया गया । नहरों की सिल्ट एवं रिजवायर की सिल्ट को खनन की बेसिक दर से ड्रेज्ड मैटेरियल उठाने हेतु प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश जल शक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह के द्वारा दिये गये । 

अपर मुख्य सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन टी वेंकटेश ने कहा कि नहरों की सिल्ट निकालना एक बड़ी चुनौती है । इसलिए अधिकारीगण इसका ठोस समाधान निकालना सुनिश्चित करें जिससे प्राप्त राजस्व को सरकारी खजाने में जमा कराया जा सके । प्रमुख सचिव सिंचाई अनिल गर्ग एवं निदेशक खनन रोशन जैकब ने भी नदियों, जलाशयों, नहरों , बंधों आदि से निकाले जाने वाली बालू आदि का पारदर्शी निस्तारण सुनिश्चित करने के लिए बहुमूल्य सुझाव दिये । मुख्य अभियंता आई.एस.ओ नवीन कपूर ने ड्रेजिंग एवं चैनलाइजेशन के बारे में विभागीय पक्ष को प्रस्तुत किया । 

इस अवसर पर विशेष सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन सुश्री प्रियंका निरंजन , प्रमुख अभियंता सिंचाई एवं विभागाध्यक्ष वी. के. निरंजन एवं प्रमुख अभियन्ता ए.के. सिंह सहित अन्य अधिकारीगण मौजूद थे ।




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बुधवार, 10 फ़रवरी 2021

UP LUCKNOW ; 'रहस्‍यमयी आवाजें', घर में गूंजने से परेशान हैं, लखनऊ का पूरा परिवार,

 'रहस्‍यमयी आवाजें', घर में गूंजने से परेशान हैं, लखनऊ का पूरा परिवार, पुलिस की जांच भी नाकाम कहा से आती है ये खतरनाक आवाज। 

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रविन्द्र यादव लखनऊ ।

  


लखनऊ के मडि़यांव थाना क्षेत्र के जानकीपुरम में एक मकान में रहने वाले रहस्‍यमयी आवाजों से परेशान हो गए हैं। परिवार का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से उन्‍हें ये आवाजें सुनाईं दे रही हैं। ऐसी आवाजें जैसे कोई दीवार पर हथौड़े मार रहा हो लेकिन आश्‍चर्य की बात है कि ऐसा कहीं कुछ होता नहीं दिख रहा है। परिवार पुलिस की मदद से पड़ोस के घर की जांच-पड़ताल भी करा चुका है लेकिन आवाजों का रहस्‍य, रहस्‍य ही बना हुआ है। 


लोग इस बारे में अंधविश्‍वास से जुड़ी बातें कर रहें हैं। पुलिस के पास भी फिलहाल लोगों के बीच हो रही चर्चाओं के अलावा बताने को कुछ नहीं है। उधर, परिवार लगातार परेशान है। मूल रूप से केरल की रहने वाली आरती सिंह का कहना है कि उनका परिवार पिछले 27 सालों से यहां रह रहा है। शादी के बाद वह खुद 12 साल से यहां हैं। परिवार में आरती, उनके पति, बेटी और 80 वर्षीय बुजुर्ग सास हैं। यह मकान परिवार ने खुद बनवाया था। उनके मुताबिक इतने वर्षों में उन्‍हें यहां कभी कोई परेशानी नहीं हुई लेकिन इधर 10-12 दिनों से सुनाई पड़ रहीं रहस्‍यमयी आवाजों ने सबको परेशान कर दिया है। आरती और उनके पति दोनों दिन भर काम के सिलसिले में बाहर रहते हैं। ऐसे में घर पर सास और बच्‍ची ही रह जाते हैं। आरती सिंह की सास हार्ट पेशेंट भी हैं। इस दौरान आवाजें कभी भी शुरू हो जाती हैं। इन आवाजों की वजह से परिवार खौफ के साये में जी रहा है। 

पुलिस ने करली जांच पड़ताल फिर भी ना बंद हूई आवाज। 

आरती सिंह ने मडियांव थाने में पूरे मामले की शिकायत दर्ज कराई है। उनकी शिकायत पर मौके पर पहुंची पुलिस ने आरती के घर और पड़ोस के मकान की पूरी जांच-पड़ताल की। एसआई का कहना है कि उन्‍हें पड़ोस के मकान में कहीं कुछ नहीं मिला। उस मकान में पिछले कुछ दिनों से कोई नहीं है। एसआई जफर मेंहदी ने आशंका जताई कि आरती सिंह के परिवार को सुनाई पड़ रही आवाजों के पीछे कोई और वजह होगी। उन्‍होंने कहा कि मोहल्‍ले में लोग अलग-अलग तरह की बातें बता रहे हैं। जिनमें से कई बातें अंधविश्‍वास की ओर ले जाती हैं। आरती सिंह का आरोप है कि कुछ पुलिसकर्मियों ने भी उनसे अंधविश्‍वास की बातें कहीं। उनका कहना था कि पड़ोस में किसी दारोगा मकान था। उसमें किसी ने आत्‍महत्‍या कर ली थी। आरती सिंह के मुताबिक उन्‍हें पूजा-पाठ कराने की सलाह भी दी गई। उन्‍होंने कहा कि उन्‍हें समझ नहीं आ रहा कि इन परिस्थितियों में क्‍या करें।

Yogi Government Proposal ; समाजवादी सरकार में पंचायत राज नियमावली में किए गए दसवें संशोधन की दो धाराओं को हटाया।

 योगी कैबिनेट ने समाजवादी सरकार में पंचायत राज (स्थानों व पदों का आरक्षण और आवंटन) नियमावली में किए गए दसवें संशोधन की दो धाराओं को हटाया। 

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रविन्द्र यादव लखनऊ ।


लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पंचायत में आरक्षण प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है।

मंगलवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिये समाजवादी सरकार में उत्तर प्रदेश पंचायत राज (स्थानों व पदों का आरक्षण और आवंटन) नियमावली में किए गए दसवें संशोधन की दो धाराओं को हटा दिया गया है। अब पुनर्गठित मुरादाबाद, गोंडा, संभल और गौतमबुद्धनगर सहित सभी 75 जिलों में एक समान आरक्षण फार्मूले पर अमल किया जाएगा। उत्तर प्रदेश कैबिनेट की बाई सर्कुलेशन बैठक में इसके साथ ही 11 अन्य प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है।


उत्तर प्रदेश सरकार ने पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण को बदल दिया है। आज ही योगी आदित्यनाथ कैबिनेट ने पंचायत चुनाव के लिए होने वाले आरक्षण को भी तय कर दिया है। इसमें कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव के माध्यम से संशोधन किया गया है। प्रदेश में गांव की सरकार बनाने के लिए हाई कोर्ट की फटकार के बाद चुनाव की तैयारी है। इसके लिए 17 मार्च से पहले आरक्षण की सूची आनी थी। इस सूची के आने से पहले सरकार ने आज आरक्षण के प्रस्ताव में संशोधन किया। कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र चौधरी ने प्रस्ताव रखा था, अब कई जिलों में पंचायत सीटें प्रभावित होंगी।

योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट ने इसके साथ ही कौशाम्बी में निर्माणाधीन 15 सुइट गेस्ट हाउस से जुड़ा प्रस्ताव मंजूर किया है। गोरखपुर में एनेक्सी भवन के जीर्णोद्धार, सौंदर्यीकरण व रिमॉडलिंग से जुड़े प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। इस बैठक में न्यायिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान में स्पोट्र्स काम्प्लेक्स से जुड़े प्रस्ताव पर भी मुहर लग गई। योगी आदित्यनाथ कैबिनेट ने नमामि गंगे विभाग के अंतर्गत यूपी अटल भूजल योजना के संचालन व क्रियान्वयन की प्रक्रिया व गाइडलाइंस को भी मंजूरी दी है।

यूपी शैक्षिक संस्था (अध्यापक संवर्ग में आरक्षण) विधेयक 2021 के अलावा जूनियर हाई स्कूलों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को 60 वर्ष की आयु पर ग्रेच्युटी की सुविधा देने के प्रस्ताव पर भी मुहर लग गई है। 

कैबिनेट बाई सर्कुलेशन में मंगलवार को यूपी शैक्षिक संस्था (अध्यापक संवर्ग में आरक्षण) विधेयक 2021 को मंजूरी दे दी गई है, वहीं शासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाई स्कूलों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को 60 वर्ष की आयु पर ग्रेच्युटी की सुविधा देने के प्रस्ताव पर भी मुहर लग गई है। 


📕  योगी कैबिनेट बाई-सर्कुलेशन में पास किए गए प्रमुख प्रस्ताव। 

👉   पंचायतों के आरक्षण का प्रस्ताव मंजूर। 

👉   कौशाम्बी में निर्माणाधीन 15 सूट गेस्ट हाउस से जुड़ा प्रस्ताव मंजूर। 

👉   गोरखपुर में एनेक्सी भवन के रेनोवेशन, सौंदर्यीकरण व रिमॉडलिंग से जुड़ा प्रस्ताव मंजूर। 

👉   न्यायिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान में स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स से जुड़े प्रस्ताव पर लगी मोहर। 

👉   नमामि गंगे विभाग के अंतर्गत यूपी अटल भूजल योजना के संचालन व क्रियान्वयन की प्रक्रिया व गाइडलाइंस को मंजूरी। 

👉   यूपी विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 से जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी। 

👉   यूपी लोक एवं निजी संपत्ति विरूपण निवारण विधेयक 2021 को मंजूरी। 

👉   अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाई स्कूलों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को 60 वर्ष की आयु पर ग्रेच्युटी की सुविधा देने के प्रस्ताव पर मंजूरी। 

👉   यूपी शैक्षिक संस्था (अध्यापक संवर्ग में आरक्षण) विधेयक 2021 को मंजूरी। 

👉  बाराबंकी में पूल्ड हाउसिंग योजना से जुड़े प्रस्ताव पर मोहर।






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UP Panchayat Election 2021; यूपी के चार जिलों में चल रहा आरक्षण पूरी तरह से खत्म। ?

  यूपी के चार जिलों में आरक्षण की व्यवस्था पूरी तरह से खत्म, योगी कैबिनेट ने दे दी मंजूरी।      👉  Reservation समाप्त। 

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रविन्द्र यादव लखनऊ ।


पंचायती राज विभाग ने एक अधिसूचना के जरिए

गोंडा, संभल, मुरादाबाद और नोएडा में चली आ रही आरक्षण (Reservation) की व्यवस्था को शून्य कर दिया है समाप्त कर दिया गया है। 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव (UP Panchayat Chunav) में आरक्षण की व्यवस्था को लेकर सरकार की सक्रियता बढ़ती जा रही है. इसी क्रम में पूरे प्रदेश में एक जैसी आरक्षण की व्यवस्था हो इसके लिए पंचायती राज अधिनियम की नियमावली में संशोधन किया गया है. इसके तहत 4 जिलों में बाकी प्रदेश के सभी जिलों से अलग चली आ रही आरक्षण की व्यवस्था को खत्म कर दिया है. पंचायती राज विभाग ने एक अधिसूचना के जरिए गोंडा, संभल, मुरादाबाद और नोएडा में चली आ रही आरक्षण की व्यवस्था को शून्य कर दिया है यानी खत्म कर दिया गया है. प्रदेश के इन चारों जिलों में 2015 से अलग आरक्षण की व्यवस्था चली जा रही थी.


पंचायती राज अधिनियम की नियमावली में इस बात का प्रावधान है कि जब भी सीटों का पुनर्गठन या परिसीमन किया जाएगा तो नए सिरे से आरक्षण की व्यवस्था की जाएगी. गोंडा, संभल, मुरादाबाद और नोएडा में 2015 से ही आरक्षण की व्यवस्था चली आ रही थी. अगर इन जिलों में आरक्षण की पुरानी व्यवस्था को खत्म न किया जाता इस बार के चुनाव में 2015 की व्यवस्था ही बरकरार रखनी पड़ती. इसे देखते हुए पंचायती राज विभाग ने चारों जिलों में आरक्षण की पुरानी व्यवस्था को खत्म कर दिया है. प्रदेश में जब नए सिरे से सभी सीटों पर आरक्षण की व्यवस्था की जाएगी तो इन 4 जिलों में भी उसी तरह से आरक्षण की व्यवस्था होगी। 

योगी कैबिनेट से मिली मंजूरी। 

बता दें कि आरक्षण किस तरह से होना है इस मामले को योगी कैबिनेट में मंगलवार को अप्रूवल दे दिया है. अगले दो से 3 दिनों में आरक्षण का शासनादेश जारी कर दिया जाएगा. बता दें कि आरक्षण का शासनादेश जारी होने के बाद कम से कम 1 महीने का इंतजार करना पड़ेगा तब कहीं जाकर सीटों के आरक्षण की सूची जारी हो सकेगी। 


इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देशों के मुताबिक, 17 मार्च से पहले सीटवार आरक्षण की सूची सरकार को जारी करनी है. 30 अप्रैल तक ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव करा लिए जाने हैं जबकि ब्लॉक प्रमुख औऱ जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव 15 मई तक खत्म करना है.

रविवार, 7 फ़रवरी 2021

UP Panchayat Chunav 2021: पंचायत चुनाव को भी लोकसभा की तरह लड़ेगी Bjp, युद्ध स्तर पर हो रही तैयारी।

 लोकसभा की तरह पंचायत चुनाव लड़ेगी Bjp, युद्ध स्तर पर कर रही तैयारी। हाईकोर्ट ने 17 मार्च तक आरक्षण अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया।

सब्सक्राइब करें। www.6amnewstimes.com Ravindra Yadav lucknow 07:02 :2021



लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने पंचायत चुनाव को लेकर कमर कस ली है. इस चुनाव में वॉर रूम से फोकस करेगी. पार्टी ने आईटी जानकारों (BJ IT Cell) के साथ पूरी तैयारी कर रही है। पार्टी कार्यालय पर एक हिस्सा वॉर रूप के रूप में तब्दील हो गया है। पंचायत चुनाव के प्रभारी बनाये गए नेताओं के साथ अलग-अलग क्षेत्र के पंचायत प्रमुखों के साथ अलग-अलग कमरे बनाकर रोजाना वॉर्ड के हिसाब से जानकारी ली जा रही है। 


पंचायत चुनाव को लेकर हाई कोर्ट के आदेश के बाद आरक्षण प्रक्रिया को लेकर राज्य निर्वाचन ने कवायद तेज कर दी है. जानकारी के मुताबिक ब्लॉक प्रमुखों और जिला पंचायत सदस्यों के उन पदों को पहले एससी के लिए आरक्षित किया जाएगा जो अभी तक इस वर्ग के लिए आरक्षित नहीं हुए हैं. जिले में ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत सदस्य का एक-एक पद ऐसा है जो कभी भी एससी के लिए आरक्षित नहीं हुआ था। 

पूर्व में आरक्षण की स्थिति और पंचायतवार जातिगत आंकड़े शासन को भेज दिए गए हैं. आरक्षण निर्धारण की आगे की प्रक्रिया भी जल्द पूरी की जाएगी. फिलहाल 15 मार्च से पहले आरक्षण निर्धारण की प्रक्रिया पूरी करने की बात कही जा रही है. सुप्रीम कोर्ट ने भी अप्रैल तक पंचायत कराने के आदेश दिए हैं. 

इनके लिए अहम होगा पंचायत चुनाव

यह पंचायत चुनाव बीजेपी सहित दूसरी पार्टियों के लिए अहम माना जा रहा है. इसे अगले साल होने वाले विधान सभा चुनाव के सेमीफाइनल के रूप में देखा जा रहा है. यह चुनाव कितना खास है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसमें आम आदमी पार्टी, AIMIM, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, कांग्रेस, सपा और बसपा ने अपनी तैयारियां कर ली हैं।

उच्च न्यायालय ने 17 मार्च तक आरक्षण की अधिसूचना जारी करने का वक्त दिया है।

कोर्ट के आदेश के बाद आयोग 18 मार्च को पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी कर सकता है, जिसे 30 अप्रैल 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. यह ऐसा पहला मौका है जब यूपी में मार्च-अप्रैल में पंचायत चुनाव होंगे. इससे पहले 1995 में पहली बार पंचायत चुनाव हुए थे तो मार्च-अप्रैल के महीने में ही हुए थे, लेकिन बाद के चुनाव कभी इन दो महीनों में नहीं कराए गए. राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, साल 2000 में मई-जून तो 2005 में जुलाई से लेकर अक्टूबर तक पंचायत चुनाव हुए थे.


Uttarakhand Glacier Outburst डॉ महेंद्र सिंह ने प्रदेशवासियों की सुरक्षा के मद्देनजर जारी किया दिशानिर्देश ।

उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से भयंकर तबाही, उ.प्र.जलशक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह ने गंगा किनारे स्थित जनपदों को किया एलर्ट। अधिकारियों को प्रदेशवासियों की सुरक्षा के लिए दिशानिर्देश जारी किया। 

सब्सक्राइब करें। www.6amnewstimes.com Ravindra Yadav lucknow 07:02 :2021


लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी के निदेश पर जलशक्ति मंत्री डॉ महेन्द्र सिंह ने उत्तराखण्ड में ग्लेशियर टूटने की घटना पर गंगा के किनारे के समस्त जिला व पुलिस प्रशासन एन.डी.आर.एफ , एस.डी.आर.एफ. तथा सिंचाई विभाग के अधिकारियों को हाई एलर्ट पर रहने के निर्देश दिये हैं । जलशक्ति मंत्री ने गंगा के किनारे निवास करने वाले लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर आम जन मानस से अपील किया है कि ऐसी स्थिति में जिला प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। उन्होंने जिला प्रशासन तथा सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि इस प्राकृतिक घटना पर लगातार नजर रखें और आवश्यक कदम उठायें । उन्होंने यह भी कहा है कि 24 घंटे निगरानी रखी जाये और हर तरह के इंतजाम सुनिश्चित किये जायं ।


प्राप्त जानकारी के अनुसार चमोली जिले में एवलांच के बाद ऋषिगंगा हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह से तबाह हो गया है, जबकि धौलीगंगा पर बने हाइड्रो प्रोजेक्ट का बांध टूट गया, जिससे गंगा और उसकी सहायक नदियों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। इसे देखते हुए राज्य में चमोली से लेकर हरिद्वार तक रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। जब यह हादसा हुआ, तब दोनों प्रोजेक्ट पर काफी संख्या में मजदूर कार्य कर रहे थे। इस हादसे में करीब 150 लोगों के लापता होने की आशंका है, जबकि दो लोगों के शव मिलने की खबर है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत लगातार इस घटनाक्रम पर निगरानी रखे हुए हैं। वे त्रिवेंद्र सिंह रावत जोशीमठ पहुंच गए हैं। उन्होंने यहां घटनास्थल का मुआयना किया और पूरी जानकारी ली। वहीं, पानी कर्णप्रयाग तक पहुंच गया है। 
 सैलाब का समय 
सुबह 10:40 बजे: चमोली जिले के ऋषिगंगा नदी में हिमखंड टूटने से नदी ने लिया रौद्र रूप सुबह 10:55 बजे: रेणी में ऋषिगंगा-2 हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट का एक बड़ा हिस्सा तोड़कर आगे बढ़ा पानी का सैलाब सुबह 11:10 बजे: ऋषिगंगा-1 और देवडी बांध को क्षतिग्रस्त कर बहाव आगे बढ़ा। सुबह 11:25 बजे: धौलीगंगा और ऋषिगंगा के संगम के बाद तपोवन पहुंचा अलकनंदा नदी का पानी, तपोवन-विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना को भारी नुकसान कर सैलाब आगे बढ़ा। सुबह 11:45 बजे: जोशीमठ को पार कर विष्णुगाड-पिपलकोटी परियोजना तक पहुंचा बाढ़ का पानी। दोपहर 12.12 बजे: चमोली को पार कर नंदप्रयाग पहुंचा पानी। दोपहर 1:00 बजे: चमोली जिले में कर्णप्रयाग पार करने के बाद पानी के बहाव में आई कुछ कमी। दोपर 1:20 बजे: रुद्रप्रयाग जनपद को पार कर श्रीनगर से आगे पानी के बहाव में आई कमी किन्तु खतरा कायम।


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