UPPCL ; योगी सरकार के प्रदेश में निवेश की मंशा पर ग्रहण लगाता दक्षिणाचल विद्युत वितरण निगम लि0....... ।


“योगी सरकार के प्रदेश में निवेश” की मंशा पर ग्रहण लगाता दक्षिणाचल विद्युत वितरण निगम लि0

ज्यादा बिल वसूल करने के बाद भी प्रदेश के “उद्योगपति को आंखें दिखाते  और लगवाते चक्कर” 

6AM Lucknow : Published by, Ravindra yadav Lucknow, 13,Feb, 2023 : Mon, 11:18 AM, IST 


पी एस कोल्डस्टोरेज के अशोक यादव 2015 से मुख्यालय के काट रहे है चक्कर। 


अविजित आनन्द संपादक “समय का उपभोक्त” राष्ट्रीय हिन्दी  लखनऊ से साभार। 


लखनऊ/ आगरा 13 फरवरी एक तरफ उत्तर प्रदेश सकार प्रदेश मे उद्योगपतियो को उत्तर प्रदेश मे निवेश करने के लिए करोडो रूपये के विज्ञापन मे प्रदेश की लुभावनी तस्वीर पेश कर रही है 

जिससे कि प्रदेश मे रोजगार बढे और उन्नति के रास्ते खुले दूसरी तरफ उद्योगपतियो ने भी उत्तर प्रदेश के नोएडा और आगरा को सबसे ज्यादा पसन्दीदा स्थल माना परन्तु दक्षिणाचल विद्युत वितरण निगम सरकार की छवि को पूरी तरह से बरबाद करने पर लगा हुआ है तो खबर इस तरह से है कि दक्षिणाचल विद्युत वितरण निगम के आगरा के ग्रामीण क्षेत्र मे एक गाँव है जमाल नगर भैस जो कि बरहन के ग्रामीण उपकेन्द्र के खण्ड ऐत्मादपुर के अन्तर्गत आता है 

वहाँ के एक शीतग्रह है पी एस कोल्डस्टोरेज जिसके मालिक अशोक कुमार यादव है इनका शीतग्रह ग्रामीण फीडर से पोषित है लेकिन उनका बिजली का बिल बनता है शहरी टैरिफ के अनुसार और बिल की बसूली एक दो महीने से नही बल्कि सालो से हो रही थी। 

जिसका बिल ठीक करने के अशोक यादव सालो से दक्षिणाचल विद्युत वितरण निगम के मुख्यालय के चक्कर काट रहे है। 

जबकि इस बिल के सम्बंध मे उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग का आदेश है कि अगर किसी का ऐसा मामला हो तो उसे ठीक कर दिया जाए इस पर उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन लिमिटेड के पूर्व अध्यक्ष रहे आलोक कुमार जो कि वर्तमान समय मे ऊर्जा सचिव भारत सरकार है ने भी विभागीय आदेश जारी किया था इतना होने पर भी खुले आम कुल बिल का 25% की मांग घूस के रूप होती है और माग पूरी ना होने पर भी आज तक बिल नही ठीक किया जाता रहा है। 

यह मामल राज्य विद्युत नियामक आयोग, उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन के अध्यक्ष प्रबन्ध निदेशक पावर कार्पोरेशन और प्रबंध निदेशक दक्षिणाचल विद्युत वितरण निगम लि0 तक के संज्ञान मे है परन्तु कोई भी सुनवाई नही होती है। 

वैसे कुछ समय पूर्व एक अभियन्ता ने अपनी शक्तियो का प्रयोग करते हुए सन् 2020 से इसे ठीक तो कर दिया था परन्तु शेष बिल ठीक करने मे असमर्थता जताई और अब यह मामल साल भर से उच्च अधिकारियो के आगे कार्यवाही के लिए भेज दिया फिर उस अधिशाषी अभियन्ता का स्थानांतरण हो जाता है तो उपभोक्ता की दौड फिर शुरू हो जाती है, 

कोई सुनवाई ना होने पर अंततः उपभोक्ता दक्षिणाचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंधनिदेशक महोदय के कार्यालय पर अनशन करने के लिए बैठ जाता है। 60 घंटे की भूख हड़ताल के बाद प्रबंध निदेशक के आश्वासन पर भूख हड़ताल खत्म होती है, लेकिन बिल फिर भी ठीक नही किया जब कि क्षेत्रीय विधायक से लेकर केन्द्रीय मंत्री तक इस मामले मे पत्राचार कर चुके है लेकिन दक्षिणाचल के भ्रष्टाचारियो के कानो पर जू तक नही रेगती।

प्रबंधनिदेशक अमित किशोर से इस सम्बंध मे बात करने पर वह बोलते है कि इससे कार्पोरेशन को करोडो का घाटा होगा* यानि कि आप टैरिफ से ज्यादा वसूली कर लो और अपने रूपये वापिस मागने पर विभाग को घाटा होगा यह तर्क दिया जा रहा है, 

यानि कि खुलेआम भ्रष्टाचारियो का संरक्षण खुद प्रबंध निदेशक कर रहे हैं । उद्योगपति फिर से भूख हड़ताल/अनशन पर लखनऊ में बैठने को मजबूर है। 

जब प्रदेश के छोटे उद्योगपतियो का यह हाल है तब तो प्रदेश मे निवेश करने आए बाहरी उद्योगपतियो का क्या हाल होगा यानि राम भरोसे पाठक खुद ही समझ सकते है यानि बिना चढावे के अपका कोई भी काम नही होने वाला इस प्रदेश मे । खैर,................. 

           युद्ध अभी शेष है

*अविजित आनन्द संपादक समय का उपभोक्त राष्ट्रीय हिन्दी साप्ताहिक समाचार पत्र लखनऊ*

नोट खबर साक्ष्यो के अधार पर सभी सक्ष्य समय का उपभोक्त के पास है

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