Irrigation Department; बुन्देलखण्ड एवं विंध्य क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों में पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता

बुन्देलखण्ड एवं विंध्य क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों में पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता 

 नहरों की सफाई अभियान 15 नवम्बर तक चलाकर शत प्रतिशत सफाई सुनिश्चित करायी जाये -डॉ महेन्द्र सिंह 

डॉ महेन्द्र सिंह नमामि गंगे ग्रामीण जलापूर्ति एवं सिंचाई विभाग की समीक्षा बैठक। 

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डॉ महेन्द्र सिंह ने विभागीय अधिकारियों को सभी जलाशयों , बांधों - बन्धियों की एक माह के अन्दर विधिवत सर्वे कर स्थलीय रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं । उन्होंने कहा है कि सिंचाई प्रणालियों से अतिक्रमण हटाने के साथ ही सीपेज एवं लीकेज को पूरी तरह समाप्त किया जाये तथा रंगाई पुताई आदि भी सुनिश्चित की जाये । उन्होंने कहा कि ग्रामीण अंचलों में पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता है और इस कार्य में किसी प्रकार की लापरवाही और कोताही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जायेगी । उन्होंने अपर मुख्य सचिव सिंचाई एवं प्रमुख सचिव नमामि गंगे व ग्रामीण जलापूर्ति को निर्देश दिये कि फील्ड में तैनात अधीनस्थों के कार्यों की लगातार अनुश्रवण सुनिश्चित करें । जलशक्ति मंत्री आज यहां विधान भवन के कक्ष संख्या -80 में नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति तथा सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे । 


उन्होंने निर्देश दिये कि जलाशयों बन्धों आदि प्रणालियों में बेहया , जलकुम्भी , झाड़ - झंखाड़ , पेड़ - पौधे उग आये हैं और इनकी सफाई करयी जाये । जिसके कारण पानी का रास्ता अवरूद्ध हो रहा है । महोबा जनपद के बन्धों की स्थिति दयनीय है और नहर की पटरी भी टूटी हुई है । उन्होंने सोनभद्र और मिर्जापुर के बन्धे - बन्धियों जलाशयों आदि का स्थलीय निरीक्षण कर वास्तविक रिपोर्ट देने के निर्देश दिये । उन्होंने कहा कि गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी 15 अक्टूबर से 15 नवम्बर तक नहरों की सफाई का कार्य कराया जायेगा । इस अवधि में नहरों की पटरी की मरम्मत , गढढामुक्त अभियान , रंगाई - पुताई , क्षतिग्रस्त हिस्सों की मरम्मत आदि कार्य भी कराये जायें । उन्होंने कहा कि नहरों की सफाई का कार्य शुभारम्भ एमपी , एमएलए तथा ग्राम प्रधान व मीडिया के लोगो को आंमत्रित कर कराया जाये । इसके साथ ही पारदर्शिता का पूरा ध्यान रखा जाये। 

डॉ सिंह ने कहा कि सिल्ट से निकाली गयी मिट्टी का जिलाधिकारी से समन्वय कर निस्तारण कराया जाये । इसके साथ ही राजवाहों , अल्पिकाओं , ड्रेनेज , नालों की भी सफाई की जानी है । उन्होंने कहा कि इस कार्य की फोटोग्राफी , जियो - टैगिंग तथा डाक्यूमेण्टेशन भी सुनिश्चित कराया जाये। उन्होंने यह भी कहा कि 05-05 ग्राम प्रधानों द्वारा कार्यपूर्ति प्रमाण - पत्र दिये जाने पर ही भुगतान किया जायेगा । 

अपर मुख्य सचिव , सिंचाई एवं जलसंसाधन , श्री टी वेंकटेश ने विभिन्न सिंचाई प्रणालियों से उपलब्ध कराये जा रहे कच्चे पानी के बारे में विस्तार से जानकारी दी तथा प्रस्तावित परियोजनाओं एवं निर्माणाधीन योजनाओं के बारे में मा जलशक्ति मंत्री को अवगत कराया । प्रमुख सचिव नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति श्री अनुराग श्रीवास्तव ने विंध्य / बुन्देलखण्ड क्षेत्र के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में क्रियान्वित की जा रही विभिन्न पाइप पेयजल परियोजनाओं के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी । बैठक में सचिव , सिंचाई एवं जलसंसाधन श्री अनिल गर्ग , विशेष सचिव श्री मुश्ताक अहमद , मिशन निदेशक श्री सुरेन्द्र राम तथा विभागाध्यक्ष एवं प्रमुख अभियन्ता , सिंचाई एवं जलसंसाधन , श्री आर के सिंह व बुन्देलखण्ड तथा विंध्य क्षेत्र के मुख्य अभियन्ता अधीक्षण अभियन्ता एवं अधिशाषी अभियन्ता मौजूद थे ।



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