मंगलवार, 24 अगस्त 2021

6AM PRAYAGRAJ , शिव नरेश यादव के बेटे, बेटियों एवं पत्नी की सामूहिक हत्या या आत्महत्या।



 [ प्रयागराज शिव नरेश यादव के बेटे, बेटियों एवं पत्नी की सामूहिक हत्या या आत्महत्या ]

शिव नरेश यादव के बेटे, बेटियों एवं पत्नी की लाश तालाब में। पुलिस हत्या और आत्महत्या दोनों बिंदुओं पर कर रही है जांच। 

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प्रयागराज । रक्षाबंधन के दिन रविवार को सामूहिक हत्या या आत्महत्या का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। यहां एक महिला एवं तीन बच्चों का शव खदान के तालाब में उतराते मिले हैं। शवों को गोताखोरों की मदद से बाहर निकाल लिया गया है। मायके पक्ष के लोगों ने सास-ससुर पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है। फिलहाल, पुलिस हत्या और आत्महत्या दोनों बिंदुओं को ध्यान में रखकर जांच कर रही है।



सुबह 10 बजे लोगों ने शव उतारते देखा

मामला यमुनापार के लालापुर थाना क्षेत्र के गोल्हैया माइंस की खदान का है। यहां एक तालाब है। इस तालाब में रविवार की सुबह 10 बजे के आसपास बसहाई गांव की रहने वाली शिव नरेश यादव की पत्नी रेनू देवी (30 साल), बेटी कल्पना (15 साल), सरोज उर्फ कल्लू (10) और गोलू (9 साल) की लाश तालाब में उतराती मिली। यह देख लोगों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने गोताखोरों की मदद से शवों को बाहर निकालवाया।


शिव नरेश यादव के बेटे गोलू का शव तालाब से काफी मशक्कत के बाद दो घंटे बाद निकाला जा सका। इस दौरान तालाब के चारों तरफ बड़ी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई। शिव नरेश नैनी स्थित प्राइवेट कंपनी में काम करता है।


बताया जाता है कि शनिवार रात रेनू का अपने पति शिवनरेश से किसी बात को लेकर विवाद हो गया। इससे आहत रेनू अपने तीनों बच्चों को लेकर घर से बाहर चली गई थी। सुबह परिजनों को जब रेनू और बच्चे नहीं मिले तो उनकी खोजबीन शुरू हुई। लेकिन कुछ पता नहीं चला। रविवार सुबह करीब 10 बजे रेनू और बच्चों के मौत की खबर मिली।

लालापुर थानाध्यक्ष मनीष त्रिपाठी कहना है कि घटना के पीछे प्रथम दृष्टया पारिवारिक कलह समझ में आ रहा है। अगर तहरीर मिलती है तो मुकदमा दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल मामले की छानबीन की जा रही है। पुलिस इस बिंदु पर भी जांच कर रही है कि कहीं हत्या तो नहीं है। बाद में उसे आत्महत्या का रूप दिया जा रहा है। फिलहाल शवों को पोसटमार्टम के लिए भेज दिया गया है। रिपोर्ट आने पर ही क्लीयर होगा।

शुक्रवार, 20 अगस्त 2021

Prayagraj's health department ❓ जांच का खेल ❓ CMO की भूमिका पे,


पूर्व सरकारों में स्थापित स्वास्थ्य माफिया फिर उठा रहे है फन। 

जांच का खेल ❓ CMO की भूमिका पे उठेंगे सवाल। घटना के संदिग्ध कर्मचारी / अधिकारी बेखौफ कर रहे ड्यूटी।

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प्रयागराज : भरपूर सरकारी सप्लाई के बावजूद वैश्विक महामारी का दौर हो या डेंगू मलेरिया का प्रकोप जरूरतमंदों को एड़ी चोटी का जोर लगाने के बाद भी नहीं मिलती है पूरी दवाएं।

लाखों रुपये की सरकारी दवा बर्बादी के मामले में लगता है आला अधिकारी ही दोषियों को बचाने के सभी हथकंडे अपनाने लगे हैं। तेलियरगंज स्थित सीएमएसडी में जहां गड्ढा खोद कर दवाएं पाटी गईं उसे अंजाम देने वाले कर्मचारी अब भी बेखौफ से वहीं ड्यूटी कर रहे हैं।

दवाएं दफनाने का मामला जग जाहिर होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारी पूरे मामले को दबाने का प्रयास कर रहे हैं । नियमानुसार किसी मामले की जांच शुरू होने पर वहां के संदिग्ध कर्मचारियों और अधिकारियों पर प्राथमिक कार्रवाई करते हुए सम्बन्धित स्थान से हटा देना चाहिए, ताकि वे साक्ष्यों से छेड़छाड़ न कर सके लेकिन, दवा बर्बादी के मामले में ऐसा अब तक नहीं हुआ। जबकि सहायक निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं डॉ मोहन जी श्रीवास्तव ने प्रारंभिक जांच कराई तो जांच अधिकारियों को वहां आठ बाई आठ फीट का गड्ढा खोदे जाने के साक्ष्य मिले थे। यही रिपोर्ट उन्होंने स्वास्थ्य महानिदेशक को भेज दी है। स्थानीय स्तर पर सीएमओ को ठोस जांच व कार्रवाई के लिए कहा है।

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ नानक सरन ने कहा कि सहायक निदेशक ने मौखिक रूप से कहा है। लिखित में कुछ नहीं आया। फिर भी जांच करा रहे हैं।


[ योगी के माफिया मुक्त यूपी के प्रयासों को विफल करता स्वास्थ्य विभाग। 

उत्तर प्रदेश से भ्रष्टाचार और माफिया राज को जड़ से उखाड़ फेंकने की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों को विफल करने मे लगा है प्रयागराज का स्वास्थ्य विभाग। संदिग्ध कर्मचारी / अधिकारी बेखौफ कर रहे ड्यूटी। ] 

आला अफसर कब लेगे मामला संज्ञान में ।

दवाएं कोविड काल में जरूरतमंदों को नहीं बांटी गईं और बाद में उसे स्टोर में ओवरलोड मानते हुए गड्ढा खोदकर उसमें पाट दिया गया। इस बर्बादी की स्वास्थ्य विभाग में तो लीपापोती चल रही है लेकिन प्रशासन के आला अधिकारी शासन को जवाब देने के लिए अपने स्तर से प्रशासनिक जांच करा सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों का कहना है कि आला अफसरान जल्द ही मामला संज्ञान में लेने की तैयारी कर रहे हैं।

[ स्वास्थ्य माफियाओं के सामने सीएमओ लाचार क्युं। ] ❓

सीएमओ ने मान कर कि कर्मचारी वहां से नहीं हटाए गए हैं। खूद को खड़ा कर दिया कठघरे में।

सप्ताह भर बीतने के बाद भी कार्रवाई का एक भी कदम आगे न बढ़ पाने से स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर उठने लगे हैं सवाल

हालांकि दवा बर्बादी से जुड़े अधिकारी ने पूरा जोर लगा रखा है कि बिना जांच के ही मामले का पटाक्षेप हो जाए लेकिन, स्वास्थ्य विभाग में ही हर जुबां पर आए इस भ्रष्टाचार का मामला दबाना अब आसान भी नहीं है।





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20:08:2021, 6AM NEWS TIMES

 


गुरुवार, 19 अगस्त 2021

19:08 :2021 6AM NEWS TIMES


UP Budget 2021 - 22 : योगी सरकार ने पेश किया पहला अनुपूरक बजट,

 UP Budget 2021/22 योगी सरकार ने पेश किया पहला अनुपूरक बजट, विपक्ष ने किया जोरदार हंगामा। 

योगी का चुनावी बजट : अधिवक्ताओं, किसानों आशा वर्करों, चौकीदारों, ग्राम प्रहरी, आंगनबाड़ी, सहित कई विभिन्न संभागों में काम कर रहे कर्मचारियों का मानदेय बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। 

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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी योगी सरकार ने बुधवार को विधानमंडल में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 7301.52 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया। विधानसभा में पेश किया गया अनुपूरक बजट आम बजट का 1.33 प्रतिशत है। रोजगार के मोर्चे पर विपक्ष के हमले झेल रही सरकार ने आलोचकों का मुंह बंद करने और युवाओं को साधने के लिए उन्हें डिजिटल तकनीक में सक्षम बनाने का इरादा जताया है। इसके लिए अनुपूरक बजट में 3000 करोड़ रुपये का कोष स्थापित करने का ऐलान किया गया है।

👉 वित्तमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने अपने बजट भाषण में कहा कि इस बजट से तीन हजार करोड़ रुपये युवाओं के रोजगार पर खर्च होंगे। वहीं, आशा वर्करों, चौकीदारों, ग्राम प्रहरी, आंगनबाड़ी, रोजगार सेवक, प्रांतीय रक्षक दल, रसोइया समेत विभिन्न संभागों में काम कर रहे कर्मचारियों का मानदेय बढ़ाने पर ध्यान दिया जाएगा। इसमें अधिवक्ताओं के लिए भी स्पेशल बजट लाया गया है और गन्ना किसानों के बकाया का भुगतान किया जाएगा।

➡️ [ संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि देश में सबसे सस्ता डीजल पेट्रोल यूपी में है। सरकार मुफ्त खाद्यान्न बांट रही है। ] 


➡️  कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ने कहा कि आज मानसून सत्र का दूसरा दिन है। महंगाई के कारण प्रदेश के क्या हालात हैं ये किसी से छिपा हुआ नहीं है। कांग्रेस ने कल भी प्रदर्शन किया और आज भी किया। हमने इस पर विधानसभा अध्यक्ष से चर्चा की मांग की थी लेकिन इसे कार्य सूची में 78वें नंबर पर रखा गया है। सरकार चर्चा से भाग रही है।

 ➡️  बसपा विधायक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने कहा कि वह कृषि बिल व महंगाई पर चर्चा करना चाहते थे लेकिन सपा व कांग्रेस ने हंगामा कर दिया जिससे सदन स्थगित हो गया। उन्होंने कहा कि सपा व कांग्रेस भाजपा की मदद कर रहे हैं।

➡️  जानें, बजट में किस विभाग को कितनी रकम मिली। 

👉  उद्योग -- 30001

👉  ऊर्जा -- 150000

👉  कृषि -- 66.50

👉  पंचायती राज विभाग -- 26308

👉   गन्ना -- 20000

👉    गृह -- 4788

👉   चिकित्सा -- 12978

👉    शिक्षा (बेसिक) -- 8410

👉    सूचना -- 50000

👉    संस्कृति -- 5000 ( सभी आंकड़े लाख रुपये में हैं। )


➡️  बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे, बलिया लिंक एक्सप्रेस वे सहित मानदेय में बढोतरी का एलान

➡️ - बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे, बलिया लिंक एक्सप्रेस वे परियोजना के लिए बजट की व्यवस्था।

➡️ - अयोध्या व वाराणसी में धार्मिक स्थलों का सौंदर्यीकरण।

➡️ - आंगनबाड़ी व आशा कार्यकर्ताओं के मानदेय में बढ़ोतरी की जाएगी।

➡️ - पीआरडी जवानों के मानदेय में बढ़ोतरी।

➡️ - सामाजिक सुरक्षा निधि योजना के अंतर्गत अधिवक्ताओं, ग्राम प्रहरी व रोजगार सेवकों का मानदेय बढ़ेगा।

➡️ - गन्ना किसानों के बकाए का भुगतान होगा।

➡️ - छुट्टा गोवंश के रखरखाव को लेकर बजट की व्यवस्था।

 ➡️  एजेंडा और सवाल-जवाब भी होंगे पेपरलेस।

 विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि पहली बार कागज रहित बजट की प्रस्तुति की गवाह बनने जा रही उत्तर प्रदेश विधानसभा में एजेंडा, सवाल-जवाब और अन्य दस्तावेज भी 'पेपरलेस' होंगे। इससे पहले उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने रविवार को बताया था, 'देश की सभी विधानसभाओं मे ई-विधान लागू करने की योजना है। इसे उत्तर प्रदेश में भी क्रियान्वित किया जाएगा। इस पर जो भी खर्च आएगा वह हम वहन करेंगे। इस परियोजना के लिए संसदीय कार्य मंत्रालय को नोडल संस्था बनाया गया है।'


👉 मायावती , अगर पेट्रोल की कीमतों में कमी होती हो अच्छा होता।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने योगी सरकार द्वारा यूपी विधानसभा में पेश किए गए अनुपूरक बजट को प्रदेश की गरीब जनता के लिए दिल दुखाने वाला करार दिया है। उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार तमिलनाडु की तरह पेट्रोल की कीमत 3 रुपए कम कर देती तो जनता को जरूर राहत मिलती।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने जिस तरह से अंधाधुंध वादे व घोषणाएं की हैं। उसके अनुसार प्रबंधन न होने से ये घोषणाएं सिर्फ कागज पर ही रह जाएंगी जबकि बसपा की सरकार में घोषणाओं से पहले वित्तीय प्रबंधन करना जरूरी था। उन्होंने कहा कि बसपा की व दूसरी सरकारों में यही एक फर्क है।

Oxygen plants : अप्रशिक्षित संविदा कर्मियों के हाथ में लोहिया जैसे हॉस्पिटल के मरीजों की जान।

 

कोरोना काल के पूर्व से अप्रशिक्षित कर्मियों के हवाले अस्पतालों के ऑक्सीजन प्लांट। 

अलीगढ़ दीन दयाल अस्पताल जैसे हादसे का इंतज़ार, अप्रशिक्षित संविदा कर्मियों के हाथ में लोहिया जैसे हॉस्पिटल के मरीजों की जान।

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लखनऊ : लोहिया मातृ शिशु रेफरल के मरीजों की जिंदगी की डोर अनट्रेंड संविदा कर्मियों के हाथों में, ऑक्सीजन प्लांट को अनट्रेंड लोग सालों से कर रहे हैं ऑपरेट कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा 

कोरोना महामारी के दौर में जहां सरकार ऑक्सीजन के इंतजाम एवं मरीजों की जान बचाने के लिए ऑक्सीजन की महत्वता एवं हर बूंद की कीमत को समझते हुए एक राज्य से दूसरे राज्य जद्दोजहद कर रही थी। वहीं दूसरी ओर मरीजों की जिंदगी के लिए ऑक्सीजन की जरूरत समझने के बावजूद प्लांट संचालित एजेंसी एवं अस्पताल प्रशासन चंद पैसों की लालच में अप्रशिक्षित कर्मियों के हवाले कर दिया है कई अस्पतालों के ऑक्सीजन प्लांट ।

अनुबंधित संस्थाएं एवं अस्पताल प्रशासन ऑक्सीजन प्लांट के रख-रखाव और सप्लाई सिस्टम में भारी लापरवाही बरत रहे हैं प्रदेश के कई अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर सुरक्षित ढंग से नहीं रखे गए हैं। ना ही उनकी सेफ्टी की जांच नियमित हो रही है। प्लांट को अनट्रेंड लोग ऑपरेट कर रहे हैं। 

                                 

अनट्रेंड लोग के हाथ में मरीजों की जान। 

ऑक्सीजन प्लांट में लापरवाही पडती भारी मई में अलीगढ़ के दीन दयाल कोविड अस्पताल के ऑक्सीजन प्लांट में धमाका हो या अप्रैल में नासिक जैसे हादसे, ऑक्सीजन प्लांट और सप्लाई सिस्टम में भारी लापरवाही का नतीजा आया सामने। 

उत्तर प्रदेश मई में अलीगढ़ के दीन दयाल कोविड अस्पताल में रात डेढ़ बजे ऑक्सीजन प्लांट में धमाका हो गया था । प्लांट में मौजूद कर्मचारियों की लापरवाही से एक तीमारदार ऑक्सीजन प्लांट में पहुंच कर चार सिलेंडर एक साथ खोल दिया था लेकिन ऑक्सीजन लाइन चार सिलेंडर का प्रेसर नही झेल पाई, जिससे बड़ा धमाका हो गया था ।

धमाके में एक कर्मचारी का हाथ और आंख घायल हुआ हो गई थी ।





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Dr Mahendra Singh जीवन स्तर में सुधार के लिए योगी सरकार हर घर जल, बिजली, हर गांव में सड़क।

 किसान भाइयों की बाढ़ से बर्बाद हुई फसलों के मुआवजे की तैयारी। 

प्रदेशवासियों के जीवन स्तर में सुधार के लिए योगी सरकार हर घर जल, बिजली, हर गांव में सड़क। डॉ महेंद्र सिंह। 

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जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने कहा कि जिन किसान भाइयों की फसल बाढ़ से बर्बाद हुई हैं, उसका सर्वेक्षण कराया जा रहा है और उन्हें मुआवजा दिया जाएगा। अनुपूरक बजट से बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा मिलेगा। यह बजट जनकल्याणकारी है प्रदेश का समग्र विकास होगा।

योगी सरकार लोगों की जीवन स्तर में सुधार के लिए लगातार काम कर रही है। हर घर जल, हर घर बिजली, हर गांव में सड़क और हर गांव में बैंकिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। अधिवक्ताओं के लिए भी स्पेशल बजट लाया गया है और गन्ना किसानों के बकाया का भुगतान किया जाएगा। लॉकडाउन में सरकार की राजस्व प्राप्तियां प्रभावित रहीं, बावजूद इसके सरकार ने प्रभावी वित्तीय अनुशासन बनाएं रखा किया। कर्मचारियों के वेतन हो या पेंशन या कामगार मजदूर की जरूरतें सभी का एक समान ख्याल रखा तथा सार्थक कोशिशों से ही प्रदेश की अर्थव्यवस्था फिर से गति पकड़ रही है।






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मंगलवार, 17 अगस्त 2021

Anti Terrorist Squad (ATS) इस्लामिक शिक्षा के सबसे बड़े केंद्र देवबंद में बनेगा एटीएस कमांडो सेंटर।

 अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद सीएम योगी का बड़ा फैसला इस्लामिक शिक्षा के सबसे बड़े केंद्र देवबंद में बनेगा एंटी टेरेरिस्ट स्क्वायड (ATS) कमांडो सेंटर।  

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यूपी के सहारनपुर स्थित देवबंद कस्बे में सरकार जल्द ही एटीएस का कमांडो सेंटर खोलने जा रही है। सांकेतिक छायाचित्र

उत्तर प्रदेश :  अफगानिस्तान में तालिबानी कब्जे के बाद उत्तर प्रदेश सरकार सतर्क हो गई। तालिबानी समर्थकों पर लगाम लगाने के लिए योगी सरकार ने सहारनपुर के देवबंद में एंटी टेरेरिस्ट स्क्वायड (ATS) कमांडो सेंटर बनाने का फैसला लिया है। इसके लिए 2 हजार वर्ग मीटर जमीन भी अलॉट हो गई है। तेजी से काम भी शुरू हो गया है।

इस सेंटर में 15 से ज्यादा ATS अफसरों की तैनाती की जाएगी। यहां बड़ी संख्या में ATS कमांडो तैयार किए जाएंगे। मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने ये जानकारी दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा- ‘तालीबान की बर्बरता के बची यूपी की खबर भी सुनिए। योगीजी ने तत्काल प्रभाव से देवबंद में एटीएस कमांडो सेंटर खोलने का निर्णय लिया है। युद्धस्तर पर काम शुरू भी हो गया है। प्रदेशभर से चुने हुए करीब डेढ़ दर्जन तेज तर्रार एटीएस अफसरों की यहां तैनाती होगी’।

मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकार शलभमणि त्रिपाठी ने ट्वीट करके देवबंद में एटीएस कमांडो सेंटर का काम तेजी से चलने की जानकारी दी है।

मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकार शलभमणि त्रिपाठी ने ट्वीट करके देवबंद में एटीएस कमांडो सेंटर का काम तेजी से चलने की जानकारी दी है।

लखनऊ-नोएडा में भी सेंटर का काम जारी। 

देवबंद से पहले लखनऊ और नोएडा में एटीएस का कमांडो ट्रेनिंग सेंटर खोलने की तैयारी चल रही है। लखनऊ में अमौसी और नोएडा में इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास यह सेंटर बनेंगे। दोनों स्थानों पर जमीन फाइनल हो चुकी है। आर्मी व एसपीजी के अफसरों की निगरानी में स्पेशल कमांडो तैयार किए जाएंगे। इन्हें हर वह चीज सिखाई जाएंगी तो आतंकी हमलों के दौरान बचाव-राहत में इस्तेमाल की जाती है।


एटीएस सेंटर के लिए देवबंद ही क्यों?

22 फरवरी-2019 में यूपी एटीएस ने देवबंद से जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकियों शाहनवाज तेली और आकिब अहमद मलिक को गिरफ्तार किया था। खुलासा हुआ कि दोनों आतंकियों को पुलवामा हमले की पहले से खबर थी। यहां से अनेक बार बांग्लादेशी, आईएसआई एजेंट पकड़े जा चुके हैं। देवबंद से 30 किलोमीटर दूर ही सहारनपुर है।


सहारनपुर में करीब 8 से ज्यादा बार आतंकी और आईएसआई एजेंटों की गिरफ्तारी हो चुकी है। देवबंद में 300 से ज्यादा मदरसे हैं। दारूल उलूम होने की वजह से देश-दुनिया के स्टूडेंट्स शिक्षा लेने यहां आते हैं। इल्म की नगरी कहा जाने वाला देवबंद दूर-दूर तक जाना जाता है। पिछले कुछ समय से इसका नाम आतंकी गतिविधियां से जुड़ रहा है। इस वजह से उप्र सरकार ने देवबंद में एटीएस कमांडो सेंटर बनाने का फैसला लिया है।

पश्चिम में होंगे दो कमांडो सेंटर

देवबंद के इस कमांडो सेंटर से देवबंद, सहारनपुर, मेरठ तक का एरिया कवर हो सकेगा। मेरठ में भी एटीएस की स्वात टीम पहले से तैनात है। हालांकि, टीम में संख्या काफी कम है। इसके अलावा एटीएस की एक टीम नोएडा में हर वक्त रहती है। नोएडा और देवबंद में एटीएस के दो कमांडो सेंटर बनने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश का पूरा एरिया कवर हो जाएगा।

देवबंद का आतंकी कनेक्शन

👉  21 फरवरी 2019 को देवबंद से जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकी आकिब और शाहनवाज को यूपी एटीएस ने गिरफ्तार किया था।

👉  14 मई 2019 को गाजियाबाद-शामली समेत कई रेलवे स्टेशनों को बम से उड़ाने की धमकी दी गई। इसमें मेरठ के दो भाई गिरफ्तार हुए। खुलासा हुआ कि दोनों भाई देवबंद में अक्सर ठहरते थे।

👉  17 नवंबर 2020 को दिल्ली पुलिस ने जैश के दो आतंकी गिरफ्तार किए। पता चला कि दोनों देवबंद और सहारनपुर में भी रुके थे।

👉  2019 में अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के हाथों मारे गए मौलाना असीम उमर ने 1993 में देवबंद में पढ़ाई की थी।

👉  अक्तूबर 2017 में मुजफ्फरनगर से गिरफ्तार आतंकी संगटन अंसारुल्ला बांग्ला टीम का सदस्य अब्दुलला देवबंद में रहा और वहीं उसने फर्जी दस्तावेज बनाए।



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UP Criminals : ये मौत दुर्घटना नहीं हत्या है। नवजात बच्चे को सीने से पेट तक खाल जल गई,

 ये मौत दुर्घटना नहीं हत्या है ❓मामले की जांच कराई जाएगी ❓जो भी दोषी होगा,❓ उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ❓ इन्हीं जुमलो से अपराधियों के बढ़ते हैं हौसले। 

अस्पताल कर्मचारी की लापरवाही से जिंदा जलकर नवजात की मौत बच्चे के सीने से पेट तक कि खाल जल गई, शरीर से निकलने लगा धुआं वॉर्मर मशीन पर रखकर मोबाइल पर बिजी हो गया स्टाफ, 

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परिजनों की गोद में नवजात का शव। मशीन के हीटिंग पैड पर झुलसा बच्चा। 

उत्तर प्रदेश में कौशांबी के जिला अस्पताल में SNCU (सिक न्यू बॉर्न केयर यूनिट) में एक नवजात शिशु वॉर्मर मशीन के हीटिंग पैड पर जिंदा जल गया। बच्चे का शरीर नीला पड़ गया था। वॉर्मर के हीट से बच्चे के सीने से पेट तक की खाल बुरी तरह झुलस गई। उसके शरीर से धुआं निकलने लगा था।

वार्मर पर रखने के बाद स्टाफ ने बच्चे को नहीं देखा। 

अस्पताल के स्टाफ ने जब यह देखा तो उसके हाथ-पांव फूल गए। फौरन डॉक्टर्स को सूचना दी। सीएमएस डॉक्टर दीपक सेठ और डॉक्टर SNCU वार्ड में पहुंचे। तब तक बच्चे की मौत हो चुकी थी। परिवार का आरोप है कि एसएनसीयू वार्ड का स्टाफ मोबाइल पर बिजी था। बच्चे की देखभाल तक नहीं की गई। परिवार ने स्टॉफ पर बच्चे को मार डालने का आरोप लगाया है।

नवजात की मौत से गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। मामले की सूचना पर मंझनपुर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर किसी तरह परिजनों को शांत किया। इंस्पेक्टर मंझनपुर मनीष पांडेय ने बताया कि नवजात के पिता जुनैद अहमद से तहरीर मिली है। कार्रवाई जारी है।

घटना से गुस्साए परिजनों को पुलिस ने मौके पर पहुंचकर किसी तरह शांत कराया। 

14 अगस्त को प्रसव के लिए अस्पताल पहुंची थी महिला

फतेहपुर के हरिश्चंद्रपुर गांव के रहने वाले जुनैद अहमद ने पत्नी मेहिलिका को शुक्रवार शाम यानी 14 अगस्त को जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। शाम 6.15 बजे मेहिलिका ने बेटे को जन्म दिया। परिवार वाले काफी खुश थे। वह निश्चिंत थे कि डिस्चार्ज कराकर घर चले जाएंगे, लेकिन डॉक्टरों ने बच्चे को पूरी तरह से स्वस्थ न होने की बात कही और उसे SNCU वार्ड में शिफ्ट कर दिया।


पूरी रात परिवार के लोगों को नवजात के पास नहीं जाने दिया। रविवार सुबह बच्चे की नानी शबाना उसे देखने गई तो बच्चे का शरीर नीला था और उसके शरीर से धुआं निकल रहा था।

इस तरह हुई घटना। 

जिला अस्पताल के SNCU वार्ड के वॉर्मर में कई घंटे तक नवजात बच्चा हीटिंग पैड पर रखा रहा। ज्यादा तापमान हो जाने के चलते जिंदा जलकर उसकी मौत हो गई। पिता जुनैद ने बताया कि बच्चे का शरीर पूरी तरह से जला था। सीना और पेट का हिस्सा फट रहा था। स्टाफ अपने में व्यस्त था। बच्चे की किसी ने देखरेख नहीं की।

पिता जुनैद का कहना है कि बच्चे के शरीर से धुआं निकल रहा था। उसकी पूरी खाल झुलस गई थी। 

डॉक्टर बोले-गलती हो गई माफ कर दीजिए। 

अस्पताल एसएनसीयू वार्ड में नवजात की मौत की घटना जिसने भी सुनी वह सिहर गया। पिता जुनैद ने बताया कि उन्होंने बच्चे की हालत दिखाते हुए डॉक्टर से सवाल पूछा तो डॉक्टर ने कहा- माफ कर दीजिए गलती हो गई। इतना कह कर वह वहां से चले गए। इसके बाद वह अस्पताल में दिखाई नहीं पड़े। वह उन्हें पहचान सकता है पर नाम नहीं जानता।ध

जन्म के बाद दूध नहीं पी पा रहा था नवजात। 

शनिवार रात डॉक्टर्स ने परिजनों को बताया था कि नवजात दूध नहीं पी पा रहा है। उसे SNCU वार्ड में भर्ती करना पड़ेगा। जुनैद के बड़े भाई जावेद ने बताया कि सुबह जब वह शिशु वार्ड में गए तो स्टाफ मोबाइल में लगा हुआ था कोई बात नहीं सुन रहा था। बच्चे को दूर से देख पाए तो कुछ समझ नहीं आया।


बिना कार्रवाई के परिजन जाने को तैयार नहीं थे। फिलहाल, पुलिस तहरीर ले ली है। मामले की जांच की बात कही है। - 

बिना कार्रवाई के परिजन जाने को तैयार नहीं थे। फिलहाल, पुलिस तहरीर ले ली है। मामले की जांच की बात कही है।

परिजनों ने अस्पताल के सीएमएस व सदर कोतवाली पुलिस से मामले की शिकायत की है। पुलिस ने परिजनों से जानकारी ली है। वहीं, सीएमएस डॉ. दीपक सेठ का कहना है कि जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में बच्चे की मौत की जांच कराई जाएगी। जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

( समाचार एवं चित्र दैनिक भास्कर से साभार ) 





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17/08/2021 6AM NEWS TIMES

 


शुक्रवार, 13 अगस्त 2021

Prayagraj ; पूर्वांचल तक बाढ़ से मुश्किलों में लाखों परिवार।

 प्रयागराज से पूर्वांचल तक बाढ़ से मुश्किलों में लाखों परिवार। “पीने के पानी को तरसते पानी से घिरे लोग”। 

"न खाने को राशन न पीने को पानी”, प्रशासनिक मदद सिर्फ हवाई सर्वेक्षण जैसा जमीनी मदद कागजों तक सीमित, “राहत सामग्री, शेल्टर होम का है हाल बुरा” 

6AM NEWS TIMES, सब्सक्राइब करें। www.6amnewstimes.com 13:08:2021, रविन्द्र यादव लखनऊ 9415461079, 


पूर्वांचल प्रयागराज नदियों में आई बाढ़ की विभीषिका झेल रहे क्षेत्रों में हालात भयावह हैं। बाढ़ के पानी में डूबे घरों में लोग चोरों के भय से रहने को मजबूर हैं, छोटा बघाड़ा के लगभग सैकड़ों घरों में बत्तर हालातों से दो-चार हो रहे हैं क्षेत्रवासी घरों में यही हालात हैं। न बिजली है और न ही पीने को पानी। प्रशासनिक मदद के नाम पर बाढ़ के पानी से घिरे लोगों को काफी परेशानी उठाने के बाद नाव मिली है वो भी हजारों घरों के बीच केवल 5 नावें।


घरों से झांक रही मदद उम्मीदें हो रही निराश। 

 ऐसे में बाढ़ में फंसे लोगों की जिंदगी दांव पर लगी हुई है। शेल्टर होम में भी न पंखा है और न ही मूलभूत सुविधाएं।चारो ओर गंगा ही गंगा नजर आ रही हैं। गंगा की विशाल जलराशि ही दिख रही है। ऐसे में पानी से घिरे लोगों के लिए पानी सबसे कीमती हो चुका है। लोग नाव से मदद को आने जाने वाले लोगों से पानी सबसे पहले मांगते हैं। 

 कई घरों के एक फ्लोर तक पानी में डूबा। 

अनियोजित सस्ती जमीनों के चक्कर में लोगों ने नदियों के क्षेत्र में बना लिया घर। न प्रशासन ने रोका और न ही वे खुद ही मानें। 

छोटा बघाड़ा में बाढ़ पीडि़तों के आधे मकान डूब गए हैं। ऐसे में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। राहत सामग्री के बारे में पूछने पर छोटा बघाड़ा में रहने वाले कहते हैं भाई यह यहां राहत सामग्री डूबते को तिनके का सहारा जैसा है।

पाने से घिरे लोगों के लिए पानी ही सबसे कीमती। 


बाढ़ में घिरे लोगों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। गंगा के बढ़ने जलस्तर से कई मकानों के नीचे का फ्लोर पूरी तरह से डूब चुका है। इसके बावजूद लोग चोरी के डर से अपने घरों के ऊपरी मंजिल पर डटे हुए हैं। न बिजली है और न ही पानी।


पुराने मकानों के धंसने का डर ऊपर से हमेशा सताता रहता है। राम बाबू कहते हैं दिन तो किसी तरह से कट जाता है पर रात नहीं कटती है। हमेशा डर लगा रहता है। बस गंगा मइया का ही भरोसा है।


संगम नगरी में जो लोग बाढ़ में फंसे हैं उनके लिए बाहर निकलने के लिए सिर्फ नावों का ही सहारा है। कई ऐसे लोग भी हैं, जो चोरी से बचने या किसी दूसरी मजबूरी में घर में रह रहे हैं। ऐसे लोग को दूध- दवा और सब्ज़ी जैसे ज़रूरी सामान लेने के लिए नावों से ही आते-जाते हैं। नावें कम होने से लोगों को घंटों इंजतार करना पड़ता है। 



दूध, दवा और सब्जी सबसे बड़ी समस्या, सरकारी मदद नदारद। 

सरकारी मदद या राहत के नाम पर ज़्यादातर लोगों को एक बोतल पानी भी नहीं मिला है। बिजली न आने से लोग मोटर नहीं चला पा रहे हैं जिससे पीने का पानी न मिलना सबसे बड़ी समस्या है।


बाढ़ में फंसे लोग सरकारी कर्मचारियों को देखकर उम्मीद से अपने बारजे पर आ जाते हैं। सभी अपनी अपनी ओर बुलाने लगते हैं। बाल्टियों में रस्सी बांधकर बारजे से लोग लटकाकर सामान ऊपर उठा लेते हैं। बाढ़ में फंसे लोग इस समय छोटी-छोटी चीजों के लिए तरस गए हैं।

तीर्थराज प्रयाग में गंगा और यमुना के उफान से मची तबाही ने वर्ष 2019 का रिकार्ड 85.79 मीटर भी तोड़ दिया है। गंगा और यमुना का जलस्तर बढ़ने का वेग थोड़ा कम हुआ है पर बढ़ना अभी भी जारी है। खतरे के निशान को पांच दिन पहले ही पार कर चुकीं गंगा फाफामऊ में खतरे के निशान से लगभग दो मीटर ऊपर बह रही हैं। गंगा तीन साल पुराने जलस्तर 85.79 मीटर के रिकार्ड को तोड़कर 86.09 मीटर पर बह रही हैं। इसी के साथ यमुना का जलस्तर भी खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर है। यमुना 85.84 मीटर तक पहुंच गई हैं। दोनों नदियों के उफान से जहां पीड़ितों की जिंदगी बेहाल है।

खतरे के निशान से लगभग दो मीटर ऊपर बह रहीं गंगा 

गंगा में लगातार बढ़ते जलस्तर से शात्री ब्रिज का भी आधा हिस्सा डूब गया है।

गंगा सुबह 8 बजे तक

फाफामऊ -86.09 मीटर

छतनाग-85.36 मीटर


यमुना

नैनी -85.84 मीटर

खबरे का निशान-84.73

पिछले 8 घंटे जलस्तर

फाफामऊ (+3cm)

छतनाग (+3cm)

नैनी (+4cm)


( फोटो एवं समाचार के कुछ अंश सोशल मीडिया एवं दैनिक भास्कर से साभार।) 




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13/08 /2021 : 6AM NEWS TIMES


Samajwadi Party Akhilesh yadav ; किसानों के साथ अमानवीय व्यवहार करनेवाली,

 किसानों के साथ अमानवीय व्यवहार करनेवाली भाजपा अब ‘‘किसान सम्मेलन‘‘ करेगी। अखिलेश 

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पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार किसानों के साथ अमानवीय व्यवहार कर रही है। खेत-खलिहान की उसे कोई सुध नहीं है। खेती-किसानी का संकट बढ़ता जा रहा है। अन्नदाता अपनी उपज मूल्य के लिए संघर्ष कर रहा है। न्यूनतम समर्थन मूल्य सिर्फ घोषणाओं तक सीमित रह गया है। भाजपा सरकार की दोषपूर्ण नीतियों और मौसम की मार से किसान हताश हो रहा है।



     अखिलेश यादव ने कहा कि सुना है कि बातों की खेती करने वाली भाजपा उत्तर प्रदेश में ‘‘किसान सम्मेलन‘‘ करेगी। अन्नदाता का मतदाता बनने का समय जब निकट आ गया है तब जाकर भाजपा को किसानों की याद आयी है। किसान भाजपाइयों के बहकावे-फुसलावे में नहीं आने वाला है। 2022 में किसान एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ मतदान करेंगे।

     भाजपा सरकार काले कृषि कानून लागू कर किसानों का गला घोंटना चाहती है। भाजपा का मूल चरित्र पूंजीपति हितैषी है। बड़े उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए ही कृषि कानून लाया गया है। इससे किसान अपनी जमीन का मालिकाना हक खो देगा। गन्ना किसानों का बकाया भुगतान अभी तक नहीं हुआ। खाद-बीज की समस्या जस की जस बनी हुई है। बे-मौसम बारिश एवं बाढ़ से सैकड़ों हेक्टेयर फसल जलमग्न हो गयी है। शासन-प्रशासन की संवेदनहीनता के कारण किसानों को उचित मुआवजा भी नहीं मिल रहा है।

     श्री यादव ने कहा समाजवादी पार्टी की सरकार में किसान प्राथमिकता में था। किसान हित में लिए गए फैसलों से गांव खुशहाल हो रहे थे। मंडियों की स्थापना कर अन्नदाता के फसलों का उचित मूल्य दिलाने का महत्वपूर्ण कार्य हुआ था। लेकिन किसान विरोधी भाजपा ने मंडियों को ध्वस्त कर दिया। अपने हक की लड़ाई लड़ने वाले आंदोलित किसान सरकार को नक्सली नज़र आ रहे हैं। 2022 में अन्नदाता भाजपा को हटाने के लिए संकल्पित है। बाईस में बाइसिकल से ही किसानों के चेहरे पर खुशहाली आयेगी।

बुधवार, 4 अगस्त 2021

UP Irrigation Department ; सीएम योगी एवं जलशक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह के प्रयासों से, 1.70 लाख किसानों को लाभ।

 46 वर्षों से लंबित थी “कृषि और किसान” के लिए सिंचाई परियोजना। 

सीएम योगी के मार्गदर्शन में जलशक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह के प्रयासों ने किया पूरा। 1.70 लाख किसानों को मिल रहा लाभ। 

Ravindra Yadav 6AM NEWS TIMES 

 लम्बित बाण सागर नहर परियोजना के पूरा होने के पश्चात कई वर्षों के बाद मिर्जापुर के जरगो जलाशय में पहुंचा पानी -मुख्य अभियंता , बाण सागर

 लखनऊ :  46 वर्षों से लम्बित बाण सागर नहर परियोजना वर्तमान सरकार द्वारा विशेष ध्यान देकर तेजी से कार्य कराते हुए पूरी करायी गयी है । इस परियोजना को प्रधानमंत्री ने 15 जुलाई , 2018 को लोकार्पण किया था । इसके पूरा हो जाने की लागत 3420.24 करोड़ रुपये है ।

 इस परियोजना से मिर्जापुर व प्रयागराज जनपदों की 150132 लाख हेo भूमि सिंचित हो रही है , जिससे 1.70 लाख किसान लाभान्वित हो रहे हैं । बाण सागर नहर परियोजना के मुख्य अभियंता बी. के. राम ने यह जानकारी देते हुए बताया कि बाण सागर परियोजना के पूरा होने वर्षों बाद इस वर्ष मिर्जापुर के जरगों जलाशय में पानी पहुचा है । इस जलाशय के भरने से जहां एक ओर भूजल रिचार्ज हो रहा है वही दूसरी ओर पशु पक्षियों के लिए पानी उपलब्ध हो रहा है ।

 इसके अलावा मिर्जापुर तहसील के लालगंज , चुनार , हलिया , नारायणपुर , जमालपुर आदि क्षेत्रों के किसानों को सिंचाई के लिए भरपूर पानी उपलब्ध हो रहा है । इसी प्रकार जनपद प्रयागराज की तहसील कोरांव , मेजा , करछना , बारा तथा विकास खण्ड मेजा , माण्डा , कोरांव , जसरा , आदि क्षेत्रों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिल रहा है  । उन्होंने बताया कि इस परियोजना से दोनों जनपदों में खुशहाली के साथ ही किसानों को बढ़ी राहत पहुंची है




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04/08 /2021 6AM NEWS TIMES


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