Jal Shakti Mantralay UP ; क्षतिग्रस्त एवं जर्जर पुल - पुलियों के मरम्मत व नवनिर्माण निर्धारित समय से पूर्व कराने पर जोर

 नहरों पर स्थित क्षतिग्रस्त एवं जर्जर पुल - पुलियों के मरम्मत व नवनिर्माण का कार्य निर्धारित समय से पूर्व कराने पर जोर

सब्सक्राइब करें। www.6amnewstimes.com 09:04 :2021 RAVINDRA YADAV Lucknow, 9415461079 


 लखनऊ , प्रदेश की नहरों पर स्थित पुल एवं पुलियों के जीर्णोद्धार , पुनर्निर्माण के लिए फरवरी में शुरू किये गये अभियान के अन्तर्गत 25050 पुल - पुलियों पर तेजी से कार्य कराया जा रहा है । प्रदेश की मुख्य नहर प्रणालियां कुछ 100 वर्षों से भी अधिक पुरानी हैं। आम जनता के सुविधाजनक आवागमन एवं किसानों के कृषि कार्य के लिए यातायात सुगम बनाने के लिए इन पुल - पुलियों का निर्माण एवं मरम्मत जरूरी है। इस वित्तीय वर्ष में क्षतिग्रस्त पुलों एवं पुलियों के लिए 300 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है तथा आगामी 2021-22 में 400 करोड़ रूपये की धनराशि प्रस्तावित की गयी है । 

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार प्रदेश की नहरों पर लगभग 70 हजार पुल - पुलियां निर्मित हैं , जिनमें से काफी क्षतिग्रस्त हैं , जिनके निर्माण की आवश्यकता है । मा मुख्यमंत्री द्वारा शुरू कराये गये अभियान के अन्तर्गत 25050 पुल - पुलियों के जीर्णोद्धार का लक्ष्य रखा गया है , जिनमें से 21542 पुल - पुलियों की मरम्मत एवं जीर्णोद्धार किया जायेगा तथा 3508 पुल - पुलियों का फिर से निर्माण किया जायेगा । नहर प्रणालियों पर बनाये गये यह पुल और पुलियां अपनी आयु पूरी कर चुके हैं । पुरानी नहर प्रणालियां पुराने तकनीकों की आवश्यकता के अनुसार पुलों का निर्माण किया गया था ।

 विगत वर्षों में विकास के साथ - साथ जहां नहरों पर निर्मित पुलों से गुजरने वाले वाहनों की संख्या में उत्तरोत्तर वृद्धि हुई है वहीं दूसरी ओर वाहनों की क्षमता एवं भार भी बढ़ा है । पुराने पुल व पुलियों पर बढ़ते हुए यातायात के दबाव के कारण पुल व पुलिया क्षतिग्रस्त होते चले गये । पूर्व के वर्षों में इनके मरम्मत के लिए धन की पर्याप्त व्यवस्था न होने के कारण यह कार्य कराया नहीं जा सका । ग्रामीणांचलों में आम जनता एवं किसानों को परेशानी होने लगी , इसको दृष्टिगत रखते हुए राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश में अभियान चलाकर मरम्मत एवं नवनिर्माण का कार्य शुरू कराया है ।

 प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डॉ महेन्द्र सिंह ने निर्धारित लक्ष्य को 100 दिन के अन्दर पूरा करने के बजाय पहले ही इस कार्य को प्राथमिकता के आधार पर किये जाने के लिए विभागीय अधिकारियों को कड़े निर्देश दिये गये हैं । इस दिशा में सिंचाई विभाग द्वारा तेजी से कार्यवाही करते हुए मरम्मत एवं नवनिर्माण की कार्यवाही सुनिश्चित की जा रही है ।



++++++++++

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने