imprisonment for love jihad: मोहम्मद अफजाल खुद को भगवान शिव का पुजारी बताया था।

यूपी : लव जिहाद के मामले में पहली बार दोषी को हुई सजा।

उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी।

6AM_NEWS_TIMES : Edited by. Ravindra yadav Lucknow 9415461079, 18,Sep, 2022 : Sun, 01 : 45 AM,

 


मोहम्मद अफजाल ने अपना धर्म छुपाकर खुद को भगवान शिव का पुजारी बताया था। 

मुस्लिम युवक ने खुद को हिंदू बताकर नर्सरी संचालक की नाबालिग बेटी को प्रेमजाल में फंसा लिया। उसका अपहरण कर दिल्ली ले गया। जहां शादी करने के लिए धर्मांतरण कराया, लेकिन किशोरी के विरोध के चलते शादी नहीं हो सकी। इसी दौरान पुलिस ने दोनों को पकड़ लिया था। अब अदालत ने दोषी को पांच साल कैद की सजा सुनाई है। उस पर 40 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। 

लव जिहाद के मामले में यूपी में पहली बार किसी दोषी को सजा सुनाई गई है।

यह मामला हसनपुर कोतवाली क्षेत्र का है। यहां रहने वाले हिंदूू परिवार के व्यक्ति की नर्सरी है। मार्च 2021 में कारोबारी अपनी पत्नी और बच्चों के साथ नर्सरी पर ही थे। एक दिन संभल निवासी उनके परिचित मिलने के लिए आए थे। परिचित का कार चालक मोहम्मद अफजाल निवासी गांव मंगलपुरा सरायतरीन थाना हयातनगर जनपद संभल भी उनके साथ था। इस दौरान मोहम्मद अफजाल की मुलाकात नर्सरी संचालक की 16 वर्षीय बेटी से हुई।


मोहम्मद अफजाल ने अपना धर्म छुपाकर खुद का नाम अरमान कोहली बताया था। साथ ही खुद को भगवान शिव का पुजारी बताया था। दोनों ने एक दूसरे के मोबाइल नंबर ले लिए तथा दोनों का प्रेम प्रसंग शुरू हो गया। दोनों फोन काल व वाट्सएप पर बात करने लगे। इसी बीच दो अप्रैल 2021 को अफजाल नर्सरी संचालक की बेटी को शादी करने का झांसा देकर अपहरण कर ले गया। स्वजन ने अफजाल के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करा दी थी।

अफजाल किशोरी को दिल्ली के उसमानपुर क्षेत्र में ले गया था। जहां किशोरी को प्रेमी के मुस्लिम होने की जानकारी मिली। वहां शादी करने के लिए उसने किशोरी का जबरन धर्मांतरण कराया। जान से मारने की धमकी दी। परंतु पुलिस ने सर्विलांस के माध्यम से घटना के दो दिन बाद दोनों को उस्मानपुर से बरामद कर लिया था।


किशोरी के बयान के आधार पर इस मामले में पुलिस ने अफजाल विरुद्ध उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 के तहत भी प्राथमिकी दर्ज की थी। मोहम्मद अफजाल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। बाद में उसे जमानत मिल गई थी। 

यह मुकदमा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशेष ( पॉक्सो एक्ट प्रथम ) डॉ कपिला राघव की अदालत में विचाराधीन था।


शुक्रवार को मुकदमे में सुनवाई के दौरान मोहम्मद अफजाल को दोषी करार देते हुए न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया था। शनिवार को अदालत ने इस मामले दोषी मोहम्मद अफजाल को पांच साल कैद की सजा सुनाई। साथ ही उस पर 40 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।

 अभियोजन पक्ष की तरफ से पैरवी करने वाले विशेष लोक अभियोजक ( पॉक्सो एक्ट ) बसंत सिंह सैनी ने बताया कि मतांतरण के मामले में यह प्रदेश की पहली सजा सुनाई गई है।






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