#UP #CRIMINALS ; समानांतर सरकार चला रहे माफियाओं को योगी ने किया ध्वस्त।

  ध्वस्त माफिया राज पार्ट= [ 1 ] हरिशंकर तिवारी।  

बीते कई दशकों से समानांतर सरकार चला रहे माफियाओं के काले साम्राज्य को योगी ने किया ध्वस्त। योगी के भरोसे सिंघम बनी यूपी पुलिस। 

बाहुबली ब्राह्मण नेता हरिशंकर तिवारी के घर पुलिस का छापा ; पूर्व सरकारें मुलायम, अखिलेश, की रही हो या मायावती की, बयान लेने का भी साहस नहीं कर पाती थी यूपी पुलिस। 

सब्सक्राइब करें। www.6amnewstimes.com 16:06 :2021 , रविन्द्र_यादव लखनऊ 9415461079, 




22 अप्रैल 2017 को गोरखपुर पुलिस बाहुबली ब्राह्मण नेता हरिशंकर तिवारी के घर पड़ी छापे की कार्यवाही ने प्रदेश के माफियाओं को एक संदेश दिया था जो आज की तारीख में शत प्रतिशत सच बनकर उत्तर प्रदेश की सरजमी से माफियाओं का अंत करता हुआ दिखाई दे रहा है। हरिशंकर तिवारी पर हुई कार्रवाई ने पूर्वांचल के माफिया की कमर तोड़ दी खुद को सत्ता संरक्षित समझने वाले माफिया के समझ में आ गया था कि सत्ता का संरक्षण मिलना अब बंद हो चुका है। 

 गोरखपुर माफिया हरिशंकर तिवारी  

ब्राह्मण नेता हरिशंकर तिवारी गोरखपुर के रहने वाला हैं। कहा जाता है कि राजनीति का अपराधीकरण गोरखपुर से शुरू हुआ था तो हरिशंकर तिवारी इसके सबसे बड़े अगुवा थे। एक जमाने में पूर्वांचल की राजनीति में तिवारी की तूती बोलती थी। हरिशंकर तिवारी, पूर्वांचल का ऐसा माफिया था जो सत्ता के संरक्षण में रहने के लिए कभी भी और किसी भी राजनैतिक पार्टी में शामिल होने के लिए किसी भी हद तक चला जाता था। पहले कांग्रेस में था, फिर बीजेपी और उसके बाद एसपी का साथ दिया और अब इनका पूरा कुनबा बीएसपी में है



हरिशंकर तिवारी गोरखपुर से छ: बार विधायक रहा। इनके दो बेटे विनय तिवारी गोरखपुर से और दूसरे बेटे कुशल तिवारी संत कबीर नगर से बीएसपी के टिकट पर मैदान में थे । कभी हरिशंकर तिवारी के अपराधो से गोरखपुर के इलाके कांपने लगते थे । रेलवे साइकिल स्टैंड से लेकर सिविल की ठेकेदारी में इस डॉन ने पैसा ही नहीं बल्कि स्याह और दबंग रसूख भी कमाया।


रेलवे से लेकर पीडब्लूडी की ठेकेदारी में हरिशंकर का कब्जा था। उसके दम पर तिवारी ने एक बहुत बड़ी मिल्कियत खड़ी कर दी। उनके बारे में यह भी कहा जाता है कि जेल में रहकर चुनाव जीतने वाला वह पहले नेता था । गोरखपुर क्षेत्र में तिवारी को ब्राह्मणों का भी नेता माना जाता है। यह हरिशंकर तिवारी के अपराधिक जीवन का दबदबा ही है कि इसके बेटे और रिश्तेदार लोकसभा और विधानसभा का चुनाव जीतते आए हैं।



सत्तर के दशक में हथियार उठाकर ये पहला ऐसा माफिया था जिसने सलाखों के पीछे कैद होने के बावजूद चुनाव जीता। हरिशंकर ने कल्याण सिंह और मुलायम सिंह की सरकारों में कैबिनेट मिनिस्टर तक का रुतबा हासिल किया।

इनके खिलाफ 26 से ज्यादा मुकदमें भी दर्ज हुए। इसमें हत्या, हत्या की कोशिश, एक्सटार्शन, सरकारी काम में बाधा, बलवे जैसे मामले भी शामिल हैं।

मई 1997 में जब हरिशंकर तिवारी अपनी लोकतांत्रिक कांग्रेस से विधानसभा का चुनाव पहली बार हारा तो उसे अपने गिरते रसूख का ख्याल सताने लगा। लिहाजा वो हमेशा की तरह इस बार भी पाला बदल कर सवार हो गया हाथी पर और मायावती से उसने खुद तो नहीं लेकिन अपने दोनों बेटों के लिए टिकट का जुगाड़ किसी तरह कर ही लिया।   





हरिशंकर तिवारी, पूर्वांचल का ये माफिया सत्ता में बने रहने के लिए कभी भी और कहीं भी पाला बदल सकता है। पहले कांग्रेस में था, फिर बीजेपी और उसके बाद एसपी का साथ दिया और अब इनका पूरा कुनबा बीएसपी में है। 

 योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के महज एक माह बाद 22 अप्रैल 2017 उस वक्त पूर्वांचल का पारा अचानक चढ़ गया था। पूर्व कैबिनेट मंत्री व बाहुबली हरिशंकर तिवारी के घर छापेमारी की थी उस तिवारीहाता में अब अब काफी सन्नाटा रहता है, 

तब गोरखपुर में आईपीएस हेमराज मीणा एसपी सिटी हुआ करता थे। खोराबार के जगदीशपुर में मार्च 2017 में रिलायंस पेट्रोल पंप के कर्मचारियों से 98 लाख रुपये की लूट हुई थी। एसपी सिटी ने इस मामले में बलिया के छोटू चौबे को रिमांड पर लिया था। पुलिस ने छोटू चौबे से पूछताछ की और बताया कि लूट में सोनू पाठक नाम का व्यक्ति भी शामिल है। पुलिस का कहना था कि उसकी लोकेशन पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी के घर पर मिली है।

इसी आधार पर एसपी सिटी हेमराज मीणा की अगुवाई में पांच थानों की पुलिस ने बसपा सरकार के पूर्व मंत्री के घर छापा मारा था। करीब 30 मिनट तक छानबीन की और छह लोगों को हिरासत में लेकर निकल गए। इन सबसे थाने में पूछताछ हुई, मगर बाद में एक शख्स अशोक सिंह को ही अवैध असलहा रखने के आरोप में जेल भेजा गया।

योगी पुलिस के सामने अपना दबदबा दिखाने में नाकाम रहे थे हरिशंकर तिवारी। 

गोरखपुर के बाहुबली नेता हरिशंकर तिवारी छापेमारी के विरुद्ध क्षेत्र में अपनी राजनीतिक पहचान एवं अपना दबदबा कायम रखने के लिए निकल पड़े थे विरोध में कभी उनके पीछे चलने वाला हुजूम आज चंद लोगों की भीड़ में बदल चुका था हरिशंकर तिवारी ने भी वक्त और हालात को समझते हुए शांति से कलेक्ट्रेट परिसर में धरना दिया। सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए एक ज्ञापन भी दिया गया था।








"" "" "" "" "" "" "" "" "

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने