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Jal_Shakti_Mantralay ; बाढ़ के दुष्प्रभावों को कम करने में मिली सफलता को दोहराने के लिए प्रतिबद्ध।

 बीते वर्षों में बाढ़ के दुष्प्रभावों को कम करने में  मिली सफलता को दोहराने के लिए प्रतिबद्ध।       जल शक्ति मंत्रालय 

सब्सक्राइब करें। www.6amnewstimes.com lucknow 18: 02:2021 रविन्द्र यादव लखनऊ।

👉   मुख्यमंत्री योगी के निर्देशों के अनुरूप नदियों के ड्रेजिंग व चैनलाइजेशन का कार्य किए जाने के कारण तटबंधों को सुरक्षित रखने व बीते वर्षों में बाढ़ के दुष्प्रभावों को कम से कम करने में मिली अभूतपूर्व सफलता।  डॉ महेन्द्र सिंह 

👉  पटना स्थित गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग के कार्यालय को लखनऊ में स्थापित किए जाने के लिए तत्काल कार्यवाही शुरू की जाए। डॉ महेन्द्र सिंह 


👉  उत्तर प्रदेश प्रदेश में बाढ़ से बचाव एवं प्रबंधन हेतु कारगर कार्ययोजना तैयार कर तेजी से क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएं। डॉ महेन्द्र सिंह 


लखनऊ :उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डॉ महेन्द्र सिंह ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में बाढ़ से बचाव प्रबंधन हेतु सुनियिोजित मास्टर प्लान तैयार करते हुए ठोस कार्ययोजना बनायी जाये। 

जिससे बाढ़ से हर साल होने वाली जन - धन की हानि को कम से कम किया जा सके । उन्होंने यह भी कहा कि बाढ़ की दृष्टि से संवेदनशील 42 जनपदों से संबंधित सभी नदियों का गहनता से अध्ययन कराकर इसके निष्कर्षों को कार्यायोजना में शामिल किया जाए और इसके आधार पर तेजी से कार्यवाही सुनिश्चित की जाए । जलशक्ति मंत्री आज यहां विधान भवन के कक्ष संख्या -80 में बाढ़ से बचाव हेतु तैयार की जाने वाली कार्ययोजना के संबंध में गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग के अध्यक्ष मंजीत सिंह ढिल्लों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे । 

   गंगा व बड़ी नदियों के कारण आने वाली बाढ़ की समस्या का स्थायी समाधान व बेहतर समन्वय के लिए पटना स्थित गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग का मुख्यालय लखनऊ स्थानान्तरित किए जाने के लिए तत्काल कार्यवाही शुरू की जाए ।

डॉ महेंद्र सिंह 


👉  बचाव हेतु तैयार की जाने वाली मास्टर प्लान की कार्ययोजना पर तत्परता से कार्यवाही की जाए। 

इसके साथ ही नदियों के व्यवहार का अध्ययन के लिए जो भी नवीनतम तकनीक उपलब्ध हो उसका उपयोग किया जाए । उन्होंने कहा कि बाढ़ के संबंध में अभी कोई अध्ययन / सर्वे नहीं किया गया है । उन्होंने कहा कि अध्ययन के पश्चात जो ठोस कार्ययोजना तैयार की जाए उसके आधार पर किए जाने वाले कार्यों को समयबद्ध तथा चरणबद्ध ढंग से पूरा किया जाए । इसके अलावा योजना तैयार करते समय भविष्य की आवश्यकताओं का भी ध्यान रखा जाए । जलशक्ति मंत्री ने कहा कि प्रदेश में गंगा , यमुना , सरयू , सई , गोमती आदि बड़ी नदियां हैं । बरसात के दिनों में तेजी से पानी के साथ गाद / मिट्टी बहकर आती है , जिससे नदी का तल उथला होता है और पानी बड़े क्षेत्र में फैलकर तवाही मचाता है । इसके साथ ही बड़े पैमाने पर कटान होती है और बांध आदि क्षतिग्रस्त होते हैं । उन्होंने यह भी कहा कि कटान वाले स्थानों की मिट्टी का परीक्षण भी किया जाना चाहिए । उन्होंने शारदा नदी को गोमती नदी सेजायेगी और सई तथा गोमती नदियों में पानी आने से यह पुनर्जीवित हो सकेंगी । उन्होंने कहा कि रिवर बेसिन का अध्ययन करते समय इस विषय को भी उसमें शामिल किया जाना चाहिए । 

डॉ महेन्द्र सिंह ने कहा कि उ प्र में माननीय मुख्यमंत्री जी की प्रेरणा से बाढ़ नियंत्रण के लिए अनूठी पहल की गई है । इसके तहत बाढ़ से बचाव के लिए निर्माण कार्य जनवरी से ही शुरू करके मई तक पूरा करा लिया गया है । जिसके फलस्वरूप मौजूदा सरकार के कार्यकाल में बाढ़ से कोई जन - धन हानि नहीं हुई है और बाढ़ से प्रभावित होने वाले क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कमी आई है । उन्होंने कहा कि बाढ़ के समय सतत निगरानी के चलते तटबन्ध सुरक्षित रहे । उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग द्वारा तटबन्धों की निगरानी के लिए 91 स्थानों पर कैमरे लगाये गये थे , जिसके फलस्वरूप बाढ़ से नुकसान नहीं हुआ और तटबन्ध सुरक्षित रहे । उन्होंने कहा कि गंगा बाढ़ नियंत्रण कमीशन के अध्यक्ष  मंजीत सिंह ढिल्लो से अपेक्षा किया कि आयोग के कार्यालय को यथाशीघ्र लखनऊ में स्थापित किए जाने की कार्यवाही सुनिश्चित करायें । गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग के अध्यक्ष मंजीत सिंह ढिल्लो ने कहा कि गंगा के पूरे बेसिन का अध्ययन किया जाना चाहिए । उन्होंने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि फ्लड फाइटिंग के लिए उ प्र में सराहनीय कार्य हुआ है । उन्होंने कहा कि प्रदेश में कई शहरों को स्मार्टसिटी का दर्जा दिया जाना है । इसको दृष्टिगत रखते हुए तैयारी की जानी चाहिए । इसके अलावा नदियों के किनारे का ड्रोन के माध्यम से सर्वे कराकर संवेदनशील क्षेत्रों का चिन्हाकन कर लिया जाए। साथ ही बनायी जाने वाली कार्ययोजना में बाढ़ लाने वाले सभी कारकों का अध्ययन किया जाए । 

बैठक में उपस्थित प्रमुख सिंचाई एवं जलसंसाधन अनिल गर्ग ने भी सुझाव दिए तथा सूचना प्रणाली संगठन के प्रमुख अभियन्ता नवीन कपूर ने कार्ययोजना के बारे में विस्तार से प्रस्तुतीकरण किया । इस मौके पर प्रमुख अभियन्ता एवं विभागाध्यक्ष वी. के. निरंजन , प्रमुख अभियन्ता परिकल्प एवं नियोजन ए.के. सिंह , गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग के सदस्य तथा कई जनपदों के अधीक्षण अभियन्ता उपस्थित रहे ।






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