बहरोड़ (राजस्थान) में बौद्ध रीति से सम्पन्न शादी बनी मिशाल।

बहरोड़ (राजस्थान) में बौद्ध रीति से सम्पन्न शादी बनी मिशाल ।

सुनिल खोवाल 6AM NEWS TIMES



बहरोड़ : राजस्थान के अलवर जिले के बहरोड़ कस्बे में हाल ही में बौद्ध रीति से सम्पन्न शादी एक बड़े सामाजिक बदलाव की ओर इशारा करती है । इस शादी की चर्चा पूरे इलाके में है । गौरतलब है कि बहरोड़ के जाने माने शिक्षाविद श्री गोकुलचंद माँढैया व सुशीला देवी की सुपुत्री सीमा सिंह का विवाह बौद्ध रीति से पिलानी के मान्यवर सुरेश कुमार व धीमती द्रौपदी के सुपुत्र नवीन के साथ अशोका विजय दशमी को सम्पन्न हुआ । 

 इस शादी में विशेष रूप से आमन्त्रित बौद्धाचार्य चांदीराम ने पाणिग्रहण संस्कार की सभी रस्में बौद्ध रीति से सम्पन्न कराई । दारक नवीन धम्म ध्वजा लेकर स्टेज पर पहुँचे तथा दारिका सीमा सिंह भारतीय संविधान लेकर स्टेज पर आई । दोनों ने संविधान की शपथ लेकर विवाहित जीवन की शुरूवात की । बौद्ध प्रचारिका नेहा भारती ने पाली भाषा ने पंचशील का पाठ कराया तथा बुद्ध वंदना की । बारात में शामिल सभी अतिथियों का पंचशील पताका पहनाकर स्वागत किया गया व आपस में परिचय कराया गया । उपस्थित महानुभावों ने सहभोज किया । श्री गोकुल चंद इससे पहले अपने सुपुत्र अधिवक्ता राकेश की शादी भी बौद्ध रीति से ही करा चुके हैं , जो कि समाज के एक मिसाल है ।

 इस अवसर पर सभी निकट संबंधियों ने पहुंचकर नवदंपति के नए जीवन के लिए मंगल कामना की । सभी उपस्थित जन समूह ने इस ऐतिहासिक कार्यक्रम की भूरी भूरी सराहना की । इस तरह की पाखंडवाद, व बिना दहेज की शादियों से समाज में फैली कुरीतियों से बचा जा सकता है । जिस तरह से क्षेत्र में बौद्ध रीति से शादियां हो रही हैं ,वो एक बहुत क्रांतिकारी सामाजिक बदलाव की ओर इशारा करता है । इस शादी में दोनों परिवारों के अलावा करनाल से पधारे जितेंद्र बौद्ध ,नारनौल से सुरेंद्र अम्बेडकर , नरवाना के अजय भारतीय , रमेश निम्बेहड़ा , अलवर से महेंद्र , राजू मेघवाल ,पिलानी से रविन्द्र , सुरेश कुमार ,जगदीश ,योगेश , सुभाष , विद्याधर , मनोज बिहाली , सत्यप्रकाश , मीना , अनुज्ञा , मिशनरी गायिका अर्चना सिंह , नीतू सिंगला आदि भी उपस्थित रहे ।

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