नेपाल की गंडकी नदी से क्षमा याचना के लिए विशेष पूजा की गई।

नेपाल की गंडकी नदी से 6 करोड़ वर्ष पुराने विशेष पत्थरों बनेगी राम-सीता के बाल्य स्वरूप की मूर्तियां,

अयोध्या : शालिग्राम पत्थर से बनाई जाएगी में राम-सीता के बाल्य स्वरूप की मूर्तियां,

6 एएम नेटवर्क, नई दिल्ली Published by: अनन्या यादव , Updated Sat, 28 Jan 2023 05:22 PM IST

 नदी से 6 करोड़ वर्ष पुराने 2 शालीग्राम पत्थर। 

अनन्या यादव 
शालिग्राम : अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह में स्थापित की जाने वाली भगवान राम और सीता की मूर्तियों को नेपाल की गंडकी नदी में मिली विशेष पत्थरों से तराश कर बनाया जाएगा। नेपाल के मुक्तिनाथ क्षेत्र से दो बड़े शिला बुधवार को इस काम के लिए अयोध्या भेजे गए।


पत्थर को निकालने से पूर्व गंडकी नदी से क्षमा याचना के लिए विशेष पूजा की गई।

गलेश्वर महादेव मन्दिर में गुरुवार 26/ 01/ 2023  को शिला का रूद्राभिषेक किया गया। 

दिनांक: 30/ 01/ 2023 दिन सोमवार को विशेष मुहूर्त में अयोध्या के लिए प्रस्थान किया जाएगा शिला होगा। 

विशेष :

नेपाल के शालिग्रामी नदी जिसके भारत में प्रवेश करते ही नारायणी नदी और सरकारी अभिलेखों में बूढ़ी गण्डक नदी के नाम से जानते हैं। शास्त्रीय नाम शालिग्रामी नदी होने से जिस प्रकार नर्मदा नदी के पत्थर स्वतः नर्मदेश्वर महादेव होते हैं। जिनकी प्राण प्रतिष्ठा की आवश्यकता नहीं होती उसी प्रकार शालिग्रामी नदी के पत्थर भगवान शालिग्राम के रूप में पूजे जाते हैं। 



शालिग्रामी नदी से प्राप्त 6 करोड़ वर्ष पुराने 2 शालीग्राम पत्थर को अयोध्या में निर्माण हो रहें श्री राम जन्मभूमि मंदिर में वहाँ पर भगवान श्री राम के बाल्य स्वरूप की मूर्ति और माता सीता की मूर्ति बनाने के लिए तय किया गया है।

शालिग्राम मिलने वाली एक मात्र नदी काली गण्डकी अर्थात् शालिग्रामी नदी है ,यह नदी दामोदर कुण्ड से निकलकर माँ गंगा में सोनपुर बिहार में मिलती है।नदी के किनारे से लिया गया यह शिला खंड एक 26 टन का और दूसरा 14 टन का है।





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