शुक्रवार, 9 अप्रैल 2021

UP_Panchayat_Election_2021 ; ना प्रचार ना मतदान नतीजे से पहले बन गए प्रधान........

न प्रचार पे खर्च, ना किसी से मनमुटाव, ना किसी से वाद-विवाद, न मतदान, चुन लिए गए निर्विरोध प्रधान

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लखनऊ यूपी में आगरा जिला बना आदर्श आचार संहिता का मिसाल चुनावी फिजूलखर्ची आपसी मनमुटाव मतदान स्थल पर भेदभाव यह तेरा यह मेरा आपसी प्रतिस्पर्धा से अलग हटते हुए आगरा के ग्राम पंचायत ने मिसाल कायम की आगरा जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के मतदान से पहले गांव पड़कौली (बाह तहसील) ने गांव के शिक्षित युवक शैलेंद्र सिंह भदौरिया (32) को निर्विरोध प्रधान चुन लिया है। पंचायत के फैसले के सम्मान में प्रधान पद के लिए नामांकन करने वाले सियाराम, गुड्डी देवी और अमित ने अपना नामांकन वापस ले लिया। उधर, पिनाहट के गांव सबोरा में तीन प्रत्याशियों के नामांकन वापस ले लेने से गांव के अभिषेक उर्फ मोनू शर्मा को निर्विरोध प्रधान घोषित कर दिया गया।

    
             स्नातक शैलेंद्र सिंह भदौरिया लाल पगड़ी मे। 

मंगलवार को गांव पड़कौली में पंचायत हुई थी। इसमें चुनाव प्रचार की फिजूलखर्ची पर चर्चा हुई। बुधवार की सुबह सर्व समाज के लोग फिर पंचायत में जुटे और स्नातक शैलेंद्र सिंह भदौरिया को प्रधान, मुकेश भदौरिया को क्षेत्र पंचायत सदस्य चुने जाने पर आम सहमति बनाई। पंचायत के फैसले के बाद बुधवार को शैलेंद्र सिंह भदौरिया के सामने खड़े अन्य प्रत्याशियों ने पर्चा वापस लिया। इसके बाद शैलेंद्र सिंह भदौरिया को निर्विरोध प्रधान घोषित कर दिया गया। 

पंचायत में प्रधान बनाए जाने के फैसले पर शैलेंद्र सिंह भदौरिया ने कहा कि पंचायत के भरोसे पर खरा उतरने की पूरी कोशिश होगी। बिना भेदभाव के गांव का विकास कराया जाएगा। पंचायत के विश्वास को गांव के विकास में बदल कर दिखाना है। इसी तरह पंचायत ने गांव में क्षेत्र पंचायत सदस्य पद पर मुकेश भदौरिया को चुना, तो उनके पक्ष में रामवीर ने अपना नामांकन वापस लिया।  

पिनाहट के सबोरा गांव में तीन प्रत्याशियों के नामांकन वापस ले लेने से गांव के अभिषेक उर्फ मोनू शर्मा को निर्विरोध प्रधान घोषित कर दिया गया है। ब्लॉक की ग्राम पंचायत सबोरा से अभिषेक उर्फ मोनू, संतोष कुशवाह, मुनीदत्त शर्मा और जसवंत ने प्रधान पद के लिए नामांकन दाखिल किया था। 

निर्विरोध चुने गए प्रधान मोनू शर्मा को प्रमाणपत्र देते अधिकारी। 

पंचायत के बाद बुधवार को तीन प्रत्याशी संतोष कुशवाह, मुनीदत्त शर्मा व जसवंत ने अपना नामांकन वापस ले लिया। इसके बाद मोनू शर्मा को निर्विरोध प्रधान चुन लिया गया। पिनाहट के खंड विकास अधिकारी सुमंत यादव ने बताया कि मोनू शर्मा को निर्विरोध प्रधान घोषित कर दिया गया है। प्रमाणपत्र के लिए उच्चाधिकारियों से बात की जाएगी। 

बता दें कि जिले में मतदान से पहले दो प्रधान और 83 बीडीसी (क्षेत्र पंचायत सदस्य) समेत 6526 उम्मीदवार निर्विरोध चुन लिए गए हैं। अब पंचायत चुनाव के 2410 पदों के लिए 10873 उम्मीदवार रह गए हैं। इनकी किस्मत का फैसला 15 अप्रैल को मतपत्रों से होगा। वहीं ग्राम पंचायत सदस्य के 2242 पद खाली रह गए। इन पदों के लिए किसी ने नामांकन ही दाखिल नहीं किया है।

BSP_MAYAWATI_SPAM, मायावती सरकार स्मारक घोटाले में बड़ी कार्रवाई अधिकारियों की गिरफ्तारी।

 मायावती सरकार में हुए स्मारक घोटाले में बड़ी कार्रवाई, तत्कालीन चार बड़े अधिकारियों की गिरफ्तारी। 

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लखनऊ ; मायावती सरकार में लखनऊ और नोएडा में बने स्मारक घोटाले में उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान( विजिलेंस) की लखनऊ टीम ने राजकीय निर्माण निगम के चार बड़े तत्कालीन अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। वहीं विजिलेंस टीम राजकीय निर्माण निगम, एलडीए समेत कई अन्य अधिकारियों पर भी शिकंजा कस सकती है। इस मामले में गोमती नगर थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी।

2007 से 2011 में मायावती शासनकाल के दौरान लखनऊ और नोएडा में बने भव्य स्मारक में हुए घोटाले की जांच यूपी विजिलेंस की लखनऊ टीम कर रही थी। इसी जांच के क्रम में शुक्रवार को विजिलेंस टीम ने वित्तीय परामर्शदाता विमलकांत मुद्गल, महाप्रबंधक तकनीकी एसके त्यागी, महाप्रबंधक सोडिक कृष्ण कुमार,इकाई प्रभारी कामेश्वर शर्मा को गिरफ्तार किया है। इन चारों से टीम पूछताछ कर रही है। इस मामले आज कोर्ट में पेशी भी होनी है। 

कई करोड़ों रुपये का हुआ था घोटाला। 

लखनऊ और नोएडा में बने स्मारकों में लगे पत्थरों के ऊंचे दाम वसूले गए थे। मिर्जापुर में एक साथ 29 मशीनें लगाई गई और कागजों में दिखाया गया था कि पत्थरों को राजस्थान ले जाकर वहां कटिंग कराई गई, फिर तराशा गया। ढुलाई के नाम पर करोड़ों रुपये का वारा न्यारा किया गया था। कंसोर्टियम बनाया गया जो कि खनन नियमों के खिलाफ था। 840 रुपए प्रति घनफुट के हिसाब से ज्यादा वसूली की गई। मंत्रियों, अफसरों और इंजीनियरों ने अपने चहेतों को मनमाने ढंग से पत्थर सप्लाई का ठेका दिया और मोटा कमीशन लिया। जांच में यह बात भी सामने आयी थी कि मनमाने ढंग से अफसरों को दाम तय करने के लिए अधिकृत कर दिया गया था। ऊंचे दाम तय करने के बाद पट्टे देना शुरू कर दिया गया था। सलाहकार के भाई की फर्म को मनमाने ढंग से करोड़ों रुपये का काम दे दिया गया था। 

2014 में सपा शासन में शुरू हुई थी जांच इलाहाबाद हाईकोर्ट के दखल के बाद विजिलेंस ने जांच पूरी। 

वर्ष 2014 में तत्कालीन सपा सरकार ने मामले की जांच यूपी पुलिस के सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) को सौंपी थी। ऐसा तब हुआ जबकि लोकायुक्त ने इस घोटाले की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।

लखनऊ के गोमती नगर थाने में मुकदमा दर्ज करने के बाद विजिलेंस पांच वर्षों बाद भी आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर पाया है। अभियोजन की स्वीकृति के लिए प्रकरण अभी भी शासन स्तर पर लंबित है। वर्ष 2007-12 के बीच बसपा के शासनकाल में कई पार्कों और मूर्तियों का निर्माण कराया गया। इसी दौरान लखनऊ और नोएडा में दो ऐसे बड़े पार्क बनवाए गए जिनमें तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती, बसपा संस्थापक कांशीराम व भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर के अलावा पार्टी के चुनाव चिह्न हाथी की सैकड़ों मूर्तियां लगवाई गईं। उस समय मायावती सरकार के इस फैसले की विपक्षी नेताओं ने व्यापक आलोचना की थी। 

लोकायुक्त जस्टिस एनके मेहरोत्रा की जांच रिपोर्ट के बाद चर्चा में आए इस घोटाले पर पूरी सपा सरकार के समय पर्दा पड़ा रहा। लोकायुक्त ने स्मारकों के निर्माण में 1400 करोड़ के घोटाले की आशंका जताते हुए इस मामले की विस्तृत जांच सीबीआई या एसआईटी से कराने की संस्तुति की थी। हालांकि अखिलेश सरकार ने दोनों ही संस्थाओं को जांच न देकर विजिलेंस को जांच सौंप दी। विजिलेंस की जांच इतनी धीमी गति से चलती रही कि चार वर्षों में इसमें कोई प्रगति नहीं हुई। इसी बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट के दखल के बाद विजिलेंस ने जांच पूरी की और अभियोजन की स्वीकृति के लिए प्रकरण शासन को भेजा।  

6AM न्यूज टाइम्स - 09-अप्रैल-2021


गुरुवार, 8 अप्रैल 2021

Jal Shakti Mantralay ; जल संचयन एवं संवर्धन करने वाले व्यक्ति/संस्थान/समूहों को राज्य सरकार करेगी पुरस्कृत।


जल संचयन एवं संवर्धन के क्षेत्र में उत्कृष्ठ कार्य करने वाले व्यक्ति/संस्थान/समूहों को राज्य सरकार द्वारा किया जायेगा पुरस्कृत। डाॅ महेन्द्र सिंह

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 लखनऊ । प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डाॅ महेन्द्र सिंह ने आज नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के अन्तर्गत लघु सिंचाई व भूगर्भ जल विभाग की योजनाओं की समीक्षा विधान सभा स्थित सभागार में की। उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल (प्रबन्धन एवं विनियमन) अधिनियम, 2019 की समीक्षा करते हुए जलशक्ति मंत्री द्वारा विभागीय अधिकारियों को यह निर्देशित किया कि बडे़ शहरी क्षेत्रों में अवैध रुप में संचालित हो रहे वाटर बाॅटलिंग प्लांट पर भूजल अधिनियम के अन्तर्गत कार्यवाही करते हुए इन पर रोक लगाये जाने के लिये सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारियों को निर्देशित किया जाय।


डॉ महेंद्र सिंह ने कहा कि भूजल स्तर के सघन माॅनिटर्रिंग हेतु लखनऊ नगर निगम क्षेत्र के अन्तर्गत मुख्यालय एवं समस्त नगर निगम जोन में एक-एक पीजोमीटर डिजीटल वाटर लेवल रिकार्डर सहित स्थापित कराया जाय। उन्होंने इस बात पर बल देते हुए विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि अटल भूजल योजना के अन्तर्गत चयनित 10 जनपदों की 550 ग्राम पंचायतों के वाटर सिक्योरिटी प्लान को यथाशीघ्र तैयार कर लिया जाय। साथ ही जलशक्ति अभियान के अन्तर्गत ‘‘कैच दी रेन’’ कैम्पेन के क्रम में अटल भूजल योजना में चयनित 10 जनपदों में तालाबों का चिन्हीकरण करते हुए जीर्णोद्धार कार्य एवं वर्षा जल संचयन एवं भूजल रिचार्ज से सम्बन्धित अन्य कार्य मानसून के पूर्व, पूर्ण करा लिये जाएं, जिससे आगामी मानसून में होने वाली वर्षा से अधिक से अधिक भूजल संचयन/रिचार्ज का लाभ प्राप्त हो सके। इसके साथ ही प्रदेश के समस्त शासकीय/अर्द्धशासकीय तथा निजी स्कूल/ कालेज/ शैक्षिक संस्थाानों में वर्षा जल संचयन हेतु रुफटाॅप रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली की भी स्थापना की जाय। इस हेतु समस्त जनपदों के मुख्य विकास अधिकारी, उपाध्यक्ष, विकास प्राधिकरण एवं नगर आयुक्त को जनपद में अभियान के रुप में रुफटाॅप रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली की स्थापना हेतु निर्देशित किया जाय। 

बैठक के प्रारम्भ में वी. के0 उपाध्याय, निदेशक, भूगर्भ जल विभाग द्वारा विभाग में संचालित योजनाओं की प्रगति के सम्बन्ध में विस्तृत रुप से अवगत कराया गया। समीक्षा के उपरान्त जलशक्ति मंत्री जी ने विभागीय वेबपोर्टल की सराहना करते हुए निर्देश दिये कि जनपदवार भूजल स्तर आंकड़ों के साथ ही सम्बन्धित जनपद के विकास खण्डवार एवं शहरी क्षेत्र के भूजल स्तर आकड़ों तथा वर्षा के आंकड़ों को भी अपलोड कराया जाय। मंत्री जी ने यह भी बताया कि जल संचयन एवं संवर्धन के क्षेत्र में उत्कृष्ठ कार्य करने वाले व्यक्ति/ संस्थान/ समूहों को राज्य सरकार द्वारा पुरस्कृत किया जायेगा।

नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि निर्माणाधीन चेकडेमों का निर्माण 15 जून तक पूर्ण करायें। तालाबों के निर्माण में तेजी लायें तथा इस कार्य में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिये। उन्होंने नये ब्लास्ट वेल का निर्माण मानक के अनुरूप किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने रेन वाटर हार्वेस्टिंग की नियमित सफाई कराये जाने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने डाॅ राम मनोहर लोहिया सामूहिक नलकूप योजना के भौतिक सत्यापन में तेजी लाये जाने के निर्देश दिये। बुन्देलखण्ड पैकेज के अन्तर्गत चेकडैम निर्माण व तालाबों के आधुनिकीकरण के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होंने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत ‘हर खेत को पानी’ योजना के अन्तर्गत निःशुल्क बोरिंग, गहरी बोरिंग व मध्यम गहरी बोरिंग योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश अधिकारियों को दिये।

प्रमुख सचिव नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति अनुराग श्रीवास्तव ने बैठक में मंत्री द्वारा दिये गये निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किये जाने का आश्वासन दिया।

बैठक में राजेश कुमार पाण्डेय, विशेष सचिव, नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति एवं मुख्य अभियन्ता, लघु सिंचाई विभाग, वी के उपाध्याय, निदेशक, भूगर्भ जल विभाग के साथ-साथ विभागीय अन्य अधिकारी उपस्थित रहें।

Jal Shakti Mantralay UP ; क्षतिग्रस्त एवं जर्जर पुल - पुलियों के मरम्मत व नवनिर्माण निर्धारित समय से पूर्व कराने पर जोर

 नहरों पर स्थित क्षतिग्रस्त एवं जर्जर पुल - पुलियों के मरम्मत व नवनिर्माण का कार्य निर्धारित समय से पूर्व कराने पर जोर

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 लखनऊ , प्रदेश की नहरों पर स्थित पुल एवं पुलियों के जीर्णोद्धार , पुनर्निर्माण के लिए फरवरी में शुरू किये गये अभियान के अन्तर्गत 25050 पुल - पुलियों पर तेजी से कार्य कराया जा रहा है । प्रदेश की मुख्य नहर प्रणालियां कुछ 100 वर्षों से भी अधिक पुरानी हैं। आम जनता के सुविधाजनक आवागमन एवं किसानों के कृषि कार्य के लिए यातायात सुगम बनाने के लिए इन पुल - पुलियों का निर्माण एवं मरम्मत जरूरी है। इस वित्तीय वर्ष में क्षतिग्रस्त पुलों एवं पुलियों के लिए 300 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है तथा आगामी 2021-22 में 400 करोड़ रूपये की धनराशि प्रस्तावित की गयी है । 

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार प्रदेश की नहरों पर लगभग 70 हजार पुल - पुलियां निर्मित हैं , जिनमें से काफी क्षतिग्रस्त हैं , जिनके निर्माण की आवश्यकता है । मा मुख्यमंत्री द्वारा शुरू कराये गये अभियान के अन्तर्गत 25050 पुल - पुलियों के जीर्णोद्धार का लक्ष्य रखा गया है , जिनमें से 21542 पुल - पुलियों की मरम्मत एवं जीर्णोद्धार किया जायेगा तथा 3508 पुल - पुलियों का फिर से निर्माण किया जायेगा । नहर प्रणालियों पर बनाये गये यह पुल और पुलियां अपनी आयु पूरी कर चुके हैं । पुरानी नहर प्रणालियां पुराने तकनीकों की आवश्यकता के अनुसार पुलों का निर्माण किया गया था ।

 विगत वर्षों में विकास के साथ - साथ जहां नहरों पर निर्मित पुलों से गुजरने वाले वाहनों की संख्या में उत्तरोत्तर वृद्धि हुई है वहीं दूसरी ओर वाहनों की क्षमता एवं भार भी बढ़ा है । पुराने पुल व पुलियों पर बढ़ते हुए यातायात के दबाव के कारण पुल व पुलिया क्षतिग्रस्त होते चले गये । पूर्व के वर्षों में इनके मरम्मत के लिए धन की पर्याप्त व्यवस्था न होने के कारण यह कार्य कराया नहीं जा सका । ग्रामीणांचलों में आम जनता एवं किसानों को परेशानी होने लगी , इसको दृष्टिगत रखते हुए राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश में अभियान चलाकर मरम्मत एवं नवनिर्माण का कार्य शुरू कराया है ।

 प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डॉ महेन्द्र सिंह ने निर्धारित लक्ष्य को 100 दिन के अन्दर पूरा करने के बजाय पहले ही इस कार्य को प्राथमिकता के आधार पर किये जाने के लिए विभागीय अधिकारियों को कड़े निर्देश दिये गये हैं । इस दिशा में सिंचाई विभाग द्वारा तेजी से कार्यवाही करते हुए मरम्मत एवं नवनिर्माण की कार्यवाही सुनिश्चित की जा रही है ।



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Jal Shakti Mantralay ; किसानों की सहभागिता से किसानों की पैदावार बढ़ी।

 सिंचाई प्रबन्धन में किसानों की सहभागिता होने से बुदेलखण्ड क्षेत्र में किसानों की पैदावार बढ़ी। 

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लखनऊ , सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अन्तर्गत नहर कमांड क्षेत्र में जल उपयोग दक्षता बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश सहभागी सिंचाई प्रबन्धन अधिनियम , 2009 के अन्तर्गत सिंचाई प्रबन्धन में कृषकों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा रामगंगा संगठन के 12 जनपदों यथा - फर्रुखाबाद , कौशाम्बी , कासगंज , कानपुर , कन्नौज , औरैया , कानपुर देहात , फतेहपुर , एटा , मैनपुरी , इटावा एवं फिरोजाबाद में 914 तथा बेतवा संगठन के जनपद ललितपुर में 45 अल्पिका एवं राजवाह स्तरीय जल उपभोक्ता समितियों की स्थापना प्रथम बार की गई है । शारदा सहायक संगठन के 6 जनपदों यथा- बाराबंकी अमेठी , जौनपुर , रायबरेली , सुल्तानपुर एवं प्रतापगढ़ में 626 अल्पिका एवं राजवाह स्तरीय जल उपभोक्ता समितियों की पुनर्स्थापना भी की गई है । 

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 19 जनपदों में स्थापित 1585 जल उपभोक्ता समितियों को अल्पिकाओं एवं राजवाहों का सिंचाई प्रबन्धन सौप दिया गया है ।


 राज्य सरकार की मंशा है कि प्रदेश की लगभग 8500 अल्पिका तथा 1500 राजवाहा स्तरीय जल उपभोक्ता समितियों की स्थापना यथाशीघ्र कर दी जाए । इसके लिए बजट में 7 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई है तथा 1585 जल उपभोक्ता समितियों के संचालन एवं सशक्तिकरण हेतु 12 करोड़ रूपये की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा पहली बार की गई है । बुंदेलखंड के ललितपुर जनपद की महरौनी तहसील के चऊका गांव के किसान मर्दन लाल जल उपभोक्ता समितियों की सिंचाई के क्षेत्र में सफल भूमिका की सराहना करते हुए बताया कि पहले टेल तक पानी नही पहुंचता था सिंचाई विभाग ने जल उपभोक्ता समितियों से सहायता लेकर इस समस्या का समाधान निकाला ।


 इसी प्रकार छपरौली जल उपभोक्ता समिति के अध्यक्ष हनुमंत सिंह तोमर का कहना है कि पर्याप्त पानी मिलने से मर्दन लाल के तीन एकड़ खेत 24 कुन्तल मटर की पैदावार हुई । इसी प्रकार गढ़ौली माइनर के कमांड एरिया में आने वाले 4 हजार किसान लाभान्वित हुए है । जल उपभोक्ता समितियों की सिंचाई प्रबन्धन में सहभागिता किसानों के लिए लाभदायक सिद्ध हो रही है ।




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6AM न्यूज टाइम्स - 08-अप्रैल-2021


बुधवार, 7 अप्रैल 2021

6AM न्यूज टाइम्स - 07-अप्रैल-2021


Sichai Vibhag Up ; 15 परियोजनाओं से 18.14 लाख हे0 सिंचन क्षमता साथ ही 45.06 लाख किसान होंगे लाभान्वित।

 15 परियोजनाओं के पूरा होने से 18.14 लाख हे0 सिंचन क्षमता सृजित होने के साथ ही 45.06 लाख किसान होंगे लाभान्वित। 

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लखनऊः सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अंतर्गत वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अधूरी पड़ी सिंचाई परियोजनाओं को पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराकर तेजी से पूरा कराया जा रहा है । इन प्रयासों के फलस्वरूप वर्ष 2020-21 में 15 परियोजनाओं के पूरा होने से 18.14 लाख हे 0 की सिंचन क्षमता सृजित होगी और 45.06 लाख किसान लाभान्वित होंगे । 

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा उपलब्ध करायी गयी जानकारी के अनुसार इन 15 परियोजनाओं में सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना शमिल है । इस परियोजना से बहराइच , गोण्डा , बलरामपुर , श्रावस्ती , सिद्धार्थनगर , संत कबीर नगर , बस्ती गोरखपुर तथा महाराजगंज जनपद लाभान्वित होंगे । इन जनपदों में 14,04000 हे 0 सिंचन क्षमता बढ़ेगी और 29,76,500 किसान लाभान्वित होंगे । 

इस प्रकार उत्तर प्रदेश वाटर रिस्ट्रक्चरिंग परियोजना के कार्यों के पूरा होने से अमेठी , रायबरेली , इटावा , एटा , कन्नौज , कानपुर देहात, कासगंज, कौशाम्बी , फतेहपुर , फर्रुखाबाद , फिरोजाबाद , बाराबंकी , मैनपुरी तथा ललितपुर जनपद लाभान्वित होंगे। 

इस परियोजना से 1,62,000 हे 0 सिंचन क्षमता सृजित होगी तथा 7,17,000 किसान लाभान्वित होंगे । इसके अलावा उमरहट नहर परियोजना द्वितीय चरण , डलमऊ बी पम्प नहर प्रणाली की क्षमता पुनर्स्थापना लखेरी , भावनी , रतौली बांध व बीयर परियोजना , जाखलौन पम्प कैनाल , बण्डई बांध परियोजना , मझगांव , कुलपहाड़ , शहजाद बांध परियोजना तथा बबीना ब्लाक के 15 ग्रामों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए निर्माणाधीन परियोजनाओं को शीघ्रता से पूरा कराया जा रहा है ।


Food_Processing_Uttar_Pradesh ; खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को प्रोत्साहन और प्रशिक्षण कार्यक्रमों से बढ़ते रोजगार के अवसर।

यूपी में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को मिले प्रोत्साहन और प्रशिक्षण कार्यक्रमों से बढ़ते रोजगार के अवसर।

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लखनऊ ; उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के कुशल दिशा निर्देशन में प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है और ज्यादा से ज्यादा खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां लगे, इसके लिए इकाइयों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है ,साथ ही साथ लोगों को प्रशिक्षित भी किया जा रहा है ।

निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग उत्तर प्रदेश आर के तोमर ने बताया कि उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति 2017 के तहत 709 ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए हैं ।इसके सापेक्ष 379 प्रस्ताव स्वीकृत किए गए हैं ,जिनमें रुपया 1278.60 करोड का पूंजी निवेश हो रहा है और कुल 30538 रोजगार सृजन हो रहा है। 709 आवेदन पत्र के सापेक्ष रु०3635.57 करोड़ का निजी पूंजी निवेश प्रस्तावित है तथा 21987 प्रत्यक्ष एवं 32844 अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार सृजन होगा ।

 महात्मा गांधी खाद्य प्रसंस्करण ग्राम स्वरोजगार योजना के अंतर्गत 50 जनपदों में न्याय पंचायत स्तर पर तीन दिवसीय खाद्य प्रसंस्करण जागरूकता शिविरो में लगभग 33150 एवं जनपद स्तर पर एक माह के उद्यमिता विकास प्रशिक्षण के 135 कार्यक्रमों में लगभग 3660 लाभार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया ।प्रशिक्षण के उपरांत लाभार्थियों द्वारा इकाई स्थापित करने हेतु 350प्रस्ताव स्वीकृत किए गए ,जिसके सापेक्ष 189 इकाइयों को अनुदान हस्ताक्षरित कर इकाई की स्थापना कराई जा चुकी है।


NAMAMI_GANGE_Uttar_pradesh ; पीने के स्वच्छ पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु कन्ट्रोल रूम 24 घंटे अलर्ट ।


ग्रीष्म ऋतु में पेयजल की गम्भीर समस्या वाले क्षेत्रों में पीने के स्वच्छ पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु कन्ट्रोल रूम को 24 घंटे अलर्ट रखें। डॉ महेन्द्र सिंह 

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👉  बुन्देलखण्ड क्षेत्र के सभी तालाबों, झीलों, नहरों को भी भरने के निर्देश।
👉 संकटग्रस्त क्षेत्रों में टैकरों से पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाय। 
👉 ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल की समस्या के निराकरण हेतु जनपद एवं ब्लाक स्तर पर कन्ट्रोल रूम को 24 घंटे अलर्ट रखा जाए। 
👉 संकटग्रस्त क्षेत्रों में पानी का अभाव न होने पाए, इसके लिए हैण्डपम्पों का रिबोर कराकर इनकी मरम्मत करायी जाए। 
डॉ महेन्द्र सिंह

लखनऊ, उत्तर प्रदेश के नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति मंत्री डॉ महेन्द्र सिंह ने ग्रीष्म ऋतु में पेयजल की गम्भीर समस्या वाले क्षेत्रों एवं जनपदों में पीने के पानी की समस्या न हो, इसके लिए बुन्देलखण्ड क्षेत्र एवं सोनभद्र, मिर्जापुर, प्रयागराज, आगरा, फतेहपुर, चंदौली, कानपुर देहात एवं कानपुर नगर में जनपद स्तरीय कन्ट्रोल रूम स्थापित किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने बुन्देलखण्ड क्षेत्र के सभी तालाबों, झीलों, नहरों को भी भरने के निर्देश अधिकारियों को दिये ताकि पशु-पक्षियों, जानवरों व आमजन को जल संकट का सामना न करना पड़े।

नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति मंत्री डा महेन्द्र सिंह ने गत दिवस विधान सभा के सभागार में विभागीय अधिकारियों के साथ जलापूर्ति विभाग की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संकटग्रस्ट क्षेत्रों में टैकरों से पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाय, इसके लिए टैंकरों एवं टैªक्टरों की उपलब्धता के लिए चिन्हित किया जाए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल की समस्या के निराकरण हेतु जनपद एवं ब्लाक स्तर पर कन्ट्रोल रूम को 24 घंटे अलर्ट रखा जाए। इसके लिए नोडल अधिकारी भी नामित किये जाएं। उन्होंने निर्देशित किया है कि विकासखण्ड स्तर पर स्थित सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों एवं विद्यालयों में जलापूर्ति की स्थिति का सर्वे कराया जाए, जिससे जल जीवन मिशन द्वारा पाइप पेयजल जलापूर्ति के लिए चलाये गये 100 दिवसीय अभियान की सफलता सुनिश्चित की जा सके।

ग्रामीण जलापूर्ति मंत्री ने कहा कि समस्याग्रस्त सभी जनपदों तथा बुन्देलखण्ड क्षेत्र में स्थित सभी सरकारी कार्यालयों में प्याऊ लगाये जाएं। इन क्षेत्रों में पानी का अभाव न होने पाए, इसके लिए हैण्डपम्पों का रिबोर कराकर इनकी मरम्मत करायी जाए।

प्रमुख सचिव नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि ग्रीष्म ऋतु में ग्रामीण क्षेत्रों की पेयजल समस्या निराकरण हेतु राज्य स्तर, जनपद स्तर एवं विकास खण्ड स्तर पर 24 घण्टे एलर्ट पर रहने हेतु त्रिस्तरीय कन्ट्रोल रूम की स्थापना की गयी है जिसमें कुल 3378 अधिकारी/कर्मचारियों को लगाया गया है। 

राज्य स्तरीय कन्ट्रोल रूम का टोल फ्री नं0-1800-180-5226 एवं दूरभाष नं0-0522-2239426 है। प्रदेश के समस्त जनपदों में जनपद स्तर पर जिला विकास अधिकारी, जिला पंचायतराज अधिकारी एवं अधिशासी अभियन्ता, उ. प्र. जल निगम को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। प्रदेश के समस्त विकास खण्डों में विकास खण्ड स्तर पर खण्ड विकास अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी एवं अन्य अधिकारी/कर्मचारियों को ग्रीष्म ऋतु में ग्रामीण क्षेत्रों की पेयजल समस्या निराकरण हेतु नोडल अधिकारी नामित किया गया है।

इस अवसर पर विशेष सचिव नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग अखण्ड प्रताप सिंह सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।




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सोमवार, 5 अप्रैल 2021

Covid-19_2021 यूपी में धारा 144 लागू, एक जगह पांच से ज्यादा लोगों के जुटने पर रोक.... ।

यूपी के सभी जिलों में धारा 144 लागू, एक जगह पांच से ज्यादा लोगों के जुटने पर रोक।

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सभी जिलाधिकारियों, एसपी व एसएसपी को सख्ती से कोरोना प्रोटोकाल पालन करवाने का आदेश दिया गया।

उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है और अब पहले चरण के मतदान के लिए नामांकन की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है। वहीं, प्रदेश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमितों की संख्या को देखते हुए प्रदेश सरकार ने एहतियात के तौर पर प्रदेश के भी जिलों में धारा 144 लागू कर दी है। अब प्रचार के दौरान पांच से ज्यादा लोग एक साथ एक जगह पर नहीं जुट सकेंगे।

अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने सभी जिलाधिकारियों, एसपी व एसएसपी को सख्ती से कोरोना प्रोटोकाल पालन करवाने का आदेश दिया है। आदेश में कहा गया है कि कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए प्रोटोकाल का सख्ती से पालन करवाएं और अत्यंत सावधानी से पंचायत चुनाव संपन्न करवाएं।

पंचायत चुनाव में प्रचार-प्रसार के लिए होने वाली सार्वजनिक जनसभा में पांच से अधिक लोगों की भीड़ न इकट्ठा होने पाए। आदेश में सार्वजनिक भोज की अनुमति देने से इनकार किया गया है। इसके साथ ही कोरोना प्रोटोकाल का पालन न करने पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।

100 से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगाने के निर्देश

वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सार्वजनिक कार्यक्रम में 100 से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सोमवार को कहा कि कोविड-19 के नए स्ट्रेन की संक्रमण दर काफी अधिक है इसलिए पूरी सजगता बरतना जरूरी है। अत: यह सुनिश्चित किया जाए कि सार्वजनिक कार्यक्रमों में 100 से अधिक लोग एकत्र न हों।

मुख्यमंत्री ने लखनऊ, कानपुर नगर, प्रयागराज, वाराणसी और गोरखपुर में अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश देते हुए कहा कि जिन जिलों में कोविड-19 के 100 से अधिक केस हैं वहां विशेष सावधानी बरती जाए। संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए कांटैक्ट ट्रेसिंग का कार्य प्रभावी ढंग से किया जाए। कोविड पाजिटिव व्यक्ति के अधिक से अधिक कांटैक्ट्स को चिन्हित करते हुए ऐसे लोगों की जांच कराई जाए। प्रदेश में कोविड-19 की टेस्टिंग का कार्य पूरी क्षमता से संचालित किया जाए। संदिग्ध केस में अनिवार्य रूप से आरटीपीसीआर टेस्ट किया जाए।


बचाव के लिए लोगों को निरंतर जागरुक किया जाए

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 से बचाव के लिए लोगों को निरंतर जागरूक किया जाए। सोशल डिस्टेंसिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि लोग मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करें।

उन्होंने कोविड अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में बेड्स की संख्या बढ़ाने, कोविड अस्पतालों में चिकित्सकों, पैरामेडिकल एवं नर्सिंग स्टाफ, आवश्यक औषधियों, मेडिकल उपकरणों और बैकअप सहित आक्सीजन की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि कोविड एवं नॉन कोविड अस्पताल स्थापित किए जाएं। कोविड मरीज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एम्बुलेंस का उपयोग नॉन कोविड मरीजों के लिए न किया जाए। एम्बुलेंस के लिए किसी भी मरीज को इंतजार न करना पड़े। बैठक में मुख्य सचिव आरके तिवारी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

Covid-19 / 2021 यूपी में कोरोना की नई गाइडलाइंस जारी....

 यूपी में कोरोना की नई गाइडलाइंस जारी, 1 मरीज मिलने पर 20 घरों का इलाका होगा सील। 

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  • नई गाइलाइंस के मुताबिक, एक मरीज मिलने पर 20 मकानों का इलाका सील होगा।
  • वहीं एक से अधिक केस अगर मिलेंगे तो 60 घरों वाला इलाका सील कर दिया जाएगा।
  • बहुमंजिला घरों के लिए अलग नियम बनाएं गएं है। 


लखनऊ: यूपी में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर सरकार ने नियम सख्त कर दिए हैं. शहरी इलाकों में कोरोना मरीज मिलने पर इलाका कंटेनमेंट जोन घोषित होगा. एक मरीज मिलने पर 20 मकानों का इलाका सील होगा. एक से अधिक केस मिलने पर 60 मकानों का इलाका सील कर दिया जाएगा। 

नियम के मुताबिक, कंटेनमेंट जोन में लोगों का आवागमन बंद हो जाएगा, वहां के लोगों को 14 दिन तक इसी स्थिति में रहना पड़ेगा. इलाके में सर्विलांस टीम सर्वे और जांच करेंगी. सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अफसरों को आदेश जारी कर दिया गया है। 

बहुमंजिला अपार्टमेंट के लिए नियम कुछ अलग होंगे. एक मरीज मिलने पर अपार्टमेंट की उस मंजिल को बंद कर दिया जाएगा. एक से अधिक मरीज मिलने पर ग्रुप हाउसिंग का संबंधित ब्‍लॉक सील होगा. 14 दिनों तक एक भी मरीज न मिलने पर ही कंटेनमेंट जोन समाप्त होगा। 

यूपी में कोरोना की ताजा स्थित। 

उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने रविवार को बताया कि कल प्रदेश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 4,164 नए मामले सामने आए हैं. सक्रिय मामले 19738 हैं. संक्रमण से अब तक 8881 लोगों की मौत हुई है. अब तक प्रदेश में 3,54,13,966 सैंपल की जांच की गई है. कल 78, 959 सैंपल आरटी-पीसीआऱ जांच के लिए भेजे गए। 

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि 7 अप्रैल को हम लोग लॉटरी भी निकालने जा रहे हैं. 16 जनवरी से 3 अप्रैल के बीच जिन लोगों ने अपनी दोनो डोज ले ली है, हमने उनको वैक्सीनेशन का कार्ड दिया था. उसका काउंटर फाईल हमने रख लिया था, उसमें सीरियल नंबर था. हम उसकी लॉटरी निकालने जा रहे हैं। 

अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि जिन जिलों में ऐसे 25 हजार तक लोग होंगे जिनकी दोनो डोज हो गई वहां हम लॉटरी निकालकर 4 उपहार देंगे. जिन जिलों में 25-50 हजार तक है उनमें हम 6 उपहार देंगे और उससे ज्यादा वाले में 8 उपहार देंगे।



6AM न्यूज टाइम्स - 05-अप्रैल-2021


रविवार, 4 अप्रैल 2021

6AM न्यूज टाइम्स - 04-अप्रैल-2021


UP_PANCHAYAT_ELECTION_2021 ; पहले चरण के 18 जिलों में नामांकन शुरू,

 यूपी पंचायत चुनाव: पहले चरण के 18 जिलों में नामांकन शुरू, चुनाव में बने रहने के लिए हर हाल में करें इन नियमों का पालन। 

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उत्तर प्रदेश में हो रहे पंचायत चुनाव में पहले चरण की नामांकन प्रक्रिया शनिवार 3 अप्रैल से शुरू हो चुकी है । रविवार तक चलने वाली इस प्रक्रिया के तहत राज्य के 18 जिलों में ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत, क्षेत्र व जिला पंचायत सदस्य के पदों के लिए उम्मीदवार अपने नामांकन दाखिल करेंगे। इन दोनों दिनों में इन 18 जिलों के सभी विकास खंड मुख्यालयों पर सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे के बीच नामांकन पत्र दाखिल किये जाएंगे।

  नामांकन स्थल से दो सौ मीटर के दायरे से पहले रोकी जाए भीड़। 

राज्य निर्वाचन आयोग के अपर निर्वाचन आयुक्त वेद प्रकाश वर्मा ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि नामांकन के दिनों में विकास खण्ड मुख्यालय आने वाले उम्मीदवारों के समर्थकों की भीड़ को नामांकन स्थल दो सौ मीटर की परिधि के बाहर ही रोक दिया जाए। नामांकन स्थल पर उम्मीदवार, उसके चुनाव अभिकर्ता, प्रस्तावक और मदद के लिए एक अन्य व्यक्ति को ही आने की अनुमति दी जाए।

  कोविड संक्रमित मरीज भी कर सकेगा नामांकन। 

राज्य निर्वाचन आयोग ने कोरोना संक्रमण से बचाव की हिदायत देते हुए कोविड-19 के प्रोटोकाल का अनुपालन करते हुए गाइडलाइन जारी की है। इस गाइडलाइन के अनुसार अगर कोई कोविड संक्रमित रोगी या उसके साथ रह रहा व्यक्ति चुनाव लड़ना चाहता है तो वह अपना नामांकन पत्र अपने प्रस्तावक या किसी अन्य प्राधिकृत व्यक्ति द्वारा रिटर्निंग आफिसर को प्रस्तुत कर सकता है। ऐसे व्यक्ति रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष खुद नहीं आएंगे। रिटर्निंग अधिकारी के कक्ष में नामांकन पत्र प्रस्तुत करने के लिए आने वाले व्यक्तियों के लिए साबुन, पानी और सेनेटाइजर की व्यवस्था होगी और इसके प्रयोग के लिए कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी।

  बगैर मास्क के प्रवेश की अनुमति नहीं।  

नामांकन पत्र प्रस्तुत करने के लिए आने वाले व्यक्तियों के लिए मास्क लगाना जरूरी होगा। मास्क के बिना रिटर्निंग अधिकारी के कक्ष में आने की अनुमति नहीं दी जाएगी नामांकन पत्र प्रस्तुत करने के लिए केवल उम्मीदवार और उसके साथ एक अन्य व्यक्ति को ही रिटर्निंग अधिकारी के कक्ष में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। अन्य प्रत्याशियों और उनके साथ आने वाले व्यक्तियों को प्रतीक्षा के लिए कक्ष के बाहर बैठने की व्यवस्था इस प्रकार की जाएगी जिससे उचित सामाजिक दूरी का पालन हो सके।

नामांकन पत्र प्रस्तुत करने के लिए नियम समय में आने वाले सभी उम्मीदवारों को उनके आने के क्रम के अनुसवार रिटर्निंग आफिसर द्वारा हस्ताक्षरित पर्ची दिए जाने के बाद और बड़े हाल में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए बैठाया जाएगा और उक्त क्रम में ही उम्मीदवारों को एक-एक करके रिटर्निंग आफिसर के कक्ष में प्रवेश दिया जाएगा।

  इन जिलों में नामांकन आज से। 

सहारनपुर, गाजियाबाद, रामपुर, बरेली, हाथरस, आगरा, कानपुर नगर, झांसी, महोबा, प्रयागराज, रायबरेली, हरदोई, अयोध्या, श्रावस्ती, संतकबीरनगर, गोरखपुर, जौनपुर और भदोही।





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शुक्रवार, 2 अप्रैल 2021

Covid-19 2021 कोरोना संक्रमण का नया दौर और भी विकराल, पाबंदियां और सख्ती बढ़ रही है।

  फन माल समेत कई प्रतिष्ठान सील। हनुमान सेतु श्रृदालुओं पर रोक  

लखनऊ, कोरोना संक्रमण का नया दौर और भी विकराल, पाबंदियां और सख्ती बढ़ा रही है सरकार। 

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लखनऊ ; धार्म‍िक स्थलों से लेकर बाजार और रेस्टोरेंट में बिना मास्क प्रवेश पर पूरी तरह रोक लगा दी गयी है। कोव‍िड प्रोटोकाल का उल्‍लंघन के मामले में डीएम अभ‍िषेक प्रकाश ने फन माल समेत कई प्रत‍िष्‍ठानों को सील क‍िया गया है। हनुमान सेतु गर्भग्रह में श्रृदालुओं के प्रवेश पर रोक के साथ होने वाली पूजा को भी अनिश्चितकाल के लिए बंद करने का फैसला किया है। कोविड प्रोटोकॉल के उल्लंघन पर फन मॉल और माय बार को सील कर दिया गया है। कल से शहर की मंडियों में फुटकर बिक्री पर भी रोक लग गयी है।

 इन पर हुई कार्रवाई। 

मेगा शाॅप, ठाकुरगंंज मेंं बालागंज चौराहा ग्‍लोब काफी, अलीगंज कपूरथला ग‍िलोरी पान, अलीगंज मेहमान लड्डू, कपूरथला फन र‍िपब्‍ल‍िक मॉल, गोमतीनगर माई बार हेडक्‍वटर, गोमतीनगर पंचवटी स्‍वीट्स, भूतनाथ। 

राजधानी में कोरोना मरीजों की लगातार बढ़ रही संख्या को देखते हुए धार्मिक स्थलों और बाजारों में सुरक्षा के अतिरिक्त उपाय किए जा रहे हैं। हनुमान सेतु मंदिर में गर्भगृह तक जाने पर रोक लगा दी गई और मास्क पहनकर प्रसाद चढ़ाने के लिए श्रद्धालुओं से कहा गया है। मुख्य पुजारी चंद्रकांत द्विवेदी ने बताया कि मंदिर ट्रस्ट ने सुरक्षा के चलते सभी पुजारियों को दो अप्रैल से अनिश्चितकालीन अवकाश पर घर भेज दिया है इसलिए वहां पर अब पूजा नहीं होगी।

मनकामेश्वर मंदिर में भी घंटा बजाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, साथ ही दस साल तक के बच्चों और साठ वर्ष के ऊपर के बुजुर्गों को मंदिर नहीं आने को कहा गया है। पहले बनाए गए अस्थाई अरघे से ही अभिषेक होगा। प्रसाद व पुष्प श्रद्धालु स्वयं चढ़ाएंगे। राजेंद्र नगर के महाकाल मंदिर के व्यवस्थापक अतुल मिश्रा ने बताया कि घंटा बजाने और प्रसाद चढ़ाने पर प्रतिबंध है। मास्क और सैनिटाइजर के साथ श्रद्धालुओं को मंदिर में आने के लिए कहा गया है। अलीगंज नए व पुराने हनुमान मंदिर के अलावा कोनेश्वर, बड़ा व छोटा शिवाला, संदोहन देवी मंदिर व कालीबाड़ी मंदिरों में बगैर मास्क के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। 

गुरुद्वारों में बिना मास्क के प्रवेश पर प्रतिबंध : लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा सभी गुरुद्वारों की कमेटियों को कोरोना संक्रमण से निपटने के उपाय करने के निर्देश दिए गए हैं। गुरुद्वारे में गुरु ग्रंथ साहिब के सामने दूर से मत्था टेकने और दरबार हाल में मास्क के साथ प्रवेश होगा। गुरुद्वारा नाका ङ्क्षहडोला के प्रवक्ता जसवीर ने बताया कि गुरुद्वारे में बगैर मास्क के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। हर दिन होने वाली लंगर सेवा भी दूर से करने के लिए कहा गया है। गुरुद्वारा मानसरोवर के बग्गा ने बताया कि गुरुद्वारे में कोरोना संक्रमण बचाने के लिए मास्क और सैनिटाइजर का प्रबंध किया गया है। गुरुद्वारा यहियागंज के सचिव मनमोहन हैप्पी ने बताया कि सरकार की गाइड लाइन का पालन किया जाएगा। 

उल्लंघन पर मॉल और बार सील : कोरोना प्रोटोकॉल के उल्लंघन के मामलों पर अब प्रशासन की सख्ती बढ़ती जा रही है। प्रशासन ने गुरुवार को कोविड प्रोटोकॉल के उल्लंघन पर गोमतीनगर में बड़ी कार्रवाई करते हुए फान मॉल और समिट बिल्डिंग में स्थित माय बार को सील कर दिया। दोनो को पहले सुधार के लिए नोटिस दिया गया था। एसडीएम सदर प्रफुल त्रिपाठी के मुताबिक गुरुवार को जांच में कोविड प्रोटोकॉल का पालन फिर नहीं होना पाया गया। लोग बिना मास्क प्रवेश कर रहे थे और सनेटाइजेशन की व्यवस्था नहीं थी। एसडीएम के मुताबिक अगले आदेश तक मॉल को बंद कर दिया है। अगले अड़तालीस घंटे में अपना पक्ष रखने के लिए एडीएम ट्रांसगोमती के कार्यालय में उपस्थित होंगे। वहीं दूसरी कार्रवाई विभूति खंड में समिट बिल्डिंग में स्थित माय बार में की गयी। प्रशासन ने यहां भी कोविड प्रोटोकॉल के उल्लंघन पर अगले आदेश तक बार को सील कर दिया।  



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6AM न्यूज टाइम्स - 02-अप्रैल-2021


गुरुवार, 1 अप्रैल 2021

6AM न्यूज टाइम्स - 01-अप्रैल-2021


UP_Panchayat_Election_2021 प्रचार में इनका इस्तेमाल किया पर्चा खारिज हो जाएगा।

प्रचार में किया इनका इस्तेमाल तो प्रत्याशियों का पर्चा खारिज हो जाएगा। 

6 एएम न्यूज टाइम्स, लखनऊ Updated Thu, 01 Apr 2021


त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने वाले उन प्रत्याशियों का पर्चा खारिज हो जाएगा। जिन्होंने प्रचार-प्रसार के लिए किसे के घर गांव की दीवारों का सहारा लिया तो। पंचायत चुनाव में वॉल राइटिंग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्रत्याशियों को नामांकन पत्र में झूठी सूचना देने से बचने को कहा गया है।

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में नामांकन करने वाले प्रत्याशियों को प्रचार-प्रसार करने की सीमाएं निश्चित की गई हैं। ग्राम प्रधान और बीडीसी सदस्य के लिए 75,000-75000 रुपये, ग्राम पंचायत सदस्य के लिए दस हजार रुपये और जिला पंचायत सदस्य पद के लिए 1,50,000 रुपये खर्च करने की सीमा निश्चित की गई है। पंचायत चुनाव में वॉल राइटिंग कराने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। गांव की दीवारों पर प्रत्याशियों के नाम, चुनाव चिन्ह, वोट देने की अपील लिखवाने वाले दावेदारों का पर्चा खारिज हो सकता है।

गांव के ही विरोधी प्रत्याशियों की शिकायत पर चुनाव अधिकारी पर्चा खारिज कर सकता है। इसलिए चुनाव घोषित होने के पहले अगर वॅाल राइटिंग कराई गई है, तो नामांकन से पहले उसे मिटाना होगा। फिलहाल नामांकन पत्र में झूठी सूचना देने वाले उम्मीदवारों को खामियाजा भुगतान पड़ सकता है। चुनाव आयोग ने गुमराह करने वाले लोगों का पर्चा निरस्त करने और उन्हें अयोग्य घोषित करने का अधिकार दिया है। इधर, प्रचार-प्रसार के लिए निश्चित धनराशि से अधिक खर्च करने वालों पर चुनाव आयोग की गाज गिर सकती है। 

नामांकन के दिन से होगी खर्च की गणना 

प्रत्याशियों के नामांकन पत्र दाखिल करने के साथ ही खर्च की गणना होगी। सभी प्रत्याशियों को अपने ब्लाक के एआरओ को अपने खर्च का हिसाब भी देना होगा। प्रधान, जिला पंचायत सदस्य, बीडीसी सदस्य के लिए अलग से खर्च का रजिस्टर बनाना होगा। 

चुनाव आयोग ने वॉल राइटिंग कराने पर रोक लगा दी है। इसलिए कोई भी प्रत्याशी वॉल राइटिंग कराता है, तो उसका नामांकन पत्र निरस्त कर दिया जाएगा। प्रत्याशियों के लिए खर्च की जो सीमा निश्चित की गई है, उसी के मुताबिक खर्च करना होगा। 



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