Anti Terrorist Squad (ATS) इस्लामिक शिक्षा के सबसे बड़े केंद्र देवबंद में बनेगा एटीएस कमांडो सेंटर।

 अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद सीएम योगी का बड़ा फैसला इस्लामिक शिक्षा के सबसे बड़े केंद्र देवबंद में बनेगा एंटी टेरेरिस्ट स्क्वायड (ATS) कमांडो सेंटर।  

सब्सक्राइब करें। www.6amnewstimes.com 17: 08:2021, रविन्द्र यादव लखनऊ 9415461079, 

यूपी के सहारनपुर स्थित देवबंद कस्बे में सरकार जल्द ही एटीएस का कमांडो सेंटर खोलने जा रही है। सांकेतिक छायाचित्र

उत्तर प्रदेश :  अफगानिस्तान में तालिबानी कब्जे के बाद उत्तर प्रदेश सरकार सतर्क हो गई। तालिबानी समर्थकों पर लगाम लगाने के लिए योगी सरकार ने सहारनपुर के देवबंद में एंटी टेरेरिस्ट स्क्वायड (ATS) कमांडो सेंटर बनाने का फैसला लिया है। इसके लिए 2 हजार वर्ग मीटर जमीन भी अलॉट हो गई है। तेजी से काम भी शुरू हो गया है।

इस सेंटर में 15 से ज्यादा ATS अफसरों की तैनाती की जाएगी। यहां बड़ी संख्या में ATS कमांडो तैयार किए जाएंगे। मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने ये जानकारी दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा- ‘तालीबान की बर्बरता के बची यूपी की खबर भी सुनिए। योगीजी ने तत्काल प्रभाव से देवबंद में एटीएस कमांडो सेंटर खोलने का निर्णय लिया है। युद्धस्तर पर काम शुरू भी हो गया है। प्रदेशभर से चुने हुए करीब डेढ़ दर्जन तेज तर्रार एटीएस अफसरों की यहां तैनाती होगी’।

मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकार शलभमणि त्रिपाठी ने ट्वीट करके देवबंद में एटीएस कमांडो सेंटर का काम तेजी से चलने की जानकारी दी है।

मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकार शलभमणि त्रिपाठी ने ट्वीट करके देवबंद में एटीएस कमांडो सेंटर का काम तेजी से चलने की जानकारी दी है।

लखनऊ-नोएडा में भी सेंटर का काम जारी। 

देवबंद से पहले लखनऊ और नोएडा में एटीएस का कमांडो ट्रेनिंग सेंटर खोलने की तैयारी चल रही है। लखनऊ में अमौसी और नोएडा में इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास यह सेंटर बनेंगे। दोनों स्थानों पर जमीन फाइनल हो चुकी है। आर्मी व एसपीजी के अफसरों की निगरानी में स्पेशल कमांडो तैयार किए जाएंगे। इन्हें हर वह चीज सिखाई जाएंगी तो आतंकी हमलों के दौरान बचाव-राहत में इस्तेमाल की जाती है।


एटीएस सेंटर के लिए देवबंद ही क्यों?

22 फरवरी-2019 में यूपी एटीएस ने देवबंद से जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकियों शाहनवाज तेली और आकिब अहमद मलिक को गिरफ्तार किया था। खुलासा हुआ कि दोनों आतंकियों को पुलवामा हमले की पहले से खबर थी। यहां से अनेक बार बांग्लादेशी, आईएसआई एजेंट पकड़े जा चुके हैं। देवबंद से 30 किलोमीटर दूर ही सहारनपुर है।


सहारनपुर में करीब 8 से ज्यादा बार आतंकी और आईएसआई एजेंटों की गिरफ्तारी हो चुकी है। देवबंद में 300 से ज्यादा मदरसे हैं। दारूल उलूम होने की वजह से देश-दुनिया के स्टूडेंट्स शिक्षा लेने यहां आते हैं। इल्म की नगरी कहा जाने वाला देवबंद दूर-दूर तक जाना जाता है। पिछले कुछ समय से इसका नाम आतंकी गतिविधियां से जुड़ रहा है। इस वजह से उप्र सरकार ने देवबंद में एटीएस कमांडो सेंटर बनाने का फैसला लिया है।

पश्चिम में होंगे दो कमांडो सेंटर

देवबंद के इस कमांडो सेंटर से देवबंद, सहारनपुर, मेरठ तक का एरिया कवर हो सकेगा। मेरठ में भी एटीएस की स्वात टीम पहले से तैनात है। हालांकि, टीम में संख्या काफी कम है। इसके अलावा एटीएस की एक टीम नोएडा में हर वक्त रहती है। नोएडा और देवबंद में एटीएस के दो कमांडो सेंटर बनने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश का पूरा एरिया कवर हो जाएगा।

देवबंद का आतंकी कनेक्शन

👉  21 फरवरी 2019 को देवबंद से जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकी आकिब और शाहनवाज को यूपी एटीएस ने गिरफ्तार किया था।

👉  14 मई 2019 को गाजियाबाद-शामली समेत कई रेलवे स्टेशनों को बम से उड़ाने की धमकी दी गई। इसमें मेरठ के दो भाई गिरफ्तार हुए। खुलासा हुआ कि दोनों भाई देवबंद में अक्सर ठहरते थे।

👉  17 नवंबर 2020 को दिल्ली पुलिस ने जैश के दो आतंकी गिरफ्तार किए। पता चला कि दोनों देवबंद और सहारनपुर में भी रुके थे।

👉  2019 में अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के हाथों मारे गए मौलाना असीम उमर ने 1993 में देवबंद में पढ़ाई की थी।

👉  अक्तूबर 2017 में मुजफ्फरनगर से गिरफ्तार आतंकी संगटन अंसारुल्ला बांग्ला टीम का सदस्य अब्दुलला देवबंद में रहा और वहीं उसने फर्जी दस्तावेज बनाए।



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