शनिवार, 17 जुलाई 2021

UP Jal Shakti Mantralay ; “भूजल सप्ताह” जल प्रकृति की अनमोल धरोहर का विवेकपूर्ण उपयोग जरूरी।

 “भूजल सप्ताह” जल प्रकृति की अनमोल धरोहर का विवेकपूर्ण उपयोग जरूरी।  

 जल संरक्षण, जल संचयन से ही भावी पीढ़ी को शुद्ध जल की आपूर्ति संभव। डॉ महेन्द्र सिंह

सब्सक्राइब करें। www.6amnewstimes.com 17: 07 :2021 , रविन्द्र यादव लखनऊ 9415461079, 

              “भूजल सप्ताह” का शुभारम्भ। 


लखनऊः उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री डॉ महेन्द्र सिंह ने कहा है कि जल प्रकृति का अनमोल धरोहर है। भावी पीढ़ी को सुरक्षित जल उपलब्ध कराने के लिए जल का संरक्षण, संचयन तथा अन्धाधुन्ध दोहन के प्रति आम जनता में जागरूकता उत्पन्न करना जरूरी है। उन्होंने कहा है कि जल का विवेकपूर्ण उपयोग करके ही गिरते भूजल स्तर को बचाया जा सकता है। डॉ महेन्द्र सिंह आम जन मानस से अपील किया कि भूजल सप्ताह के दौरान जल संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहरायें।


डॉ सिंह आज अपने सरकारी आवास से वेबिनार के माध्यम से 16 से 22 जुलाई तक चलने वाले भूजल सप्ताह का शुभारम्भ कर रहे थे। उन्होेंने कहा कि लम्बे समय तक भूजल के प्रबंधन के लिए सभी विभागों को मिलकर सामूहिक प्रयास करने की आवश्यकता है। 

वेबिनार में जल मंत्री प्रदेश के दीर्घकालिक भूजल प्रबन्धन हेतु न केवल सभी विभागों को मिलकर जल संचयन एवम् सम्बर्द्धन के प्रयास करने होगें। इसके साथ ही शासकीय /अर्द्धशासकीय भवनों/ स्कूलों एवं शिक्षण संस्थाओं में रूफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली की स्थापना अनिवार्य रूप से करनी होगी।जिससे कि वर्षा की एक-एक बूंद का संचय करते हुए प्रधानमंत्री जी के जलशक्ति अभियान को सफल बनाने में मदद मिल सके।


 ज्ञातव्य है कि 22 मार्च, 2021 को प्रधानमंत्री जी द्वारा जल शक्ति अभियान का शुभारम्भ किया गया था। भूजल प्रबन्धन में सुधार हेतु भारत सरकार के सहयोग से अटल भूजल योजना के रूप में एक महत्वाकांक्षी परियोजना लागू की गयी है। इस योजना के माध्यम जनपद स्तर के समस्त कार्यदायी विभागों जैसे कि लघु सिंचाई, कृषि विभाग, सिंचाई विभाग, वन विभाग तथा ग्राम्य विकास विभाग द्वारा आपसी समन्वय से जल संरक्षण की दिशा में व्यापक कार्य किये जाएंगें। इस योजना को गैर-सरकारी संगठनों का भी सहयोग लेकर जन-सहभागिता के द्वारा पूरा किया जाना है।



👉 ‘भूजल सप्ताह‘ के अवसर पर भूजल संरक्षण की आवश्यकता एवं महत्व को जन-मानस तक प्रभावी ढंग से पहुँचाया जाये। 

👉 यदि हम सभी संकल्प लें कि अपनी दिनचर्या में पानी का दुरूपयोग रोकेंगे, भूगर्भ जल के अन्धाधुन्ध दोहन को नियंत्रित करेंगे तथा भावी जल निधि के रूप में बारिश के पानी को संचित कर भूजल स्रोतों को बचायेंगे,तो आने वाली पीढ़ी को भूजल संकट से बचा सकते हैं।

👉 जल शक्ति मंत्री ने वीडियो कान्फ्रेसिंग के दौरान कहा कि बुन्देलखण्ड एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेष के भूजल संकट के स्थाई समाधान हेतु भारत सरकार द्वारा अटल भूजल योजना लागू की गई है। इसमें जन सहभागिता भी एक आवशक अंग है।

डॉ महेन्द्र सिंह ने कहा कि यदि कोई भी देश जल संचयन, जल संरक्षण, संचित/संरक्षित जल का विवेकपूर्ण उपयोग तथा उपयोग में लाये गये जल का फिर से उपयोग कर लें, तो वह देश जल समृद्ध देश बन सकता है। हम सब को मिलकर यह संकल्प लेना होगा कि प्रधानमंत्री जी के जल संचयन के अभियान को एक जन आन्दोलन बनाते हुए प्रकृति की इस अनमोल धरोहर के संवर्धन के प्रयास किये जाए।


 इस बेबिनार में विषेश सचिव, नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति राजेष पाण्डेय तथा निदेषक, भूगर्भ जल विभाग, वी.केे. उपाध्याय अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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