कोरोना काल में अफसरशाही का एक वर्ग सरकारी संरक्षण में आपदा को लूट का अवसर बना रहा है। अखिलेश यादव

कोरोना काल में अफसरशाही का एक वर्ग सरकारी संरक्षण में आपदा को लूट का अवसर बना रहा है। अखिलेश यादव 

 


 पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री जी ठोक दो की नीति पर चल रहे हैं तो अफसरशाही के बीच लूट लो की प्रतिस्पर्धा शुरू हो गई है। सत्तादल के विधायक अपनी ही सरकार के पोल खोल अभियान में लग गए हैं। लहूलुहान यूपी पर मुख्यमंत्री जी का ‘ट्रांसफर मरहम‘ धोखा है और भ्रष्टाचार पर जीरों टालरेंस का उनका दावा जनता को सिर्फ बहकाने के लिए है। एक जिले में अपराध रोकने में विफल कप्तान दूसरे जिले में जाकर कैसे बदल जाएगा और सब कुछ नियंत्रित कर लेगा ? 

जब राज्य के सचिवालय से ही भ्रष्टाचार और ठगी का काम चलता हो तो फिर भाजपा सरकार का खुद बड़ा जीरों रिजल्ट आना ही स्वाभाविक है।

    कानपुर उद्योग नगरी से जरायमनगरी में बदलता जा रहा है। अभी संजीत यादव की अपहरण के बाद हत्या लोगों को भूली नहीं थी कि सुनील यादव का 4 सितम्बर 2020 को अपहरण हो गया। विधूना में उसकी लाश बरामद हुई। पुलिस उसका सुराग नहीं लगा सकी। सत्ता संरक्षित अपराध श्रंखला में यह भी एक कड़ी है। कुशीनगर में एक शिक्षक को गोली मार दी गई तो मेरठ-बागपत में 8 संदिग्ध मौते हुईं। बहराइच में एक सिपाही की हत्या हो गई। औरैया में सुबह गल्ला व्यापारी की हत्या हुई। मेरठ में एक व्यापारी की लूट के बाद गोली मारकर हत्या की गई।

    राजधानी लखनऊ के मलिहाबाद क्षेत्र में युवक की मौत हुईं। महोबा में घायल क्रसर व्यापारी इन्द्रकांत त्रिपाठी की भतीजी आईपीएस मणिलाल पाटीदार से परिवार की जान को खतरा बता रही है। सरकार हत्या, लूट के मामलों में संवेदनहीनता ही दिखाती रही है।

    कोरोना संकट के दौर में अफसरशाही का एक वर्ग लूट में लग गया है। गाजीपुर-सुल्तानपुर में अधिक मूल्य पर किट खरीद का मामला तूल पकड़ रहा है। उन्नाव में कंपोजिट ग्रांट में घोटाला के बाद कोविड किट में कमीशनबाजी का खेल हो गया। यहां भी दोगुने से ज्यादा दामों पर किटें खरीदी गई। सहारनपुर में ऐसे ही एक गोरखधंधे की पोल भाजपा नेता ने खोली है। चरखारी से भाजपा विधायक ने भ्रष्टाचार पर रोक न लगने से तंग आकर खुले तौर पर खनन गाड़ियां फूंकने की धमकी दे दी है। 

भाजपा विधायक भी अब खुलकर भ्रष्टाचार की शिकायतें कर रहे हैं। अब किसी विधायक को अपनी विधायकी पर शर्म आने लगी है तो कोई मायूस होकर बैठ गया है। कुछ अपने ढंग से मामले सुलटा लेने के लिए कमर कस रहे हैं।

    भाजपा सरकार ने सड़कों को गड्ढ़ामुक्त करने का बड़ा एलान किया था। अब वह उसे जानबूझकर भूल रही है क्योंकि पुराने गड्ढे तो पटे नहीं, सड़कें ही गड्ढ़ों में तब्दील हो गई हैं। उत्तर प्रदेश के राजमार्ग, महानगर, कस्बे और गांव की सड़कों में गड्ढे ही गड्ढे हैं। विभागीय मंत्री जी अब उधर देखते ही नहीं। मुख्यमंत्री जी के वीवीआईपी जनपद गोरखपुर से प्रधानमंत्री जी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी तक सड़क निर्माण का कार्य 2 साल लेट चल रहा है। राजधानी लखनऊ में पुल और फ्लाईओवर कब बनकर तैयार होंगे, यह कोई अधिकारी-मंत्री बताने वाला नहीं है।

    सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में अपराधी निश्चिंत होकर अपने काले धंधों को अंजाम दे रहे हैं। महिलाओं, बच्चियों की इज्जत थानों में भी सुरक्षित नहीं। शीर्ष पर बैठे अफसरों के नाम अवैध सम्बंधों में उछल रहे हैं। जनता त्राहि-त्राहि कर रही है। भाजपा सरकार संवेदनशून्य होकर बैठी है। उसके दमनचक्र से युवा आक्रोशित है। लोगों को अब सत्ता परिवर्तन का ही इंतजार है।


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