Jal_Shakti_Mantralay ; नदियों, नहरों की सिल्ट निस्तारण पारदर्शिता के साथ करने का निर्देश।

 बंधे एवं जलाशयों की सिल्ट निस्तारण के प्रस्ताव तैयार किये जाएं।  

नदियों, नहरों की निकली सिल्ट निस्तारण पारदर्शिता के साथ 15 दिन के भीतर सुनिश्चित किया जाएं। डॉ महेन्द्र सिंह 

सब्सक्राइब करें। www.6amnewstimes.com lucknow 11:02:2021

रविन्द्र यादव लखनऊ ।


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डॉ महेन्द्र सिंह ने वर्षाकाल से पूर्व नदियों एवं नहरों आदि से निकाली गयी सिल्ट का नियमानुसार निस्तारण सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये हैं । उन्होंने नदियों से निकाली गयी बालू / मिट्टी को उठाने के लिए उपयुक्त रास्ता बनाने के लिए भी निर्देश दिये , ताकि बरसात के समय निकाली गयी सिल्ट का समुचित उपयोग करके उससे अर्जित राजस्व को सरकारी खजाने में जमा कराया जा सके। उन्होंने कहा कि बंधे एवं जलाशयों की सिल्ट के निस्तारण के लिए प्रस्ताव तैयार किये जाएं जलशक्ति मंत्री आज विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में निकाली गयी सिल्ट के निस्तारण के सम्बंध में खनन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे । उन्होंने कहा कि उ. प्र. में लगभग 10 हजार छोटी - बड़ी नहर प्रणालियां हैं । जिनकी लम्बाई लगभग 72 हजार किमी है , उनकी हर वर्ष सफाई की जाती है और निकाली गयी सिल्ट का जिलाधिकारी की देखरेख में निस्तारण किया जाता है । उन्होंने कहा कि सिल्ट के समुचित निस्तारण से खेतों तक पानी पहुंचाने में आसानी होगी और लोगों को आवागमन में भी कोई दिक्कत नहीं आयेगी। डॉ महेन्द्र सिंह ने कहा कि छोटी - बड़ी नहरों एवं नदियों में सर्वाधिक सिल्ट जमा होती है । खासतौर से जनपद बाराबंकी में अत्यधिक मात्रा में सिल्ट पैदा होती है। हर वर्ष 47 हजार से 50 हजार किमी तक नहरों की सफाई करायी जाती है । इससे सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी खेतों तक पहुंचाने में आसानी होती है । उन्होंने कहा कि ड्रेजिंग एवं डिसिल्टिंग का कार्य अति आवश्यक एवं जनहित में है ।

 



इस मौके पर जनपद बलरामपुर एवं गोरखपुर में राप्ती नदी के मैटेरियल में मिट्टी अधिक होने को भी संज्ञानित किया गया , जिसे निदेशक खनन द्वारा ईंट भट्ठों हेतु मुफ्त में मिट्टी उठाने की कार्यवाही हेतु आश्वस्त किया गया । नहरों की सिल्ट एवं रिजवायर की सिल्ट को खनन की बेसिक दर से ड्रेज्ड मैटेरियल उठाने हेतु प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश जल शक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह के द्वारा दिये गये । 

अपर मुख्य सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन टी वेंकटेश ने कहा कि नहरों की सिल्ट निकालना एक बड़ी चुनौती है । इसलिए अधिकारीगण इसका ठोस समाधान निकालना सुनिश्चित करें जिससे प्राप्त राजस्व को सरकारी खजाने में जमा कराया जा सके । प्रमुख सचिव सिंचाई अनिल गर्ग एवं निदेशक खनन रोशन जैकब ने भी नदियों, जलाशयों, नहरों , बंधों आदि से निकाले जाने वाली बालू आदि का पारदर्शी निस्तारण सुनिश्चित करने के लिए बहुमूल्य सुझाव दिये । मुख्य अभियंता आई.एस.ओ नवीन कपूर ने ड्रेजिंग एवं चैनलाइजेशन के बारे में विभागीय पक्ष को प्रस्तुत किया । 

इस अवसर पर विशेष सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन सुश्री प्रियंका निरंजन , प्रमुख अभियंता सिंचाई एवं विभागाध्यक्ष वी. के. निरंजन एवं प्रमुख अभियन्ता ए.के. सिंह सहित अन्य अधिकारीगण मौजूद थे ।




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