Buddha Purnima 2022 : इस दिन करें पानी का ये उपाय, मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी

  

Buddha Purnima / Peepal Purnima 2022: आज 16 मई को है पीपल पूर्णिमा, इस दिन करें पानी का ये उपाय, दरिद्रता होगी दूर

 बुद्ध पूर्णिमा / पीपल पूर्णिमा मनाई जाएगी। जानिए इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा से क्या लाभ होता है।

6 AM NEWS TIMES : Edited by, Ravindra yadav 9415461079, 16 May 2022 : Mon, 10 : 52 AM 



 बौद्ध धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व है। वैशाख महीने में आने वाली पूर्णिमा को वैशाख पूर्णिमा, पीपल पूर्णिमा और बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। 

हिंदू धर्म के ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुद्ध पूर्णिमा के दिन पीपल की पूजा करना फलदायी होता है। मान्यता है कि इस दिन पीपल की पूजा करने से ईश्वर प्रसन्न होते है। साथ ही पितर संतुष्ट होते हैं।


पीपल के वृक्ष की पूजा करने से मिलेंगे ये लाभ


धर्म शास्त्रों के अनुसार जीवन में मनुष्य को पीपल का पेड़ जरूर लगाना चाहिए। पीपल का पौधा लगाने से जीवन में किसी प्रकार का संकट नहीं रहता। पौधा लगाने के बाद उसे नियमित जल भी अर्पित करना चाहिए। जैसे ही वृक्ष बढ़ेगा, आपके घर में सुख-समृद्धि में वृद्धि होगी।


मान्यता है कि अगर पीपल के पेड़ के नीचे शिवलिंग स्थापित करने से जीवन की बड़ी परेशानियां दूर होती है।


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पूर्णिमा पर प्रातः 10 बजे पीपल वृक्ष पर माता लक्ष्मी का फेरा लगता है। इस समय पीपल के वृक्ष की धूप अगरबती जलाकर पूजा करनी चाहिए। ऐसे में मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।


मान्यता है कि वैशाख पूर्णिमा के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करने से जन्म कुंडली में शनि और गुरु ग्रह शुभ फल देते हैं।


पीपल के पेड़ में ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है। इस पर जल अर्पित करने और दीपक जलाने से देवताओं की कृपा मिलती है।


पीपल के वृक्ष पर पानी में दूध और काले तिल मिलाकर चढ़ाने से पितर संतुष्ट होते हैं।


सूर्य उदय के बाद एक लोटा पानी पीपल के वृक्ष में अर्पित करें। फिर तीन बार परिक्रमा लगाएं। जिससे ग्रह शुभ फल देंगे। आपकी दरिद्रता और दुख दूर होगा।


- अगर किसी कन्या की कुंडली में विधवा योग है। तो पीपल से शुभ लग्न में उसकी शादी करवाने से वैधव्य योग समाप्त हो जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से ग्रहों के अशुभ प्रभाव को विष्णु दूर करते हैं।


- पीपल पूर्णिमा के दिन अबूझ साया होता है। सुबह पीपल के वृक्ष की पूजा के बाद दिनभर मांगलिक कार्य किया जा सकता है।

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