UP Panchayat Chunav 2021: पंचायत चुनाव को भी लोकसभा की तरह लड़ेगी Bjp, युद्ध स्तर पर हो रही तैयारी।

 लोकसभा की तरह पंचायत चुनाव लड़ेगी Bjp, युद्ध स्तर पर कर रही तैयारी। हाईकोर्ट ने 17 मार्च तक आरक्षण अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया।

सब्सक्राइब करें। www.6amnewstimes.com Ravindra Yadav lucknow 07:02 :2021



लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने पंचायत चुनाव को लेकर कमर कस ली है. इस चुनाव में वॉर रूम से फोकस करेगी. पार्टी ने आईटी जानकारों (BJ IT Cell) के साथ पूरी तैयारी कर रही है। पार्टी कार्यालय पर एक हिस्सा वॉर रूप के रूप में तब्दील हो गया है। पंचायत चुनाव के प्रभारी बनाये गए नेताओं के साथ अलग-अलग क्षेत्र के पंचायत प्रमुखों के साथ अलग-अलग कमरे बनाकर रोजाना वॉर्ड के हिसाब से जानकारी ली जा रही है। 


पंचायत चुनाव को लेकर हाई कोर्ट के आदेश के बाद आरक्षण प्रक्रिया को लेकर राज्य निर्वाचन ने कवायद तेज कर दी है. जानकारी के मुताबिक ब्लॉक प्रमुखों और जिला पंचायत सदस्यों के उन पदों को पहले एससी के लिए आरक्षित किया जाएगा जो अभी तक इस वर्ग के लिए आरक्षित नहीं हुए हैं. जिले में ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत सदस्य का एक-एक पद ऐसा है जो कभी भी एससी के लिए आरक्षित नहीं हुआ था। 

पूर्व में आरक्षण की स्थिति और पंचायतवार जातिगत आंकड़े शासन को भेज दिए गए हैं. आरक्षण निर्धारण की आगे की प्रक्रिया भी जल्द पूरी की जाएगी. फिलहाल 15 मार्च से पहले आरक्षण निर्धारण की प्रक्रिया पूरी करने की बात कही जा रही है. सुप्रीम कोर्ट ने भी अप्रैल तक पंचायत कराने के आदेश दिए हैं. 

इनके लिए अहम होगा पंचायत चुनाव

यह पंचायत चुनाव बीजेपी सहित दूसरी पार्टियों के लिए अहम माना जा रहा है. इसे अगले साल होने वाले विधान सभा चुनाव के सेमीफाइनल के रूप में देखा जा रहा है. यह चुनाव कितना खास है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसमें आम आदमी पार्टी, AIMIM, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, कांग्रेस, सपा और बसपा ने अपनी तैयारियां कर ली हैं।

उच्च न्यायालय ने 17 मार्च तक आरक्षण की अधिसूचना जारी करने का वक्त दिया है।

कोर्ट के आदेश के बाद आयोग 18 मार्च को पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी कर सकता है, जिसे 30 अप्रैल 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. यह ऐसा पहला मौका है जब यूपी में मार्च-अप्रैल में पंचायत चुनाव होंगे. इससे पहले 1995 में पहली बार पंचायत चुनाव हुए थे तो मार्च-अप्रैल के महीने में ही हुए थे, लेकिन बाद के चुनाव कभी इन दो महीनों में नहीं कराए गए. राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, साल 2000 में मई-जून तो 2005 में जुलाई से लेकर अक्टूबर तक पंचायत चुनाव हुए थे.


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