योगी सरकार पे पडती भारी अधिकारीयों की तानाशाही
पुलिस पकड़कर थाने ले गई।
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में स्वास्थ्य विभाग के मुखिया ( सीएमओ - मुख्य चिकित्सा अधिकारी ) भानू प्रताप कल्याणी के सामने कोई ऊंची आवाज में बात करे , यह उनको मंजूर नहीं है ।
उनके कोपभाजन का शिकार उन्हीं के कार्यालय में संविदा पर तैनात डाटा एंट्री ऑपरेटर को होना पड़ा है । सीएमओ ने ऑपरेटर , उसकी पत्नी और दो बच्चों को आईपीसी की धारा 151 के तहत डीएम कार्यालय से जेल भेजने का आदेश दिया है । अब अलीगढ़ जिले में यह मामला सुर्खियों में है । तीन माह से बिना तनख्वाह के कर रहा था नौकरी मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में संविदा पर तैनात डाटा एंट्री ऑपरेटर चंद्रवीर का विभाग में किसी से विवाद चल रहा था । इस विवाद की शिकायत मुख्य चिकित्सा अधिकारी भानु प्रताप सिंह से की गई । जिसके बाद 1 जुलाई को ऑपरेटर चंद्रवीर सिंह की संविदा समाप्त कर दी गई । इसके बाद चंद्रवीर सिंह प्रकरण की शिकायत लेकर जिलाधिकारी के पास पहुंचे।
जिलाधिकारी ने चंद्रवीर को अपने कार्यालय में ड्यूटी करने को कहा।
उसी दिन से लगातार चंद्रवीर जिलाधिकारी कार्यालय में नौकरी कर रहे थे । लेकिन तीन माह पूरे हो जाने के बावजूद भी चंद्रवीर को एक दिन की भी तनख्वाह नहीं दी गई । जिसकी शिकायत चंद्रवीर सिंह के द्वारा सोमवार को जिलाधिकारी कार्यालय में की गई तो सीडीओ के द्वारा चंद्रवीर सिंह को कार्यालय से अपने घर जाने का फरमान सुना दिया गया । इसके बाद चंद्रवीर सिंह अपने दो बच्चों और पत्नी के साथ जिलाधिकारी से मिलने के लिए उनके कार्यालय पहुंचा । जहां पर सीएमओ भानू प्रताप कल्याणी के द्वारा चंद्रवीर सिंह व उनके बच्चों को एक गाड़ी में भरवाकर थाने भिजवा दिया । जहां से कोर्ट के सामने पेश करने के बाद जेल भेज दिया जाएगा ।