प्राणिमात्र के कल्याण के लिए जल का संरक्षण आवश्यक: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।
उ0प्र0 जल शक्ति मंत्रालय गठित करने वाला पहला राज्य: जल शक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह ।
भारतीय मनीषा ने जल को महत्व दिया, हमारे शास्त्र जल संरक्षण की प्रेरणा देते हैं। ‘नमामि गंगे’ परियोजना के प्रभावी संचालन से अब गंगा जी में जाजमऊ में जलीय जीव देखे जा सकते, वाराणसी में गंगा जी में डाल्फिन तैर रही, प्रयागराज कुम्भ-2019 में संगम में श्रद्धालुओं को गंगा जी का स्वच्छ, निर्मल और अविरल जल प्राप्त हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
प्रधानमंत्री द्वारा जल शक्ति मंत्रालय के गठन के पश्चात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा राज्य में जल शक्ति मंत्रालय के गठन से भू-जल संरक्षण एवं नियोजन, सरफेस वाॅटर की स्वच्छता एवं निर्मलता तथा शुद्ध पेयजल की उपलब्धता ‘अटल भू-जल योजना’, ‘नमामि गंगे’ जैसी जनहित परियोजनाओं, से उत्तर प्रदेश एक समृद्धिशाली राज्य के रुप में स्थापित हो रहा है। जलशक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह
लखनऊ: 28 नवम्बर, 2020
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि प्राणिमात्र के कल्याण के लिए जल का संरक्षण आवश्यक है। जल को जीवन का प्रतिरूप माना जाता है। भारतीय मनीषा ने जल को महत्व दिया है। शास्त्रों में जल की स्तुति के सन्दर्भाें की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे शास्त्र जल संरक्षण की प्रेरणा देते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा भू-जल के संरक्षण एवं नियोजन, सरफेस वाॅटर की स्वच्छता एवं निर्मलता बनाए रखने, शुद्ध पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कार्य किया जा रहा है। इसके लिए ‘अटल भू-जल योजना’, ‘नमामि गंगे’ परियोजना, ‘हर घर नल’ आदि योजनाएं लागू की गयी हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ‘हर घर नल’ योजना का सम्बन्ध लोगों के स्वास्थ्य से भी है। पूर्व के वर्षाें में मस्तिष्क ज्वर से प्रभावित प्रदेश के 38 जनपदों में प्रतिवर्ष 1200 से 1500 लोगों की मृत्यु हो जाती थी। इस प्रकार विगत 40 वर्षाें में लगभग 50 हजार लोगों की मस्तिष्क ज्वर से मृत्यु हुई। राज्य सरकार द्वारा पिछले 03 वर्षाें में अन्तर्विभागीय समन्वय के माध्यम से मस्तिष्क ज्वर पर नियन्त्रण के लिए कार्य किया गया। इसके तहत प्रत्येक घर में शौचालय एवं स्वच्छ पेय जल की उपलब्धता पर विशेष ध्यान दिया गया। इसके फलस्वरूप विगत 03 वर्षाें में मस्तिष्क ज्वर से होने वाली मृत्यु में 95 प्रतिशत की कमी आयी है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता एवं शुद्ध पेयजल की उपलब्धता मस्तिष्क ज्वर सहित सभी जलजनित बीमारियों पर नियन्त्रण में उपयोगी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, ने कहा कि भू-जल एवं सरफेस वाॅटर के संरक्षण के लिए राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2017 से लेकर अब तक निरन्तर प्रतिवर्ष वृक्षारोपण का महाअभियान संचालित किया गया। वर्ष 2017 में 05 करोड़, वर्ष 2018 में 11 करोड़, वर्ष 2019 में 22 करोड़, वर्ष 2020 में 25 करोड़ वृक्षारोपण कराया गया। इन वृ़क्षों में अधिकतर पीपल, पाकड़, आम, नीम, बरगद जैसे वृक्ष सम्मिलित हैं।
जल शक्ति मंत्री डाॅ महेन्द्र सिंह ; ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जल संरक्षण, वाॅटर रिचार्ज, किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने के लिए निरन्तर कार्य किया जा रहा है। वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल में अनेक बड़ी परियोजनाओं को पूरा किया गया है। इससे लगभग 03 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित हुई है। अगले वर्ष 11 बड़ी परियोजनाओं को पूर्ण करने का लक्ष्य है। राज्य सरकार द्वारा 05 वर्ष में लगभग 20 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि सिंचित किए जाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शीघ्र ही नई जल नीति लागू की जाएगी। भू-जल मापन के लिए पीजो मीटर लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा जल शक्ति मंत्रालय के गठन के पश्चात मुख्यमंत्री जी द्वारा राज्य में जल शक्ति मंत्रालय गठित किया गया। उत्तर प्रदेश जल शक्ति मंत्रालय का गठन करने वाला पहला राज्य है।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एम0एस0एम0ई0 श्री नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज श्री मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव कृषि श्री देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव सूचना एवं मुख्यमंत्री श्री संजय प्रसाद, सूचना निदेशक श्री शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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