सोमवार, 30 नवंबर 2020

कोरोना / लॉकडाउन में मुफ्त राशन लेने वाले इन लोगों से वसूली के साथ निरस्त होगे राशन कार्ड..... , Covid-19-Lock-down

     कोरोना काल - लॉकडाउन में मुफ्त राशन लेने वाले इन लोगों से वसूली के साथ निरस्त होगे राशन कार्ड, योगी सरकार। 

रविंद्र यादव 6 एएम न्यूज़ टाइम्स लखनऊ,  29/11/2020 10:53 AM 


      योगी सरकार का शिकंजा, वसूलेगी कीमत (फाइल फोटो)

👉  कोरोना काल में अपात्र मुफ्त राशन लेने के वालों से वसूली की जाएगी और राशन कार्ड निरस्त किये जाएगें. 

👉  मार्च 2020 से लेकर सितंबर तक अकेले लखनऊ में ही 1.80 लाख राशनकार्ड जारी किए गए हैं। 

लखनऊ। देशव्यापी लॉकडाउन में संपन्न परिवारों ने भी सरकारी लाभ लेने के लिए राशनकार्ड बनवाए और मुफ्त राशन लिया है। लखनऊ में मार्च 2020 से लेकर सितंबर तक करीब 1.80 लाख राशनकार्ड जारी किए गए हैं। सरकार ने जांच के आदेश जारी कर दिए हैं और मुफ्त राशन लेने वालों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। सुविधा संपन्न होने के बावजूद सरकारी लाभ लेने वालों से योगी सरकार कीमत वसूलने की पूरी तैयारी कर चुकी है। 


डीएसओ सुनिल कुमार का कहना है कि कोरोना संक्रमण के कारण लगे लॉकडाउन में सरकार ने गरीबों के लिए ऑनलाइन राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू की थी। इसमें से अब जिन कार्डधारकों पास चार पहिया वाहन, एसी या जनरेटर है वह सरकारी सुविधा पाने के तय मानकों की सीमा से बाहर हो जाएंगे। 

जिन परिवारों के पास 100 गज का प्लाट, शहरों में वार्षिक आय 3 लाख और गांव में आय लाख होगी उन्हें भी तय मानकों से बाहर माना जाएगा। ऐसे लोगों से सरकारी आदेश के अनुसार कीमत वसूली जाएगी।

लॉकडाउन के दौरान स्वघोषित आय और आधार कार्ड के आधार पर ऑनलाइन राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई थी जिसकी आड़ में कुछ संपन्न लोगों ने भी इसके तहत राशन कार्ड बना लिए थे। अब सरकार इस पर कार्रवाई कर वसूली की योजना बना रही है। साथ ही राशन कार्ड निरस्त करने की भी योजना है। 





रविवार, 29 नवंबर 2020

हमारे शास्त्र जल संरक्षण की प्रेरणा देते हैं। ‘नमामि गंगे’ Jal-Shakti-UP


प्राणिमात्र के कल्याण के लिए जल का संरक्षण आवश्यक: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। 

  उ0प्र0 जल शक्ति मंत्रालय गठित करने वाला पहला राज्य: जल शक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह ।

6 एएम न्यूज़ टाइम्स लखनऊ, 9415461079 / 28:11 :2020 
             
                   ‘हर घर नल’ योजना आदि योजनाएं लागू 

भारतीय मनीषा ने जल को महत्व दिया, हमारे शास्त्र जल संरक्षण की प्रेरणा देते हैं। ‘नमामि गंगे’ परियोजना के प्रभावी संचालन से अब गंगा जी में जाजमऊ में जलीय जीव देखे जा सकते, वाराणसी में गंगा जी में डाल्फिन तैर रही, प्रयागराज कुम्भ-2019 में संगम में श्रद्धालुओं को गंगा जी का स्वच्छ, निर्मल और अविरल जल प्राप्त हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 

प्रधानमंत्री द्वारा जल शक्ति मंत्रालय के गठन के पश्चात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा राज्य में जल शक्ति मंत्रालय के गठन से भू-जल संरक्षण एवं नियोजन, सरफेस वाॅटर की स्वच्छता एवं निर्मलता तथा शुद्ध पेयजल की उपलब्धता ‘अटल भू-जल योजना’, ‘नमामि गंगे’ जैसी जनहित परियोजनाओं, से उत्तर प्रदेश एक समृद्धिशाली राज्य के रुप में स्थापित हो रहा है। जलशक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह 

लखनऊ: 28 नवम्बर, 2020

 उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि प्राणिमात्र के कल्याण के लिए जल का संरक्षण आवश्यक है। जल को जीवन का प्रतिरूप माना जाता है। भारतीय मनीषा ने जल को महत्व दिया है। शास्त्रों में जल की स्तुति के सन्दर्भाें की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे शास्त्र जल संरक्षण की प्रेरणा देते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा भू-जल के संरक्षण एवं नियोजन, सरफेस वाॅटर की स्वच्छता एवं निर्मलता बनाए रखने, शुद्ध पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कार्य किया जा रहा है। इसके लिए ‘अटल भू-जल योजना’, ‘नमामि गंगे’ परियोजना, ‘हर घर नल’ आदि योजनाएं लागू की गयी हैं।

 मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ‘हर घर नल’ योजना का सम्बन्ध लोगों के स्वास्थ्य से भी है। पूर्व के वर्षाें में मस्तिष्क ज्वर से प्रभावित प्रदेश के 38 जनपदों में प्रतिवर्ष 1200 से 1500 लोगों की मृत्यु हो जाती थी। इस प्रकार विगत 40 वर्षाें में लगभग 50 हजार लोगों की मस्तिष्क ज्वर से मृत्यु हुई। राज्य सरकार द्वारा पिछले 03 वर्षाें में अन्तर्विभागीय समन्वय के माध्यम से मस्तिष्क ज्वर पर नियन्त्रण के लिए कार्य किया गया। इसके तहत प्रत्येक घर में शौचालय एवं स्वच्छ पेय जल की उपलब्धता पर विशेष ध्यान दिया गया। इसके फलस्वरूप विगत 03 वर्षाें में मस्तिष्क ज्वर से होने वाली मृत्यु में 95 प्रतिशत की कमी आयी है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता एवं शुद्ध पेयजल की उपलब्धता मस्तिष्क ज्वर सहित सभी जलजनित बीमारियों पर नियन्त्रण में उपयोगी है।

 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, ने कहा कि भू-जल एवं सरफेस वाॅटर के संरक्षण के लिए राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2017 से लेकर अब तक निरन्तर प्रतिवर्ष वृक्षारोपण का महाअभियान संचालित किया गया। वर्ष 2017 में 05 करोड़, वर्ष 2018 में 11 करोड़, वर्ष 2019 में 22 करोड़, वर्ष 2020 में 25 करोड़ वृक्षारोपण कराया गया। इन वृ़क्षों में अधिकतर पीपल, पाकड़, आम, नीम, बरगद जैसे वृक्ष सम्मिलित हैं।

  जल शक्ति मंत्री डाॅ महेन्द्र सिंह ; ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जल संरक्षण, वाॅटर रिचार्ज, किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने के लिए निरन्तर कार्य किया जा रहा है। वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल में अनेक बड़ी परियोजनाओं को पूरा किया गया है। इससे लगभग 03 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित हुई है। अगले वर्ष 11 बड़ी परियोजनाओं को पूर्ण करने का लक्ष्य है। राज्य सरकार द्वारा 05 वर्ष में लगभग 20 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि सिंचित किए जाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शीघ्र ही नई जल नीति लागू की जाएगी। भू-जल मापन के लिए पीजो मीटर लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा जल शक्ति मंत्रालय के गठन के पश्चात मुख्यमंत्री जी द्वारा राज्य में जल शक्ति मंत्रालय गठित किया गया। उत्तर प्रदेश जल शक्ति मंत्रालय का गठन करने वाला पहला राज्य है। 

 

 इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एम0एस0एम0ई0 श्री नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज श्री मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव कृषि श्री देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव सूचना एवं मुख्यमंत्री श्री संजय प्रसाद, सूचना निदेशक श्री शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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शनिवार, 28 नवंबर 2020

UPPSC ने 328 विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए मांगे आवेदन, 24 दिसंबर तकCareer


सरकारी नौकरी:UPPSC ने 328 विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए मांगे आवेदन, 24 दिसंबर तक ऑनलाइन अप्लाय कर सकते हैं कैंडिडेट्स। 

6 एएम न्यूज़ टाइम्स लखनऊ, 29:11 :2020 : 08:20 AM 



उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन (UPPSC) ने 328 विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया है। इस रिक्रूटमेंट ड्राइव के जरिए असिस्टेंट प्रोफेसर, लेक्चरार, रिसर्च ऑफिसर, यूपी पुलिस रेडियो सर्विस आदि के विभिन्न पदों पर कैंडिडेट्स का सिलेक्शन किया जाएगा। इच्छुक कैंडिडेट्स आखिरी तारीख तक UPPSC की ऑफिशियल वेबसाइट uppsc.up.nic.in के जरिए अप्लाय कर सकते हैं।


👉पदों की संख्या- 328

👉  यूपी पुलिस रेडियो सर्विस 2 ;

👉  यूपी के गवर्नमेंट डिग्री कॉलेजेस में असिस्टेंट प्रोफेसर 128 ;

👉  पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट में असिस्टेंट आर्किटेक्ट 3 ;

👉  विभिन्न स्पेशियेलिटीज में असिस्टेंट प्रोफेसर 61 ;

👉  राज्य के गवर्नमेंट होम्योपेथिक मेडिकल कॉलेज में लेक्चरार 130 ;

👉  रिसर्च ऑफिसर 4 ;


जरूरी तारीख। 

👉  आवेदन की आखिरी तारीख – 24 दिसंबर, 2020, 

योग्यता। 

विभिन्न पदों पर आवेदन के लिए आयोग ने अलग-अलग एजुकेशनल क्वालिफिकेशन तय की। कैंडिडेट्स ऑफिशियल नोटिफिकेशन के जरिए विस्तृत जानकारी ले सकते हैं।

http://uppsc.up.nic.in/CandidateHomePage.html

👉  आयु सीमा = 26 से 40 साल


👉  कैसे करें अप्लाय। 

आवेदन करने के इच्छुक कैंडिडेट्स ऑनलाइन 24 दिसंबर तक आधिकारिक वेबसाइट के जरिए आवेदन कर सकते हैं।


👉  एप्लीकेशन फीस। 

    1. कैटेगरी फीस
    2. जनरल 105 रुपए
    3. एससी,एससटी 25 रुपए
    4. पीएच 25 रुपए


पंचायत चुनाव से पहले " प्यार मोहब्बत" करने वालों को क्युं खोज रहीं हैं खुफिया एजेंसियां...... ? ; Up panchayat election 2020

 यूपी पंचायत चुनाव से पहले गांव - गांव में प्यार मोहब्बत पर बैठेगा पहरा जानिए क्युं " प्यार मोहब्बत" करने वालों को खोज रहीं हैं खुफिया एजेंसियां।? 

  6 एएम न्यूज़ टाइम्स लखनऊ, 27:11: 2020 / 07:03 AM

खुफिया एजेंसियां अब गांव-गांव जाकर प्रेम-प्रसंग के मामले ढूंढ़ रही हैं। आगामी पंचायत चुनाव में ये मामले किसी बड़े विवाद की वजह न बन जाएं, इसके लिए पहले से ही एहतियात बरती जा रही है।

उत्तर प्रदेश के एडीजी (इंटेलिजेंस) की तरफ से पिछले दिनों एक पत्र जारी किया गया है। उन्होंने पंचायत चुनाव के मद्देनजर 11 बिंदुओं पर जानकारी जुटाने का निर्देश दिया है। इसमें एक बिंदु प्रेम-प्रसंग भी है। एलआईयू और इंटेलिजेंस को गांव-गांव में चल रहे अवैध प्रेम संबंध के मामले इकट्ठा करने होंगे। वर्तमान में गांव में क्या स्थिति है, पुलिस ने कोई कार्रवाई की है या नहीं, विवाद आदि पर जानकारी जुटानी होगी। कई बार इस तरह के मामले बड़ा रूप धारण कर लेते हैं और बवाल की वजह बन जाते हैं। पंचायत चुनाव में ऐसा कुछ न हो, इसलिए पहले से इस तरह की जानकारियां जुटाई जा रही हैं।

इन बिंदुओं पर भी जांच। 

इसके अलावा गांवों में उन लोगों को भी सूचीबद्ध किया जा रहा है जो अचानक धनाढ्य हो गए। जातीय विवाद, जमीन से जुड़े विवाद, धर्मस्थल विवाद भी जुटाए जा रहे हैं। पंचायत चुनाव में क्या विवाद हो सकता है, इसका पूर्वानुमान लगाते हुए पहले से सूचना मांगी गई है। बता दें कि उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं। ऐसे में पुलिस से लेकर खुफिया एजेंसियां भी सतर्क हो गई हैं। पंचायत चुनावों के ठीक एक साल बाद ही विधानसभा चुनाव होने हैं, इसलिए इनकी महत्ता और बढ़ जाती है। अजय साहनी, एसएसपी मेरठ का कहना है कि पंचायत चुनाव के मद्देनजर गांवों से सूचनाएं एकत्रित कराई जा रही हैं। एलआईयू और इंटेलिजेंस इकाइयां भी इस पर काम कर रही हैं। 




पंचायत चुनाव : आरक्षण सूची जारी करने की शुरूआत.... up_panchayat_election_2020_reservation_list_village_general_obc_backward_sc_st_scheduled_caste...

 यूपी पंचायत चुनाव 2020 : आरक्षण सूची जारी करने की शुरू हुई तैयारी, जातीय आंकड़ों की हाे रही फीडिंग 

6 एएम न्यूज़ टाइम्स लखनऊ, 9415461079 28:11:2020. 08:20 AM 

  


यूपी पंचायत चुनाव की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। वोटर लिस्ट पुनरीक्षण का काम खत्म होने को है इस बीच गांवाें के आरक्षण सूची की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इसके लिए प्रदेश के सभी विकास खंडों में जातीय आंकड़ों की ऑनलाइन फीडिग की जा रही है। आने वाले समय में होने वाले पंचायत चुनाव में ग्राम प्रधान एवं ग्राम पंचायत सदस्यों का आरक्षण इसी से तय होगा। 

आरक्षण सूची के संबंध में पंचायती राज विभाग सभी विकास खंडों में जातीय आंकड़ों की फीडिग करवा रहा है। उत्तर प्रदेश में विकासखंड के सभी ग्राम पंचायतों में सामान्य, पिछड़ी, एवं अनुसूचित जाति का आंकड़ा लगभग फीड हो चुका है सभी विकास खंडों में ऑनलाइन फीडिग सीधे पंचायती राज मुख्यालय लखनऊ से जोड़ा गया है। विकास खंडों से केवल डाटा भरवाया जाएगा तथा आरक्षण का फार्मूला निदेशक पंचायती राज कार्यालय से किया जाएगा यह व्यवस्था पूरे प्रदेश में एक साथ लागू होगी। इस संबंध एडीओ पंचायत ने बताया कि डाटा की फीडिंग की जा रही है ऐसी संभावना है कि इस बार ग्राम पंचायतों में आरक्षण की व्यवस्था ऑनलाइन होगी। 

राजस्व ग्रामों की जनसंख्या का होगा आकलन :

पंचायत चुनाव को लेकर राजस्व ग्रामों की जनसंख्या का आकलन होगा। वर्ष 2015 के निर्वाचन के समय क्या स्थिति थी और अब क्या है। लगभग सभी एसडीएम ने लेखपालों को निर्देश दिए कि एडीओ पंचायत के साथ इस कार्य को संपन्न कराएं। वहीं सीमा विस्तार के कारण प्रभावित ग्राम पंचायतों व राजस्वों में क्या स्थिति है, सका आकलन कर रिपोर्ट देंगे। वर्ष 2015 में संपन्न पंचायत निर्वाचन के उपरांत नगर पंचायत/नगर पालिका परिषद/नगर निगम के सृजन/सीमा विस्तार के कारण प्रभावित ग्राम पंचायतों/राजस्व ग्रामों की जनसंख्या आकलन के संबंध में सभी लेखपाल उपरोक्त कार्य को संपन्न कराना सुनिश्चित करें।





शुक्रवार, 27 नवंबर 2020

स्वस्थ, सुरक्षित जीवन के लिए, जल शक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह के नेतृत्व में नई जल नीति की तैयारी। Jal-Shakti-Irrigation-UP

‘‘जल है तो कल है’’ आने वाली पीढ़ी को स्वस्थ, सुरक्षित जीवन के लिए, जल शक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह के नेतृत्व में नई जल नीति की तैयारी। 

👉  उत्तर प्रदेश के स्थापना दिवस के अवसर पर 24 जनवरी, 2021 को नई जल नीति लांच की जायेगी

👉  उत्तर प्रदेश में जल संचयन एवं प्रबंधन अधिनियम शीघ्र लागू होगा।

👉  प्रदेश में पानी की समस्या के स्थायी समाधान के लिए नई जल नीति तैयार करने के निर्देश। 

6 एएम न्यूज़ टाइम्स लखनऊ, 9415461079 / 27:11:2020 08:20 pm


उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डॉ महेन्द्र सिंह ने जल की समस्या के स्थायी समाधान के लिए उत्तर प्रदेश के लिए एक अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की जल नीति तैयार करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि यह जल नीति दूरगामी, सुविचारित तथा कारगर होनी चाहिए, जिससे जनता को लगे कि यह उसके सोच के आधार पर तैयार की गयी है। उन्होंने कहा कि इस जल नीति को उत्तर प्रदेश के स्थापना दिवस के अवसर पर 24 जनवरी, 2021 तक लांच हो जाना चाहिए।

डाॅ महेन्द्र सिंह आज यहां सिंचाई विभाग के मुख्यालय स्थित सभागार में प्रस्तावित नई जल नीति का प्रस्तुतीकरण के अवलोकन के उपरान्त अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नदियों के जीर्णोंद्धार, पुनरोद्धार का कार्य भी जल नीति में शामिल होना चाहिए। जल नीति को जन-नीति तक पहुंचाना है, इसलिए इसमें किसान, व्यापारी, आम जनता तथा जन प्रतिनिधियों की भागीदारी भी होनी चाहिए।


जल शक्ति मंत्री ने नई जल नीति को तैयार करके सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए भी निर्देश दिये ताकि आम जनता एवं समाज के जागरूक नागरिकों के बहुमूल्य सुझाव भी प्राप्त किये जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के कुशल मार्गदर्शन में तेजी से उत्तर प्रदेश बदल रहा है। नित नये दूरगामी तथा दीर्घकालिक फैसले लिए जा रहे हैं। इसलिए नई जल नीति पूरे देश व दुनिया के लिए एक आदर्श जल नीति होनी चाहिए।

जलशक्ति मंत्री ने यह भी कहा कि कृषि, नमामिगंगे, लघु सिंचाई, भूगर्भ जल विभाग इस नीति पर काम कर रहे हैं। भूगर्भ जल विभाग द्वारा पीजोमीटर लगाये जा रहे हैं। इसके अलावा जल संचयन, जलप प्रबंधन एवं जल संरक्षण अधिनियम को शीघ्र ही लागू किया जा रहा है। शिक्षण संस्थाओं, सरकारी कार्यालयों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग को अनिवार्य किया गया है। उन्होंने नई पाॅलिसी के लिए टाइम मैनेजमेन्ट को जरूरी बताते हुए कहा कि जल नीति का व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस नीति में जल, जंगल और जमीन से जुड़े सभी पहलुओं को जोड़कर आगे बढ़ना होगा।

डाॅ महेन्द्र सिंह ने यह भी कहा कि जनसंख्या के दबाव से प्रकृतिक जल स्रोत प्रभावित हो रहे हैं। नदियां लगातार सिमटती जा रही हैं और सिल्ट बढ़ने के कारण उनकी जल ग्रहण की क्षमता लगातार कम हो रही है। इसलिए नदियों तथा प्राकृतिक जल स्रोतों से जुड़े सभी पहलुओं को नई जल नीति में शामिल किया जाना चाहिए। इस जल नीति में सबकी सहभागिता सुनिश्चित की जानी चाहिए। विश्व में जल को लेकर तमाम कानून बने हुए हैं आजादी से लेकर अब तक जल चार्ट पर भी दृष्टि डालनी होगी। आगे आने वाली पीढ़ी को हम कैसा भविष्य देने जा रहे हैं इसकी झलक भी नई जल नीति में दिखनी चाहिए।

देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी समस्या की जिक्र करने के साथ-साथ उसका समाधान बताते हैं, बाकी दुनिया समस्याओं का अम्बार खड़ा कर देती है और मूल प्रश्न उसके नीचे दब जाता है। डाॅ महेन्द्र सिंह ने यह भी कहा कि ‘‘जल है तो कल है’’ इस लिए भारत सरकार ने ‘‘अटल भूजल मिशन’’ के अलावा कई नीतियां तैयार की है। इसी आधार पर उ.प्र. ने भी गम्भीर होते जा रहे जल संकट की समस्या के स्थायी समाधान के लिए एक सुविचारित जल नीति तैयार करने का निर्णय लिया है और इसे शीघ्र ही प्रदेश के जनमानस के समक्ष प्रस्तुत कर दिया जायेगा।

इसके पूर्व मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार डा के.वी. राजू ने जल नीति के लिए एक समिति गठित करने तथा नोडल अधिकारियों को नामित कर नई जल नीति पर तेजी से कार्य करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि स्टेट वाटर पाॅलिसी ड्राफ्ट में आम जनता के साथ किसानो पर फोकस किया जाना चाहिए। इसके अलावा हिंदी तथा अंग्रेजी भाषा में विज्ञापन देकर इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए।

अपर मुख्य सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन श्री टी. वेंकटेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश के लिए किसान सबसे महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही नई जल नीति की परिधि में आने वाले विभागों का आपस समन्वय करके इसका तेजी से क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि रिवर बेसिन मैनेजमेंट एक महत्वपूर्ण पहलू है इस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। सचिव सिंचाई श्री अनिल गर्ग ने भी नई पाॅलिसी के बारे में जलशक्ति मंत्री को अवगत कराया। इसके अलावा प्रमुख अभियन्ता परियोजना श्री विनोद कुमार निरंजन ने सुझाव दिये।

इस अवसर पर प्रमुख अभियन्ता एवं विभागाध्यक्ष श्री आर.के. सिंह, प्रमुख अभियन्ता परिकल्प एवं नियोजन श्री ए.के. सिंह, प्रमुख अभियन्ता यांत्रिक श्री देवेन्द्र अग्रवाल, विशेष सचिव सिंचाई श्री मुश्ताक अहमद, आई.एस.ओ. चीफ नवीन कपूर सहित तमाम अधिकारी उपस्थित थे।



"' अन्नदाता "' के लिए दिल्ली के दरवाजे हमेशा बंद क्यों रहते हैं ? " दिल्ली चलो "

मोदी सरकार क्यों अन्नदाताओं के लिए बंद कर रही है दिल्ली के रास्ते ?, अन्नदाता के लिए दिल्ली के दरवाजे हमेशा बंद क्यों रहते हैं ? वाटर कैनन, आंसू गैस भी नहीं रोक पाए किसानों के कदम,  



    6 एएम न्यूज़ टाइम्स लखनऊ,  27:11: 2020 08:10 AM


केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली चलो मार्च के तहत किसान सड़कों पर उतर चुके हैं और दिल्ली कूच करने के लिए डटे हुए हैं। पंजाब से लेकर हरियाणा की सड़कों पर किसानों का गुरुवार को हल्लाबोल जारी रहा। किसान दिल्ली कूच करने के लिए अड़े हुए हैं और पुलिस से कई झड़पों के बाद भी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। गुरुवार को दिल्ली कूच के दौरान पूरे दिन किसानों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प होती रही। 

किसानों को रोकने के लिए भारी संख्या में पुलिसबलों की तैनाती की गई है और कई जगहों पर किसानों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए पुलिस को वाटर कैनन और आंसू गैस के गोलों का भी प्रयोग करना पड़ा। हालांकि, तब भी किसान आगे बढ़ते जा रहे हैं। अब किसान दिल्ली के करीब पहुंच आए हैं और आज किसी भी वक्त राजधानी में प्रवेश कर सकते हैं, मगर उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने भी पूरी तैयारी कर ली है। 

किसानों को दिल्ली में प्रवेश से रोकने को पुलिस तैयार। 

केन्द्र के कृषि कानूनों के विरोध में 'दिल्ली चलो' मार्च के तहत पंजाब से चले किसानों के दिल्ली के करीब पहुंचने के कारण गुरुवार को शहर पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी की सभी सीमाओं पर सुरक्षा बहुत ज्यादा बढ़ा दी है। पुलिस का कहना है कि केन्द्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान अगर दिल्ली की सीमाओं पर पहुंच भी जाते हैं जो भी उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। बताया जा रहा है कि देर रात प्रदर्शनकारी किसान पानीपत पहुंचे हैं और आज सुबह फिर उनका काफिला दिल्ली की ओर कूच करेगा। 


किसानों को रोकने को पुलिस ने लगाई पूरी ताकत। 


 पंजाब और हरियाणा के किसानों में से काफी लोग गुरुवार देर शाम तक राष्ट्रीय राजधानी के पास पहुंच गए। पंजाब के किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च के मद्देनजर शहर पुलिस ने सिंघू सीमा पर यातायात बंद कर दिया है। अधिकारियों ने बताया कि बृहस्पतिवार की शाम बहादुरगढ़ से दिल्ली की ओर यातायात का आगमन भी बंद कर दिया गया था। 

पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों के साथ आ रहे ट्रैक्टरों को रोकने के लिए सिंघू सीमा पर बालू से लदे पांच ट्रक और तीन वाटर कैनन (पानी की बौछार करने वाली गाड़ी) तैनात किए गए हैं। कानून-व्यवस्था पर नजर रखने के लिए ड्रोन भी तैनात किए गए हैं। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि सिंघू सीमा पर सबसे आगे की ओर लगाए गए अवरोधकों के साथ कांटेदार तार का बाड़ बनाया गया है ताकि प्रदर्शनकारी अवरोधक पार ना कर सकें।

यहां-यहां हैं पुलिस बल तैनात। 

किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने एनएच-24, चिल्ला सीमा, टिगरी सीमा, बहादुरगढ़ सीमा, फरीदाबाद सीमा, कालिंदी कुंज सीमा और सिंघू सीमा पर पुलिस बल तैनात किया है। पंजाब और हरियाणा से आने वाले किसानों के सिंघू सीमा से दिल्ली में प्रवेश करने की संभावना है, जिसे देखते हुए वहां भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है। हालात का जायजा लेने के लिए दिल्ली के पुलिस आयुक्त एस. एन. श्रीवास्तव सीमावर्ती क्षेत्रों में गए और कहा कि प्रदर्शन कर रहे किसानों को शहर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।


उन्होंने कहा, 'कोविड-19 संबंधी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि किसी भी राजनीतिक कार्यक्रम की अनुमति नहीं होगी इसलिए उनके (किसानों) अनुरोध को स्वीकार नहीं किया गया। अगर वे फिर भी प्रयास करते हैं तो हमने सीमाओं पर सुरक्षाकर्मी तैनात किए हैं ताकि उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश ना करने दिया जाए। हम पंजाब और हरियाणा पुलिस के संपर्क में भी हैं।' यात्रियों को हो रही समस्या के बारे में सवाल करने पर पुलिस आयुक्त ने कहा, 'चूंकि उन्होंने (प्रदर्शन कर रहे किसानों ने) राष्ट्रीय राजमार्ग जाम कर दिया है, कुछ दिक्कतें तो होंगी। लेकिन हम उसका जल्दी समाधान निकालने का प्रयास करेंगे... राष्ट्रीय राजधानी की तरफ आने की जगह उन्हें (किसानों को) वापस जाना चाहिए और नियमों का उल्लंघन नहीं करना चाहिए।'

मेट्रो सेवा आज भी प्रभावित। 


हालांकि, प्रदर्शन के कारण दिल्ली से एनसीआर के अन्य शहरों के लिए मेट्रो सेवा चालू रहेगी, वहीं पड़ोसी शहरों से दिल्ली के लिए मेट्रो सेवा शुक्रवार को निलंबित रहेगी। दूसरी ओर किसानों के समर्थन में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे एक समूह के करीब 70 लोगों को पुलिस ने कल हिरासत में लिया। प्रदर्शन करने वालों में वामपंथी ट्रेड यूनियन के सदस्य, एसएफआई के सदस्य और जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय के छात्र शामिल थे। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि महिलाओं सहित 70 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया था, बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने हरियाणा के सोनीपत-पानीपत हलदाना बॉर्डर को पूरी तरह सील कर दिया गया। पुलिस ने पत्थर और मिट्टी डालकर बैरिकेटिंग लगा रखी है। कई जगह पर पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए रास्ते तक को खोद दिया है। पुलिस और किसानों के बीच झड़प से कल कई किलोमीटर तक लंबा जाम देखने को मिला, जिससे आम यात्रियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। 

वाटर कैनन और आंसू गैस का इस्तेमाल। 

हरियाणा पुलिस ने गुरुवार को पंजाब के किसानों के एक समूह को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारें की और आंसू गैस का इस्तेमाल किया। ये किसान केन्द्र के कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्तावित 'दिल्ली चलो मार्च के तहत कथित तौर पर पुलिस अवरोधक लांघकर हरियाणा में दाखिल होने की कोशिश कर रहे थे। देर शाम तक उनमें से एक बड़ा समूह दिल्ली से करीब 100 किलोमीटर दूर पानीपत में टोल प्लाजा तक पहुंच चुका था। भारतीय किसान यूनियन (हरियाणा) के नेता गुरनाम सिंह ने कहा कि प्रदर्शनकारियों की वहां रात गुजारने की योजना है और अगली सुबह फिर मार्च शुरू होगा। 

पुलिस और किसानों के बीच झड़प

पंजाब के साथ लगी शंभू अंतरराज्यीय सीमा के पास घग्गर नदी पर बने पुल पर हरियाणा पुलिस और ट्रैक्टर-ट्रॉली में सवार पंजाब के प्रदर्शनकारियों के बीच संघर्ष हुआ। हरियाणा पुलिस के अधिकारियों ने 'लाउड स्पीकर का इस्तेमाल किया और पंजाब की सीमा के पास इकट्ठे किसानों को वहां से हटने के लिए कहा। उनमें से कुछ अवरोधक लांघने की कोशिश कर रहे थे। इस दौरान आंसू गैस के गोले छोड़े जाने के समय लोग ट्रकों के ऊपर सवार दिखे। अंबाला जिले में पुलिस के साथ संघर्ष के अलावा हरियाणा के सिरसा, कुरुक्षेत्र, फतेहाबाद और जींद जिलों में भी पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई।


हरियाणा पुलिस ने अमृतसर-दिल्ली राजमार्ग पर सीमा के पास ट्रकों से मार्ग अवरुद्ध किया और सीमेंट तथा स्टील के अवरोधक लगाए ताकि किसानों की ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को रोका जा सके। इनमें से कुछ ट्रैक्टर ट्रॉलियां दो दिनों के प्रदर्शन की योजना के साथ खाद्य पदार्थों से लदी थीं। लेकिन कुछ घंटे बाद अधिकतर सीमा चौकियों से किसानों को जाने दिया गया। राष्ट्रीय राजमार्ग पर शंभू अंतरराज्यीय सीमा पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई थी, जहां किसानों ने कुछ अवरोधकों को घग्गर नदी में फेंक दिया। उनमें से कुछ ट्रकों को भी धक्का देते नजर आए।

योगेंद्र यादव को हिरासत में लिया गया। 

गुड़गांव में स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव और प्रदर्शनकारियों के एक समूह को पुलिस ने हिरासत में लिया क्योंकि वे दिल्ली की तरफ मार्च करने का प्रयास कर रहे थे। हालांकि, बाद में उन्हें जमानत मिल गई। दिल्ली पुलिस ने बुधवार को कहा था कि उसने किसान संगठनों को राष्ट्रीय राजधानी में 26 और 27 नवंबर को प्रदर्शन करने की अनुमति देने से इंकार कर दिया है। इससे पहले दिल्ली की सीमा के साथ लगते उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में कुछ प्रदर्शन हुए और गुड़गांव सीमा के पास यातायात जाम हुआ। हरियाणा ने बृहस्पतिवार को पंजाब से लगी अपनी सभी सीमाओं को पूरी तरह सील कर दिया है ताकि दिल्ली जाने के क्रम में किसान उसकी सीमाओं में प्रवेश नहीं कर पाएं।

हरियाणा की सीमा के साथ लगते राष्ट्रीय राजधानी की सीमा सिंघु बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस ने बालू से लदे पांच ट्रक लगाए थे ताकि ट्रैक्टर ट्रॉली को रोका जा सके। ड्रोन भी तैनात किए गए थे। अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली की सीमाएं सील नहीं की गई हैं और महानगर में प्रवेश करने वाले वाहनों की जांच की जा रही है। फरीदाबाद और गुड़गांव के साथ लगती दिल्ली की सीमा पर पुलिस भी तैनात की गई है। प्रदर्शनकारियों को इकट्ठा होने से रोकने के लिए हरियाणा के कई हिस्सों में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी गई है।

प्रदर्शन में कितने लोग होंगे शामिल

तीस से अधिक किसान संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले पंजाब के किसानों ने घोषणा की थी कि वे लालडू, शंभू, पटियाला-पिहोवा, पातरां-खनौरी, मूनक-टोहाना, रतिया-फतेहाबाद और तलवंडी-सिरसा मार्गों से दिल्ली की ओर रवाना होंगे। किसान संगठनों ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी की तरफ बढ़ने के दौरान उन्हें जहां रोका जाएगा, वहीं वे धरना देंगे। बीकेयू (एकता-उगराहां) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां ने कहा है कि प्रदर्शन मार्च में करीब 25 हजार महिलाएं हिस्सा लेंगी और इसके लिए चार हजार से अधिक ट्रैक्टर-ट्रॉली की व्यवस्था की गई है। संगठन ने दावा किया कि इससे जुड़े दो लाख से अधिक किसान खनौरी और डबवाली के रास्ते हरियाणा में प्रवेश करेंगे। किसान नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि नये कानून से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था समाप्त हो जाएगी।

समाजवादी पार्टी के साथ पर शिवपाल यादव ने दिया बड़ा बयान, गठबंधन के लिए खुले हैं रास्ते। shivpal-akhilesh-yadav

 यूपीः समाजवादी पार्टी के साथ पर शिवपाल यादव ने दिया बड़ा बयान, गठबंधन के लिए खुले हैं रास्ते

 6 एएम न्यूज़ टाइम्स लखनऊ, 27 Nov 2020 12:34 PM 

        आगरा। एक कार्यक्रम मे शिवपाल सिंह साथ कार्यकर्ता। 

सरकार किसान विरोधी है, जो उन पर गोली और पानी बरसा रही है। एक सवाल के जवाब में कहा कि आजम खां को गलत तरीके से जेल में रखा जा रहा है, जबकि कई बड़ों पर आरोप होने के बाद भी उन्हें बचाया गया है।

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि वह अपनी पार्टी का सपा में विलय नहीं करेंगे, जबकि गठबंधन के रास्ते खुले हुए हैं। किसानों के प्रदर्शन पर कहा कि यह सरकार तो सभी को लाठियों से हांक रही है।


ताजनगरी में गुरुवार को एक शादी समारोह में भाग लेने आए शिवपाल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि केंद्र और प्रदेश की सरकारें किसान और नौजवान विरोधी हैं। प्रधानमंत्री ने हर साल दो-दो लाख नौकरी देने की बात कही थी, ऐसे में अब केंद्र को सात साल सरकार में हो चुके हैं तो 14 करोड़ लोगों को रोजगार मिल जाना चाहिए था। यह पहली सरकार है, जिसमें जनप्रतिनिधियों की सुनवाई नहीं हो रही है। 

बिहार चुनाव परिणाम के बारे में सवाल पूछने पर कहा कि अकेले नौजवान के सामने हेलीकॉप्टर, जहाजों से बड़े-बड़े लोग चुनाव लड़ रहे थे, ऐसे में एक नौजवान नेता ने इन सभी को बड़ी चुनौती दी है।

गोमती रिवर फ्रंट जांच के मुद्दे पर शिवपाल ने कहा कि गोमती रिवर फ्रंट बनाने में कोई घोटाला नहीं हुआ है। पहले प्रदेश सरकार इस तरह का रिवरफ्रंट बनाकर दिखाए, फिर जांच करे। भाजपा में शामिल होने के सवाल पर कहा कि पहले भी कई बार आफर आ चुके हैं। उन्होंने दावा किया कि 2022 में उनके बिना समाजवादी पार्टी की सरकार नहीं बन सकेगी। इस दौरान कई लोगों ने प्रसपा की सदस्यता ग्रहण की। 

इस दौरान शीलू यादव, कालीचरण ने उनका साफा बांधकर स्वागत किया। इस दौरान प्रसपा लोहिया वाहिनी के नितिन कोहली, धारा सिंह यादव, मनीषा सिंह, ऋचा सिंह, पवन शर्मा, संजय यादव, बाबूलाल प्रधान, अजय यादव, डीपी यादव, नरेंद्र फौजी, सुनील यादव आदि थे। 



गुरुवार, 26 नवंबर 2020

सैकड़ों गांव संवेदनशील, 50, हजार से अधिक लोगों को जारी की गई नोटिस। up panchayat election 2021

 यूपी पंचायत चुनाव 2020 : सैकड़ों गांव संवेदनशील, 50, हजार से अधिक लोगों को जारी की गई नोटिस। 

6 एएम न्यूज़ टाइम्स लखनऊ, 26 :11: 2020, 08: 17AM

  


यूपी में भले ही अभी पंचायत चुनाव की तारीख का ऐलान ना हुआ हो लेकिन पुलिस प्रशासन ने सख्ती बरतना शुरू कर दिया है। खुफिया तंत्र एक्टिव कर दिया गया है। कई जिले में हजारों व्यक्तियों को न सिर्फ 107/16 के तहत नोटिस जारी की गई है बल्कि पाबंद भी किया गया है। इसके साथ ही कई गांवों को संवेदनशील व अतिसंवेदनशील की श्रेणी में रखा गया है। सभी गांव में एसओ को आदेश दिया गया है कि 2015 में हुई चुनावी रंजिश का विवरण एसपी कार्यालय को उपलब्ध कराएं, जिससे इन लोगों पर नजर रखी जा सकी। 



पुलिस अधिकारियों के मुताबिक शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। सभी थानाध्यक्षों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने अपने क्षेत्र के बीट निरीक्षकों व आरक्षियों के माध्यम से यह रिपोर्ट एसपी कार्यालय को उपलब्ध कराएं कि पूर्व में हुए चुनाव के दौरान मौजूदा समय में चुनाव को लेकर हुए किसी भी प्रकार की रंजिश तो नहीं हुई है। एसपी आलोक प्रियदर्शी बताते हैं कि पुलिस प्रशासन जिले में सभी जरूरी प्रक्रिया अपना रहा है। चुनाव का कार्यक्रम तय होता रहेगा, उससे पहले पुलिस की टीम शांति व्यवस्था कायम करने में जुटी हुई है। टीम अपना काम कर रही है।

लखनऊ के एरा मेडिकन काॅलेज और इंटीग्रल अस्पताल पर अंग तस्करी के आरोप जांच के आदेश। CM-YOGI-Covid-19

 

CM योगी ने दिए दो अस्पतालों पर जांच के आदेश, कोरोना मरीजों के अंग निकालने का आरोप। 

 6 एएम न्यूज़ टाइम्स लखनऊ, 26:11 :2020 / 08:02 AM 


लखनऊ के दो अस्पतालों पर कोरोना मरीज के अंगों को तस्करी करने के आरोप लगे हैं, जिसके बाद उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने जांच के आदेश दे दिए हैं। 

अस्पताल पर लगे कोरोना मरीज के अंग निकालकर तस्कर करने के आरोप। 

लखनऊ. यूपी की राजधानी लखनऊ के दो प्राइवेट अस्पतालों पर कोरोना मरीजों के अंग निकालकर तस्करी करने के आरोप लगे हैं,  पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि मरीज के इलाज में लापरवाही हुई है, जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। 



लखनऊ के एरा मेडिकन काॅलेज और इंटीग्रल अस्पताल पर अंग तस्करी के आरोप लगे हैं,  मृतक के पिता ने कानून मंत्री बृजेश पाठक से इस मामले की शिकायत दर्ज की है जिसके बाद कानून मंत्री ने सीएम को चिट्ठी लिखी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके बाद स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को टीम बनाकर जांच करने के आदेश दिए हैं। 

इस मामले को लेकर एरा मेडिकल काॅलेज के डाॅ. एमएन सिद्दीकी ने कहा कि मरीज की मृत्यु पर अफसोस है लेकिन परिवारजन बेटे की मौत पर राजनति कर रहे हैं और अस्पतालों पर गलत इल्जाम लगा रहे हैं. जब कोरोना संक्रमित की मौत के बाद परिवारजन शव लेने तक में आनकानी कर रहे हैं ऐसे में अंग तस्करी के आरोप बेबुनियाद हैं। 

ये मामला राजधानी के एरा मेडिकल काॅलेज का है चिनहट के पक्का तालाब निवासी आदर्श कमल पांडेय को बुखार आया, जिसके बाद उनको अस्पताल ले जाया गया डाॅक्टर की सलाह पर 11 सितंबर को कोरोना चांच हुई. जिसमें कोरोना रिपोर्ट पाॅजिटिव आई, जिसके बाद 15 सितंबर को आदर्श को एंटीग्रल मेडीकल काॅलेज में भर्ती कराया, कुछ दिनों बाद आदर्श ने अपनी बहन को मैसेज करके इलाज में हो रही गड़बड़ी के बारे में बताया. जिसमें उसने अंग निकालने की आशंका जाहिर की थी, जिसके बाद उसे आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया। 


आदर्श ने अपनी बहन से खुद को निकालने के लिए कहा. जिसके बाद परिजनों ने अफसरों से बात करके उसे एरा मेडिकल काॅलेज में रेफर किया. 26 सितंबर को परिजनों को बताया गया कि सब ठीक है और 15 मिनट बाद अस्पताल प्रशासन ने मौत की सूचना दी. जिसके बाद परिजनों ने मोहन लालगंज सांसद कौशल किशोर से शिकायत की. जिसके बाद सांसद ने दोनों अस्पतालों की जांच के लिए पत्र लिखा.

जिहादी उन्माद' फैलाकर फिर से जनता को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं योगी आदित्यनाथ: अखिलेशakhilesh yadav


'जिहादी उन्माद' फैलाकर फिर से जनता को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं योगी आदित्यनाथ: अखिलेश

  6 एएम न्यूज़ टाइम्स लखनऊ, 26:11:2020 / 07:30 AM 


कथित 'लव जिहाद' के खिलाफ लाए गए अध्यादेश की चर्चाओं के बीच समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज करते हुए बुधवार को कहा कि सीएम योगी 'जिहादी उन्माद' फैलाकर फिर जनता को भटकाने की कोशिश में लग गए हैं। अखिलेश ने एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री जी जिहादी उन्माद फैलाकर फिर जनता को भटकाने की कोशिश में लग गए हैं। नफरत फैलाकर समाज को बांटने की भाजपा-राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पुरानी रणनीति है। रोज नए-नए कड़े कानून अपनी अकर्मण्यता छुपाने के लिए ही लाए जा रहे हैं।



उन्होंने कहा कि सख्त बयान तो किसी मर्ज का इलाज नहीं है। वैसे भी कानून कड़ा या नरम नहीं होता है, उसका कैसे प्रयोग होता है, इस पर उसका प्रभावी या अप्रभावी होना निर्भर करता है। गौरतलब है कि प्रदेश के योगी मंत्रिमण्डल ने मंगलवार को कथित 'लव जिहाद' के खिलाफ अध्यादेश पर मुहर लगा दी है। इसके तहत अब छल, कपट या जोर-जबर्दस्ती से शादी के जरिये धर्म परिवर्तन करने को गैरजमानती अपराध बना दिया गया है। इसका उल्लंघन करने पर अधिकतम 10 साल कैद की सजा तय की गई है।


अखिलेश ने कहा कि कि प्रदेश में भाजपा सरकार के गठन के पौने चार साल बीत रहे हैं, मगर जनता की तकलीफें घटने के बजाय बढ़ती गई है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था खराब दौर से गुजर रही है। मंहगाई और भ्रष्टाचार चरम पर है। काला बाजारियों और जमाखोरों पर कोई अंकुश नहीं है। कानून व्यवस्था चौपट है। बर्बादी के इन बुरे दिनों में भी भाजपा सरकार को बस दो ही बातें सूझ रही है। 'राम नाम सत्य' करो या 'जिहाद' बोल दो। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता भी समझ गई है कि जुमलेबाजी और तुक्केबाजी वाली सरकार से उसका कोई भला होने वाला नहीं है, इसीलिए उसने भी वर्ष 2022 के आगामी विधानसभा चुनावों में इस नाकामयाब और नाकाबिल सरकार का 'राम नाम सत्य' करने का इरादा कर लिया है।



बुधवार, 25 नवंबर 2020

58 हजार महिलाओं को 58 हजार ग्राम पंचायतों मे मिलेगा रोजगार। योगी सरकार Up panchayat election 2021

उत्तर प्रदेश में 58 हजार महिलाओं को 58 हजार ग्राम पंचायतों मे मिलेगा रोजगार। योगी सरकार ;

6 एएम न्यूज़ टाइम्स लखनऊ, 25:11 :2020 / 10:30 AM 



 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश की स्वयं सहायता समूह की 58 हजार महिलाओं को रोजगार से जोड़ा जा रहा है। इसके लिए उन्हें प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में बन रहे शौचालयों के देख-रेख की कमान सौंपी जाएगी। इसके बदले में सरकार की ओर से उन्हें छह हजार रुपये का मानदेय हर माह दिया जाएगा। पहले चरण में बन चुके छह हजार शौचालयों में उन्हें काम दे भी दिया गया है।

सरकार की ओर से प्राथमिकता के आधार पर स्वच्छता को लेकर प्रदेश भर में कार्रवाई की जा रही है। इसी आधार पर प्रदेश की 58 हजार ग्राम पंचायतों में शौचालय बनवाए जा रहे हैं। स्वच्छ भारत मिशन में एक सामुदायिक शौचालय के निर्माण पर तीन लाख रुपये दिए जा रहे हैं।


कई जिलों में इससे अधिक लागत के बेहतर मानक के बड़े सामुदायिक शौचालयों का निर्माण भी किया जा रहा है। इन शौचालय में कार्य कर रही महिलाओं को साल में दो बार पीपीई किट, ग्लब्स और केमिकल आदि भी दिए जाएंगे।

अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह ने बताया कि हमारी कोशिश है कि मार्च तक पूरे प्रदेश के हर ग्राम पंचायत में शौचालयों का निर्माण पूरा हो जाए। पहले चरण में पूरे हो चुके छह हजार शौचालयों में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार दिया गया है। जैसे-जैसे निर्माण पूरे होते जाएंगे, वैसे-वैसे स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। जिन शौचालयों का निर्माण पूरा हो चुका है, हम उनका थर्ड पार्टी वेरिफिकेशन भी करा रहे हैं। इसमें निर्माण की गुणवत्ता आदि की जांच की जाएगी। रखरखाव के लिए हर माह नौ हजार रुपये

सरकार ग्राम पंचायतों में हर शौचालय की रखरखाव के लिए प्रति माह नौ हजार रुपये देगी। सफाई कर्मचारी या केयर टेकर दिन में कम से कम दो बार सफाई करेगा और उसे छह हजार रुपये प्रति माह दिए जाएंगे। बिजली, प्लंबिग, नल और टोटी की मरम्मत के लिए पांच सौ रुपये प्रति माह और साफ सफाई के लिए झाड़ू, ब्रश, वाईपर, स्पंज, कपड़े, पोछा, बाल्टी, मग आदि के लिए छह माह में एक बार 12 सौ रुपये दिए जाएंगे। निसंक्रामक सामग्री साबुन, वाशिंग पाउडर, एयर फ्रेशनर, ग्लब्स, हारपिक, मास्क, दस्ताने और एप्रेन के लिए एक हजार रुपये प्रति माह दिए जाएंगे। यूटिलिटी चार्जेज के रूप में पानी, बिजली, सालिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए एक हजार रुपये प्रति माह और अन्य खर्चों के लिए तीन सौ रुपये प्रति माह दिए जाएंगे

बैंक हड़ताल, 26 नवंबर में राष्ट्रव्यापी हड़ताल। 21 हजार शाखाओं में लगेगा ताला, करीब 30,000 कर्मचारी होगें शामिल।Bank 🚫

 बैंक हड़ताल, 26 नवंबर में राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल। 21 हजार शाखाओं में लगेगा ताला, करीब 30,000 कर्मचारी  होगें शामिल।

6 एएम न्यूज़ टाइम्स लखनऊ, 25:11 :2020 / 08:52 AM


अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) ने केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की 26 नवंबर में राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल में शामिल होने की घोषणा की है। हड़ताल का आह्वान केंद्र सरकार की श्रम-विरोधी नीतियों के खिलाफ किया गया है। भारतीय मजदूर संघ को छोड़कर 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने 26 नवंबर को राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल की घोषणा की है।


एआईबीईए ने मंगलवार को बयान में कहा कि लोकसभा ने हाल में संपन्न सत्र में तीन नए श्रम कानूनों को पारित किया है और कारोबार सुगमता के नाम पर 27 मौजूदा कानूनों को समाप्त कर दिया है। ये कानून शुद्ध रूप से कॉरपोरेट जगत के हित में हैं। इस प्रक्रिया में 75 प्रतिशत श्रमिकों को श्रम कानूनों के दायरे से बाहर कर दिया गया है।


नए कानूनों में इन श्रमिकों को किसी तरह का संरक्षण नहीं मिलेगा।

भारतीय स्टेट बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक को छोड़कर ज्यादातर बैंकों का प्रतिनिधित्व करता है। इसके सदस्यों में विभिन्न सार्वजनिक और पुराने निजी क्षेत्र के बैंकों तथा कुछ विदेशी बैंकों के चार लाख कर्मचारी हैं। बयान में कहा गया है कि महाराष्ट्र में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, पुरानी पीढ़ी के निजी क्षेत्र के बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों तथा विदेशी बैंकों के करीब 30,000 कर्मचारी हड़ताल में शामिल होंगे।

ग्रामीण बैंक संगठनों के साझा मंच ने देश भर के ग्रामीण बैंकों में कार्यरत सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के संगठनों से इस हड़ताल को सफल बनाने के लिए पत्र जारी किया है। इसमें कहा गया है कि सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने के लिए प्रेरित किया जाए और जिले स्तर पर अन्य श्रम संगठनों के साथ आयोजित होने वाले विरोध प्रर्दशनों में भी पूरी भागीदारी की जाए।

21 हजार शाखाओं में लगेगा ताला। 

देश भर में कार्यरत करोडों श्रमिकों और कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रमुख 10 श्रम संघों के साझा मंच की केन्द्र सरकार की कथित जन विरोधी, किसान विरोधी और राष्ट्र विरोधी नीतियों के खिलाफ बुलाई गयी देशव्यापी हड़ताल में बैंकिग उद्योग भी शामिल होगा। मौजूदा समय में सभी राज्यों में एक या अधिक ग्रामीण बैंक है , जिनकी कुल संख्या 43 है। लगभग 21 हजार शाखाओं एक लाख अधिकारी और सभी प्रकार के कर्मचारी काम कर रहे है। इनमें दैनिक और अंशकालिक कर्मचारियों की भी बडी संनए कानूनों में इन श्रमिकों को किसी तरह का संरक्षण नहीं मिलेगा।



मंगलवार, 24 नवंबर 2020

विज्ञान महोत्सव-2020" लखनऊ विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक 100 वर्ष। Dr Mahendra Singh

 "विज्ञान महोत्सव-2020" लखनऊ विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक 100 वर्ष। साइंटिफिक प्रोजेक्ट की प्रदर्शनी का अवलोकन एवं छात्रों को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं देते जलशक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह

 लखनऊ विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक 100 वर्ष पूर्ण होने पर   आयोजित "विज्ञान महोत्सव-2020" डॉ सिंह ने कहा कि आज मुझे यह बताते हुए बहुत गर्व महसूस हो रहा है कि मैं भी इस अवध की शान कहे जाने वाले लखनऊ विश्वविद्यालय का हिस्सा रहा हूं शिक्षा के दौरान अपने अनमोल यादों को लोगों से साझा करते हुए भावुक हो उठे डॉक्टर महेंद्र सिंह, समापन कार्यक्रम के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र - छात्राओं को सम्मानित कर एवं आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन के उपरांत। 



लखनऊ विश्वविद्यालय शताब्दी समारोह के तत्वावधान में आयोजित विज्ञान महोत्सव 2020 में छात्रों के द्वारा बनाए गए साइंटिफिक प्रोजेक्ट की प्रदर्शनी का अवलोकन किया और छात्रों को प्रशस्ति-पत्र देकर शुभकामनाएं देते जलशक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह ।




स्वच्छ भारत मिशन को नाकाम करता राजधानी लखनऊ का गोसाईगंज ब्लाक ; Swachh Bharat mission

 मोदी एवं योगी के स्वच्छ भारत मिशन को नाकाम करता राजधानी लखनऊ के गोसाईगंज ब्लाक का ग्राम पंचायत मोहम्मदाबाद। 

6 एएम न्यूज़ टाइम्स लखनऊ, 9415461079, 24:11 :2020 



 सभी फोटो गोसाईगंज ब्लाक के मोहम्मदाबाद ग्राम पंचायत से। 

 गोसाईगंज ब्लाक में स्थित ग्राम पंचायत मोहम्मदाबाद के गांव भोगनाथ पुरवा के सार्वजनिक रास्ते , नाली कूड़े से बजबजा रही है। वही सड़क के किनारे जगह जगह फैले कूड़े के ढेर खुद गांव में स्वच्छ भारत अभियान को बदनाम कर रहे हैं । एक तरफ जहां इस महामारी के दौर में सरकार स्वच्छता अभियान जोर - शोर से चला रही है वहीं गोसाईगंज ब्लाक के कई गांव गंदगी से भरपूर हैं  गांव भोगनाथ पुरवा में लोगों के आने - जाने के रास्ते पर कूड़ा कर्कट , नालियों का पानी और रास्ते पर झाड़ियां उग आई हैं जिनसे डेंगू मलेरिया जैसे मच्छरों की आबादी दिन पर दिन बढ़ रही है। 


लेकिन जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ते नजर आ रहे हैं । वही गाँव के ग्रामीणो का आरोप है कि जिम्मेदार अपने खास लोगों के तरफ साफ सफाई कराकर खाना पूर्ति कर ले रहे हैं । जबकि कई क्षेत्रों में गंदगी व कीचड़ के मारे डेंगू जैसी कई बीमारियाँ पनपने का डर सता रहा है । 6AMNEWSTIMES की टीम ने जब गांवों में पड़ताल की तो लोगों ने समस्याओं की जानकारी दी। क्षेत्रवासी कई बार इसकी शिकायत कर चुके हैं किंतु सफाई होना दूर किसी भी तरह की सुनवाई भी नहीं हो रही है । एक तरफ कोविड -19 कोरोना वायरस से बचाव के लिए पूरे प्रदेश में स्वच्छता अभियान के तहत शासनादेश के अनुसार प्रदेश के सभी जगह दवाओं का छिड़काव एवं सेनेटरइज किया जा रहा है । 



परंतु इन सब कार्यो से मुंह मोड़े बैठा है भोगनाथ पुरवा में । ग्राम पंचायत मोहम्मदाबाद के अंतर्गत आने वाले गांव में गंदगी की भरमार है ऐसा प्रतीत होता है कि किसी बड़ी बीमारी फैलने का इंतजार कर रहा गोसाईगंज ब्लाक। सफाई कर्मियों की नियुक्ति का मामला हो या सफाई का या गांव से संबंधित जनहित में किए गए किसी कार्य की जानकारी प्रधान द्वारा उपलब्ध कराने में हमेशा आनाकानी की जाती है । 

हमारी टीम द्वारा काफी कोशिश करने के प्रधान से संपर्क होने पर प्रधान कारेन्द्र यादव द्वारा गांव के संबंधित किसी भी तरह की जानकारी देने से इनकार करते हुए जानकारी के लिए जिलाधिकारी एवं ग्राम विकास अधिकारी से संपर्क करें की बात कही गई। 

ग्रामवासी भी अक्सर प्रधान से संपर्क कर पाने में नाकाम रहते हैं। अगर कभी संपर्क हुआ तो प्रधान द्वारा किसी भी तरह के कार्य किए जाने से साफ तौर से इंकार कर होता है । ग्राम पंचायत मोहम्मदाबाद से संबंधित गांव की बदहाली की बारे में संपूर्ण जानकारी आगामी दिनों में हमारी टीम द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी जो भी ग्रामवासी अपनी समस्याओं को जिम्मेदारों तक पहुंचाना चाहते हैं वह आगामी दिनों ग्राम सभा के अंतर्गत आने वाले गांवों में की टीम से सम्पर्क कर सकते हैं ।

जानकारी के मुताबिक प्रधान का कहना है कि जितना कर दिया उतना बहुत है अब आगे देखने वाली बात यह होगी कि क्या ग्राम वासियों को स्वच्छता अभियान के तहत जीवन की सुरक्षा प्राप्त होगी या इसी प्रकार गंदगी में और बीमारियों के बीच में जीने को मजबूर रहेंगे गोसाईगंज ब्लाक के अंतर्गत आने वाले गांव भोगनाथ पुरवा और उनके निवासियों को ।







सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर 37 विभाग सक्रिय , छह महीने में भरे जाएंगे 32,800 पद, Recruitments in UP :

  सीएम योगी आदित्यनाथ के संज्ञान में मामला आने के बाद हर विभाग ने अपने काम को गति प्रदान कर दी है। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर 37 विभाग सक्रिय , छह महीने में भरे जाएंगे 32,800 पद 

6 एएम न्यूज़ टाइम्स लखनऊ, 24:11 :2020 / 12:43 PM 


फाइल फोटो 

लखनऊ , जेएनएन । उत्तर प्रदेश सरकार सहायक शिक्षक तथा सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर्स की भर्ती के बाद अब छह महीने मे 32,800 खाली पदों को भरने की तैयारी में हैं । सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद 37 विभाग में खाली पड़े 32,800 पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है ।


उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएसएससी) ने सरकार को खाली पदों की रिपोर्ट दी है। इसके साथ ही स्पष्ट भी किया है कि यह विभाग नई भर्ती प्रस्ताव देने में देरी कर रहे हैं। प्रदेश में अब सबसे ज्यादा पद परिवार कल्याण, राजस्व और बाल विकास एवं पुष्टहार विभाग में खाली चल रहे हैं। इनके साथ ही 29 विभाग ऐसे हैं, जहां पर करीब सौ-सौ पद खाली हैं। उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के चेयरमैन प्रवीर कुमार ने मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी को सभी विभागों में खाली चल रहे पदों के बारे में अवगत कराया है। आयोग के चेयरमैन प्रवीर कुमार ने मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी को पत्र में भर्ती प्रकिया में विसंगतियों का उल्लेख करते हुए इसे दूर करने के लिए अपने स्तर पर विभागों को निर्देशित करने का आग्रह किया है।

प्रदेश में परिवार कल्याण विभाग में सर्वाधिक 9222 पद खाली हैं। इसके बाद राजस्व परिषद में 6028, बाल विकास एवं पुष्टहार विभाग में 3349, प्रशिक्षण एवं सेवायोजन विभाग में 2268, ग्राम्य विकास विभाग में 1658, आंतरिक लेखा एवं लेखा परीक्षक विभाग में 1303, गन्ना एवं चीनी विभाग में 1066 तथा बेसिक शिक्षा निदेशालय में 1055 पद खाली पड़े हैं। इसके साथ ही प्रमुख अभियंता परियोजना सिंचाई एवं जल संसाधन कार्यालय में 911, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में 790, लोक निर्माण विभाग में 440, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग में 427, तरह सहकारी समिति व पंचायत विभाग में 412, राज्य कृषि उत्पादन एवं मंडी परिषद में 412, आबकारी विभाग में 356, औद्योगिक विकास विभाग में 240 तथा महिला कल्याण विभाग में 216 पद रिक्त हैं।


सचिवालय प्रशासन विभाग में 199, आवास आयुक्त और दुग्ध आयुक्त कार्यालय में 188-188 तथा उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण व कोषागार निदेशालय 142-142 पद खाली हैं। प्रधान एवं मुख्य वन संरक्षक के अधीन 138, राष्ट्रीय छात्र सेना दल निदेशालय में 138, राज्य सेतु निगम में 135, चकबंदी आयुक्त के अधीन 134, माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रयागराज के 125, नागरिक सुरक्षा निदेशालय के 124, कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवाएं के 123 पद खाली हैं। प्राविधिक शिक्षा विभाग में 119, भूतत्व एवं खनिकर्म में 118, आयुक्त एवं निबंधन सहकारिता में 116, मत्स्य निदेशालय में 111, समाज कल्याण में 105, दिव्यांगजन सशक्तिकरण में 101, रेशम निदेशालय में 101 तथा कृषि विभाग में 100 पद खाली चल रहे हैं।


इतनी बड़ी संख्या में खाली चल रहे पदों की प्रक्रिया शीघ्र शुरू हो रही है। सीएम योगी आदित्यनाथ के संज्ञान में मामला आने के बाद हर विभाग ने अपने काम को गति प्रदान कर दी है। 

SDM को डिमोशन करके बना दिया तहसीलदार, जानिए पूरा मामला। chief minister yogi adityanath

  फुल एक्शन में सीएम योगी : SDM को डिमोशन करके बना दिया तहसीलदार, जानिए पूरा मामला। 

6 एएम न्यूज़ टाइम्स लखनऊ,  Nov 23 2020. 09:15 AM 

  


भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेरठ के तहसील सरधना में तैनात रहे। उपजिलाधिकारी कुमार भूपेंद्र सिंह को डिमोशन करके तहसीलदार के पद पर भेजने का आदेश दिया है। कुमार भूपेन्द्र वर्तमान में मुजफ्फरनगर जिले में तैनात हैं। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार मेरठ के ग्राम शिवाया, जमाउल्लापुर, परगना दौराला, तहसील सरधना के राजस्व अभिलेखों में पशुचर के रूप में दर्ज 1.5830 हेक्टेयर भूमि वर्ष 2013 में निजी बिल्डर को आवंटित कर दिया गया था।इसकी शिकायत के बाद जांच हुई। वहीं वर्ष 2016 में जबकि एसडीएम के रूप में भूपेंद्र तैनात थे, तब भूपेंद्र ने सरकार के हितों की उपेक्षा करते हुए, निजी हितों की पूर्ति के लिए सम्बंधित पक्षों से मिलीभगत कर रेवन्यू कोर्ट मैनुअल के खिलाफ अगस्त 2016 में अमलदरामद का आदेश पारित कर दिया था। शासन ने इसे कदाचार मानते हुए इन्हें डिमोशन करने का आदेश दिया है। मामले में दोषी एक अन्य तत्कालीन एसडीएम, एक अपर आयुक्त, एक तहसीलदार (अब सेवानिवृत्त) एक राजस्व निरीक्षक व एक लेखपाल के खिलाफ भी कार्रवाई प्रक्रियाधीन है।

जानिए पिछले पंचायत चुनाव में किसका पलड़ा रहा भारी, क्या कहते हैं आंकड़े। up panchayat election 2020

 यूपी पंचायत चुनाव 2021: जानिए पिछले पंचायत चुनाव में किसका पलड़ा रहा भारी, क्या कहते हैं आंकड़े। 

6 एएम न्यूज़ टाइम्स लखनऊ, Nov 24 2020. 08:58 AM 

  

                           सांकेतिक तस्वीर



यूपी में पंचायत चुनाव की तारीख का ऐलान भले ही अभी नहीं किया गया हो लेकिन प्रदेश का शायद की कोई ऐसा गांव नहीं होगा, जहां इस चुनाव की चर्चा न हो। कोरोना की वजह से अप्रैल में पंचायत चुनाव के होने की चर्चा है। गांव के चौक-चौबारे आजकल चुनाव में ताल ठोकने को बेकरार युवाओं के पोस्टर से पटे पड़े हैं। सबसे ज्यादा पोस्टर जिला पंचायत सदस्य और प्रधान पद के भावी उम्मीदवारों के लगे हैं। इनमें से 90 फीसद से ज्यादा युवा हैं। जी हां 90 फीसद से ज्यादा। अगर 2015 के पंचायत चुनावों की बात करें तो गांव की राजनीति में युवाओं का दबदबा रहा। बुजुर्गों को पब्लिक ने दरकिनार कर दिया।


निर्वाचन आयोग उत्तर प्रदेश की वेबसाइट पर दिए गए आंकड़ों के मुताबिक साल 2015 में सबसे ज्यादा युवा ही चुने गए। जिला पंचायत सदस्य हो या बीडीसी या फिर गांव का प्रधान, हर पद पर युवा सोच बुजुर्गों पर भारी पड़ी। आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश के जिला पंचायत अध्यक्ष बनने वाले लोगों की सबसे अधिक संख्या 21 से 35 साल के उम्मीदवारों की रही। यह कुल विजेताओं का 55.41 फीसद था। कुल 40.54% पुरुष और 59.46% महिलाओं ने जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी संभाली। वहीं 36 से 60 साल तक के लोग भी चुने गए, जिनका प्रतिशत 41.89 था और 60 साल के ऊपर के जिला पंचायत अध्यक्षों की बात करें तो उनका प्रतिशत महज 2.7 था। अगर इन अध्यक्षों की चल संपत्ति की बात करें तो 45.95 फीसद की दौलत 10 लाख से अधिक थी। पांच से 10 लाख के बीच वाले 12.16 फीसद थे तो पांच लाख तक की चल संपत्ति वाले 36.49 फीसद। 5.41 फीसद के आंकड़े उपलब्ध नहीं थे।

शिक्षा की बात करें तो

जिला पंचायत अध्यक्ष चुने गए ज्यादातर उम्मीदवार ग्रेजुएट थे। इनका प्रतिशत 29.73 फीसद था। पोस्ट ग्रेजुएट 24.32 फीसद, इंटरमीडिएट 10.81 फीसद, हाई स्कूल 8.11 फीसद, जूनियर हाईस्कूल 9.46 फीसद और प्राइमरी पास 12.16 फीसद थे। निरक्षर और पीएचडी की भागीदारी बराबरी पर रही। दोनों 2.7-2.7 फीसद रहे।

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सोमवार, 23 नवंबर 2020

कहां तक पहुंची चुनाव आयाेग की तैयारी, क्या होगा इस बार ग्राम प्रधान इलेक्शन में नया। 6AM NEWS TIMES : Nov 22 2020. 10:07 AMup panchayat election 2020/21

 यूपी पंचायत चुनाव 2020 : जानिए कहां तक पहुंची चुनाव आयाेग की तैयारी, क्या होगा इस बार ग्राम प्रधान इलेक्शन में नया। 

6AM NEWS TIMES : Nov 22 2020. 10:07 AM 

  


यूपी पंचायत चुनाव 2020 की सरगर्मियां तेज हो गई हैं। मौजूदा ग्राम पंचायतों का कार्यकाल एक महीने बाद दिसंबर में खत्म हो रहा है लेकिन कोरोना महामारी के कारण इस बार तय समय पर चुनाव नहीं हो पाएगा। माना जा रहा है कि 2021 में जून से पहले ये चुनाव कराए जा सकते हैं। तारीख तय नहीं है, लेकिन चुनाव आयोग ने तैयारी शुरू कर दी है। 

उत्तर प्रदेश में 58,758 ग्राम पंचायतें, 821 क्षेत्र पंचायतें और 75 जिला पंचायतें हैं, जहां चुनाव होना है। मौजूदा सदस्यों का कार्यकाल 25 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। इससे पहले पांच साल पहले यानी 2015 में चुनाव हुए थे। तब चुनाव मतदान के पहला चरण 9 अक्टूबर को था और 9 दिसंबर को परिणाम घोषित हो गया था।



यूपी पंचायत चुनाव 2020, जानिए क्या है चुनाव आयोग की तैयारी

यूपी चुनाव आयोग ने मतदाता सूचियों की जांच का काम शुरू कर दिया है। 1 अक्टूबर से जारी इस अभियान में गैर जरूरी नाम हटाए जा रहे हैं, साथ ही नए नाम जोड़ने का काम भी जारी है। इस संबंध में अधिसूचना जारी की जा चुकी है। यह काम युद्ध स्तर पर चल रहा है, क्योंकि चुनाव आयोग को दिसंबर के आखिरी में फाइनल वोटर्स लिस्ट जारी करना है। यूपी में यह त्रिस्तरीय चुनाव होने हैं। इसमें 2 माह का समय लगेगा। उसी समय परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी। यही कारण है कि मई जून का अनुमान लगाया जा रहा है। वही कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने का काम भी शुरू हो चुका है।


मोबाइल नंबर जुटा रहा चुनाव आयोग


मतदाताओं तक चुनाव संबंधी हर अहम जानकारी पहुंचाने के लिए चुनाव आयोग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके मुताबिक, बीएलओ अपने क्षेत्र के मतदाताओं से उनका मोबाइल नंबर और आधार नंबर उपरलब्ध करवाने को कह रहे हैं। यह व्यवस्था पूरी तरह एच्छिक है। मोबाइल नंबर्स का यह डाटा मिलने के बाद वोटर्स को समय समय पर एसएमएस भेजे जाएंगे। इनके जरिए मतदान क तारीख, परिणाम की तारीख, प्रत्याशी संबंधी अहम जानकारियां दी जाएंगी। वोटर्स स्वयं भी चुनाव आयोग के साथ अपने मोबाइल नम्बर रजिस्टर करवा सकते हैं। इसके लिए आयोग की वेबसाइट पर 'लिंक वोटर सर्विस' पर जाकर अपना मोबाइल नंबर रजिस्टर कर सकते हैं।

शनिवार, 21 नवंबर 2020

जीतने वाले ग्राम प्रधान और बीडीसी सदस्यों की भी जब्त हो सकती है जमानत राशि। up panchayat elections 2020

 यूपी पंचायत चुनाव 2021 : जीतने वाले ग्राम प्रधान और बीडीसी सदस्यों की भी जब्त हो सकती है जमानत राशि, कैसे

6AM NEWS TIMES 21:11 :2020. 07:48 AM 

  


यूपी में पंचायत चुनाव की तैयारियां जोरों पर है, एक तरफ प्रशासनिक अमला मतपत्र, वोटर लिस्ट और आरक्षण सूची तैयार करने में जुटे हैं तो वहीं दूसरी तरफ चुनाव लड़ने की तैयारी में संभावित उमीदवार भी गांव को पैनर-पोस्टर से पाट रहे हैं। हालांकि इस साल पंचायत चुनाव होने की संभावना कम है, अब यह इलेक्शन 2021 के मार्च के आसपास कभी भी हो सकते हैं। 


बता दें कि जमानत राशि वापस लेने के लिये 90 दिन के भीतर आवेदन करना होता था। मगर प्रत्याशियों ने चुनाव बीतने के बाद वापसी के लिये आवेदन ही नहीं किये। इसकी वजह से जमानत राशि जब्त कर सरकारी खजाने में करोड़ों रुपये जमा हो गयी। इसमें ग्राम पंचायत वार्ड सदस्य, ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य व जिला पंचायत सदस्य पद पर प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल कर अपना भाग्य आजमाया था। इसमें जीतने वाले सदस्य, प्रधान व क्षेत्र पंचायत सदस्यों सहित चुनाव में पड़े मतों का 1/5 हिस्सा पाने वाले उम्मीदवारों ने चुनाव बीतने के 90 दिन के भीतर आवेदन ही नहीं किया। इसकी वजह से इन सभी की जमानत राशि जब्त हो गयी है। इसके अलावा जिला पंचायत सदस्य पद पर भाग्य आजामाए प्रत्याशियों में से जिन प्रत्याशियों की जीत मिली या चुनाव हार गये बावजूद इसके इनकी जमानत राशि वापस हो सकता था। मगर इनमें से आधे सदस्यों ने जमानत राशि वापस लेने के लिये आवेदन किये। इनको तो जमानत राशि वापस मिल गयी। मगर जिन प्रत्याशियों ने समय से आवेदन नहीं किये उन सभी की जमानत राशि जब्त हो गयी है। जमानत राशि जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने सरकारी कोष में जमा कर दिया है।

ग्राम प्रधान प्राइवेट वकील से नहीं करवा सकते हैं कोर्ट में याचिका दाखिल। UP panchayat election 2020:

 यूपी पंचायत चुनाव 2020 : ग्राम प्रधान प्राइवेट वकील से नहीं करवा सकते हैं कोर्ट में याचिका दाखिल, क्यों ?। 

6AM NEWS TIMES, 21:11 :2020. 08:56 AM 

  


इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश कहा है कि ग्रामसभा या ग्राम प्रधान को प्राइवेट वकील के माध्यम से याचिका दाखिल करने का अधिकार नहीं है। वह केवल राज्य सरकार की ओर से नियुक्त अधिवक्ता पैनल के अधिवक्ता के माध्यम से ही याचिका दाखिल कर सकता है।

यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने ग्राम प्रधान अता नसीबा की याचिका पर दिया है। इसी के साथ कोर्ट ने हमीरपुर की मौदहा तहसील के फत्तेपुर गांव के प्रधान की याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि यदि इसकी अनुमति दी गई तो राजस्व कोड की धारा 72(4) का बाईपास करने की अनुमति होगी। और यह अधिनियम के उद्देश्य को विफल कर देगी। याचिका में जिलाधिकारी हमीरपुर के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिससे मौदहा नगर पालिका परिषद के क्षेत्र विस्तार के कारण फत्तेपुर गांवसभा का अधिकांश भाग परिषद में शामिल होने के नाते गांवसभा का फंड रोक दिया गया है। 


गांवसभा ने फंड रोके जाने के खिलाफ जिला पंचायतराज अधिकारी के समक्ष याचिका दाखिल की। उसके खारिज होने के बाद दाखिल अपील जिलाधिकारी ने खारिज कर दी है। प्रधान व ग्राम सभा ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी। सरकारी वकील ने याचिका प्राइवेट वकील से दाखिल कराने पर आपत्ति की, जिसपर याची के अधिवक्ता ने ग्रामसभा को पक्षकार से हटा लिया और कहा कि याची ने व्यक्तिगत हैसियत से याचिका दाखिल की है। याची ग्राम प्रधान भी है।

कोर्ट ने कहा कि पंचायत राज अधिनियम की धारा 72 (4) में स्पष्ट लिखा है कि ग्राम सभा, ग्राम पंचायत व भूमि प्रबंधक समिति को बिना कलेक्टर की पूर्व अनुमति के सरकारी अधिवक्ता के अतिरिक्त प्राइवेट अधिवक्ता से मुकदमा दाखिल करने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने कहा कि ग्राम प्रधान ने डीपीआरओ के समक्ष वाद दाखिल किया और फिर आदेश के खिलाफ अपील दाखिल की। अब ग्राम प्रधान को व्यक्तिगत हैसियत से अपील पर पारित आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती देने की अनुमति नहीं दी जा सकती। कोर्ट कानून को बाईपास करने की इजाजत नहीं दे सकती।

शुक्रवार, 20 नवंबर 2020

SAMAJWADIPARTY - CBI अखिलेश पे CBI का शिकंजा लखनऊ रिवर फ्रंट घोटाले में बड़ी कार्रवाई, CBI ने तत्कालीन चीफ इंजीनियर को किया गिरफ्तार।

 अखिलेश सरकार में हुए लखनऊ रिवर फ्रंट घोटाले में बड़ी कार्रवाई, CBI ने तत्कालीन चीफ इंजीनियर को किया गिरफ्तार। 

6am News Times Lucknow 20: 11: 2020 02:24 PM

सपा सरकार में हुए लखनऊ के गोमती रिवर फ्रंट घोटाले में सीबीआई ने शुक्रवार को सिंचाई विभाग के तत्कालीन चीफ इंजीनियर को गिरफ्तार किया है। दरअसल योगी सरकार ने सत्ता में आने के बाद रिवर फ्रंट घोटाले की जांच का दिया था। इसके बाद मामले की जांच शुरू हो गई। सीबीआई के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लांड्रिंग का मुकदमा दर्ज किया। ईडी ने आठ में से पांच आरोपियों को पूछताछ भी की। 

आपको बता दें कि सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच ने प्रदेश सरकार के निर्देश पर सिंचाई विभाग की ओर से लखनऊ के गोमतीनगर थाने में दर्ज कराए गए मुकदमे को आधार बनाकर 30 नवंबर 2017 में नया मुकदमा दर्ज किया था। इसमें सिंचाई विभाग के तत्कालीन मुख्य अभियंता (अब सेवानिवृत्त) गुलेश चंद, एसएन शर्मा व काजिम अली, तत्कालीन अधीक्षण अभियंता (अब सेवानिवृत्त) शिव मंगल यादव, अखिल रमन, कमलेश्वर सिंह व रूप सिंह यादव तथा अधिशासी अभियंता सुरेश यादव नामजद हैं। सीबीआई ने अपनी जांच शुरू भी कर दी। उसने सिंचाई विभाग से हासिल पत्रावलियों की जांच करने के अलावा कुछ आरोपियों से पूछताछ भी की।

सीबीआई जांच की संस्तुति करने से पहले प्रदेश सरकार ने अप्रैल 2017 को इस घोटाले की न्यायिक जांच कराई थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज न्यायमूर्ति आलोक सिंह की अध्यक्षता में गठित समिति ने जांच में दोषी पाए गए इंजीनियरों व अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए जाने की संस्तुति की थी। इसके बाद 19 जून 2017 को सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता डॉ. अंबुज द्विवेदी ने गोमतीनगर थाने में धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया थी। बाद में यह जांच सीबीआई को स्थानान्तरित हो गई। सीबीआई अब इस आरोप की जांच कर रही है कि प्रोजेक्ट के तहत निर्धारित कार्य पूर्ण कराए बगैर ही स्वीकृत बजट की 95 प्रतिशत धनराशि कैसे खर्च हो गई? प्रारंभिक जांच के अनुसार प्रोजेक्ट में मनमाने तरीके से खर्च दिखाकर सरकारी धन की बंदरबांट की गई है। यह प्रोजेक्ट लगभग 1513 करोड़ रुपये का था, जिसमें से 1437 करोड़ रुपये काम खर्च हो जाने के बाद भी 60 फीसदी काम भी पूरा नहीं हो पाया। आरोप यह भी है कि जिस कंपनी को इस काम का ठेका दिया गया था, वह पहले से डिफाल्टर थी।

पंचायतों के पुनर्गठन की अधिसूचना का गजट नोटिफिकेशन 18 दिसंबर तक ।UP panchayat election 2020

 पंचायतों के पुनर्गठन की अधिसूचना का गजट नोटिफिकेशन 18 दिसंबर तक । यूपी सरकार बोर्ड परीक्षा से पहले फरवरी 2021 में पंचायत चुनाव कराने की तैयारी कर रही है। 

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!! हाइलाइट्स !! 

त्रिस्तरीय होगा यूपी में पंचायत चुनाव

पहली दफा ई-स्टांप इस्तेमाल में लाए जाएंगे

15 फीसदी तक बढ़ेंगे बूथ। 

यूपी सरकार बोर्ड परीक्षा से पहले फरवरी 2021 में पंचायत चुनाव कराने की तैयारी कर रही है। इसी के चलते कई जिलों में ग्राम पंचायतों के परिसीमन का काम शुरू हो गया है।

👉  पंचायतों के पुनर्गठन की अधिसूचना का गजट नोटिफिकेशन 18 दिसंबर तक कर दिया जाएगा।

👉  पिछले पांच सालों में नगरीय निकायों के सीमा विस्तार से जो 42 जिले प्रभावित हुए हैं, उनमें ग्राम पंचायतों के परिसीमन का कार्य इसी माह पूरा कर लिया जाएगा। साल के आखिर तक पंचायतों की मतदाता सूची का पुनरीक्षण भी पूरा हो जाएगा।


👉  त्रिस्तरीय होगा पंचायत चुनाव

उत्तर प्रदेस में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होना है। यूपी में 58,758 ग्राम पंचायतें, 821 क्षेत्र पंचायतें और 75 जिला पंचायतें हैं, जहां चुनाव होना है। मौजूदा सदस्यों का कार्यकाल 25 दिसंबर को समाप्त हो रहा है।


पंचायत पुनर्गठन और परिसीमन का काम शुरू

गौरतलब है कि इस वर्ष मार्च महीने से कोविड-19 की परिस्थितियों और फिर लॉकडाउन के चलते चुनाव की तैयारियां समय से प्रारंभ नहीं हो सकीं थीं। ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन के संबंध में 20 नवंबर तक प्रस्ताव लिए जाएंगे। 21 से 25 नवंबर तक ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन व परिसीमन के लिए जिला स्तर पर तैयार प्रस्ताव का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा। 2 दिसंबर तक अंतिम प्रकाशन पर आपत्तियां प्राप्त की जाएंगी।


चुनाव आयोग की तैयारी

राज्य चुनाव आयोग ने पंचायत चुनाव के मद्देनजर सूचियों की जांच का काम शुरू कर दिया है। मतदाता सूचियों ले गैरजरूरी नाम हटाए जा रहे हैं और नए नाम जोड़ने का काम जारी है। इस संबंध में अधिसूचना जारी की जा चुकी है। दिसंबर के आखिर में वोटर लिस्ट जारी की जाएगी।


इस्तेमाल होंगे ई-स्टांप

आगामी पंचायत चुनावों में पहली दफा ई-स्टांप इस्तेमाल में लाए जाएंगे। उम्मीदवारों की आवश्यकता को देखते हुए सौ रुपये एवं उससे कम कीमत के ई-स्टांप उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके लिए अतिरिक्त काउंटर भी खोले जाने की तैयारी की जा रही है।


त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में 15 फीसदी तक बढ़ेंगे बूथ

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां धीरे-धीरे तेज हो गई हैं। इस बार कोरोना के कारण गैर प्रांतों से अपने गांव लौटने वाले प्रवासियों की वजह से मतदाताओं की संख्या मैं 10

से 15 फीसदी तक बढ़ोतरी हो सकती है। इससे बूथों की संख्या बढ़ना भी तय है।


एक माह के अभियान में साढ़े पांच हजार अवैध असलहे बरामद

पंचायत चुनाव से पहले प्रदेश में अवैध शस्त्र को लेकर अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान में अब तक करीब साढ़े पांच हजार अवैध असलहे बरामद किए गए हैं। ये बरामदगी एक माह के अभियान में हुई है। पुलिस को पंचायत चुनाव तक यह अभियान जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस मुख्यालय के मुताबिक बरामद अवैध असलहों में पिस्टल, रिवॉल्वर और अन्य शस्त्र शामिल हैं। 3370 अभियुक्तों को गिरफ्तार भी किया गया और असलहा बनाने की 40 अवैध फैक्ट्री भी पकड़ी गई है।

चौंसा जिरगापुर निवासी संतलाल यादव के बेटे की शादी से लौट रहे रिश्तेदारों बच्चों समेत 14 लोगों की मौत। Road Accident, Pratapgarh


दुखद : कुंडा में भीषण सड़क हादसा, चौंसा जिरगापुर निवासी संतलाल यादव के बेटे की शादी से लौट रहे रिश्तेदारों बच्चों समेत 14 लोगों की मौत। 

अमरनाथ यादव 6AM NEWS TIMES Pratapgarh; 94501 02867 ; 20,Nov, 2020 08:48 AM 



प्रतापगढ़: 

कुंडा कोतवाली क्षेत्र के चौंसा जिरगापुर निवासी संतलाल यादव के बेटे सुनील यादव की बृहस्पतिवार को शादी थी। बरात नवाबगंज थानाक्षेत्र के शेखपुर गांव में गई थी। वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद देर रात बच्चों समेत 14 लोग बोलेरो से गांव लौट रहे थे। कुंडा के देशराज का इनारा के पास तेज रफ्तार बोलेरो एक खड़े ट्रक में जा घुसी, जिसके बाद चीख पुकार मच गई। 


हादसा इतना भयावह था कि मौके पर पहुंचे लोगों की पास तक जाने की हिम्मत नहीं हुई। स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने भारी मशक्कत के बाद बोलेरो को काटकर शवों को निकाला। इसके बाद शवों को कुंडा सीएचसी पहुंचाया। उधर हादसे की सूचना गांव में पहुंची तो वहां हाहाकार मच गया। बरात में भी मातम छा गया। शवों के अस्पताल में पहुंचने पर मजमा लग गया। 


हादसा मानिकपुर थाना इलाके में प्रयागराज हाईवे पर हुआ । जोरदार टक्कर की आवाज सुनकर आसपास के लोग घटनास्थल की तरफ भागे । पुलिस को फोन किया और राहत - बचाव के काम में जुट गए । शेयर हादरी के बाद जब 14 मृतकों के शव एक साथ रखें गए तो देखने वालों कीपीड़ लग गई । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना को लेकर दुख जताया है । उन्होंने अफसरों को घटनास्थल पर पहुंचने और पीड़ित परिवारों को हरसंभव मदद देने के निर्देश दिए हैं ।


इनकी गई जान...

दिनेश कुमार यादव (40), पवन कुमार यादव (10), दयाराम यादव (40), अमन यादव (7), रामसमुझ यादव (40), अंश यादव (9), गौरव कुमार यादव (10), नान भैया यादव (55), सचिन यादव (12), हिमांशु यादव (12), मिथिलेश कुमार यादव (17), अभिमन्यू यादव (28), पारसनाथ यादव (40) चालक और बब्लू यादव (22) की हादसे में मौत हो गई। मरने वालों में सभी कुडा के जिरगापुर के रहने वाले हैं। अंश हथिगवां और बोलेरो चालक पारसनाथ यादव निवासी बड़ेरा मानिकपुर है।






गुरुवार, 19 नवंबर 2020

UP ऋण मेले मे शामिल होंगे CM योगी आदित्यनाथ, लाभार्थियों को देंगे सर्टिफिकेट। UP CM YOGI,

 UP ऋण मेले मे शामिल होंगे CM योगी आदित्यनाथ, लाभार्थियों को देंगे सर्टिफिकेट।

6AM NEWS TIMES 19:11:2020 09:19 AM 



इस महीने के अंत में यूपी में ऋण मेला लगेगा. जिसके ऋण वितरण कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ शामिल होंगे. वो ऋण लाभार्थियों को अपने हाथ से प्रमाण पत्र देंगे.


सीएम योगी आदित्यनाथ यूपी ऋण मेले के आखिर में शामिल होंगे। 

लखनऊ. नवंबर महीने के अंत में प्रदेश में ऋण मेला लगेगा. जिसके ऋण वितरण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे. सीएम इस कार्यक्रम में खुद अपने हाथ से लाभार्थियों को ऋण स्वीकृति का सर्टिफिकेट देंगे. अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने बुधवार को अपने कार्यालय में अधिकारियों के साथ ऋण वितरण और विभागीय कार्यों की समीक्षा मीटिंग की। 


सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने इसकी जानकारी दी. नवनीत सहगल ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि बैंकों से तालमेल कर लोन डिस्बर्स की कार्यवाही समय से पूरा कर कर लें. उन्होंने कहा कि एक जिला-एक उत्पाद और विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत टूल वितरण को विशेष प्राथमिकता दी जाए। 

अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने अधिकारियों को कहा कि वे हर हालत में 30 नवंबर तक टूल किट वितरण का काम पूरा कर लें. उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में 50 लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य है. अभी तक 6 लाख से अधिक नई इकाईयों को 18 हजार करोड़ रुपए का ऋण दिया जा चुका है. इसके अलावा पहले से ही कई छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाईयों को ऋण दिया जा चुका है. इससे बड़ी संख्या में रोजगार पैदा हुआ है। 


अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने कहा कि यूपी सरकार ने स्वरोजगार कार्यक्रम को प्राथमिकता दी है. इसके तहत उद्यमियों को रोजगार स्थापित करने के लिए सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी. अपर मुख्य सचिव ने कहा कि हर जिले में रोजगार सृजन के लिए रोजगार प्लान बनया है.

क्या अहंकार की भेंट चढ़ जाएगा सैफई परिवार। अखिलेश ने कहा अर्जेस्ट करेंगे , शिवपाल बोले-बेकार की बातों में नहीं पड़ना। shivpal-akhilesh ;

 क्या अहंकार की भेंट चढ़ेगा सैफई परिवार। अखिलेश ने कहा था उन्हें भी अर्जेस्ट करेंगे, शिवपाल बोले-बेकार की बातों में नहीं पड़ना। 

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एका की कोशिश में कभी नरम पड़े शिवपाल यादव के भी तेवर अब बदल रहे हैं। अखिलेश के प्रस्ताव पर शिवपाल ने कहा कि कोई क्या कह रहा है हमें इसमें नहीं पड़ना है।


हाइलाइट्स

👉  अखिलेश यादव ने कहा है कि शिवपाल यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी को सपा केवल जसवंतनगर में ही एडजस्ट करेंगी। 

 👉  जसवंतनगर सीट उनके लिए छोड़ दी गई है, अगर सरकार बनती है तो वह मंत्री भी बनेंगे। 

👉   वहीं, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के मुखिया शिवपाल यादव ने कहा कि उन्हें इन बेकार की बातों में नहीं पड़ना है। 

इटावा/लखनऊ

दीपावली के मिठाइयों की मिठास भी सैफई परिवार की खटास दूर नहीं कर पा रही है। त्योहार मनाने इटावा पहुंचे अखिलेश यादव ने साफ कहा है कि शिवपाल यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी को एसपी केवल जसवंतनगर भर में ही एडजस्ट कर रही है। चाचा की जसवंतनगर सीट उनके लिए छोड़ दी गई है। अगर सरकार बनती है तो वह मंत्री भी बनेंगे। वहीं, शिवपाल यादव ने कहा कि उन्हें इन बेकार की बातों में नहीं पड़ना है।

अखिलेश ने इटावा में कहा कि एसपी किसी भी बड़ी पार्टी के साथ कोई गठबंधन नहीं करेगी। चुनावी गठबंधन छोटे दलों के साथ होगा। इसमें उनके चाचा की प्रसपा भी शामिल है। बीएसपी के कई नेताओं को पार्टी जॉइन करवाने के बाद एसपी मुखिया ने बीजेपी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि किसान का धान नहीं खरीदा जा रहा है। इस सरकार में हर वर्ग परेशान है। सरकार की इस बदइंतजामी का समय आने पर जनता माकूल जवाब देगी और सरकार को उखाड़ फेंकेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार चुनाव में सरकारी मशीनरी का भारी दुरुपयोग किया गया। ऐसा ही उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में भी हुआ, चुनाव अधिकारियों ने लड़े हैं।


हम संगठन मजबूत करने में लगे: शिवपाल

एका की कोशिश में कभी नरम पड़े शिवपाल यादव के भी तेवर अब बदल रहे हैं। अखिलेश के प्रस्ताव पर शिवपाल ने कहा कि कोई क्या कह रहा है हमें इसमें नहीं पड़ना है। हम संगठन को मजबूत करने में लगे हुए हैं, जिससे 2022 में बीजेपी को सत्ता से बाहर किया जा सके।





बुधवार, 18 नवंबर 2020

निर्वाचन आयोग से इन जिलों में पहुंचने लगे मतपत्र। up panchayat election 2020 new voters will have a big role, pradhan chunav

  निर्वाचन आयोग से जिलों में पहुंचने लगे मतपत्र, जानिए ग्राम प्रधान चुनाव के लिए क्या क्या हो गई तैयारी। यूपी पंचायत चुनाव 2020 

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यूपी में पंचायत चुनाव को कराने के लिए निर्वाचन आयोग से जिलाें में मतपत्र भेजे जा रहे हैं। सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी बीएल भार्गव ने बताया कि ग्राम पंचायत, प्रधान, बीडीसी जिला पंचायत सदस्य पद के लिए निर्वाचन होगा। आयोग से आए मतपत्रों को सुरक्षित रखवा दिया गया है। सभी मतपत्र अलग-अलग रंगों के होंगे। चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद आयोग के निर्देशानुसार मतदान प्रक्रिया को संपन्न कराने के लिए ये मतपत्र मतदान केंद्र तक पहुंचाए जाएंगे।


पंचायत चुनाव को संपन्न कराने के लिए वोटर लिस्ट तैयार कराने की कवायद तेज हो गई है। वोटर लिस्ट की पाण्डुलिपियां तहसीलों से ग्राम पंचायत वार तैयार होकर निर्वाचन कार्यालय में आने लगी हैं। सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि जो वोटर लिस्ट आ गई हैं उनकी फीडिंग चालू कर दी गई है। वोटर लिस्ट की प्रिटिंग वेंडर के माध्यम से ठेके पर कराई जाएगी।

विधानसभा चुनाव की वोटर लिस्ट का प्रकाशन कर दिया गया है।

  17 नवंबर से डोर टू डोर बीएलओ के पहुंचने की कवायद शुरू हुई है, जो 15 दिसंबर तक जारी रहेगा। सूची में जिनके नाम वोटर लिस्ट में छूट गए हैं या अंकित नहीं हैं वे कागजी औपचारिकताएं पूरी करके इसमें शामिल हो सकते हैं। वहीं 18 साल की आयु पूरी कर चुके युवा मतदाता भी अपना नाम बीएलओ से मिलकर शामिल करा सकते हैं। बीएलओ फार्म 6, 7 व 8 पर संशोधन नाम जोड़ने आदि की कार्यवाही करेंगे। इसके अलावा 4 विशेष दिवस निर्धारित हैं। इस दिन बीएलओ मतदान केंद्र पर मतदाता सूची लेकर बैठेंगे। उनके पास सारे फार्म उपलब्ध रहेंगे। मतदाता सूची भी मौजूद रहेगी। लोग वहां जाकर वोटर लिस्ट देख सकते हैं। यदि नाम गलत है या शामिल नहीं है तो फार्म भरकर वोटर बन सकते हैं।



राजकीय बालगृह के बच्चों ने सीखे कोरोना से बचाव के तरीके। श्रीमती पूजा प्रसाद श्री राम ग्लोबल स्कूल लखनऊ कीे चीफ एकेडमिक एडवाइजर।


राजकीय बालगृह के बच्चों ने सीखे कोरोना से बचाव के तरीके बच्चों ने श्रीमती पूजा प्रसाद श्री राम ग्लोबल स्कूल लखनऊ कीे चीफ एकेडमिक एडवाइजर को बतायीं अपनी रूचियां और जरूरतें। 

6AM NEWS TIMES 9415461079 : 18:11 :2020 

राजकीय बाल गृह के बच्चों के लिए आयोजित हुआ दीपावली भोज। 

लखनऊः दिनांक 18 नवम्बर, 2020

कोरोना महामारी के इस दौर ने साफ-सफाई के विशेष तरीकों को हमारी दिनचर्या का विशेष अंग बना दिया है। हम सब अपने घरों में बच्चों को प्रतिक्षण इसकी जानकारी देकर सतर्क करते हैं। ऐसे में बालगृह में रहने वाले बच्चों को भी इसका प्रशिक्षण दिया जाए, 

इस आवश्यकता को समझकर पूजा प्रसाद के नेतृत्व में मुख्य चिकित्सा अधिकारी लखनऊ के कार्यालय से डा शैलेश परिहार, डब्ल्यूएचओ से डा वन्दना सिंह तथा श्रीराम ग्लोबल स्कूल की टीम द्वारा आज यहां प्राग नारायण रोड स्थित राजकीय बालगृह (शिशु) के बच्चों के लिए कोरोना संक्रमण से बचाव का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।


इस अवसर पर बच्चों के लिए दीपावली का भोज का आयोजन भी किया गया बच्चों के साथ भोज में स्वयं शामिल होकर श्रीमती पूजा प्रसाद ने उनकी रूचियों और जरूरतों की जानकारी भी ली। बच्चों ने उत्साहपूर्वक भोजन के अपने स्वाद, रूचियों को बताते हुए कम्प्यूटर उपलब्ध कराने की मांग की, जिसे स्कूल की प्रधानाचार्या सुषमा सोनी द्वारा यथाशीघ्र पूरा करने के लिए आश्वस्त किया गया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में डा. वन्दना सिंह द्वारा बच्चों को मास्क की आवश्यकता, हाथ धोने के विशेष तरीके-सुमन के, छींकने-खांसने में सावधानी रखने, मास्क को पहनने तथा उतारने के तरीके तथा सोशल डिस्टेंसिंग का प्रशिक्षण दिया गया। डाॅ शैलेश परिहार द्वारा मुख्य चिकित्साधिकारी के कार्यालय से उपलब्ध कराए गए मास्क का वितरण बच्चों तथा बालगृह के कर्मचारियों के मध्य कराया गया। सभी बच्चों द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक प्रतिभाग किया गया। कार्यक्रम के दौरान बालगृह के बच्चों ने कोरोना संक्रमण से बचाव पर निर्मित कविता भी आयोजकों को सुनाई।

दीपावली उपरान्त बालगृह में आज उत्सवपूर्ण वातावरण था। बच्चों ने पूजा प्रसाद से मिलकर एक बार और बालगृह में आकर कार्यक्रम करने की इच्छा भी प्रकट की। इस अवसर पर बालगृह की प्रभारी अधीक्षिका रेनू लाल ने पूजा प्रसाद को बताया कि बालगृह में इस समय कुल 64 बच्चे हैं जबकि बालगृह की क्षमता 60 बच्चों की है। अधीक्षिका ने बताया संवासित बच्चे नवजात से 10 वर्ष तक के हैं, जिनमें शिशुओं की संख्या अधिक है।

ज्ञात हो कि पूजा प्रसाद श्री राम ग्लोबल स्कूल में चीफ एकेडमिक एडवाइजर हैं, जिनके प्रयास से आज यहाँ प्राग नारायण रोड स्थित राजकीय बालगृह (शिशु) में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय, डब्ल्यूएचओ तथा स्कूल की टीम के सहयोग से बच्चों के लिए कोरोना संक्रमण से बचाव का प्रशिक्षण तथा दीपावली उपरान्त भोज का कार्यक्रम आयोजित किया गया।

साभार सूचना अधिकारी - डा0 सीमा गुप्ता


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