कोरोना के क्रूरता की भयावह दास्तान: लखनऊ एक परिवार के 8 लोगों की मौत, अब तक नहीं हुई जांच, न मदद की कोई आस,
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www.6amnewstimes.com 01: 06 :2021 RAVINDRA YADAV Lucknow, 9415461079
कोरोना की क्रूर दास्तान:लखनऊ में 4 सगे भाई सहित परिवार के 8 सदस्यों की 24 दिन में मौत, एक साथ हुई 5 की तेरहवीं;
लखनऊ, कोरोना की दूसरी लहर ने कुछ परिवारों को जिंदगी भर न भुलाने वाला गम दिया है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक ऐसा ही परिवार है। कोविड महामारी इस परिवार के 7 सदस्यों को निगल गई। जबकि परिवार का एक बुजुर्ग एक साथ इतनी अर्थियों का दुख नहीं सहन कर सका तो उसकी दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। सोमवार को एक साथ 5 लोगों की तेरहवीं की गई। इनमें चार सगे भाई थे।
परिवार में चार महिलाओं का सुहाग उजड़ गया। लखनऊ, 25 अप्रैल से लेकर 15 मई तक एक ही परिवार के 8 लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आकर काल के गाल में समा गए. गांव के मुखिया मेवाराम का कहना है कि इस भयावह घटना के बावजूद भी सरकार की तरफ से ना ही कोई सैनिटाइजेशन की व्यवस्था की गई और ना ही कोरोना संक्रमण की जांच अभी तक की गयी है।
कोरोना से एक ही परिवार के 8 लोगों की हुई थी मौत गांव के मुखिया ने लगाए प्रशासन की लापरवाही के आरोप
कोरोना संकट की दूसरी लहर के दौरान होने वाली मौतों ने उनके परिवारों को झकझोर कर रख दिया है. हाल ही में उत्तर प्रदेश के लखनऊ से एक दुःख भरा मामला सामने आया है. यहां एक परिवार में एक ही दिन 5 लोगों की तेरहवीं मनाई गयी.
दुःख का यह आलम था कि परिवार के बाकी लोग सदमे में नजर आ रहे थे. किसी परिवार ने ऐसी 13वीं शायद ही देखी हो जब 5 लोगों की तस्वीर पर एक साथ श्रद्धांजलि दी जा रही है और जिसमें चार सगे भाई हों;
लखनऊ के ओमकार यादव के परिवार में यह त्रासदी इतनी बड़ी है, जिसे शब्दों में बयां किया ही नहीं जा सकता है. लखनऊ से सटे गांव इमलिया पूर्वा में कोरोना की दूसरी लहर एक सैलाब की तरह आई और पूरे परिवार को उजाड़ कर ले गई. हंसते खेलते इस परिवार में 4 औरतें विधवा हो गईं. सोमवार को 13वीं थी. हालांकि 7 मौत कोरोना संक्रमण से और 1 बुजुर्ग की मौत दहशत में ह्रदय गति रुकने से हुई है. जानकारी के मुताबिक 25 अप्रैल से लेकर 15 मई तक एक ही परिवार के 8 लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आकर काल के गाल में समा गए. गांव के मुखिया मेवाराम का कहना है कि इस भयावह घटना के बावजूद भी सरकार की तरफ से ना ही कोई सैनिटाइजेशन की व्यवस्था की गई और ना ही कोरोना संक्रमण की जांच अभी तक की गयी है.
मृतकों के नाम-
1- निरंकार सिंह यादव, उम्र- 40 साल, मृत्यु- 25 अप्रैल
2- विनोद कुमार, उम्र- 60 साल, मृत्यु- 28 अप्रैल
3- विजय कुमार, उम्र- 62 साल, मृत्यु-1 मई
4- सत्य प्रकाश, उम्र- 35, मृत्यु-15 मई
5- मिथलेश कुमारी, उम्र-50 साल, मृत्यु- 22 अप्रैल
6- शैल कुमारी, उम्र-47 साल 27 अप्रैल
7- कमला देवी, उम्र- 80 साल, मृत्यु- 26 अप्रैल
8- रूप रानी, उम्र- 82 साल, मृत्यु- 11 मई ;
लखनऊ ,6AM NEWS TIMES
ओमकार यादव बताते हैं कि 24 दिन के भीतर उनकी बड़ी मां रूपरानी, मां कमला देवी, भाई विजय, विनोद, निरंकार और सत्यप्रकाश के अलावा बहन शैलकुमारी, मिथलेश कुमारी की मौत हुई है। 25 से 28 मई के बीच हर दिन एक सदस्य की मौत हुई। बड़ी मां रूपरानी को दिल का दौरा पड़ा था। जिस तरीके से करना संक्रमण से इस परिवार में एक साथ 8 मौतें हुई हैं ऐसे में परिवार एक बड़ी विपत्ति का सामना करना पड़ रहा है. वहीं आरोप है कि सरकार की तरफ से अभी तक सैनिटाइजेशन तक का कार्य नहीं किया गया. न ही परिवार में कोरोना संक्रमण की जांच की गई.
जब ऑक्सीजन और बेड की जरूरत थी तब वह भी उपलब्ध नहीं हो पाया. गांव के मुखिया का कहना है कि यहां पर तकरीबन 50 लोग करना संक्रमित हुए थे और 5 लोगों की मौत भी हो जा चुकी है, लेकिन प्रशासन यहां पर नहीं पहुंचा है.
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