जले पर नमक छिड़क रही सरकार - ओ.पी. यादव
- मोदी सरकार का बयान देश में आक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं
- सत्यता यह है कि आक्सीजन की कमी से 200 से अधिक लोगों की जानें गयीं
- कोरोना से मरने वालों के मृत्यु प्रमाण-पत्र पर कोरोना अंकित किया जाय
- कोरोना से मरने वालों के परिजनों को 10-10 लाख रूपया मआविजा दिया जाय
रायबरेली, 22 जुलाई, 2021!
सेन्ट्रल बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व डीजीसी (फौ0) ओ.पी. यादव ने कहा कि मोदी सरकार के स्वास्थ्य राज्य मन्त्री ने संसद में यह बयान देकर कि देश में आक्सीजन की कमी से एक भी व्यक्ति की मृत्यु नहीं हुई, उन लोगों के जले पर नमक छिड़कने जैसा काम किया है, जिन्होनें अपनों को आक्सीजन की कमी से खोया है। अस्पतालों के जिम्मेदार प्रबन्धनकर्ताओं व वरिष्ठ चिकित्सकों ने स्वयं बयान देकर यह माना है कि उनके अस्पताल में आक्सीजन की कमी से कई लोगों की मौतें हुई हैं। यह समाचार विभिन्न समाचार पत्रों में प्राकशित भी हुए और समाचार चैनलों में भी चलायें गये। सरकार में बैठे लोग यह भूल रहे हैं कि जो हांथ अंगारे को छिपाता है अंगारा उसी हांथ को जला देता है, जिन लोगों ने आक्सीजन की कमी से अपनों को खोया है, उनके श्राप से सरकार बच नहीं सकती है। रहिमन हाय गरीब की हरि से सही न जाय, मरी खाल की स्वांस सो सार भस्म होई जाय। सरकार कुछ भी बोले लेकिन सत्यता यह है कि आक्सीजन की कमी से देश के 200 से अधिक लोगों की जानें गयीं। कोरोना की दूसरी लहर में कोरोना से मरने वालों के मृत्यु प्रमाण-पत्र पर मृत्यु का कारण कोरोना नहीं अंकित किया जा रहा है। यही कारण है कि सरकारी आंकड़े कोरोना से मरने वालों की संख्या साढ़े चार लाख ही बताते हैं, जबकि अन्य एजेन्सियों के सर्वेक्षण के अनुसार कोरोना से मरने वालांे की संख्या पच्चास लाख के आस-पास है। मान्नीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कोरोना से मरने वालों के परिजनों को आपदा प्रबन्धन अधिनियम के तहत उचित मुआविजा देने हेतु सरकार को आदेशित किया है, लेकिन सरकार इस मामले में कच्छप गति से चल रही है। श्री यादव ने प्रधानमंत्री से मांग की है कि कोरोना से मरने वाले व्यक्तियों के मृत्यु प्रमाण-पत्र पर मृत्यु का कारण कोरोना अंकित कराया जाय एवं उनके परिजनों को कम से कम दस-दस लाख रूपया मुआविजा दिलाया जाय। श्री यादव ने मोदी सरकार के स्वास्थ राज्य मन्त्री अपने गैर जिम्मेदाराना बयान के लिए देशवासियों से माफी माँगने व नैतिकता के आधार पर त्याग-पत्र दिये जाने की मांग की है।
भवदीय,
ओ.पी. यादव
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