Shailesh yadav Political King ; शैलेश यादव भाजपा-सपा और कांग्रेस के बने संयुक्त प्रत्याशी, निर्विरोध जीता चुनाव;

 

यूपी ब्लाक प्रमुख के सियासी बाजीगर शैलेश यादव : भाजपा, सपा और कांग्रेस के बने संयुक्त प्रत्याशी, निर्विरोध जीता चुनाव; जानिए अब है किसके साथ। 

सब्सक्राइब करें। www.6amnewstimes.com 10 :07 :2021 , रविन्द्र यादव लखनऊ 9415461079

 प्रयागराज के प्रतापपुर निर्विरोध ब्लॉक प्रमुख शैलेश यादव।

प्रयागराज प्रतापपुर ब्लॉक प्रमुख चुनाव में एक दिलचस्प राजनैतिक खेल सामने आया है। यहां भाजपा, सपा और कांग्रेस ने भी अपना प्रत्याशी शैलेश यादव को ही घोषित किया था। सभी दलों की प्रत्याशियों की सूची में प्रतापपुर ब्लाक की सीट से शैलेश यादव का नाम था। मजे की बात यह है कि शैलेश यादव ने निर्विरोध चुनाव जीत लिया। अब चुनाव जीतने के बाद सभी पार्टियां शैलेश की जीत को अपना बताने में जुटी हुई हैं। वक्त की नजाकत और और राजनैतिक नफा-नुकसान का आकलन करते हुए शैलेश ने सत्तारूढ़ दल का दामन थामने की घोषणा की है। 

वर्तमान चुनाव के बाद शैलेश को राजनीति के पंडित भी असली बाजीगर कहने लगे हैं।


पहले सपा, फिर कांग्रेस और बाद में बीजेपी ने बनाया उम्मीदवार

यह मामला गंगापार इलाके की प्रतापपुर सीट का है। निर्विरोध निर्वाचित हुए शैलेश यादव की पहचान खांटी समाजवादी नेता के तौर पर होती रही है। सपा में वह लंबे अरसे से सक्रिय भूमिका में हैं। यही कारण है कि सपा जिलाध्यक्ष योगेश यादव ने चुनाव की तारीखों का एलान होने से पहले ही शैलेश यादव को प्रतापपुर ब्लॉक से अपना अधिकृत उम्मीदवार घोषित किया था।

इसके बाद 8 जुलाई को कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सुरेश यादव ने शैलेश को पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी बनाए जाने की घोषणा की थी। इसके बाद सपा ने इस सीट से राधा देवी को अपना प्रत्याशी बना दिया। बीजेपी ने सात जुलाई को अपने उम्मीदवारों के नाम की जो सूची जारी की थी, उसमेंं प्रतापपुर ब्लॉक से सीमा देवी विश्वकर्मा का नाम दिया था। बीजेपी जिलाध्यक्ष अश्विनी कुमार द्विवेदी ने 8 जुलाई को सीमा विश्वकर्मा का टिकट काट दिया और शैलेश यादव को पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी बना दया।

9 जुलाई को बाकी प्रत्याशियों ने नाम वापस ले लिए थे। 

शैलेश ने खुद को साबित किया सियासी बाजीगर

शैलेश यादव को लग रहा था कि आपसी खींचतान के चलते हो सकता है कि सपा किसी और को टिकट दे दे। लिहाजा उन्होंने बीजेपी खेमे में अपनी संभावनाएं तलाशीं। बीजेपी ने उनके बजाय सीमा विश्वकर्मा को प्रत्याशी घोषित कर दिया तो शैलेश ने कांग्रेस पार्टी का समर्थन हासिल कर लिया। हालांकि, बीजेपी ने 24 घंटे में ही अपना प्रत्याशी बदलते हुए शैलेश यादव के नाम का लेटर जारी कर दिया। शैलेश के इस सियासी दांवपेंच में सभी पार्टियां उलझकर रह गईं और बाजी अंत में शैलेश के हाथ ही लगी। शैलेश ने खुद को सियासी बाजीगर साबित करते हुए निर्विरोध ही मैदान मार लिया






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