#UP-Criminals-Lucknow ; गोली लगने से घायल स्कूल संचालक वीरेंद्र यादव की ट्रामा सेंटर में मौत,

 गोली लगने से घायल स्कूल संचालक वीरेंद्र यादव की ट्रामा सेंटर में मौत, हत्या के लिए दी गई थी सुपारी। 

Subscribe Now www.6amnewstimes.com Ravindra Yadav lucknow 16:01:2021

                                  फाईल फोटो। 

पारा में आठ जनवरी की रात बदमाशों ने वीरेंद्र यादव को मारी थी गोली।

बुद्धेश्वर के डिप्टी खेड़ा निवासी डीके पब्लिक स्कूल के संचालक वीरेंद्र यादव को कुल्हरकट्टा नहर पुलिया के पास पहले से घात लगाए बाइक सवार दो बदमाशों ने गोली मार दी थी। वीरेंद्र की ठुड्डी के पास लगी थी गोली। 

लखनऊ। पारा में जिस स्कूल स्कूल संचालक वीरेंद्र यादव को गोली मारी गई थी, उन्होंने गुरुवार को दम तोड़ दिया। एक सप्ताह से स्कूल संचालक जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे थे। ट्रॉमा सेंटर में उन्हें भर्ती कराया गया था। पीडि़त परिवार ने पुलिस से कार्रवाई की मांग की है। बुद्धेश्वर के डिप्टी खेड़ा निवासी डीके पब्लिक स्कूल के संचालक वीरेंद्र यादव आठ जनवरी को मुजफ्फरखेड़ा स्थित लॉन से रात में कार से घर वापस जा रहे थे। इसी बीच कुल्हरकट्टा नहर पुलिया के पास पहले से घात लगाए बाइक सवार दो बदमाशों ने वीरेंद्र को गोली मार दी थी। गोली वीरेंद्र की ठुड्डी के पास लगी थी।

चार लोगों पर हुई थी एफआइआर। 

इस मामले में वीरेंद्र के बेटे दीपक यादव ने कुल्हरकट्टा निवासी हरजीत यादव और सुशील यादव समेत चार लोगों पर जानलेवा हमले की एफआइआर दर्ज कराई थी।

सुशील पर सुपारी देने का आरोप। 

आरोप है कि सुशील ने साजिश के तहत हमलावरों को बुलाया था और जान से मारने की सुपारी दी थी। पुलिस एक सप्ताह से सुशील की तलाश कर रही है, लेकिन उसे गिरफ्तार नहीं कर पाई है। यही नहीं, वीरेंद्र को गोली मारने वाले हमलावरों का भी कोई सुराग नहीं मिला है। बुधवार को पुलिस ने दूसरे नामजद आरोपित हरजीत यादव को गिरफ्तार किया था। 

इंस्पेक्टर पारा राजेश कुमार के मुताबिक वीरेंद्र यादव का हरजीत व सुशील से जमीन की बिक्री के भुगतान को लेकर विवाद चल रहा था। इसी बात पर आरोपितों ने वीरेंद्र पर हमला कराया था। सुशील और दो अन्य हमलावरों की तलाश की जा रही है। जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

पैतृक गांव में हुआ अंतिम संस्कार। 

पीडि़त परिवारजन वीरेंद्र के शव का पोस्टमार्टम कराकर मूल निवास बंथरा के बचान खेड़ा गांव चले गए, जहां अंतिम संस्कार किया गया। 

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