ग्राम प्रधान प्राइवेट वकील से नहीं करवा सकते हैं कोर्ट में याचिका दाखिल। UP panchayat election 2020:

 यूपी पंचायत चुनाव 2020 : ग्राम प्रधान प्राइवेट वकील से नहीं करवा सकते हैं कोर्ट में याचिका दाखिल, क्यों ?। 

6AM NEWS TIMES, 21:11 :2020. 08:56 AM 

  


इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश कहा है कि ग्रामसभा या ग्राम प्रधान को प्राइवेट वकील के माध्यम से याचिका दाखिल करने का अधिकार नहीं है। वह केवल राज्य सरकार की ओर से नियुक्त अधिवक्ता पैनल के अधिवक्ता के माध्यम से ही याचिका दाखिल कर सकता है।

यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने ग्राम प्रधान अता नसीबा की याचिका पर दिया है। इसी के साथ कोर्ट ने हमीरपुर की मौदहा तहसील के फत्तेपुर गांव के प्रधान की याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि यदि इसकी अनुमति दी गई तो राजस्व कोड की धारा 72(4) का बाईपास करने की अनुमति होगी। और यह अधिनियम के उद्देश्य को विफल कर देगी। याचिका में जिलाधिकारी हमीरपुर के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिससे मौदहा नगर पालिका परिषद के क्षेत्र विस्तार के कारण फत्तेपुर गांवसभा का अधिकांश भाग परिषद में शामिल होने के नाते गांवसभा का फंड रोक दिया गया है। 


गांवसभा ने फंड रोके जाने के खिलाफ जिला पंचायतराज अधिकारी के समक्ष याचिका दाखिल की। उसके खारिज होने के बाद दाखिल अपील जिलाधिकारी ने खारिज कर दी है। प्रधान व ग्राम सभा ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी। सरकारी वकील ने याचिका प्राइवेट वकील से दाखिल कराने पर आपत्ति की, जिसपर याची के अधिवक्ता ने ग्रामसभा को पक्षकार से हटा लिया और कहा कि याची ने व्यक्तिगत हैसियत से याचिका दाखिल की है। याची ग्राम प्रधान भी है।

कोर्ट ने कहा कि पंचायत राज अधिनियम की धारा 72 (4) में स्पष्ट लिखा है कि ग्राम सभा, ग्राम पंचायत व भूमि प्रबंधक समिति को बिना कलेक्टर की पूर्व अनुमति के सरकारी अधिवक्ता के अतिरिक्त प्राइवेट अधिवक्ता से मुकदमा दाखिल करने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने कहा कि ग्राम प्रधान ने डीपीआरओ के समक्ष वाद दाखिल किया और फिर आदेश के खिलाफ अपील दाखिल की। अब ग्राम प्रधान को व्यक्तिगत हैसियत से अपील पर पारित आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती देने की अनुमति नहीं दी जा सकती। कोर्ट कानून को बाईपास करने की इजाजत नहीं दे सकती।

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