लेसा संगठित लूट की छुट : पार्ट 1
बिल्डरों के इशारे पर नाचते लेसा के अधिकारी, योगी सरकार को करते बदनाम।
स्वार्थपूर्ति के लिए टेंपरेरी कनेक्शनों की आड़ में हो रही करोड़ों की राजस्व चोरी,
क्या फिर बिल्डर को बचाकर विभाग सुरक्षित कर लेगा कमाई का जुगाड़।
Published by, Ravindra yadav Lucknow : 9415461079, 20, Jan , 2023 : Fri , 07: 35 PM, (IST)
Lucknow: बिल्डरों के इशारे पर नाचते लेसा के अधिकारी, चिनहट खंड के क्षेत्र में टेंपरेरी कनेक्शन की आड़ में करोड़ों की राजस्व चोरी का चल रहा है खेल
निजी लाभ के लिए बिल्डरों के इशारे पर नाचते विभागीय इंजीनियर्स चिनहट क्षेत्र के हजारों कंज्यूमर्स के अधिकारों पर डाल रहे डाका।
Lucknow उत्तर प्रदेश पॉवर कार्पोरेशन: मध्यांचल के डिस्कॉम के अंतर्गत आने वाले लेसा को विगत 10, 15 वर्षों से निजी सम्पत्ति की तरह चलाया जा रहा। कई वर्षों से एक ही जगह जमे जमाए कर्मचारियों के माध्यम से बे-खौफ लूट और संगठित भ्रष्टाचार का फलता फूलता साम्राज्य, इतना विशाल है कि लाख प्रयासों के बाद भी सरकार इनके खिलाफ कोई बड़ी कार्यवाही कर नहीं पा रहीं हैं, अधिकारियों, इंजीनियरों एवं बिल्डरों का एक बड़ा वर्ग यहां से पाला-पोसा जाता है।
पूर्व की माया और अखिलेश सरकार में बिल्डरों और दलालों ने बिजली विभाग को लूटने का जो धंधा आरंभ किया था वो आज भी वैसे ही संगठित रूप से बे-खौफ बिंदास चल रहा है।
लेसा में आए दिन भ्रष्टाचार के बड़े-बड़े मामले सामने आ रहे हैं। यहां के भ्रष्टाचार में कोई एक व्यक्ति नहीं बल्कि अभियंताओं , कर्मचारियों , संविदाकर्मी, ठेकेदारों, दलालों से लेकर छोटे बड़े बिल्डरों एवं फैक्ट्री मालिकों की सांठगांठ से सभी किसी ना किसी रूप में संगठित होकर भ्रष्टाचार का एक ना सुलझ सकने वाला एक ऐसा जाल बुना है. जिससे राजस्व क्षति तो होती ही है. साथ ही जनता के बीच योगी सरकार की छवि भी खराब हो रही है. और लोगों को विश्वास उठ रहा है।
चिनहट खंड में टेंपरेरी कनेक्शन के खेल से जुड़े मामलों की विस्तृत जानकारी शीघ्र प्रकाशित।
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विभागीय अधिकारियों और बिल्डरों के गठजोड़ कर रहे मनमानी।
ताजा मामला तो मात्र एक उदाहरण है कि कैसे मेसर्स अट्रैक्टिव निर्माण प्राइवेट लिमिटेड को मुंशी पुलिया खंड के अमराई बिजली घर से 3500 किलोवाट कनेक्शन के लिए TFR रिपोर्ट दे दी।
मेसर्स अट्रैक्टिव निर्माण प्राइवेट लिमिटेड जैसे सैकड़ों छोटे-बड़े बिल्डर बिजली विभाग में फैले भ्रष्टाचार की गंगा में डुबकी लगाकर बिजली विभाग को प्रत्येक माह करोड़ों का चूना लगा , विभागीय इंजीनियरों के समर्थन एवं जुगाड़ से हर बार बच निकलने वाले ये बिजली विभाग के इन लुटेरों के भ्रष्टाचार की कीमत चुकानी पड़ती है आम उपभोक्ताओं को।
एक बार फिर❓ जांच-पड़ताल के नाम पर शुरू हो गई लीपापोती दोषियों को बचाने के लिए विभागीय लगा रहा जुगाड़ ⁉️
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में : इंजीनियरों के साठगांठ ने बिल्डर को फायदा पहुंचाने के लिए विभाग के नियमों को ताक पर रख दिया। हजार उपभोक्ताओं का हक मारकर चिनहट खंड के अभियंताओं ने मेसर्स अट्रैक्टिव निर्माण प्राइवेट लिमिटेड को मुंशी पुलिया खंड के अमराई बिजली घर से 3500 किलोवाट कनेक्शन के लिए टेक्निकल फिजीबिलटी (टीएफआर) रिपोर्ट दे दी। क्योंकि रिपोर्ट के आधार पर 75 किलोवाट से ऊपर का कनेक्शन चीफ इंजीनियर को करना होता है, ऐसे में ट्रांस गोमती के मुख्य अभियंता अनिल तिवारी ने रिपोर्ट के आधार पर 3500 किलोवाट का लोड जारी कर दिया।
इसका खुलासा मुंशी पुलिया खंड के एक्जक्यूटिव इंजीनियर रितेश आनंद की चिट्ठी से हुआ है।
रितेश आनंद ने अपने सर्किल नौ के अधीक्षण अभियंता को 28 दिसंबर को पत्र लिखकर पूरी प्रकिया पर आपत्ति भी जताई है और सवाल खड़े किए हैं ?
अधिशासी अभियंता रितेश ने पूछा है कि किस आधार पर चिनहट खंड के तत्कालीन अधिशासी अभियंता अखिलेश ने बिना पूछे उनके खंड के बिजली घर से इतना भारी भरकम कनेक्शन जोड़ दिया।❓
उन्होंने कहा कि जरहरा और अमराई गांव फीडर पहले ही पूरी क्षमता से चल रहा था।
वर्ष 2022 में आठ सौ एंपीयर लोड की डिमांड रह चुकी है। वर्ष 2023 में यह डिमांड दस प्रतिशत बढ़ी मानी जाती है। ऐसे में बिजली कटौती करने के लिए विवश होना पड़ेगा और एक बड़ी आबादी को बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है।
बिजली घर में दो गुणे दस एमवीए के पावर ट्रांसफार्मर लगे हैं और उनका इस्तेमाल कुल क्षमता का 80 प्रतिशत तक ही किया जा सकता है।
पत्र संख्या 5575 में उल्लेख किया गया है कि मुंशी पुलिया खंड के सेक्टर 14 न्यू के उपखंड अधिकारी द्वारा 27 दिसंबर 2022 को जानकारी में लाया गया है।
निदेशक वाणिज्य व मुख्य अभियंता कर रहे हैं गुमराह।।❓
योगेश कुमार, मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निदेशक वाणिज्य का कहना है कि हर अधिशासी अभियंता का क्षेत्र बंटा हुआ है।
कोई किसी के क्षेत्र में हस्तक्षेप कैसे कर सकता है ❓ अगर दूसरे अधिशासी अभियंता ने टीएफआर लगा दी तो यह गलत है, उस मामले को दिखवाया जाएगा और मामले की जांच की जाएगी।
वहीं दूसरी ओर ट्रांसगोमती के मुख्य अभियंता अनिल तिवारी ने बताया कि बिजली विभाग बंटा नहीं है। ऐसे में कहीं से कोई कनेक्शन दिया जा सकता है। फिलहाल अमराई बिजली घर से कनेक्शन सोच समझकर दिया गया है। वर्तमान में अमराई बिजली घर ओवर लोडेड नहीं है, उसमें गुंजाइश थी, इसलिए वहां से दिया गया है।
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