प्रयागराज से पूर्वांचल तक बाढ़ से मुश्किलों में लाखों परिवार। “पीने के पानी को तरसते पानी से घिरे लोग”।
"न खाने को राशन न पीने को पानी”, प्रशासनिक मदद सिर्फ हवाई सर्वेक्षण जैसा जमीनी मदद कागजों तक सीमित, “राहत सामग्री, शेल्टर होम का है हाल बुरा”
6AM NEWS TIMES, सब्सक्राइब करें। www.6amnewstimes.com 13:08:2021, रविन्द्र यादव लखनऊ 9415461079,
कई घरों के एक फ्लोर तक पानी में डूबा।
अनियोजित सस्ती जमीनों के चक्कर में लोगों ने नदियों के क्षेत्र में बना लिया घर। न प्रशासन ने रोका और न ही वे खुद ही मानें।
छोटा बघाड़ा में बाढ़ पीडि़तों के आधे मकान डूब गए हैं। ऐसे में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। राहत सामग्री के बारे में पूछने पर छोटा बघाड़ा में रहने वाले कहते हैं भाई यह यहां राहत सामग्री डूबते को तिनके का सहारा जैसा है।
पाने से घिरे लोगों के लिए पानी ही सबसे कीमती।
बाढ़ में फंसे लोग सरकारी कर्मचारियों को देखकर उम्मीद से अपने बारजे पर आ जाते हैं। सभी अपनी अपनी ओर बुलाने लगते हैं। बाल्टियों में रस्सी बांधकर बारजे से लोग लटकाकर सामान ऊपर उठा लेते हैं। बाढ़ में फंसे लोग इस समय छोटी-छोटी चीजों के लिए तरस गए हैं।
तीर्थराज प्रयाग में गंगा और यमुना के उफान से मची तबाही ने वर्ष 2019 का रिकार्ड 85.79 मीटर भी तोड़ दिया है। गंगा और यमुना का जलस्तर बढ़ने का वेग थोड़ा कम हुआ है पर बढ़ना अभी भी जारी है। खतरे के निशान को पांच दिन पहले ही पार कर चुकीं गंगा फाफामऊ में खतरे के निशान से लगभग दो मीटर ऊपर बह रही हैं। गंगा तीन साल पुराने जलस्तर 85.79 मीटर के रिकार्ड को तोड़कर 86.09 मीटर पर बह रही हैं। इसी के साथ यमुना का जलस्तर भी खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर है। यमुना 85.84 मीटर तक पहुंच गई हैं। दोनों नदियों के उफान से जहां पीड़ितों की जिंदगी बेहाल है।
खतरे के निशान से लगभग दो मीटर ऊपर बह रहीं गंगा
गंगा में लगातार बढ़ते जलस्तर से शात्री ब्रिज का भी आधा हिस्सा डूब गया है।
गंगा सुबह 8 बजे तक
फाफामऊ -86.09 मीटर
छतनाग-85.36 मीटर
यमुना
नैनी -85.84 मीटर
खबरे का निशान-84.73
पिछले 8 घंटे जलस्तर
फाफामऊ (+3cm)
छतनाग (+3cm)
नैनी (+4cm)
( फोटो एवं समाचार के कुछ अंश सोशल मीडिया एवं दैनिक भास्कर से साभार।)
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