फर्जी बैंक गारंटी लगाकर प्रदेश के इन 21 जिलों की 61 ITI ने ली मान्यता, अब होगी 420 सहित कई धाराओं में FIR।
सब्सक्राइब करें। www.6amnewstimes.com Ravindra Yadav lucknow 20 :01:2021
यूपी. आई.टी.आई राज्य व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद , उत्तर प्रदेश लखनऊ।
सख्त नियमों का हवाला देकर निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों आइटीआइ की मान्यता देने के दावे की खुली पोल बड़े खेल का हुआ खुलासा। प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से बैंक गारंटी के नाम पर हुए खेल में नियमों को ताक पर रखकर अधिकारियों ने मनमानी मान्यता दे दी है ।
मुख्यमंत्री के पोर्टल पर सूबे की 59 संस्थानों की शिकायत की गई और पहले चरण में 213 संस्थानों की जांच की गई तो 61 में गड़बड़ी सामने आई है । इनके विरुद्ध जिले के नोडल अधिकारी को एफआइआर दर्ज करने के आदेश किए गए हैं ।
सूत्रों के अनुसार सत्यापन रिपोर्ट में फर्जी बैंक गारंटी के मामले सामने आने के बाद जिम्मेदार विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच शुरू हो गई है। फर्जी बैंक गारंटी स्वीकार करने के लिए प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय की भूमिका भी संदिग्ध है। गनीमत रही कि अभी केवल 61 संस्थानों को मान्यता मिली है और बाकी को मान्यता की तैयारी चल रही थी। कई मामलों में आवेदक को ही बैंक गारंटी का सत्यापन कराकर लाने की जिम्मेदारी भी दे दी गई। इस तरह बैंक की फर्जी सत्यापन रिपोर्ट भी निदेशालय को उपलब्ध करा दी गई।
ऐसे देनी होती है गारंटी: निजी संस्थानों को 20 बच्चों की एक यूनिट पर 50 हजार की बैंक गारंटी देनी होती है। ट्रेडवार संख्या घटती बढ़ती है। एक संस्थान दो ट्रेड में कम से चार यूनिट की मान्यता लेता है। उसे दो लाख रुपये की बैंक गारंटी देनी होती है। बैंक से जारी प्रमाण पत्र को जमा करना होता है। गड़बड़ी मिलने पर बैंक की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं।
अपर निदेशक प्रशिक्षण नीरज कुमार ने बताया कि पहले चरण की जांच में 61 संस्थानों की बैंक गारंटी में गड़बड़ी मिली है। राजधानी समेत प्रदेश के 21 जिलों की 61 संस्थानों के विरुद्ध जिले के नोडल अधिकारी बने राजकीय आइटीआइ के प्रधानाचार्यों को सरकारी दस्तावेजों में गड़बड़ी करने और 420 सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया गया है। सभी 1535 आवेदन करने वाली संस्थानों की मान्यता रोक दी गई है और जांच शुरू हो गई है।
कर्मचारियों की भूमिका की भी होगी जांच: प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशक कुणाल शिल्कू के मुताबिक, निजी संस्थानों द्वारा दी गई बैंक गारंटी में गड़बड़ी की शिकायत पर जांच कराई गई। अभी तक 61 निजी संस्थानों की बैंक गारंटी में गड़बड़ी सामने आई है, इनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए राज्य व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद ने निर्देश दिए हैं। मान्यता में कर्मचारियों की भूमिका की जांच भी की जा रही है।
आजमगढ़ में सबसे अधिक मामले: फर्जी बैंक गारंटी के मामले की प्राथमिक जांच में आजमगढ़ में सबसे अधिक 16 संस्थानों गड़बड़ी सामने आई है। जिलेवार गड़बड़ी वाले संस्थान इस प्रकार हैं।
इन जिलों की संस्थाओं पर होगी एफआइआर
- आजमगढ़-16
- मऊ-11
- प्रयागराज-चार
- फिरोजाबाद-तीन
- फैजाबाद-तीन
- मथुरा-तीन
- गाजीपुर-तीन
- बलिया-दो
- एटा-दो
- अंबेडकर नगर -दो
- फतेहपुर-दो
- लखनऊ-एक
- गोरखपुर-एक
- देवरिया-एक
- सहारनपुर-एक
- मैनपुरी-एक
- मेरठ-एक
- कुशीनगर-एक
- कानपुर-एक
- झांसी-एक
- औरैया-एक