रविवार, 31 जनवरी 2021

UP Board Exam ; शैक्षिक सत्र 2021-22 में एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर लागू कराया जाएगा बदलाव।

योगी सरकार का बड़ा फैसला : साल में दो बार होगी हाईस्कूल व इंटर की परीक्षा, विद्यार्थियों को कम अंक वाले विषयों में नंबर बढ़ाने का मिलेगा दुसरा मौका।

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UP Board Exam: शैक्षिक सत्र 2021-22 में एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर लागू कराया जाएगा बदलाव।

UP Board Exam वर्ष 2023 से यूपी बोर्ड परीक्षा का पैटर्न भी बदलेगा। विद्यार्थियों को ऐसे विषयों में नंबर बढ़ाने का मौका मिलेगा जिनमें उन्हें कम अंक मिले हैं। इंग्लिश मीडियम के सेक्शन भी खोले जाएंगे होंगे बड़े बदलाव।

लखनऊ। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाएं अब साल में दो बार होंगी। वर्ष 2023 से बोर्ड परीक्षार्थियों को यह मौका दिया जाएगा। साल में दो बार बोर्ड परीक्षा होने से विद्यार्थियों को ऐसे विषयों में नंबर बढ़ाने का मौका मिलेगा, जिनमें उन्हें कम अंक मिले हैं।

माध्यमिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने बताया कि बोर्ड के सभी विद्यार्थियों को एक समान रूप से साल में दो परीक्षा देने का मौका दिया जाएगा। विद्यार्थी बिना किसी तनाव के परीक्षा दे सकेंगे, जबकि कोचिंग के प्रति उनका रुझान भी कम होगा। एक बार परीक्षा अपने निर्धारित समय पर होगी और दूसरी बार विद्यार्थियों के परीक्षाफल में सुधार के लिए होगी। 

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत यह बदलाव किए जाएंगे। 

राजकीय माध्यमिक स्कूलों में कक्षा नौ से कक्षा 12 तक के विद्यार्थियों को अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाने की भी व्यवस्था की जाएगी। माध्यमिक स्कूलों में एक सेक्शन अंग्रेजी माध्यम का खोला जाएगा।

अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई के लिए विशेष सरकारी प्राइमरी स्कूल चलाए जा रहे हैं। ऐसे में यह विद्यार्थी जब आगे माध्यमिक स्कूलों में पहुंचेंगे तो वहां भी इन्हें अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई करने का मौका मिल सकेगा। इसके साथ ही विदेशी और शास्त्रीय भाषाओं को भी ऑनलाइन पढ़ाने की व्यवस्था की जाएगी। शैक्षिक सत्र 2021-22 में एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर इसे लागू कराया जाएगा। 

बदलेगा रिपोर्ट कार्ड, एआइ की लेंगे मदद: यूपी बोर्ड के स्कूलों में पढ़ रहे विद्यार्थियों के व्यक्तित्व का संपूर्ण मूल्यांकन कर रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जाएगा। कक्षा नौ के विद्यार्थियों को नए सत्र 2021-22 से ही नया रिपोर्ट कार्ड दिया जाएगा। इस रिपोर्ट कार्ड में विद्यार्थियों के संज्ञानात्मक, भावात्मक और साइकोमोटर डोमेन के आधार पर उनका मूल्यांकन किया जाएगा। यानी विद्यार्थियों के कार्य करने की गति तथा समझने व विश्लेषण की क्षमता सहित अन्य बिंदुओं का आकलन किया जाएगा। शैक्षिक सत्र 2021-22 से ही आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) आधारित साफ्टवेयर तैयार किया जाएगा। वहीं इंटरेक्टिव प्रश्नावली के आधार पर विद्यार्थियों का आकलन किया जाएगा। 

बदलेगा परीक्षा का पैटर्न, पूछे जाएंगे 30 बहुविकल्पीय प्रश्न: यूपी बोर्ड परीक्षा का पैटर्न भी बदलेगा। हाईस्कूल की परीक्षा का वर्ष 2023 और इंटरमीडिएट की परीक्षा का वर्ष 2025 से पैटर्न बदला जाएगा। कक्षा नौ के विद्यार्थियों के लिए नया पैटर्न 2021-22 से ही लागू होगा। प्रश्नपत्र दो भाग में होगा। पहला पेपर एक घंटे का होगा। इस प्रश्नपत्र में 30 प्रश्न बहुविकल्पीय होंगे और इनकी परीक्षा ओएमआर शीट पर कराई जाएगी। दो घंटे का दूसरा प्रश्नपत्र वर्णनात्मक होगा। यह 70 अंक का होगा। इन प्रश्नपत्रों में उच्चतर चिंतन कौशल के प्रश्न भी रखे जाएंगे। 

Panchayat Chunav 2021; इनके प्रत्याशी बनने, पे निर्वाचन आयोग ने लगाई रोक।

   2021 त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में प्रत्याशी बनने वाले ध्यान दे।  

यूपी में भी इनके प्रत्याशी बनने पे निर्वाचन आयोग लगा सकता है रोक। 

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त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में पहली बार मतदाता बनने वाले और चुनाव लड़ने वालों के लिए जरूरी जानकारी है। सरकार में संविदा पर कार्यरत कौन-कौन मुलाजिम चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट कर रखा है।


त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में पहली बार मतदाता बनने वाले और चुनाव लड़ने वालों के लिए जरूरी जानकारी है।

सरकार में संविदा पर कार्यरत कौन-कौन मुलाजिम चुनाव नहीं लड़ सकते हैं, राज्य निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट कर रखा है। यही नहीं, नामांकन करने वाले प्रत्याशियों के प्रस्तावक भी नहीं बन सकते हैं। अगर, प्रस्ताव बने तो पर्चा रद हो जाएगा, और तो और ग्राम के पदों के लिए भी चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। मार्च से मई के बीच प्रस्तावित 2021 त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कौन-कौन कर्मचारी अधिकारी चुनाव लड़ सकते हैं और कौन नहीं पद वार आयोग ने स्पष्ट कर रखा है।

  निर्वाचन आयोग बिहार की तर्ज पर यूपी में भी कर सकता है ये प्रयोग। ?  

 इन कर्मचारियों पर चुनाव लड़ने पे लगी रोक। 


आंगनवाड़ी सेविका, विशेष शिक्षा परियोजना, साक्षरता अभियान, विशेष शिक्षा केंद्रों में मानदेय पर कार्यरत अनुदेशक, पंचायत के अधीन मानदेय, अनुबंध पर कार्यरत पंचायत शिक्षा मित्र, न्याय मित्र, विकास मित्र या अन्य कर्मी, पंचायत के अंतर्गत मानदेय पर कार्यरत दलपति, केंद्र या राज्य सरकार या किसी स्थानीय प्राधिकार से पूर्णत: या आंशिक वित्तीय सहायता प्राप्त करने वाले शैक्षणिक, गैर शैक्षणिक संस्थाओं में कार्यरत, प्रतिनियुक्त पदाधिकारी, शिक्षक, प्रोफेसर, शिक्षकेत्तर कर्मचारी आदि। इसी तरह गृहरक्षक (होमगार्ड) चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। सरकारी वकील (जीपी) लोक अभियोजक (पीपी) सहायक लोक अभियोजक (एपीपी) भी चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। उपरोक्त सभी पदों पर कार्यरत मुलाजिम प्रस्ताव भी नहीं बन सकते हैं। आयोग ऐसे नामांकन पत्र को रद करने के लिए अधिकृत है।

  पंचायत चुनाव में कौन-कौन बन सकते हैं प्रत्याशी।   

पहली बार राज्य निर्वाचन आयोग बिहार में पंचायत चुनाव में पहली बार मतदाता बनने वाले और चुनाव लड़ने वालों के लिए सरकार में संविदा पर कार्यरत कौन-कौन मुलाजिम चुनाव नहीं लड़ सकते हैं ? 

राज्य निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट कर दिया है। सेवानिवृत्त सरकारी सेवक, जन वितरण प्रणाली के लाइसेंस विक्रेता, कमीशन के आधार पर काम करने वाले एजेंट, अकार्यरत गृहरक्षक पंचायत चुनाव लड़ सकते हैं। इसके अलावा सहायक सरकारी वकील एजीपी अपर लोक अभियोजक जो केवल शुल्क पर नियुक्त किए जाते हैं वह भी चुनाव लड़ सकते हैं।




#UP_Panchayat_Election_2021 

UP_Anti_Corruption_Deoria रिटायर्ड एसडीएम सूर्यभान गिरी ने की थी फाइलों में बड़ी हेराफेरी, दर्ज हुआ मुकदमा।

 रुद्रपुर तहसील से रिटायर्ड एसडीएम सूर्यभान गिरी ने की थी फाइलों में बड़ी हेराफेरी, मुकदमा दर्ज। 

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                              सांकेतिक तस्वीर। 

देवरिया के रद्रपुर तहसील में एसडीएम रहे सूर्यभान गिरी ने तैनाती के दौरान 14 फाइलों में हेराफेरी कर एकतरफा फैसला दिया। सीएम योगी ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पेंशन से भरपाई करने का निर्देश दिया है।

यूपी के देवरिया जिले के रुद्रपुर तहसील में एसडीएम रहे सूर्यभान गिरी पर फाइलों में हेराफेरी कर भू माफियाओं के पक्ष में फैसला देने का मुकदमा दर्ज हुआ है। साल 2018 में मामले की शिकायत इसी तहसील के होली पचरुखा गांव के सामाजिक कार्यकर्ता शब्बीर अहमद ने की थी। जांच में आरोप सही साबित हुआ है। सीएम योगी के निर्देश पर गुरुवार देर शाम एसडीएम संजीव कुमार ने पूर्व एसडीएम के खिलाफ धारा 218 के तहत मुकदमा दर्ज कराया। एसडीएम एक साल पहले ही रुद्रपुर तहसील से रिटायर हुए थे।

जानकारी के मुताबिक, सूर्यभान गिरी साल 2018 में रुद्रपुर में एसडीएम थे। इसके पूर्व वह यहां तहसीलदार भी रहे थे। एसडीएम पद पर तैनाती के दौरान उन पर 14 फाइलों में गड़बड़ी कर भूमाफियाओं के पक्ष में एकतरफा फैसला देने का आरोप लगा था। इस पर हौली पचरूखा गांव के शब्बीर अहमद ने इसकी शिकायत शासन में शिकायत की थी।

मंडलायुक्त से कराई गई थी जांच। 

सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मंडलायुक्त से जांच कराई गई। जांच में पूर्व एसडीएम पर मुकदमे से संबंधित फाइलों में हेराफेरी कर सरकारी जमीन कब्जा करने वाले भूमाफियाओं के पक्ष में फैसला देने का आरोप साबित हुआ। इसकी रिपोर्ट शासन में भेजी गई। 

सीएम योगी ने दिए कार्रवाई के निर्देश। 

सीएम योगी आदित्यनाथ ने पूर्व एसडीएम के खिलाफ केस दर्ज कर उनकी पेंशन से सरकारी धन की क्षति की भरपाई करने का निर्देश दिया। शासन के निर्देश पर रुद्रपुर के एसडीएम संजीव कुमार उपाध्याय की तहरीर पर रिटायर एसडीएम सूर्यभान गिरी के खिलाफ रुद्रपुर कोतवाली में धारा 218 के तहत केस दर्ज कराया गया है। कोतवाल जितेंद्र कुमार टंडन ने बताया कि रिटायर्ड एसडीएम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। विवेचना की जा रही है।




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PM_Awas_Yojana; घोटाले में दो बीडीओ विजय शंकर शुक्ला, रत्नेश सिंह सस्पेंड, सीडीओ आरके सिंह, के खिलाफ जांच।

UP पीएम आवास योजना में घोटाला ;   21 अपात्रों के नाम पर हड़पे लाखों रुपये, दो बीडीओ विजय शंकर शुक्ला, रत्नेश सिंह सस्पेंड, सीडीओ आरके सिंह के खिलाफ जांच। 

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हमीरपुर। मौदहा विकास क्षेत्र के छिमौली गांव में प्रधानमंत्री आवास (ग्रामीण) योजना के तहत 21 अपात्र लाभार्थियों के खाते से लाखों रुपए की धनराशि निकाल गबन करने के मामले में दो बीडीओ को सस्पेंड कर दिया गया। यही नहीं, तत्कालीन सीडीओ के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं। गुरुवार को अपर मुख्य सचिव का आदेश आते ही हड़कंप मच गया। 

छिमौली गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना में अधिकारियों की मिलीभगत से बड़ा घोटाला किया गया है। 2018-19 में प्रधानमंत्री आवास (ग्रामीण) योजना के तहत 21 अपात्र लाभार्थियों के खाते से ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, कम्प्यूटर आपरेटर की मिलीभगत से लाखों रुपए की धनराशि निकालकर हड़प ली गई थी।

तत्कालीन बीडीओ विजय शंकर शुक्ला व प्रभारी बीडीओ रत्नेश सिंह के समय यह घोटाला किया गया। बीडीओ विजय शंकर शुक्ला इस समय जिले के गोहांड में तैनात हैं जबकि रत्नेश सिंह जिला ग्राम विकास प्रशिक्षण संस्थान मौदहा में जिला प्रशिक्षण अधिकारी के पद पर तैनात हैं।

मामले की शुरुआती जांच में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी को पहले ही निलम्बित किया जा चुका है जबकि कम्प्यूटर आपरेटर के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसकी सेवाएं समाप्त कर दी गईं। घोटाले को लेकर मौदहा कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। छिमौली गांव के प्रधान भी नामजद हैं।

वहीं, पूरे मामले को शासन ने गंभीरता से लिया। अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने इस प्रकरण में गोहांड के बीडीओ विजय शंकर शुक्ला व जिला प्रशिक्षण अधिकारी रत्नेश सिंह को निलम्बित कर दिया। दोनों अधिकारियों को आयुक्त ग्राम विकास उत्तर प्रदेश लखनऊ से सम्बद्ध किया गया है।

इसके अलावा तत्कालीन सीडीओ आरके सिंह के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए है। इसके लिए संयुक्त विकास आयुक्त चित्रकूट धाम बांदा मंडल को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। सीडीओ आरके सिंह सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इसलिए इनके खिलाफ अलग से आरोप पत्र तैयार होंगे। मामला उजागर होने के बाद 23.60 लाख रुपए की धनराशि की वसूली भी कराई जा चुकी है। गुरुवार को कार्रवाई का पत्र आते ही दिनभर विभाग में हड़कंप की स्थिति रही।




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शुक्रवार, 29 जनवरी 2021

Bjp UP_Panchayat_Election ; पंचायत चुनाव से पहले गांव - गांव में अपना जनाधार मजबूत करेगी भाजपा।

 पंचायत चुनाव से पहले गांव - गांव में अपना जनाधार मजबूत करेगी भाजपा, शुरू हुआ गांव - गांव अभियान। 

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              भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह। 

उत्तर प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए बीजेपी ने प्रदेश से लेकर मंडल स्तर तक के लिए रणनीति तय की है। भाजपा गुरुवार से संगठन का बड़ा अभियान शुरू करने जा रही है। प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने पश्चिम यूपी के सहारनपुर से मंडल स्तर की बैठकों की शुरुआत किया , 3 फरवरी तक चलेगा। 

👉  बीजेपी की मंडल स्तर पर बैठकों शुरू हुई । 

👉  स्वतंत्र देव सिंह सहारनपुर से शुरू किया अभियान। 
👉  पंचायत चुनाव योगी सरकार आने के चार साल बाद होंगे। ?

उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव से ठीक पहले बीजेपी ग्रामीण स्तर पर अपने जनाधार को मजबूत करने की कवायद में जुट गई है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए बीजेपी प्रदेश से लेकर मंडल स्तर तक के लिए रणनीति तय की गई है. भाजपा गुरुवार से संगठन का बड़ा अभियान शुरू करने जा रही है. प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह पश्चिम यूपी के सहारनपुर से मंडल स्तर की बैठक की शुरुआत करेंगे, जो 3 फरवरी तक चलेगा. इस दौरान पार्टी पदाधिकारी लगातार अलग-अलग यानी सूबे के कुल 1600 संगठनात्मक मंडलों में बैठक कर गांव और जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने का काम करेंगे. 


प्रदेश के पंचायत चुनाव के लिए मंडलों को मथने का सिलसिला बीजेपी शुरू कर रही है। पहले दिन प्रदेश अध्यक्ष सहारनपुर के गागलहेड़ी मंडल में बैठक कर चुनावी तैयारियों की समीक्षा। वहीं, प्रदेश उपाध्यक्ष व पंचायत चुनाव प्रभारी विजय बहादुर पाठक ने बताया कि सभी 1600 ग्रामीण संगठनात्मक मंडलों में बैठकों के माध्यम से चुनाव को लेकर मंत्रणा होगी। 


उन्होंने बताया कि इन सभी मंडलों में पंचायत चुनाव को लेकर बैठक की कार्ययोजना बनाई गई है. इन बैठकों में मंडल के प्रभारी, मंडल अध्यक्ष, सेक्टर प्रभारी, सेक्टर संयोजक, मंडल स्तर के पदाधिकारी, उस मंडल में निवास करने वाले जिला पंचायत वार्ड के संयोजक, प्रभारी और पंचायत चुनाव के ब्लाक संयोजक शामिल होंगे. पंचायत चुनाव को लेकर अब तक की तैयारी की समीक्षा होगी और जिला पंचायत के हर वार्ड को जीतने की रणनीति बनाई जाएगी.



बीजेपी अभी तक पंचायत चुनाव की तैयारी के लिए जिले स्तर की बैठक कर सियासी नब्ज को समझने की कवायद की है. इन बैठकों को प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, प्रदेश प्रभारी राधामोहन सिंह, सह प्रभारी सुनील ओझा, प्रदेश के सह संगठन महामंत्री भवानी सिंह संबोधित कर चुके हैं. अब अगले चरण में मंडल स्तर की रणनीति बनाई गई है. यह जिले के बाद की संगठनात्मक इकाई है और माना जा रहा है कि बीजेपी गांव स्तर तक पहुंचने की योजना पर काम कर रही है. 

योगी सरकार के चार साल पूरे होने पर होंगे चुनाव? यूपी पंचायत चुनाव को लेकर अभी तक आरक्षण का प्रारूप सामने नहीं आया है, जिस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं. ऐसे में ग्राम प्रधान, क्षेत्र और जिला पंचायत चुनाव के लिए अधिसूचना जारी होने की देर हो सकती है. हालांकि, सरकार ने 15 फरवरी तक पंचायतों के आरक्षण की स्थिति स्पष्ट हो जाने की बात कही है, लेकिन सरकार जिस तरह से अभी तक सिर्फ मंथन ही कर रही है. ऐसे में योगी सरकार के चार साल पूरे होने के बाद ही पंचायत चुनाव कराने की संभावना बन रही है. 

  उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के चार साल 19 मार्च पूरे हो रहे हैं।  

 ऐसे में सरकार अपने चार साल के काम काज का जश्न मनाने के साथ ही उसे जनता के बीच ले जाने की रणनीति बनाई है. अगर उससे पहले अधिसूचना जारी होती है तो आचार संहिता लागू हो जाएगी और सरकार ऐसा नहीं कर पाएगी. लिहाजा पंचायत चुनावों की अधिसूचना 19 मार्च के बाद ही जारी होने की संभावना मानी जा रही है. इस लिहाज से पंचायत चुनाव में देरी हो सकती है.




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UP Panchayat Chunav : किसान आंदोलन, और मार्च में चार वर्षं की उपलब्धियों का जश्न बना देरी......

 पंचायत चुनाव में देरी ये बनी वजह ; पहला किसान आंदोलन, दुसरा। सरकार की मंशा 19 मार्च को चार साल की उपलब्धियों का जश्न मनाने के बाद...... 

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त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का इंतजार थोड़ा बढ़ सकता है। ग्राम, क्षेत्र व जिला पंचायत के चुनाव अब मार्च के बजाय अप्रैल में होने की संभावना है। इसकी प्रक्रिया 19 मार्च को प्रदेश सरकार के कार्यकाल के चार साल पूरा होने के बाद प्रारंभ हो सकती है।

चुनाव चार चरणों में 15 से 30 अप्रैल के बीच कराए जा सकते हैं। एकाध चरण का मतदान मई में भी जा सकता है। त्रिस्तरीय पंचायतों के निर्वाचन क्षेत्रों (वार्डों) के आरक्षण की नीति का शासनादेश 15 फरवरी तक जारी हो सकता है।

राज्य सरकार की मंशा पहले फरवरी के तीसरे सप्ताह से चुनाव प्रक्रिया प्रारंभ कराकर 20 मार्च से 10 अप्रैल के बीच चुनाव संपन्न कराने की थी। इस पूर्व अनुमानित कार्यक्रम को लगभग एक माह आगे बढ़ाने की तैयारी है। अब मार्च के तीसरे सप्ताह में चुनाव कार्यक्रम जारी कराकर अप्रैल के अंत तक मतदान कराए जा सकते हैं।

सूत्रों के मुताबिक इस चुनाव के लिए आरक्षण नीति को अंतिम रूप दे दिया गया है। अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह 15 फरवरी के आसपास इसका शासनादेश जारी कर सकते हैं। आरक्षण की व्यवस्था चक्रानुक्रम में रहेगी। इसमें यह शर्त जोड़ी जा सकती है कि यदि कोई सीट 2015 में अनुसूचित जाति या पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित थी तो इस बार यथासंभव इन वर्गों के लिए आरक्षित न की जाए।

आचार संहिता में जश्न नहीं मना पाएगी सरकार। इसलिए भी बढ़ा समय। 

चुनाव आगे बढ़ाने के पीछे दो कारण माने जा रहे हैं। पहला यह कि 19 मार्च को राज्य सरकार के कार्यकाल के चार साल पूरे हो रहे हैं। सरकार की मंशा चार साल की उपलब्धियों का जश्न मनाने और उन्हें जनता के बीच ले जाने की है। इसके लिए सरकार और भाजपा संगठन, दोनों ही स्तर पर अभियान चलाने की योजना है। फरवरी के तीसरे सप्ताह में चुनाव कार्यक्रम जारी हुआ तो आचार संहिता लगने से सरकार यह जश्न नहीं मना पाएगी।

किसान आंदोलन बन रही बड़ी वजह। 

दूसरी वजह किसान आंदोलन माना जा रहा है। पश्चिमी यूपी के गांवों की दिल्ली के किसान आंदोलन में भागीदारी रही है। इसका असर चुनाव पर न पड़े, सरकार इस पर भी विचार कर रही है। समय मिलने पर आंदोलन से पनपी नाराजगी दूर कर ली जाएगी।

24 जून से पहले कराने होगें हैं चुनाव। 

ग्राम पंचायतों में 24 दिसंबर की आधी रात को छह माह के लिए प्रशासक तैनात किए गए हैं। इस लिहाज से राज्य सरकार को 24 जून तक ग्राम पंचायतों की चुनाव प्रक्रिया पूरी करनी है। इसी बार ग्राम, क्षेत्र और जिला पंचायत चुनाव एक साथ होंगे।


चुने जाएंगे 58194 प्रधान

चुनाव में इस बार 8,69,814 प्रतिनिधि चुने जाएंगे। इनमें 75 जिला पंचायत अध्यक्ष, 826 ब्लॉक प्रमुख, 58194 ग्राम प्रधान, 75855 बीडीसी सदस्य, 3051 जिला पंचायत सदस्य और 7,31,813 ग्राम पंचायत सदस्य चुने जाएंगे। निर्वाचित होने वाले पंचायत प्रतिनिधियों की तादाद पिछले चुनाव की तुलना में 15640 कम रहेगी।

up panchayat Chunav ; सरकार ने अपनी सुविधा के अनुसार आरक्षण के चार फॉर्मूले किए तैयार।

योगी सरकार ने अपनी सुविधा के हिसाब से आरक्षण के चार फॉर्मूले किए तैयार, 20 फरवरी के बाद... 

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भाजपा और यूपी सरकार दोनों का मानना है कि पिछले चुनाव में आरक्षण सपा सरकार ने अपनी सुविधा के हिसाब से करवाया था इसलिए पुराना फॉर्मूला नहीं चलेगा।

उत्तर प्रदेश में होने जा रहे त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में सीटों के आरक्षण का नया फॉर्मूला ही लागू होगा। हालांकि यह फॉर्मूला भी चक्रानुक्रम पर ही आधारित होगा। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पंचायतीराज विभाग ने प्रदेश सरकार को चार फॉर्मूलों का एक प्रस्ताव तैयार कर भेजा गया है। इन्हीं में से किसी एक फॉर्मूले पर योगी सरकार को निर्णय लेना है।

 फिलहाल यह तय हो गया है कि इस नये फॉर्मूले से ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत सदस्य और ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष यानि यह सभी छह पद प्रभावित होंगे। बताते चलें कि वर्ष 2015 में हुए त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में तत्कालीन सपा सरकार ने ग्राम पंचायतों के सदस्य व ग्राम प्रधान की सीटों का आरक्षण शून्य घोषित कर उसे नये चक्रानुक्रम के हिसाब से करवाया गया था। 

मौजूदा सत्तारूढ़ भाजपा और प्रदेश सरकार दोनों का ही यह मानना है कि पिछले चुनाव में पंचायत चुनाव का आरक्षण तत्कालीन प्रदेश सरकार ने अपनी सुविधा के हिसाब से तय करवाया था इसलिए इस बार चक्रानुक्रम का पुराना फॉर्मूला नहीं चलेगा।

20 फरवरी के बाद सार्वजनिक होगा फॉर्मूला। 

यह भी जानकारी में आया है कि आरक्षण का यह नया फॉर्मूला आगामी 20 फरवरी के बाद ही सार्वजनिक किया जाएगा । 👉  क्योंकि प्रदेश सरकार ने अब पंचायत चुनाव अप्रैल व मई के महीनों में करवाने का मन बना लिया है। अब यह तय किया गया है कि होली के ठीक पहले यानि मार्च के बाद किसी भी दिन पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी की जाएगी और अप्रैल व मई के महीनों में त्रि-स्तरीय चुनाव की पूरी प्रक्रिया सम्पन्न करवायी जाएगी।

चार चरणों में ही होगा चुनाव। 

राज्य निर्वाचन आयोग के सूत्रों का कहना है कि पूरे प्रदेश में चार चरणों में ही चुनाव होगा। एक जिले के सभी विकास खंडों को चार हिस्सों में विभाजित करके एक-एक हिस्से के नामांकन दाखिले और मतदान की तारीखें तय की जाएगी। एक हिस्से के मतदान से दूसरे हिस्से के मतदान में तीन दिन का अंतर होना चाहिए।



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गुरुवार, 28 जनवरी 2021

Election-Commission चुनाव ड्यूटी के लिए 20 हजार कर्मचारियों..... ।

 यूपी पंचायत चुनाव : निर्वाचन आयोग की चुनाव की तैयारियों में तेजी, ड्यूटी के लिए बनाई 20 हजार कर्मचारियों की लिस्ट। 

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त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिये निर्वाचन विभाग की तैयारियां जोरों पर हैं। प्रशासन चुनाव कराने के लिये कार्मिक की ड्यूटी की तैयारी कर चुका है। इसके लिये निर्वाचन आयोग के पोर्टल पर जिले के सभी विभागों से कार्मिक का डाटा फीड कराया गया है। डीएम के निर्देश पर सभी विभागाध्यक्षों ने सभी कर्मचारियों से डाटा फीड कराने को कहा था, काफी प्रयास के बाद फीडिंग का कार्य सफल हो गया है।

जिला निर्वाचन विभाग पंचायत ने कार्मिक डाटा की रिपोर्ट सोमवार को कमिश्नर को भेज दी है। जिसके अनुसार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिये कार्मिक ड्यूटी का कार्य पूरा हुआ है। निर्वाचन विभाग को डाटा फीडिंग में बीस हजार 208 कर्मचारियों का डाटा फीड हो गया है। अब त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में 20 हजार 208 कर्मचारी चुनाव का कार्य करेंगे। बतादें कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को दस फीसदी अतिरिक्त कर्मचारी मिलाकर 18 हजार 500 कर्मचारियों की जरूरत है।

मगर जिला प्रशासन ने इससे ज्यादा संख्या में डाटा तैयार कराया है, इसमें प्रशासन ने 20 हजार से ज्यादा कर्मचारी तैयार किए हैं, यह कर्मचारी चुनाव कराने को तैयार हुये हैं। निर्वाचन आयोग को भी कार्मिक डाटा की जानकारी दे दी गई है। वहीं अब शासन से अधिसूचना जारी होने का इंतजार किया जा रहा है। अधिसूचना के बाद कार्मिक डाटा का काम शुरू हो जाएगा। बदायूं के एडीएम प्रशासन ऋतु पूनिया ने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिये तैयारियां तेजी से चल रही हैं।। 

कार्मिक ड्यूटी का कार्य कराने को कर्मचारियों का डाटा फीडिंग पूरा हो गया है। 20 हजार से अधिक कर्मचारियों का डाटा फीड हो चुका है। अधिसूचना का प्रशासन को इंतजार है, अधिसूचना के बाद अगला कार्य शुरू हो जाएगा।

Green_Tax_On_Old_Vehicles ; 15 साल पुराने वाहनों का पंजीकरण नहीं उन्‍हें स्क्रैप किया जाएगा।

 1 अप्रैल 2022 से लागू होगा,Old_Vehicles_Tax  

प्रस्ताव को मिली मंजूरी। 15 साल पुराने वाहनों का पंजीकरण नहीं उन्‍हें स्क्रैप किया जाएगा,आम जनता नए वाहन खरीदने के लिए प्रोत्साहित होगी....

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          केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पुराने वाहनों पर ग्रीन टैक्‍स लगाने के प्रस्‍ताव को मंजूरी दे। 

नई दिल्‍ली. केंद्र सरकार प्रदूषण (Pollution) के मद्देनजर पुराने वाहनों पर ग्रीन टैक्स लगाने की तैयारी कर रही है. इसी कड़ी में केंद्रीय सड़क, परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने प्रदूषण फैलाने वाले पुरानी वाहनों पर ग्रीन टैक्स के तौर पर शुल्‍क लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अब इस प्रस्ताव को विचार-विमर्श के लिए राज्यों को भेजा जाएगा। राज्‍यों से हरी झंडी मिलने के बाद इस टैक्‍स को अधिसूचित कर दिया जाएगा। सड़क, परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के मुताबिक, 8 साल से पुराने वाहनों पर फिटनेस सर्टिफिकेट के नवीकरण के समय रोड टैक्स का 25 फीसदी तक ग्रीन टैक्स वसूला जा सकता है। 

परिवहन वाहनों के साथ ही निजी वाहनों पर भी ग्रीन टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया गया है। मंत्रालय के मुताबिक, निजी वाहनों से 15 साल के बाद व्हीकल रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करने पर ग्रीन टैक्स वसूला जाएगा। वहीं, सार्वजनिक परिवहन वाहनों मसलन सिटी बसों से कम ग्रीन टैक्स वसूला जाएगा। शहरों में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हायर ग्रीन टैक्स वसूलने का भी प्रावधान किया गया है। वाहनों पर कितना टैक्स लगाना है कई मापदंडों पर निर्भर करेगा। वाहन के ईंधन और उसके टाइप के आधार पर ग्रीन टैक्‍स लिया जाएगा। स्ट्रांग हाइब्रिड, इलेक्ट्रिक, वैकल्पिक ईंधनों मसलन सीएनजी, इथेनॉल या एलपीजी से चलने वाले वाहनों को छूट मिलेगी। कृषि कार्यो में इस्तेमाल होने वाले ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, टिलर को भी इस दायरे से बाहर रखा जाएगा।

 ग्रीन टैक्स के तौर पर वसूली गई राशि यहां जमा रहेगी। 

वाहनों से ग्रीन टैक्स के तौर पर वसूली गई राशि को एक अलग नकाउंट में जमा किया जाएगा।  इस राशि का इस्तेमाल प्रदूषण से निपटने के लिए किया जाएगा। इसके अलावा इस राशि का इस्तेमाल राज्य उत्सर्जन की निगरानी करने में भी कर सकेंगे। प्रदूषण नियंत्रण के साथ साथ ग्रीन टैक्स लागू करने से आम जनता को नए वाहन खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक और प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इस प्रस्ताव में प्रावधान है कि सरकारी विभागों और सार्वजनिक उपक्रमों के 15 साल से अधिक पुराने वाहनों का पंजीकरण नहीं किया जाए। इसके बजाय उन्‍हें स्क्रैप किया जाएगा। इस प्रस्ताव को देशभर में 1 अप्रैल 2022 से लागू किया जाएगा। 

  ऐसे 5 फीसदी वाहन सबसे ज्यादा फैलाते हैं प्रदूषण। 

राज्यों, शहरों, कस्बों या गांवों को सबसे ज्यादा कमर्शियल वाहन प्रदूषित करते हैं। एक अनुमान के मुताबिक देश में कुल वाहनों का महज 5 फीसदी ही कमर्शियल वाहन हैं। ये 5 फीसदी वाहन कुल वाहन प्रदूषण का 65-70 फीसदी तक योगदान करते हैं। इनमें 2000 से पहले के बने वाहन महज 1 फीसदी हैं, लेकिन ये 15 फीसदी प्रदूषण फैलाने के लिए जिम्मेदार हैं। आधुनिक वाहनों से अगर तुलना करें तो पुराने वाहन 10 से 15 गुना अधिक प्रदूषण उत्सर्जित करते हैं। 



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UP_Kanpur_Criminals_Vikas_Dubey ; विकास दुबे की पत्नी और जय बाजपेई के खिलाफ ईडी जांच ठंडे बस्ते में।

 बिकरू कांड के मास्टर माइंड आतंकवादी विकास दुबे की पत्नी एवं सहयोगी जय बाजपेई के खिलाफ ईडी जांच ठंडे बस्ते में ? 

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बिकरू कांड के मास्टर माइंड विकास दुबे और उसके सहयोगी जय बाजपेई के खिलाफ जांच कर रही ईडी के जांच अधिकारी का ट्रांसफर हो गया है। नए जांच अधिकारी की नियुक्ति न होने से फिलहाल इस मामले में कुछ नहीं हो रहा है।

      गैंगस्टर जय बाजपेई और विकास दुबे (फाइल फोटो) 

एडवोकेट सौरभ भदौरिया को भी सोमवार को ईडी कार्यालय से बैरंग लौटा दिया गया। भदौरिया ने जय की संपत्तियों को लेकर ईडी में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसकी जांच भी शुरू कर दी गई थी।

इसके बाद वह सोमवार को संपत्ति से जुड़े कुछ और दस्तावेज लेकर ईडी कार्यालय लखनऊ पहुंचे। भदौरिया ने बताया कि वहां से उन्हें यह कहकर वापस कर दिया गया कि इस मामले में जो जांच अधिकारी हैं, उनका दिल्ली तबादला हो गया है। उनकी जगह नए जांच अधिकारी नियुक्त नहीं हो सका है। नए जांच अधिकारी के आने के बाद ही दस्तावेज लिए जा सकेंगे। 

दावा जल्द लगेगी चार्जशीट। 

चौबेपुर में फर्जी शपथपत्र देकर शस्त्र लाइसेंस बनवाने और दूसरी आईडी पर सिम कार्ड इस्तेमाल करने के मामले में दो एफआईआर दर्ज हुई थी। एसपी ग्रामीण बृजेश श्रीवास्तव ने बताया कि दोनों मामलों में जल्द ही चार्जशीट लगा दी जाएगी।

एसआईटी जांच में हुआ था खुलासा। 

बिकरू कांड में एसआईटी जांच में खुलासा हुआ कि जय ने जब अपना शस्त्र लाइसेंस बनवाया था तो उसमें फर्जी शपथ पत्र दाखिल किया था जिसमें आपराधिक इतिहास जय ने छिपाया था। वहीं उसका सिम फेक आईडी पर पाया गया था। एसआईटी ने इन दोनों मामले में एफआईआर की संस्तुति की थी। 

बुधवार, 27 जनवरी 2021

UP-Jal-Shakti-Mantri, डॉ महेंद्र सिंह द्वारा श्री राम मंदिर के भव्य निर्माण महायज्ञ हेतु सपरिवार एवं शुभचिंतकों के सहयोग से 39,11,950/ धनराशि समर्पित की।

 श्री राम मंदिर भव्य, दिव्य निर्माण महायज्ञ।   

डाॅ महेंद्र सिंह एवं धर्म पत्नी जी,एवं सुपुत्र, व सुपुत्री एवं स्वजनों तथा सम्मानित श्रद्धालु समाजसेवियों की तरफ से, 39,11,950 , धनराशि समर्पित की। 


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समर्पण धनराशि अवध क्षेत्र के प्रांत प्रचारक श्री कौशल जी भाईसाहब को चैक द्धारा प्रदान की।

उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डॉ.महेन्द्र सिंह ने आज लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास पर अयोध्या मे भगवान श्री राम के भव्य, दिव्य मंदिर निर्माण हेतु श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र को अपने परिवार(धर्म पत्नी जी,एवं सुपुत्र, व सुपुत्री ) तथा स्वजनों की तरफ 7,22,205 तथा सम्मानित श्रद्धालु समाजसेवियों की तरफ से , 31,89,745,की समर्पण धनराशि अवध क्षेत्र के प्रांत प्रचारक कौशल जी को चैक द्धारा प्रदान की।


इस अवसर पर अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए डॉ.सिंह ने कहा कि परम यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के स्तुय संरक्षण एवं उ.प्र.के जनप्रिय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के कुशल मार्ग दर्शन मैं श्रीराम मंदिर निर्माण का सदसंकल्प आज पूज्य संत महात्माओं के अशीम आशीर्वाद व जनसहभागिता से पूर्ण हो रहा है।

वह एक अचल अमल आध्यात्मिक युग का शुभारंभ कहा जा सकता है।आपने इस पुनीत यज्ञ मे सभी सम्मानित जनों से यथा सामर्थ्य सहयोग आहुति की अपील की।



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UP_Panchayat_Election_2021 ; भाजपा की ब्लॉक प्रमुख की सीटों पर पूरी करली कब्जे तैयारी।

 ब्लॉक प्रमुख अपना बनाने की तैयारी में भाजपा 

  यूपी भाजपा गोरखपुर, आजमगढ़ और बस्ती मंडल में जिला पंचायत सदस्य की 551 सीटों पर चुनाव लड़ेगी

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गोरखपुर, आजमगढ़ व बस्ती मंडल के दस जिलों में चुनाव लड़ने का खाका तैयार

नगर निगम का दायरा बढ़ने व नई नगर पंचायतों के बनने से जिला पंचायत सदस्य की 25 सीटें कम हुईं

भाजपा गोरखपुर, आजमगढ़ और बस्ती मंडल की जिला पंचायत सदस्य की 551 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इसका खाका सोमवार को तैयार कर लिया गया। आरक्षण और चुनाव की तारीखें तय होने के साथ ही प्रत्याशियों के नाम का एलान किया जाएगा। यह पहला मौका होगा, जब पार्टी सभी सीटों पर अधिकृत प्रत्याशियों के साथ चुनाव मैदान में उतरेगी।

नगर निगम का दायरा बढ़ने और नई नगर पंचायतों के बनने से गोरखपुर, बस्ती और आजमगढ़ मंडल से जुड़े दस जिलों में जिला पंचायत सदस्य की 25 सीटें कम हो गई हैं। 2015 के चुनाव में जिला पंचायत सदस्य की 551 सीटें थीं। यह संख्या अब 526 रह गई हैं। सबसे ज्यादा सात सीटें कुशीनगर में कम हुई हैं।

गोरखपुर में पांच सीटें कम हो गई हैं। महराजगंज, बस्ती, संतकबीरनगर में भी सीटों का गणित बदला है। देवरिया, मऊ में सीटों की संख्या में कोई फेरबदल नहीं हुआ। आजमगढ़ व बलिया में भी सीटें कम हुई हैं।

     जिला पंचायत की सीटें  

जिले           2021      2015 

गोरखपुर        68           73

कुशीनगर        61          68

देवरिया.           56         56, 

महराजगंज       47          49,

बस्ती.               43          46

सिद्धार्थनगर       45           48, 

संतकबीरनगर     30            32, 

आजमगढ़           84            86, 

मऊ                    34            34, 

बलिया                 58             59

ब्लॉक प्रमुख अपना बनाने की तैयारी में भाजपा

भाजपा ने क्षेत्र पंचायत चुनाव से भले ही दूरी बनाई है लेकिन ब्लॉक प्रमुख अपना बनाने की कवायद में जुटी है। पार्टी नेताओं का कहना है कि जो प्रत्याशी जीतकर आएंगे, उनसे बातचीत की जाएगी। भाजपा समर्थित आसानी से तैयार हो जाएंगे। गोरखपुर क्षेत्र के 10 जिलों में 147 ब्लॉक हैं। गोरखपुर में एक ब्लॉक भर्रोहिया बढ़ा है। 2015 में इस क्षेत्र के 146 ब्लॉकों में चुनाव हुआ था।

ग्राम पंचायत चुनाव से दूर रहेगी पार्टी।   

गोरखपुर, बस्ती और आजमगढ़ में 11339 ग्राम पंचायतें हैं। इनका चुनाव भी जिला पंचायत के साथ कराया जाएगा लेकिन भाजपा चुनाव से दूर रहेगी। पार्टी नेताओं का कहना है कि एक ग्राम पंचायत क्षेत्र से 15-20 उम्मीदवार खड़े होते हैं। ऐसे में भाजपा प्रत्याशी या समर्थित प्रत्याशी उतारा गया तो नाराजगी बढ़ेगी। इसका नुकसान आगामी 2022 के विधानसभा चुनाव में हो सकता है। ग्राम पंचायत की सर्वाधिक 1872 सीटें आजमगढ़ में तो 1354 सीटें गोरखपुर में हैं।  

15 फरवरी तक चुनाव का एलान संभव। 

पंचायत चुनाव का एलान 15 फरवरी तक संभव है। इसकी तैयारी में राज्य निर्वाचन आयोग जुटा है। जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत और ग्राम पंचायत सीटों की संख्या तय हो गई है। जल्द ही आरक्षण तय हो जाएगा, फिर चुनाव की तारीखें तय की जाएंगी।  

28 जनवरी से 3 फरवरी के बीच मंडल स्तरीय बैठकें। 

भाजपा की क्षेत्रीय और जिला इकाई ने पंचायत चुनाव की तैयारी तेज कर दी है। इसी सिलसिले में क्षेत्रीय अध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र सिंह ने सोमवार को बेनीगंज स्थित पार्टी कार्यालय में बैठक भी की। क्षेत्रीय अध्यक्ष ने कहा कि 28 जनवरी से तीन फरवरी के बीच मंडल स्तरीय बैठकें होंगी। गोरखपुर, बस्ती और आजमगढ़ मंडल से जुड़े 10 जिलों में 286 मंडल हैं।



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मंगलवार, 26 जनवरी 2021

UP-Ambulance-Accident प्रकृति से टकराने की जिद्द में हुई 5 लोगों की मौके पर मौत

 Accident in UP : प्रकृति से टकराने का नतीजा मौके पर 5 लोगों की मौत उजड़ गए कई परिवार। 

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                       भदोही में एम्बुलेंस दुर्घटना। 

भदोही में तेज रफ्तार एम्बुलेंस खड़े ट्रक से टकराई , पांच लोगों की मौके पर कई मौत । भयंकर कोहरे के बाद भी सड़कों पर वाहनों की रफ्तार पर नियंत्रण नहीं है । इसका कहर मंगलवार को कारपेट नगरी भदोही में देखने को मिला , जहां पर तेज रफ्तार एम्बुलेंस सड़क के किनारे खड़े ट्रक गई । तड़के हुए इस हादसे में पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई ।


 भदोही में गोपीगंज कोतवाली क्षेत्र में वाराणसी-प्रयागराज हाई-वे पर अमवा गांव के पास तेज रफ्तार एम्बुलेंस खड़े ट्रक में जा घुसी। गोपीगंज थाना क्षेत्र के अमवा माधोपुर के पास राजमार्ग पर मंगलवार को भोर में ढाबा के सामने खड़े कंटेनर में पीछे से आ रही एम्बुलेंस भिड़ गई। हादसे में दो चालक समेत पांच लोगों की मौत हो गई। एम्बुलेंस आसनसोल पश्चिम बंगाल से शव लेकर चित्तौड़गढ राजस्थान जा रही थी। घटना का कारण चालक को झपकी आना बताया जा रहा है । घटना की जानकारी स्वजनों को दे दी गई है। 


चित्तौड़गढ राजस्थान निवासी सूरजपाल सिंह का 30 वर्षीय पुत्र विपिनपाल सिंह कोल इंडिया आसनसोल में कार्यरत था। विपिन की मौत हो गई थी। उसके बड़े भाई नवनीत सिंह दिल्ली निवासी मित्र राजवीर के साथ आसनसोल से शव लेकर आसनसोल निवासी राकेश के साथ चित्तौड़गढ लौट रहे थे l उसमें सवार दो अज्ञात एंबुलेंस चालक सहित नवनीत कुमार, राजवीर और राकेश की मौके पर मौत हो गई ।मौके पर पहुंची पुलिस ने सभी पांच शवों को पोस्टमॉर्टम भेज दिया है। पुलिस हादसे की जांच में जुट गई है। इसके साथ ही मृतकों के स्वजनों से सम्पर्क साधा गया है। 

UP-CRIMINALS लखनऊ में नशेबाजी में MBA छात्र अंकुर तिवारी को मारी गोली,

 लखनऊ में नशेबाजी में MBA छात्र अंकुर तिवारी को मारी गोली, परिचित आरोपित गिरफ्तार ; बोला गलती हो गई। 

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                            घायल अंकुर तिवारी 


लखनऊ के गोमतीनगर क्षेत्र में देर रात हुई घटना। छात्र की हालत गंभीर, लोहिया अस्पताल में भर्ती।

लखनऊ के गोमतीनगर क्षेत्र में देर रात हुई घटना। छात्र की हालत गंभीर लोहिया अस्पताल में भर्ती। हमलावर के पिता पुलिस विभाग से सेवानिवृत्त अधिकारी तलाश में पुलिस टीमें दे रही दबिश। छात्र मूल रूप से आजमगढ़ के महाराजगंज का निवासी।

लखनऊ, जेएनएन। राजधानी में रविवार देर रात गोमतीनगर स्थित जयपुरिया कॉलेज के बाहर नशेबाजी में एमबीए छात्र को गोली मार दी गई। छात्र को गंभीर हालत में लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं,पुलिस ने देर रात दबिश देकर हमलावर धनंजय को रायबरेली रोड से दबोच लिया। हमलावर के पिता पुलिस विभाग से सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। पुलिस हमलावर से पूछताछ कर रही है।

मामला गोमतीनगर थानाक्षेत्र का है। पुलिस के मुताबिक, मूल रूप से आजमगढ़ के महाराजगंज निवासी अंकुर तिवारी यहां विनीतखंड में रहते हैं। रविवार रात वह गोमतीनगर क्षेत्र स्थित जयपुरिया कॉलेज के पास थे। आरोप है कि इस बीच अंकुर का पूर्व परिचित धनंजय नाम का एक युवक वहां पहुंचा। इस दौरान उसने अंकुर से बातचीत की और इस बीच दोनों का विवाद हो गया। धनंजय ने विवाद के दौरान अंकुर को गोली मार दी, जो उसकी कमर में लगी। सूत्रों के मुताबिक, गोली मारने के बाद हमलावर धनंजय मौके से भाग निकला। घटना स्थल पर मौजूद अंकुर के कुछ परिचित लोगों ने उसे उसके घर पर छोड़ा। इसके बाद परिवारीजनों को घटना की जानकारी हुई। परिवारीजन अंकुर को लोहिया अस्पताल लेकर पहुंचे और पुलिस को घटना की जानकारी दी। अंकुर की हालात गंभीर बताई जा रही है। 

हमलावर की तलाश जारी: पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने बताया कि हमलावर की पहचान कर ली गई है। देर रात दबिश देकर आरोपित कोगिरफ्तार कर लिया गया है। पूछताछ की जा रही है। हमलावर ने अंकुर को क्यों गोली मारी है।



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UP_Panchayat_Election_2021 क्या यूपी पंचायत चुनाव में है अभी और देरी ?

 डेडलाइन पार ; पंचायत चुनाव आरक्षण का प्रारूप तैयार नहीं, क्या यूपी पंचायत चुनाव में हो सकती देरी ?

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 पंचायत चुनाव के आरक्षण रोस्टर को लेकर सरकार में चुनाव आयोग मे लगातार बैठक हो रही हैं और सूबे के ग्राम विकास राज्य मंत्री ने त्रिस्‍तरीय पंचायत चुनाव के लिए 15 फरवरी तक आरक्षण की स्थिति स्‍पष्‍ट हो जाने की बात कही है। ऐसे में पंचायत चुनाव में देरी होने की संभावना है। 

   👉 यूपी पंचायत चुनाव की सरगर्मियां गांवों में तेज हो गई हैं। 

  👉 यूपी पंचायत चुनाव के आरक्षण का रोस्टर अभी तय नहीं। 

  👉 पंचायत परिसीमन के बाद आरक्षण पर टिकी हुई है सभी की नजर।  

उत्तर प्रदेश में होने पंचायत चुनाव की सियासी सरगर्मियां तेजी से बढ़ती जा रही हैं और प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ने के लिए कमर कस ली है. ऐसे में गांव में ग्राम प्रधान, बीडीसी और जिला पंचायत सदस्यों के लिए होने वाले चुनाव में लोगों को आरक्षण सूची का इंतजार है. इसी से तय होगा कि कौन सा वार्ड और कौन सी ग्रामसभा किस जाति के चुनाव लड़ने के लिए आरक्षित की जाएगी।

  पंचायत आरक्षण के लिए 22 जनवरी डेडलाइन तय की गई थी, जो पार हो गई।  


पंचायत चुनाव के लिए 22 जनवरी को ग्राम प्रधानों और ग्राम पंचायत सदस्यों के चुनाव के लिए आरक्षण सूची जारी होनी थी, लेकिन सरकार में आरक्षण के रोस्टर के लेकर बैठक ही चल रही है. ऐसे में पंचायत चुनाव में आरक्षण के प्रारुप को तैयार होने में लगातार देरी हो रही है. उत्तरप्रदेश के संसदीय एवं ग्राम्य विकास राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने हाल ही में बयान दिया है कि 15 फरवरी तक आरक्षण की स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। 

इससे साफ जाहिर होता कि अभी तक आरक्षण के रोस्टर को लेकर कोई रूप रेखा अभी तक तैयार नहीं हो सकी है. सूत्रों की मानें तो सरकार आरक्षण के रोस्टर के लिए बैठक कर मंथन ही कर रही है जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 31 मार्च तक हर हाल में पंचायत चुनाव करा लेने की बात कही थी।

ग्राम प्रधान, बीडीसी, जिला पंचायत सदस्य, जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के निर्वाचन क्षेत्रों में आरक्षण के बदलाव होने की संभावना मानी जा रही है. विभाग की ओर से चुनाव के लिए परिसीमन की सूची जारी हो गई है, लेकिन आरक्षण को लेकर अभी तक कोई कोई प्रारुप सामने नहीं आया है. ऐसे में लोगों का जोर इस बात पर है कि इस बार जो सीट जिस वर्ग के लिए आरक्षित है या अनारक्षित है, वो चुनाव के लिए किस वर्ग के लिए तय होगी. ऐसे में हम बताते हैं कि सूबे में पंचायत और वार्डों का आरक्षण किस फॉर्मूले के जरिए तय होता है. 



  महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण  



बता दें कि उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव में 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं, जो सभी तरह की सीटों में शामिल होंगी. इनमें ओबीसी, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण हैं. साल 2015 के पंचायत चुनाव में सीटों का आरक्षण नए सिरे से हुआ था. इसलिए अब एक बार फिर आरक्षण किया जाना चाहिए. आरक्षण की रूप रेखा चक्रानुक्रम आरक्षण से तय होती है. चक्रानुक्रम आरक्षण का अर्थ यह है कि आज जो सीट जिस वर्ग के लिए आरक्षित है, वो अगले चुनाव में वह सीट उस वर्ग के लिए आरक्षित नहीं होगी. 

   एससी-एसटी आरक्षण 21 फीसदी महिलाओं को प्राथमिकता।  


चक्रानुक्रम के आरक्षण के वरीयता क्रम में पहला नंबर आएगा अनुसूचित जाति महिला का. एससी की कुल आरक्षित सीटों में से एक तिहाई पद इस वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे. फिर बाकी बची एससी की सीटों में एससी महिला या पुरुष दोनों के लिए सीटें आरक्षित होंगी. इसी तरह एसटी के 21 प्रतिशत आरक्षण में से एक तिहाई सीटें एसटी महिला के लिए आरक्षित होंगी और फिर एसटी महिला या पुरुष दोनों के लिए होगा. 


  ओबीसी आरक्षण 27 फीसदी  


उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव में 27 फीसदी सीट ओबीसी के लिए आरक्षित होंगी, इनमें से एक तिहाई सीटें ओबीसी महिला के लिए तय होंगी. इसके अलावा ओबीसी के लिए आरक्षित बाकी सीटें ओबीसी महिला या पुरुष दोनों के लिए अनारक्षित होगा. इसके अलावा बाकी अनारक्षित सीटों में भी पहली एक तिहाई सीट महिला के लिए होगी और बाकी सीटों पर सामान्य वर्ग से लेकर कोई भी जाति से चुनाव लड़ सकता है. इन सारी सीटों पर चीजें चक्रानुक्रम आरक्षण से तय होती है. 

  जानें कैसे तय होता है आरक्षण  


आरक्षण तय करने का आधार प्रत्येक ग्राम पंचायत के लिए गांव की आबादी होती है. ग्राम प्रधान का आरक्षण तय करने के लिए पूरे ब्लॉक की आबादी आधार बनती है. ब्लॉक में आरक्षण तय करने का आधार जिले की आबादी और जिला पंचायत में आरक्षण का आधार प्रदेश की आबादी बनती है. इस तरह से वार्ड के आरक्षण ग्राम सभा की आबादी के लिहाज से होती है. 


उदाहारण के तौर पर किसी एक विकास खंड में 100 ग्राम पंचायतें हैं. वहां पर 2015 में ग्राम प्रधान पद पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित किए गए थे. अब इस बार के पंचायत चुनाव में इन 27 के आगे वाली ग्राम पंचायतों की आबादी के अवरोही क्रम में (घटती हुई आबादी) प्रधान पद आरक्षित होंगे.


इसी तरह अगर किसी एक विकास खंड में 100 ग्राम पंचायतें हैं और वहां 2015 के चुनाव में शुरू की 21 ग्राम पंचायतों के प्रधान के पद एससी के लिए आरक्षित हुए थे तो अब इन 21 पदों से आगे वाली ग्राम पंचायतों के पद अवरोही क्रम में एससी के लिए आरक्षित होंगे.


 2015 में ग्राम प्रधान पद के लिए सीट जिन पंचायतों को आरक्षित की गई थी, उसके आधार पर इस बार बदलाव किया जाएगा. हालांकि, कई नेता अपनी राजनीतिक रसूख के दम पर अपने गांव को प्रधान पद के सीट पिछड़ा वर्ग और एससी-एसटी के लिए आरक्षित नहीं होने देते हैं. ऐसे में अगर कोई जिला अधिकारी के पास शिकायत करता है तो उन सीटों पर आरक्षण की व्यवस्था का दबाव बढ़ जाता है. हालांकि, इस बार ग्राम पंचायतों में आरक्षण की व्यवस्था ऑनलाइन होने की बात कही जा रही है।



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सोमवार, 25 जनवरी 2021

Jal-Shakti-Mantralay-UP ; जल जीवन मिशन के तहत। 👉 27 लाख,अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर... । डॉ महेन्द्र सिंह

    “जल शक्ति मंत्रालय उत्तर प्रदेश” ; जल जीवन मिशन के तहत। 👉 27 लाख,अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित करेगें ।    डॉ महेन्द्र सिंह

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              जल शक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह   

उत्तर प्रदेश जल जीवन मिशन की व्यापक सफलता के लिए पूरे प्रदेश से 27 लाख प्लम्बर , राजमिस्त्री , इलेक्ट्रीशियन , पंप आपरेटर , मोटर मैकेनिक तथा सौर ऊर्जा से सम्बंधित कारीगरों को प्रशिक्षित किया जायेगा प्रशिक्षण का दो दिवसीय कार्यक्रम 14 फरवरी से शुरू होगा 27 लाख प्रशिक्षणार्थियों को अपने ट्रेड में दक्षता के साथ ही प्रत्यक्ष , अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होंगे। प्रशिक्षण में पाइप पेयजल योजना को  बाधा रहित क्रियान्वित करने में मिलेगी सफलता। डॉ महेन्द्र सिंह 


 उत्तर प्रदेश जल शक्ति मंत्री डॉक्टर महेंद्र सिंह ने कहा। कि प्रदेश सरकार द्वारा पाइप पेयजल योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए प्रदेश में 27 लाख कारीगरों का आगामी 14 फरवरी , 2021 से दो दिवसीय तकनीकी प्रशिक्षण दिया जायेगा । यह प्रशिक्षण कार्यक्रम मई , जून तक चलेगा । इससे संकटग्रस्त गांवों में बाधा रहित पेयजल आपूर्ति के साथ 27 लाख लोगों को प्रत्यक्ष , अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होंगे। उन्होंने निर्देश दिये कि प्रशिक्षण कार्यक्रम से पानी समितियों एवं महिला समूहों को भी जोड़ा जाये और इनमें बेहतर समन्वय पर जोर देते हुए यूजर चार्जेज के लिए लोगों को प्रेरित किया जाय।

 उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर उ.प्र. की यह पहली पहल है । जलशक्ति मंत्री ने प्रशिक्षण से जुड़े विभागों को निर्देश दिये कि प्रदेश के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों से बड़ी संख्या में प्रशिक्षण लेकर लोग निकलते हैं , उनको इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में समाहित करके फील्ड की ट्रेनिंग व अनुभव प्रदान किया जायेगा । उन्होंने इसके लिए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों की सूची प्राप्त करने के निर्देश दिये । 




उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी अनुश्रवण करेंगे । उन्होंने यह भी कहा कि दिये जाने वाले प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का वीडियो , पम्पलेट , लिफलेट आदि भी तैयार कराकर इसकी क्लिप प्रशिक्षणार्थियों के व्हाट्सऐप पर उपलब्ध कराने की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जाय । उन्होंने फोटोयुक्त संग्रहणीय पुस्तक प्रकाशन के भी निर्देश दिये हैं ।

 डॉ महेन्द्र सिंह ने यह भी निर्देश दिये कि प्रशिक्षण में आये लोगों को प्रशिक्षण स्थल पर भोजन व ठहरने आदि की भी व्यवस्था कराई जाय । उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन को प्रभावी रूप देने के लिए ग्राम स्तर पर कुशल मानव संसाधन की जरूरत होगी । उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन देश के यशस्वी प्रधानमंत्री मा नरेन्द्र मोदी जी की योजना है । 

उ प्र में पहली बार 27 लाख कार्मिकों की रिकार्ड स्तर पर ट्रेनिंग एक उदाहरण बनेगी और नल से जल योजना को अभूतपूर्व सफलता प्राप्त होगी । उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम को प्रशिक्षित मानव संसाधन के माध्यम से मिशन मोड पर संचालित किया जायेगा । प्रशिक्षण में धन का दुरूपयोग न हो , यह भी हर स्तर पर सुनिश्चित किया जायेगा । इस प्रशिक्षण के पश्चात जन प्रतिनिधियों को भी इस कार्यक्रम से जोड़ा जायेगा । जलशक्ति मंत्री आज यहां विधान भवन के कक्ष संख्या -80 में इस प्रशिक्षण के लिए ग्राम्य विकास , पंचायतीराज , आईटीआई तथा कौशल विकास विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए तैयार की गयी रूपरेखा का अवलोकन कर रहे थे । 

उन्होंने निर्देश दिये कि पूरे प्रदेश की जनपद वार प्रशिक्षणार्थियों की सूची तैयार की जाय । इसके साथ ही इन कर्मियों को प्रशिक्षण की तैयारी से सम्बंधित मास्टर ट्रेनरों की सूची एवं चयन की कार्यवाही आदि 10 फरवरी , 2021 तक अनिवार्य रूप से पूरी कर ली जाय । उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के लिए हर ब्लॉक , जिला तथा राज्य स्तर पर शिविर लगाया जायेगा । उन्होंने कहा कि सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने वाले कर्मियों को प्रमाण पत्र के साथ ही टूल किट उपलब्ध करायी जायेगी । 

प्रस्तुतिकरण के दौरान जलशक्ति मंत्री ने कहा कि प्रथम चरण में 75 जनपदों के 826 ब्लाकों की 58194 ग्राम पंचायतों के 116388 प्लम्बरों , 116388 पम्प ऑपरेटरों , 116388 मोटर मैकेनिकों , इतने ही फीटरों , इलेक्ट्रिशियन तथा 174582 राजमिस्त्री इस प्रकार कुल 756522 लोगों को प्रशिक्षण देने का प्रस्ताव है ।

 यह प्रशिक्षण के कार्यक्रम दो दिवसों व 4 सत्रों में बांटा जायेगा । उत्तर प्रदेश राज्य कौशल विकास केन्द्र को जनपद स्तर पर , पंचायतीराज विभाग , उ प्र के जिला पंचायतराज अधिकारियों को नोडल अधिकारी नामित करते हुए विकास खण्ड एवं ग्राम पंचायत स्तर पर सहायक विकास अधिकारी पंचायतीराज एवं ग्राम पंचायत सचिव द्वारा ग्राम पंचायत सचिवों का सहयोग प्राप्त किया जायेगा ।

 बैठक में मौजूद प्रमुख सचिव नमामि गंगे एवं जलापूर्ति  अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण किट एवं ट्रेडवार विभिन्न रंगों वाली जल जीवन मिशन की लोगोयुक्त हॉफ जैकेट के साथ उनके व्यवसाय हेतु उपयोगी टूल किट भी दिये जाने का निर्णय लिया गया है । 

प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षणार्थियों को जल जीवन मिशन के महत्वपूर्ण तथ्यों से अवगत कराते हुए उनके वर्ग , विषय व उपयोग के बारे में भी जानकारी दी जायेगी । उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के लिए कौशल विकास केन्द्र , मण्डी समिति के हॉल , पॉलीटेक्निक कॉलेज , जिला प्रशिक्षण केन्द्र ग्राम्य विकास तथा स्थानीय इन्टर व डिग्री कॉलेज के भवन , प्रांगण आदि को प्राथमिकता दी जायेगी । इस बैठक में जल जीवन मिशन निदेशक सुरेन्द्र राम , पंचायतीराज , कौशल विकास , ग्राम्य विकास , औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के अधिकारियों के अलावा विशेष सचिव नमामि गंगे राजेश प्रताप पाण्डेय , डॉ अम्बरीश कुमार सिंह आदि उपस्थित थे ।



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#UP #CRIMINALS छात्र को 1 KM तक बोनट पर घसीटा फिर चढ़ाई कार छात्र की मौत।

 लखनऊ मामुली विवाद में छात्र को पहले 1 KM तक बोनट पर टांग कर घसीटा फिर चढ़ाई कार,छात्र की मौत। 

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                                  फाइल फोटो।


लखनऊ में मामूली टक्कर के बाद हुए विवाद में स्कूटी सवार छात्र को कार की बोनट पर टांग कर एक किलोमीटर तक कार सवार लेकर चले गए। कार सवार सिसेंडी चौकी के बगल से चले गए लेकिन पुलिस को भनक तक नही लगी। कार से गिरने के बाद कार सवार छात्र को कुचल कर भाग निकले। घायल छात्र की देर रात्रि उपचार के दौरान मौत हो गई। पूरी घटना सीसीटीवी में भी कैद हुई है। फिलहाल कार का नंबर अभी पता नही चल सका है। पुलिस पड़ताल में जुटी है।


मोहनलालगंज के सिसेंडी में शनिवार की रात्रि कार व स्कूटी सवार बीए के छात्र लोकनाथ उर्फ अंशू त्रिवेदी का टक्कर के बाद विवाद हो गया। मामूली मारपीट के बाद स्कूटी सवार छात्र कार के बोनट पर चढ़ गया। जिसके बाद कार सवार ने गाड़ी भगा दी। लगभग एक किलोमीटर की दूरी तक छात्र कार के बोनट पर लटका रहा। जिसके बाद छात्र कार से नीचे गिर पड़ा और कार सवार छात्र को कुचलने के बाद भाग निकले। परिजनों ने घायल छात्र को ट्रामा सेंटर ले गए जहाँ उपचार के दौरान छात्र की मौत हो गई। पुलिस को सीसीटीवी में कार व उसमे सवारो की फुटेज मिली है जिसकी पहचान में जुटी है।            

up panchayat election प्रत्याशियों के लिए चुनाव आयाेग का नया नियम / आदेश जारी,

 यूपी पंचायत चुनाव : प्रत्याशियों के लिए चुनाव आयाेग ने जारी किया का नया आदेश, यह करना होगा बहुत जरूरी.... 

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       up panchayat election new order for election commission for candidates it will be neces. 


यूपी में होने वाले पंचायत चुनाव में पंच और प्रधान के प्रत्याशी पूर्व या निवर्तमान माननीयों को चुनाव अभिकर्ता (एजेंट) नहीं बना पाएंगे। राज्य निर्वाचन आयोग उत्तर प्रदेश ने इसकी सख्त मनाही की है। इसके पीछे आयोग की मंशा साफ है कि कोई भी व्यक्ति मतदान के दौरान किसी प्रकार का दबाव न बना सके।


राज्य निर्वाचन आयोग उत्तर प्रदेश पंचायत एवं नगरीय निकाय ने हिदायतें दे रखी हैं कि चुनाव के दौरान क्या करें और क्या न करें। आयोग ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि पंचायत चुनाव के दौरान प्रत्याशी पूर्व या वर्तमान सांसद-विधायक, पूर्व या वर्तमान मंत्री, ब्लाक प्रमुख या किसी ऐसे व्यक्ति को चुनाव अभिकता न बनाएं जो भारत सरकार, राज्य सरकार या निकायों से किसी प्रकार का लाभ हासिल कर रहा हो। आयोग ने यह भी कहा है कि प्रत्याशी किसी भी सूरत में आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को भी एजेंट न बनाएं। राज्य निर्वाचन आयोग उत्तर प्रदेश पंचायत एवं नगरीय निकाय ने यह भी कहा है कि किसी व्यक्ति को किसी उम्मीदवार के रूप में खड़े होने या न होने देने, मतदाताओं को मतदान करने या न करने के लिए दबाव देने या किसी भी प्रकार से उपहार देने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। आयोग ने यह भी कहा है कि बिना अनुमति लिए चुनाव प्रचार में किसी भी प्रकार के वाहन का इस्तेमाल न किया जाए। आयोग के इन निर्देशों पर अमल कराने के लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी कमर कसकर तैयार हैं। चुनाव प्रक्रिया शुरू होते ही आयोग के निर्देशों का पालन कराने के लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी सामने आ जाएंगे।

जाति व धर्म के आधार पर वोट मांगना अनुचित

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जाति और धर्म के आधार पर वोट मांगने वाले प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव आयोग और प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा। चुनाव आयोग ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि इस तरह की भावनाओं का फायदा उठाना या भड़काना अनुचित है। ऐसा करने वालों पर कार्रवाई होगी। चुनाव आयोग का स्पष्ट निर्देश है कि चुनाव के दौरान कोई भी प्रत्याशी या उसके समर्थक किसी दूसरे प्रत्याशी के व्यक्तिगत चरित्र को लेकर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। आपत्तिजनक शब्दों के लिखित या मौखिक प्रयोग पर सख्त मनाही है।

रविवार, 24 जनवरी 2021

UP-Panchyat-Election चुनाव आयोग और योगी सरकार 2021 के साथ 2022 की भी कर लिया तैयारी।

#UP में 42% युवा वोटर; युवाओं को आकर्षित करते हैं, धार्मिक एवं राष्ट्रवाद के जोशीले नारे। 

 युवा ही तय करेंगे 2021 के पंचायत और 2022 की यूपी सरकार। 

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          गांव की सरकार चुनने की तारीख घोषित होने की उलटी गिनती होने वाली है

UP उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव में बीते पांच वर्ष में 84 लाख मतदाता बढ़े हैं। इस बार पंचायत चुनाव में 12 करोड़ 28 लाख मतदाता अपने-अपने नुमाइंदों को चुनेंगे। इनमें भी 42 प्रतिशत युवा मतदाता है जो गांव की सरकार बनाने में अहम भूमिका अदा करेंगे।


लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में गांव की सरकार चुनने की तारीख घोषित होने की उलटी गिनती होने वाली है। विश्व के सबसे बड़े चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार तैयार है। उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव में बीते पांच वर्ष में 84 लाख मतदाता बढ़े हैं। इस बार पंचायत चुनाव में 12 करोड़ 28 लाख मतदाता अपने-अपने नुमाइंदों को चुनेंगे। इनमें भी 42 प्रतिशत युवा मतदाता है, जो गांव की सरकार बनाने में अहम भूमिका अदा करेंगे।

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ ने भी अपनी तैयारी कर ली है। उधर राज्य निर्वाचन आयोग ने वोटर लिस्ट जारी कर दी है। पंचायतों की इस नई वोटर लिस्ट में कुल 12 करोड़ 27 लाख 99 हजार 686 वोटर दर्ज हैं। अपर निर्वाचन आयुक्त वेद प्रकाश वर्मा ने बताया कि वर्ष 2015 में हुए त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव की वोटर लिस्ट में करीब 11 करोड़ 43 लाख 37 हजार 700 वोटर थे। इस हिसाब से पंचायत चुनाव में पिछले वर्ष वर्षों में आयोग की वोटर लिस्ट में करीब 84 लाख वोटरों का इजाफा हुआ है।

राज्य निर्वाचन आयोग ने 71 जिलों की मतदाता सूची को अंतिम रूप दिया है। मुरादाबाद, गौतमबुद्धनगर, संभल व गोंडा जिले के साथ ही परिसीमन से आंशिक रूप से प्रभावित क्षेत्रों की मतदाता सूची तैयार करने को अब आयोग वहां विशेष पुनरीक्षण अभियान चलाएगा। इसके लिए फरवरी के पहले सप्ताह में अधिसूचना जारी की जाएगी।

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए आयोग ने चार दिसंबर को मतदाता सूची के वृहद पुनरीक्षण की अधिसूचना जारी की गई थी। इस अधिसूचना के मुताबिक शुक्रवार को ज्यादातर जिलों की मतदाता सूची का अंतिम रूप से प्रकाशन कर दिया गया। आयोग के अनुसार अबकी चुनाव में लगभग 12.50 करोड़ मतदाता होंगे। मतदाता सूची को अंतिम रूप देने के लिए चलाए गए वृहद पुनरीक्षण अभियान में जहां 2,10,40,979 नाम जोड़े गए वहीं 1,08,74,562 नामों को इस सूची से हटाया गया। 39,36,027 नामों में संशोधन किया गया है। कुल ग्रामीण आबादी में अब 67.45 फीसद मतदाता हैं। सर्वाधिक 76 से लेकर 61 फीसद तक मतदाता हैं। वर्ष 2015 के पंचायत चुनाव में मतदाताओं की संख्या 11.74 करोड़ थी।

वोटर लिस्ट पुनरीक्षण के दौरान बूथ लेबल आफिसर (बीएलओ) ने प्रदेश की हर ग्राम पंचायत के घर-घर जाकर वोटर लिस्ट का सत्यापन किया। इस पुनरीक्षण में कुल 2 करोड़ 10 लाख 40 हजार 978 नये वोटर जोड़े गये। एक करोड़ 08 लाख 74 हजार 562 मृत, डुप्लीकेट या अन्यत्र स्थानांतरित वोटरों के नाम हटाये गये। कुल 39 लाख 36 हजार 027 वोटरों के नाम, उम्र व पते आदि के ब्यौरे में संशोधन किये गये। प्रदेश के ग्रामीण इलाकों की कुल आबादी के अनुपात में अब 67.45 प्रतिशत वोटर हैं। वर्ष 2015 के चुनाव में यह अनुपात 66.61 प्रतिशत का था।

शनिवार, 23 जनवरी 2021

UP-Government-Jobs ; योगी सरकार खत्म करने जा रही है यूपी में 20 हजार सरकारी पद।

 जाने क्यों योगी सरकार खत्म करने जा रही हैं। यूपी में 20 हजार सरकारी पद और 41 विभाग ?, 

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सिंचाई विभाग और प्राइमरी स्कूलों के 20 हजार से ज्यादा पद हो जाएंग खत्म। 

योगी सरकार ने विभागों के पुनर्गठन के लिए जनवरी 2018 में तत्कालीन अपर मुख्य सचिव संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था, जिसमें विभागों की संख्या 95 के बजाय 57 तक करने का सुझाव दिया गया था। यानी 41 विभाग कम करने की सलाह दी गई थी। 

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार प्रशासन सुधार के लिए बड़ी प्लानिंग कर रही है। इसके तहत सरकार कई विभागों को एक में ही शामिल करने का कदम उठाने जा रही है. मौजूदा 95 विभागों का पुनर्गठन कर 54 विभागों में समायोजित करने पर विचार कर रही है. इन सभी विभागों से समीक्षा कर 20 फरवरी तक सुझाव मांगे गए हैं। जानकारी के मुताबिक, विभागों के पुनर्गठन के साथ ही सरकारी कर्मचारियों की जरूरत का नए सिरे से आंकलन होगा. सरकार का मानना है कि इससे न सिर्फ विभागों की संख्या कम होगी, बल्कि काम में भी तेजी आएगी। 

समिति ने दिया था सुझाव। 

बता दें कि योगी सरकार ने विभागों के पुनर्गठन के लिए जनवरी 2018 में तत्कालीन अपर मुख्य सचिव संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था, जिसमें विभागों की संख्या 95 के बजाय 57 तक करने का सुझाव दिया गया था। यानी 41 विभाग कम करने की सलाह दी गई थी. समिति ने तमाम मौजूदा पदों की आवश्यकता ना रहने की बात कहते हुए उन्हें खत्म करने की सिफारिश की है. साथ ही, नई जरूरत के मुताबिक पदों के सृजन की भी बात रखी है। समिति का कहना है कि जहां जरूरत से ज्यादा लोग तैनात हैं, वहां से कम तैनाती वाले विभागों पर समायोजन किया जाए। 

20 हजार पद खत्म, 59 हजार नए पद बनेंगे। 

अगर समिति के सुझाव को माना जाता है तो सिंचाई विभाग और प्राइमरी स्कूलों के 20 हजार से ज्यादा पद खत्म हो जाएंगे. हालांकि, बाकी विभागों में एक साथ 59 हजार से ज्यादा नए पद बनाए जाएंगे. इसके अलावा समिति ने यह सिफारिश भी की है कि 59 हजार ग्राम पंचायत में ग्राम सचिवालय की स्थापना हो और उनमें एक प्रशिक्षित कार्मिक की तैनाती जरूर हो.



शुक्रवार, 22 जनवरी 2021

UP-Panchayat-Chunav : पंचायत चुनाव को नजर अंदाज करना भारी पडेगा अखिलेश और मायावती को।

साॅफ्टवेयर में अटकी मतदाता सूची, अब पांच फरवरी को होगी प्रकाशित। पंचायत चुनाव को नजर अंदाज करना भारी पडेगा अखिलेश और मायावती को। 

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यूपी में पंचायत चुनाव की तैयारियां जोरों पर है। प्रदेश में नए परिसीमन के बाद अभी वोटर लिस्ट के प्रकाशन को विभाग तैयार नहीं है। पुर्नगठन के बाद नए परिसीमन के बाद ग्राम पंचायतों में वार्डों का काम होना है। इसके बाद ही नई मतदाता सूची बन पाएगी। इसकी वजह से राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को अपने जिले में जल्द से जल्द नए परिसीमन के हिसाब से साफ्टवेयर में परिवर्तन करके मतदाता सूची तैयार करवाने को कहा है। 

 इसके लिए पांच फरवरी की तारीख मुकर्रर की गई है। 

पंचायत चुनाव को लेकर जिलों के परिसीमन की कार्रवाई 18 जनवरी को पूरी हो चुकी है। जिसमें ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत संख्या भी निर्धारित हो गई। जिला पंचायत में इस बार वार्ड पहले से बढ़ गयी है। इसी तरह क्षेत्र पंचायत में और ग्राम पंचायत में संख्याओं मे फर्क हो गया है। नए परिसीमन के बाद ग्राम पंचायतों में वार्डों के हिसाब से विभाजन होना है जिससे नई सिरे से मतदाता सूची अपडेट हो जाए। पूर्व में राज्य निर्वाचन आयोग ने कार्यक्रम के अनुसार अंतिम प्रकाशन की तारीख 22 जनवरी तय की थी। लेकिन नए परिसीमन के हिसाब से साफ्टवेयर को अपडेट करने में वक्त लग रहा है। इस पर अपर निर्वाचन आयुक्त वेद प्रकाश वर्मा ने जिला निर्वाचन अधिकारी को ग्राम पंचायतों के मतदाताओं के परिसीमन के बाद स्थितियों के हिसाब से साफ्टवेयर को दुरुस्त करवाने को कहा है। इस काम को पांच फरवरी तक पूरा कराने की डेड लाइन दी गई है। 

चुनाव आयोग से मिले निर्देश के बाद जिला निर्वाचन कार्यालय (पंचायत व नगर निकाय) स्टाफ साफ्टवेयर को अपडेट कराने की तैयारी में जुट गया है जिससे समय से काम को पूरा कराया जा सके। 


बाल किशन, एडीईओ जिला निर्वाचन कार्यालय (पंचायत व नगर निकाय) कहते हैं कि नए परिसीमन के हिसाब से मतदाता सूची को साफ्टवेयर के हिसाब से दुरुस्त कराने के बाद ड्राफ्ट निर्वाचक नामावलियां तैयार की जाएंगी। इसके बाद आयोग द्वारा इनका विशेष पुनरीक्षण व अंतिम प्रकाशन जारी किया जाएगा, इसके बाद ही आरक्षण आदि काम कराए जाएंगे। 

Pradhan_Mantri_Awas_Yojana ; पंचायत चुनाव में बीजेपी का बड़ा दांव।

 यूपी पंचायत चुनाव की तैयारी बीजेपी का बड़ा दांव।      6 लाख लोगों को मकान, पीएम मोदी करेंगे गांववासियों से बात, बीजेपी को होगा फायदा. ?

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 उत्तर प्रदेश ।  6.1 लाख लाभार्थियों को पीएम आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत 2 हजार 691 करोड़ रुपए की साहायता राशि जारी। इस सहायता में 5.30 लाख ऐसे लाभार्थी होंगे जिन्हें आर्थिक सहायता की पहली किस्त मिलेगी जबकि 80 हजार लाभार्थी ऐसे होंगे, जिन्हें दूसरी किस्त मिलेगी। 

👉  यूपी में इसी साल मार्च में होने हैं पंचायत चुनाव ।  

 👉  मोदी आवास योजना के लाभार्थियों से करेंगे संवाद।  

👉  बीजेपी को पंचायत चुनाव में होगा लाभ ?  

उत्तर प्रदेश में होने जा रहे पंचायत चुनाव को 2022 की लड़ाई का सेमीफाइनल माना जा रहा है। ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियां पंचायत चुनाव में जीत का परचम फहराने की कोशिशों में जुटी हैं। 

जहांं एक ओर विपक्षी दल प्रदेश भर के मंदिरों में माथा टेक रहा है एवं शादी ब्याह के कार्यक्रम में व्यस्त है वहीं दूसरी ओर ?   सत्ताधारी बीजेपी पूरी गंभीरता के साथ पंचायत चुनाव की जीतने की रूपरेखा तैयार कर रही है और साथ ही गांव में जद्दोजहद तेज कर दी है.  मोदी बुधवार को यूपी के ग्रामीण इलाकों से आने वाले 6 लाख लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत करोड़ों रुपए की घोषणा की, जिसे पंचायत चुनाव को साधने की रणनीति के तौर पर भी देखा जा रहा है. 


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश के 6.1 लाख लाभार्थियों को पीएम आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत प्रत्येक लाभार्थी को घर बनाने के लिए 1.20 लाख रुपये की सहयता सरकार के द्वारा दी जाती है। प्रधानमंत्री मोदी ने 2022 तक सभी को पक्का घर देने की घोषणा पहलेें भी कर चुके हैं ।  मोदी यूपी के गांववासियों के साथ बात करने के साथ ही डिजिटल से जुड़े रहेगें , जो यूपी पंचायत चुनाव में बीजेपी के लिए सियासी तौर पर फायदा दिला सकता है।

   चुनाव आयोग सूबे के पंचायत चुनाव को मार्च में हर हाल में कराने की तैयारी में है. 

ऐसे में फरवरी के महीने में यूपी पंचायत चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी हो सकती है। माना जा रहा है कि इस बार पंचायतों के चुनाव एक साथ कराए जाएंगे। यही वजह है कि बीजेपी गांव स्तर पर अपना संगठन मजबूत करने के लिए पंचायत चुनाव को लेकर काफी संजीदा है।

योगी सरकार ने पंचायत चुनाव के लिए की खास तैयारी। 

प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को लेकर सूबे की योगी सरकार और बीजेपी संगठन ने जिस तरह से गांव-गांव तैयारियां की है, उससे साफ जाहिर है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पीएम मोदी की बात को पहुंचाना है. माना जा रहा है कि मोदी 'प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण' की किस्त जारी करने के साथ-साथ गांव में विकास के लिए शुरू की गई योजनाओं का जिक्र भी कर सकते हैं।

इन लोगों से पीएम मोदी ने की बात । 

पीएम मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के लाभार्थी के साथ ही अयोध्या, बहराइच, बलरामपुर एवं चित्रकूट के लाभार्थियों से संवाद करेंगे। अयोध्या के ब्लॉक मसौधा की ग्राम पंचायत, मुमताज नगर की कुमकुम का चयन साल 2020-21 में किया गया है. कुमकुम का घर कच्चा और छप्पर का था, लेकिन अब दीवार का निर्माण हो रहा है. बलरामपुर के पुरैनाजाट गांव की सरिता देवी का नाम भी पीएम से संवाद की लिस्ट में शामिल है. ऐसे ही बहराइच की चित्तौरा ब्लॉक के अलीनगर,नगरौरा गांव के ललहा मजरा की निवासी रेशमा से भी प्रधानमंत्री बातचीत करेंगे. 

पंचायत चुनाव के मद्देनजर बड़ा दांव। 

यूपी में पंचायत चुनाव से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पीएम आवास देना एक बड़ी सौगात माना जा रहा. यह कदम सूबे में होने वाले पंचायत चुनाव में बीजेपी को सियासी तौर पर फायदा दिला सकता है. दरअसल, इस बार के पंचायत चुनाव में बीजेपी अपने अधिकृत प्रत्याशियों के साथ लड़ने जा रही है. इसके लिए बीजेपी ने अपने नेताओं को जिम्मेदारी भी सौंप दी है, जो जिला स्तर पर बैठक कर गांव के सियासी मिजाज को समझने और मजबूत प्रत्याशियों की तलाश कर रहे हैं. ऐसे में पीएम आवास को लेकर प्रधानमंत्री का यह कार्यक्रम बेहद अहम माना जा रहा है. 

पंचायत चुनाव के लिए बीजेपी ने प्रदेश में छह प्रभारी नियुक्त किए हैं. बीजेपी प्रदेश महामंत्री जेपीएस राठौर पश्चिम यूपी क्षेत्र, गोविन्द नारायण शुक्ला को प्रदेश मुख्यालय, अश्वनी त्यागी को ब्रज, अमरपाल मौर्य को अवध, सुब्रत पाठक को काशी, अनूप गुप्ता को गोरखपुर, प्रियंका सिंह रावत को कानपुर-बुन्देलखण्ड क्षेत्र की कमान संभाले हुए. ये स्थानीय स्तर पर राजनैतिक व सामाजिक स्थिति का आकलन करने के लगातार जिले स्तर पर समन्वय बैठक शुरू कर रहे हैं.

कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन का खतरा भी बीजेपी को पंचायत चुनाव में सता रहा है. ऐसे में किसान आंदोलन चुनाव को प्रभावित न कर सके, इसके लिए भी पार्टी ने बाकायदा रणनीति बनाई है. बीजेपी ने अपने जिला स्तर की समन्वय बैठक में खासकर पार्टी कार्यकर्ताओं को किसानों के हितों को ध्यान में रखकर लागू की गई योजनाओं से गांव के लोगों को अवगत कराने की भी रणनीति अपनाई है. साथ ही माना जा रहा है कि पीएम गांव वालों के संवाद करते हुए किसानों की मुद्दे पर भी अपनी बात रख सकते हैं. 

वहीं, पंचायत चुनाव को लेकर प्रदेश बीजेपी की ओर से जिला इकाइयों को निर्देश जारी किए गए हैं कि शहर में रहने वाले और जिला भाजपा इकाई के पदाधिकारी गांव में प्रवास करेंगे. साथ ही बीजेपी कार्यकर्ताओं के माध्यम से पीएम नरेंद्र मोदी की केंद्र और सीएम योगी की यूपी सरकार की ओर से जनहित में संचालित की जा रही योजनाओं का लाभ जन जन तक पहुंचाने की रणनीति भी बनाई गई है.   



    


गुरुवार, 21 जनवरी 2021

Lalu Yadav Health Update :लालू यादव की हालत गंभीर, चेस्ट में इन्फेक्शन - निमोनिया सांस नहीं ले पा रहे ;

 Lalu Yadav Health Update: लालू यादव की हालत गंभीर, चेस्ट में इन्फेक्शन - निमोनिया सांस लेने में तकलीफ ; 

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फाइल फोटो। 

Lalu Yadav News ; रांची राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की हालत गंभीर हो गई है । वे फिलहाल सांस नहीं ले पा रहे । उनके चेस्ट में इन्फेक्शन और निमोनिया की शिकायत है । जानकारी के मुताबिक , रांची के रिम्स अस्पताल के पेइंग वार्ड में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की तबीयत गुरुवार देर शाम अचानक बिगड़ गई । इसके बाद पूरे अस्पताल में हड़कंप मच गया । 

जानकारी मिलते ही झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता भी लालू यादव की तबीयत का हाल जानने पहुंचे। रिम्स डायरेक्टर अभी मौके पर हैं। उन्होंने लालू की हालत को स्थिर बताया है ।


                               फाइल फोटो। 

डॉक्‍टरों के मुताबिक लालू यादव को सांस लेने में अचानक परेशानी होने लगी है। आनन-फानन में तुरंत इसकी सूचना चिकित्सकों को दी गई। सूचना मिलते ही झारखंड के स्वास्‍थ्‍य मंत्री बन्ना गुप्ता, रिम्स अधीक्षक डॉ विवेक कश्यप और लालू प्रसाद यादव का इलाज कर रहे डॉक्टर उमेश प्रसाद उन्‍हें देखने पेइंग वार्ड पहुंचे। 

लालू प्रसाद के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के बाद बन्ना गुप्ता वापस लौट गए। डॉक्‍टर अभी लालू प्रसाद के इलाज में लगे हैं। मिली जानकारी के अनुसार, लालू में निमोनिया के लक्षण देखे जा रहे हैं। कोरोना जांच के लिए उनका सैंपल दिया गया है। रैपिड एंटीजन टेस्ट में उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई। वहीं, आरटी पीसीआर की रिपोर्ट आनी बाकी है। मौके पर उनका एक्स-रे भी किया गया। इसमें थोड़ा-सा इन्फेक्शन भी देखने को मिला है।

UP Panchyat Election 2021 : पंचायत चुनाव ; परिसीमन की सूची जारी, कम हुए प्रधान तथा क्षेत्र पंचायत सदस्य।

 पंचायत चुनाव के लिए परिसीमन के बाद वार्डों की सूची जारी, कम हो गऐ प्रधान तथा क्षेत्र पंचायत सदस्य। 

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लखनऊ । उत्तर प्रदेश में गांव की सरकार चुनने की कवायद गति पकड़ चुकी है । प्रदेश के पंचायती राज विभाग ने पंचायत चुनाव के लिए वार्डों के परिसीमन की सूची राज्य निर्वाचन आयोग को सौंप दी है ।

उत्तर प्रदेश की 75 जिला पंचायतों, 826 क्षेत्र पंचायतों के अलावा 58194 ग्राम पंचायतों में अब नए परिसीमन के आधार पर चुनाव होंगे। परिसीमन के बाद अब जिला पंचायत के 3051 वार्ड होंगे। चुनाव क्षेत्र पंचायत के 75855 के साथ ग्राम पंचायतों के 7,31,813 वार्ड होंगे। पंचायती राज विभाग ने परिसीमन के बाद वार्डों की सूची जारी कर दी है। 

परिसीमन का ब्योरा मिलने के बाद अब राज्य निर्वाचन आयोग संबंधित क्षेत्र की मतदाता सूची को तैयार करने की प्रक्रिया शुरू करेगा। परिसीमन से प्रभावित न होने वाले क्षेत्रों की मतदाता सूची को आयोग अंतिम रूप से जारी कर देगा। 

प्रदेश की पंचायती राज निदेशक किंजल सिंह ने बताया कि परिसीमन के बाद 2015 की तुलना में ग्राम पंचायत वार्ड 7,44,558 से घटकर 7,31,813 रह गए हैं। 

इसी तरह क्षेत्र पंचायत सदस्य भी 77,801 से कम होकर 75,805 रहेंगे।

पंचायत चुनाव के लिए प्रदेश के 75 जिलों में परिसीमन के बाद 2015 की तुलना में जिला पंचायतों के 3120 वार्डों की संख्या घटकर 3051 रह गई है। गत पांच वर्षों में नगरीय निकायों के विस्तार के बाद से पंचायतों का दायरा सिमटा है। 880 ग्राम पंचायतें शहरी क्षेत्रों में विलीन हो गई हैं। परिसीमन के बाद ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत वार्डों की सूची जारी कर दी गई है।

 प्रदेश में इस बार 59,074 की बजाए 58,194 ग्राम पंचायतों में प्रधान चुने जाएंगे। इसके साथ ही साथ साथ ग्राम पंचायतों में वार्डों की संख्या भी 12,745 कम हो गई है। इसी क्रम में 826 ब्लाक प्रमुखों का चुनाव करने के लिए प्रदेश में 75,805 क्षेत्र पंचायत सदस्य चुने जाएंगे, जो वर्ष 2015 की तुलना में 1,996 कम होंगे।

परिसीमन के बाद इस बार 2015 के मुकाबले जिला पंचायतों के 3120 वॉर्डों की संख्या घटाकर 3051 कर दी गई है।

 इस बार 59,074 ग्राम पंचायतों की जगह 58,194 ग्राम पंचायतों में प्रधान चुने जाएंगे। इसी कारण चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहे दावेदारों में काफी निराशा का माहौल है। नई सूची के अनुसार कई दावेदारों को दूसरे ग्राम पंचायत से चुनाव लड़ना पड़ सकता है या फिर नई ग्राम पंचायत से चुनाव लड़ना होगा। परिसीमन के बाद वर्ष 2015 की तुलना में ग्राम पंचायत वॉर्डों की संख्या 7,44,558 से घटाकर 7,31,813 कर दी गई है। लिहाजा इस बार ग्राम पंचायतों में वॉर्डों की संख्या 12,745 कम हो गई है। इसी तरह 77,801 क्षेत्र पंचायत सदस्यों की संख्या में कटौती करते हुए 75,805 की गई है।

36 जिलों में कोई बदलाव नहीं। 

प्रदेश के 75 में से 36 जिलों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। 36 जिले ऐसे भी हैं, जहां जिला पंचायत सदस्यों की संख्या में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया गया है। तीन जिले ऐसे भी हैं जहां इस बार 2015 की तुलना में अधिक जिला पंचायत सदस्य चुने जाएंगे। इसमें गोंडा में 51 की जगह 65, मुरादाबाद में 34 की जगह 39 और संभल में 27 की जगह 35 जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित होंगे।

नहीं बढ़ी जमानत राशि व चुनावी खर्च की सीमा। 

राज्य निर्वाचन आयोग ने इस बार प्रत्याशियों से जमा कराई जाने वाली जमानत राशि और चुनावी खर्च की सीमा में बदलाव नहीं किया है इस बार भी चुनाव खर्च की सीमा पिछले बार यानी वर्ष 2015 पंचायत चुनाव के बराबर होगी। इस बार प्रधान पद के लिए चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी सिर्फ 30 हजार रुपये खर्च कर सकेंगे। बीडीसी सदस्य 25 हजार, वार्ड मेंम्बर पांच हजार, जिला पंचायत सदस्य 75 हजार, ब्लॉक प्रमुख 75 हजार तथा जिला पंचायत अध्यक्ष पद के प्रत्याशी दो लाख लाख खर्च कर सकेंगे। 

 प्रधान पद प्रत्याशी हों या फिर वार्ड मेंम्बर, बीडीसी सदस्य, ब्लाक प्रमुख सहित कोई भी पद हो, सभी को चम्मच से लेकर कुर्सी और दरी तक का हिसाब देना पड़ेगा। निर्वाचन आयोग के अनुसार, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में चुनावी खर्च की सीमा लागू कर दी गई है। कोई भी प्रत्याशी सीमा से ज्यादा खर्च नहीं कर सकेगा। ज्यादा खर्च करते हैं तो लिखित जवाब के साथ खर्च का हिसाब देना होगा। यह लोग नामांकन के दौरान रिटर्निंग अफसर को जानकारी देंगे।

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