Ticker

6/recent/ticker-posts

#UP Secretariat_Lucknow ; सचिवालय रोजगार के नाम पर धोखा मामले में देवेश मिश्रा और विनीत कुमार मिश्र जालसाज गिरफ्तार। 1800 और फर्जी नौकरियों की थी तैयारी।

सचिवालय में 700 पदों पर फर्जी भर्तियों। मामले में  देवेश मिश्रा और विनीत कुमार मिश्र जालसाज गिरफ्तार। 1800 और फर्जी नौकरियों की थी तैयारी।

6AM NEWS TIMES Lucknow 9415461079

 14:10 : 2020 07: 40 am  



 

लखनऊ। एसटीएफ ने सचिवालय व सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगारों को ठगने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए दो शातिरों देवेश मिश्रा और विनीत कुमार मिश्र को गिरफ्तार किया है। इस गिरोह ने 700 पदों पर फर्जी नौकरी निकाली और 500 से अधिक लोगों को फर्जी नियुक्ति पत्र भी बांट दिया। सूत्रों के अनुसार ठगी के जरिए इस गिरोह 15 से 20 करोड़ रुपये तक की कमाई की है। गिरोह 1800 और लोगों को फर्जी भर्ती के नाम पर ठगने की तैयारी में था। इस मामले में हरदोई के देवेश मिश्रा और लखीमपुर खीरी के विनीत कुमार मिश्र को लखनऊ के इंदिरानगर से गिरफ्तार किया गया है। देवेश गिरोह का सरगना है। गिरोह में कई अन्य लोगों की तलाश की जा रही है।

एसटीएफ के आईजी अमिताभ यश ने बताया कि यह गिरोह ब्लॉक स्तर पर कोऑर्डिनेटर बनाकर बेरोजगार युवकों की तलाश करते हैं। उन्हें सचिवालय व अन्य सरकारी विभाग में नौकरी दिलाने का लालच देकर उनसे पैसे ऐंठ लेता है। क्लर्क के लिए चार से पांच लाख रुपये और चपरासी के लिए दो से तीन लाख रुपये प्रति अभ्यर्थी वसूला जाता था। इसके बाद सचिवालय का लोगो लगा फर्जी नियुक्ति पत्र दे देते थे। इस पर मुख्य सचिव का फर्जी हस्ताक्षर भी होता था।

500 से अधिक ठगी के शिकार लोगों को दिए फर्जी नियुक्ति पत्र

इस ऑपरेशन को अंजाम देने वाले एसटीएफ के पुलिस उपाधीक्षक धर्मेश कुमार शाही ने बताया कि गिरोह ने सचिवालय और सरकारी विभागों में 700 पदों पर फर्जी नौकरी निकाली हुई थी। इसमें से 500 से अधिक लोगों को फर्जी नियुक्ति पत्र भी दिए जा चुके थे।

भारी मात्रा में सम्बंधित दस्तावेज बरामद। 

गिरफ्तार शातिरों के पास से एसटीएफ ने कूट रचित दस्तावेज, अभ्यर्थियों के शैक्षणिक प्रमाणपत्र, उनके फोटोग्राफ, 2 रजिस्टर, 2 मोबाइल, 4 एटीएम कार्ड, एक स्विफ्ट कार और अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं। दोनों अभियुक्तों को इंदिरानगर थाने में दाखिल किया गया है।

एसटीएफ के आईजी अमिताभ यश ने बताया कि इन शहरों में बकायदा कार्यालय तक खोल रखा था। सचिवालय व सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगारों को ठगने वाले गिरोह के तार प्रदेश के सभी बड़े शहरों में फैले हुए थे। यहां ब्लॉक कोऑर्डिनेटर की भर्ती की गई थी, जिसे गिरोह के सदस्य 50 हजार रुपये महीना देते थे। इन्हीं कोऑर्डिनेटर से प्रति जिला कम से कम 20 अभ्यर्थी मांगे जाते थे और इन लोगों से 2 लाख से पांच लाख रुपये तक नौकरी के नाम पर लिए जाते थे।

इस ऑपरेशन को अंजाम देने वाले एसटीएफ के पुलिस उपाधीक्षक धर्मेश कुमार शाही ने बताया कि गिरोह ने 700 पदों पर फर्जी नौकरी निकालकर 500 से अधिक लोगों को फर्जी नियुक्ति पत्र भी दिए जा चुके थे। पकड़े गए दोनों अभियुक्तों का आपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है। गिरफ्तार किए गए दोनों अभियुक्त स्नातक पास हैं।


जमीन में निवेश, गैंगस्टर एक्ट में हो सकती है कार्रवाई

सूत्रों का कहना है कि इस गिरोह ने बख्शी का तालाब क्षेत्र में एक बड़ी जमीन में निवेश किया, जिसकी कीमत करोड़ों रुपये में बताई जा रही है। फिलहाल एसटीएफ जमीन के दस्तावेज को सत्यापित कर रही है। अगर दस्तावेज सही पाए जाते हैं और ठगी के पैसों से जमीन खरीदने के सुबूत मिलते हैं तो गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए जमीन को जब्त किया जाएगा।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Chat with 6AM-News-Times The admin will reply in few minutes...
Hello, How can I help you? ...
Click Here To Start Chatting...