UP 69000 Shikshak Bharti : शिक्षक भर्ती में कमी मिली तो रद होंगी नियुक्तियां ; इलाहाबाद हाई कोर्ट
6AM NEWS TIMES Lucknow.
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में 37,339 पद शिक्षामित्रों के लिए आरक्षित किया गया है । इसके बाद 31,277 पदों पर चयन व नियुक्ति मामले में महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह के आश्वासन के बाद याचियों के अधिकार व हित संरक्षण के आदेश देने की आवश्यकता अब नहीं रह गयी है । यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार ने संजय कुमार यादव की याचिका पर दिया है। महाधिवक्ता ने कोर्ट से कहा कि सहायक अध्यापक चयन व भर्ती कार्रवाई अनंतिम है। जिसका पुनॢवलोकन होगा। नियुक्ति में अधिक अंक पाने वालों को वरीयता दी जाएगी। कम अंक पाने वालों की नियुक्ति करने का प्रश्न ही नहीं है। यदि कम अंक पाने वाले की काउंसिलिंग कर ली गयी है तो भी अधिक अंक पाने वालों के साथ न्याय किया जाएगा।
इलाहाबाद हाई कोर्ट से महाधिवक्ता ने कहा कि अधिक अंक पाने वालों की काउंसिलिंग कराकर उनकी नियुक्ति की जाएगी। वहीं, कम अंक पाने के बावजूद की गयी नियुक्ति वापस ली जाएगी। लेकिन, यह सारी कार्रवाई अनियमितता की एनआइसी की जांच रिपोर्ट आने के बाद पूरी की जाएगी। अगली सुनवाई की तारीख पर जांच रिपोर्ट सहित कार्रवाई और सरकार का रुख कोर्ट के समक्ष रखा जाएगा।
महाधिवक्ता के इस कथन के बाद कोर्ट ने कोई आदेश जारी करने की जरूरत न समझते हुए अगली सुनवाई की तारीख 17 नवंबर तय की है। याचियों का कहना है कि कम अंक पाने वालों का नाम चयन सूची में है, जबकि लिखित परीक्षा में अधिक अंक पाने वालों का नाम चयन सूची में शामिल नहीं है।
इसके जवाब में महाधिवक्ता ने कहा कि चयन 24 सितंबर 2020 के शासनादेश से किया जा रहा है। प्रत्येक नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन एसएलपी के अंतिम निष्कर्ष पर निर्भर करेगी। सुप्रीम कोर्ट कटऑफ मार्क व शिक्षामित्रों के मामले को सुन रही है। शिक्षामित्रों के लिए 37,339 पद आरक्षित किये गये हैं। दूसरे शेष 31,277 पदों की चयन सूची कैसे जारी की गयी, उसकी जांच एनआइसी कर रही है।
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