5 - 5 लाख की गाड़ी के मरम्मत पर 20 - 20 लाख रुपये हो रहे हैं खर्चे, डीजल-पेट्रोल में करोड़ों का खेल,
नेताओं से लेकर अफसरों तक सभी की जेबें हो रही है गरम
6AM न्यूज नेटवर्क , Published by : रविन्द्र यादव, Updated by: Sat, 07, Sep, 2024, 07:12 AM IST
यूपी के मेरठ नगर निगम में भ्रष्टाचार चरम पर है। नगर निगम के वाहन डिपो में करोड़ों का घोटाला सामने आया है। जिन गाड़ियों की कीमत पांच लाख रुपये है उनकी मरम्मत के नाम पर 20 लाख रुपये का खर्च दिखाया गया है।
मेरठ नगर निगम के वाहन डिपो में करोड़ों का घोटाला हो रहा है। पांच-पांच लाख कीमत की गाड़ियों पर मरम्मत के नाम पर 20-20 लाख रुपया खर्च दर्शाया गया है। डीजल व पेट्रोल में भी बड़ा खेल है। मुख्य नगर लेखा परीक्षक की गोपनीय जांच में घोटाले की परतें दर परतें खुलती जा रही हैं।
निगम के दिल्ली रोड डिपो में 90 वाहन, सूरजकुंड डिपो में 88 और कंकरखेड़ा डिपो में 88 वाहन हैं। इसके अलावा महानगर में 73 वार्डों से डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने वाली बीवीजी कंपनी को करीब 280 वाहन निगम ने अलग से दिए हुए हैं। डिपो के 250 वाहनों की मरम्मत में निगम ने 2024-25 में 700 लाख का बजट रखा है।
दिल्ली वाहन डिपो ने निर्धारित बजट खत्म कर दिया और पुनरीक्षित बजट का प्रस्ताव रखकर करीब इस वर्ष करीब 2.50 करोड़ 10 महीने में खर्च कर दिया, जबकि सूरजकुंड वाहन डिपो में 46 लाख और कंकरखेड़ा डिपो में 48 लाख रुपया शेष बचा है। निगम के वाहनों में डीजल-पेट्रोल का खर्च करने का बजट अलग है, जोकि 2100 लाख है। वाहनों में डीजल-पेट्रोल फूंकना भी सबसे ज्यादा दिल्ली डिपो का बताया गया है।
दिल्ली वाहन डिपो में बड़ा भ्रष्टाचार हो रहा है, इसकी शिकायत करीब 45 दिन पहले हुई थी। इसकी गोपनीय जांच मुख्य नगर लेखा परीक्षक अमित भार्गव को दी गई। बताया गया कि दिल्ली रोड वाहन डिपो की जांच पूरी हो गई, जबकि कंकरखेड़ा और सूरजकुंड वाहन डिपो की जांच अभी जारी है।
जांच रिपोर्ट वाहन डिपो में करोड़ों का घोटाला होना सामने आया है। दिल्ली डिपो में जिन वाहनों की कीमत पांच लाख है, उन पर 20 लाख रुपये मरम्मत में खर्चा होना दर्शाया गया। ऐसे इक्का-दुक्का वाहन ही नहीं, बल्कि दस से ज्यादा वाहन मिले हैं। डीजल-पेट्रोल भी निजी लोगों के वाहनों में डलवाने की बात सामने आई है। कई नेताओं के नाम भी सामने आए हैं।
छह महीने का खर्च सिर्फ 95 लाख दर्शाया
गोपनीय जांच के दौरान भाजपा पार्षदों ने वाहन डिपो में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। इसमें नगर निगम के तीनों वाहन डिपो ने छह महीने (अप्रैल से सितंबर तक) का खर्च कुल 95 लाख दर्शाया। कंकरखेड़ा डिपो में 28 लाख, सूरजकुंड डिपो में 33 लाख और दिल्ली रोड डिपो में 34 लाख रुपये खर्च किए गए हैं।
मुख्य लेखा नगर परीक्षक की जांच रिपोर्ट में वाहन डिपो द्वारा वाहनों की मरम्मत, डीजल-पेट्रोल के खर्च पर बड़ा घोटाला होने की पुष्टि हो गई। इस संबंध में मुख्य लेखा नगर परीक्षक अमित भार्गव का कहना कि जांच गोपनीय है। महापौर और नगर आयुक्त को जांच रिपोर्ट सौंप दूंगा। उसके बाद ही वाहन डिपो में गड़बड़ी का खुलासा किया जाएगा।
नगर निगम की बोर्ड बैठक में वाहनों डिपो में भ्रष्टाचार की पोल पार्षद खोलेंगे। इसकी जानकारी वाहन डिपो प्रभारी और अधिकारियों को चल गई थी। बोर्ड बैठक में घोटाला खुलेगा तो निगम की बदनामी होगी।
इसको देखते हुए दिल्ली वाहन डिपो से पार्षदों और भाजपा के कई नेताओं को पैसे बांटे गए। इसके बावजूद भी वार्ड-35 की भाजपा पार्षद पूनम गुप्ता ने बोर्ड बैठक में डिपो में होने वाली गड़बड़ी की पोल खोल दी। तत्कालीन नगर आयुक्त ने डिपो प्रभारी दिलशाद हसन को हटाया दिया। अब गोपनीय जांच भी पूरी हो गई है।
दोषियों पर की जाएगी सख्त कार्रवाई
निष्पक्षता से जांच की जा रही है। वाहन डिपो में जो भी कमियां मिलेंगी, उनको सुधारा जाएगा। जो दोषी हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वाहन डिपो या अन्य किसी भी विभाग में भ्रष्टाचार बर्दास्त नहीं किया जाएगा। शासन की जीरो टॉलरेंस नीति पर काम होगा। - सौरभ गंगवार नगर आयुक्त