Jal Shakti Mantralay ; 25050 पुल-पुलियों के जीर्णोद्धार एवं नवनिर्माण का शुभारंभ।

25050 पुल-पुलियों के जीर्णोद्धार एवं नवनिर्माण का शुभारंभ। 

 [ मिशन मोड में 100 दिनों के अंदर गुणवत्तापूर्ण तरीके से संपन्न करवाएं। ] 

Ravindra_Yadav 6 AM NEWS TIMES Lucknow 22:02 :2021 

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर जल शक्ति विभाग के अन्तर्गत सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की नहरों पर निर्मित 25,050 पुल / पुलियों के जीर्णोद्धार एवं पुनर्निर्माण महाअभियान का शुभारम्भ किया । इस अवसर मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अगले चरण में सिंचाई विभाग द्वारा आवश्यकता व उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए नहर की पटरियों को चिन्हित कर आवागमन के लिए तैयार किया जाए । नहर की पटरियों के आवागमन से जुड़ जाने पर वह सुरक्षित हो जाती हैं । साथ ही, उनका रख - रखाव भी सहजता से सम्भव हो पाता है । 

👉  [ शुभारंभ हम सबके लिए बहुत प्रसन्नता का विषय है।] 


मैं इसके लिए सिंचाई विभाग एवं सभी जनप्रतिनिधियों को उनके परिश्रम और उनके द्वारा किए गए प्रयासों के लिए हृदय से बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ


👉 [ मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश तेजी आगे बढ़ रहा है। जल शक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह ] 


राज्य के 70 जनपदों में नहरों पर निर्मित पुल व पुलियाओं का नवनिर्माण, जीर्णोद्धार एवं पुनर्निर्माण कार्य को मानक गुणवत्ता के अनुरूप पूर्ण कराया जा रहा है । डॉ महेन्द्र सिंह 

उन्होंने कहा कि प्रदेश में नहरों पर लगभग 70,000 पुल / पुलिया निर्मित हैं । इनमें से 21,542 पुल / पुलियों की जीर्णोद्धार तथा 3,508 पुल / पुलियों का पुनर्निर्माण किया जायेगा । वर्तमान वित्तीय वर्ष 2020-2021 में विभाग ने सम्बन्धित क्षतिग्रस्त पुलों एवं पुलियों हेतु धनराशि की व्यवस्था है । आगामी वर्ष 2021-2022 में भी धनराशि प्रस्तावित की जायेगी । 

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश का कृषि योग्य क्षेत्रफल 188 लाख हेक्टेयर है । 120 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में सिंचन क्षमता का सृजन किया गया है । राज्य में नहरों की लम्बाई 74,659 कि. मी. , नलकूपों की संख्या 34,401 तथा पम्प नहरों की संख्या 278 है । उन्होंने कहा कि प्रदेश में मुख्य नहर प्रणालियां 100 वर्षों से भी अधिक पुरानी हैं । पूर्वी यमुना नहर प्रणाली लगभग 190 वर्ष , ऊपरी गंगा नहर प्रणाली 166 वर्ष , निचली गंगा नहर प्रणाली 142 वर्ष , बेतवा व केन नहर प्रणाली 135 वर्ष , धसान नहर प्रणाली 113 वर्ष एवं शारदा नहर प्रणाली 92 वर्ष पुरानी है । इन पर पुरानी तकनीकों व आवश्यकताओं के अनुसार पुल व पुलिया बनाये गये थे । विगत वर्षों में वाहनों की बढ़ती संख्या एवं भार के दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा आमजन व किसानों के हित में नहरों पर निर्मित पुल व पुलिया के जीर्णोद्धार व पुनर्निर्माण कराया जा रहा है । 

 इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रयागराज , प्रतापगढ़ , अयोध्या , आगरा , जालौन , रामपुर , मथुरा , बलिया आदि जनपदों के जनप्रतिनिधियों से संवाद किया । उन्होंने कहा कि पुल व पुलिया ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं । इनसे किसानों सहित जनसामान्य को आवागमन में बड़ी सुविधा होती है ।

जनपद रामपुर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े जल शक्ति राज्य मंत्री  बलदेव ओलख ने कार्यक्रम के समापन अवसर पर धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व व मार्गदर्शन में सिंचाई व जलसंसाधन विभाग निरन्तर विकास के नये मानक तय कर रहा है । इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव सिंचाई टी वेंकटेश , प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद , सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे ।



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