केंद्र सरकार 2013 से 2020 के बीच रद्द कर चुकी है। 4 करोड़ 39 लाख से ज्यादा राशन कार्ड, जानिए वजह।
81.35 करोड़ लोगों को मिल रहा राशन।
81.35 करोड़ लोगों को मिल रहा राशन मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक पीडीएस के जरिए 81.35 करोड़ लोगों को बेहद कम कीमत में खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है. यह साल 2011 की जनगणना के मुताबिक देश की जनसंख्या के दो तिहाई लोग हैं.
क्यों लिया गया फैसला।
क्यों लिया गया फैसला खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (एनएफएसए) ने बताया कि सार्वजनिक वितरण व्यवस्था (पीडीएस) में सुधार और पारदर्शिता के लिए ये अभियान चलाया गया था. दर पर राशन।
सस्ती दर पर राशन वर्तमान में देश के 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को केन्द्र द्वारा जारी रियायती दरों- तीन रुपये, दो रुपये और एक रुपये प्रति किलोग्राम की दर से हर महीने खाद्यान्न (चावल, गेहूं और अन्य मोटे अनाज) उपलब्ध कराया जा रहा है.
आधार से लिंकिंग अनिवार्य।
आपको बता दें कि राशन कार्ड को आधार से लिंक कराना अब अनिवार्य हो गया है. अगर आपने आधार को लिंक नहीं कराया तो आने वाले वक्त में राशन कार्ड रद्द किया जा सकता है.
एक देश, एक राशन कार्ड होगा अनिवार्य।
एक देश, एक राशन कार्ड अनिवार्य बीते दिनों सरकार ने नए साल में एक देश और एक राशन कार्ड को भी अनिवार्य करने का ऐलान किया था. इसका मतलब ये हुआ कि आप एक राशन कार्ड पर देश के किसी भी हिस्से में अपने हिस्से का राशन ले सकते हैं.
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