UP_Government :एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने दिव्यांग बच्चों की कला प्रदर्शनी का किया शुभारंभ,

एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने दिव्यांग बच्चों की कला प्रदर्शनी का किया शुभारंभ,

ओडीओपी योजना के तहत दिव्यांगजनों का प्रोत्साहन के साथ आमदनी भी बढ़ेगी, राकेश सचान 

6AM_NEWS_TIMES : Published by. Edited by, Ravindra yadav Lucknow : 9415461079, 06, Dec, 2022 : Tue, 07:12 AM, IST


लखनऊ: 6, दिसंबर, 2022, उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम, हथकरघा तथा वस्त्रोद्योग मंत्री राकेश सचान ने आज उ0प्र0 पैरेन्ट्स एसोसिएशन फार दे वेलफेयर ऑफ मेन्टली हैण्डीकैप्पड सिटीजन्स द्वारा संचालित आशा ज्योति व्यावसायिक प्रशिक्षण केन्द्र में आयोजित दो दिवसीय कला पद्रर्शनी का शुभारंभ किया। 

प्रदर्शनी में अलग-अगल राज्यों के कलाकारों के साथ-साथ विद्यालय के मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों की चित्रकला, हथकरघा उत्पाद, रेजिन कलाकृतियों आदि का प्रदर्शन किया गया है। इस अवसर पर श्री सचान ने मंच से ही घोषणा करते हुए कहा कि प्रशिक्षण केन्द्र व्यवसायिक गतिविधियां बढ़ाने के लिए वहां स्थापित पुराने लूम के स्थान पर खादी एवं ग्रामोद्योग योजना के तहत आधुनिक सोलर लूम दिये जायेंगे। साथ ही प्रशिक्षण केन्द्र में उत्पादित होने वाले उत्पादों को एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना के तहत बाजार भी मुहैया कराया जायेगा। इससे दिव्यांगजनों को प्रोत्साहन मिलेगा और उनकी आमदनी भी बढ़ेगी।



श्री सचान ने कहा कि राज्य सरकार दिव्यांग सशक्तिकरण के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित की कर रही है। इस संस्था को समाज कल्याण विभाग की योजनाओं से जुड़कर दिव्यांग बच्चों का आगे बढ़ाने का कार्य करना चाहिए। इससे लिए उन्होंने अपनी तरफ से पूरा सहयोग देने का आश्वासन भी दिया। उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शनी के माध्यम से स्पेशल बच्चों को अपने हुनर को समाज के सामने प्रस्तुत करने का अवसर मिला है। प्रदर्शनी के माध्यम से अर्जित हुई धनराशि से यहां के बच्चों के विकास में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस संस्था द्वारा जिस प्रकार से दिव्यांग बच्चों के हुनर को निखारा जा रहा है। यह कार्य अत्यंत ही सराहनीय है।

कार्यक्रम की आयोजक आर्टिस्ट शिवाली वर्मा ने बताया कि आशा ज्योति की स्थापना मानसिक मंदित व्यक्तियों को समाज में स्थापित करने के लिए तथा आत्म-निर्भर जीवन व्यतीत करने के उद्देश्य से स्थापित हुई थी। अभिभावकों की लगन, मेहनत एवं प्रोत्साहन, सरकार तथा निजी क्षेत्रों द्वारा दिये गये अनुदान तथा इन बच्चों की कुछ कर दिखाने की दृढ़ इच्छा शक्ति के बल पर आज यह संस्था इस मुकाम पर पहुंची है। आज इस संस्था का स्वयं का भवन है, जिसमें 100 से अधिक मानसिक मंदित जिनकी उम्र 07 वर्ष से लेकर 63 वर्ष तक है, वह यहां शिक्षण एवं प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे है। कार्यक्रम में दिव्यांगजनों सहित उनके अभिभावक मौजूद थे।





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