निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन:बिजली कर्मी आर-पार की लड़ाई लेंगे।
6AM NEWS TIMES 25:09:2020 07:03am
बीते पांच दिनों से चल रहा विरोध प्रदर्शन, आगे भी रहेगा जारी।
लखनऊ. पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के प्रस्ताव के विरोध में बिजली विभाग के अभियंताओं व कर्मचारियों का आंदोलन बीते छह दिनों से जारी है। गुरुवार को कर्मचारी व अभियंता संगठनों ने अपने–अपने घोषित आंदोलन के तहत विरोध प्रदर्शन व सभाएं कर आक्रोश जारी रहेगा। मध्यांचल मुख्यालय पर पांचवे दिन भी बिजली कर्मचारी व अभियंताओं ने विरोध सभा कर चेतावनी दी है कि यदि प्रबंधन ने हठधर्मिता न छोड़ी और निजीकरण प्रस्ताव लाया गया तो उसी क्षण से प्रदेशभर के बिजली कर्मचारी व अभियंता बेमियादी आंदोलन शुरू कर देंगे। उधर दूसरी ओर उप्र विद्युत मजदूर संगठन ने 29 से प्रदेश व्यापी आंदोलन पर जाने की घोषणा की है।
[ कर्मचारियों ने कहा हठधर्मिता न छोड़ी और निजीकरण प्रस्ताव लाया गया तो उसी क्षण से होगा प्रदर्शन। ]
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने बेमियादी आंदोलन की चेतावनी।
मध्यांचल मुख्यालय के सामने पांचवे दिन हुई विरोध सभा में संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने केन्द्र सरकार द्वारा विद्युत कम्पनियों के निजीकरण के लिए बनाये गये स्टैडर्ड बिल्डिंग ड़ाक्यूमेंट का कड़े़ शब्दो में विरोध करते हुए चेतावनी दी है कि यदि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के विघटन एवं निजीकरण की दिशा में एक भी कदम उठाया गया तो बिना और कोई नोटिस दिये सभी ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मी उसी क्षण से बेमियादी आंदोलन प्रारम्भ कर देंगे।
विरोध सभा को संबोधित करते हुए विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के इंजीनियर ए एन सिंह व इजीनियर डी के प्रजापति ने बताया कि ऊर्जा निगमो का शीर्ष प्रबंधन पूरी तरह से विफल हो गया है और अपनी विफलता छिपाने के लिए पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम का निजीकरण किया जा रहा है।
संघर्ष समिति के नेताओं ने कहा कि ऊर्जा निगमों का प्रबंधन बिजली कर्मचारियों‚जूनियर इंजीनियरों व अभियंताओं को हड़़ताल के रास्ते पर धकेल कर ऊर्जा क्षेत्र में औद्योगिक अशांति को पैदा कर रहा है। विरोध सभा की अध्यक्षता केके वर्मा एवं सभा का संचालन एके मिश्र ने किया।
विद्युत मजदूर संगठन 29 से करेगा प्रदेशव्यापी आंदोलन
विद्युत मजदूर संगठन की बैठक बुधवार को अध्यक्ष अरुण कुमार की अध्यक्षता में केन्द्रीय कार्यालय नरही में हुई। बैठक में सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया कि पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम का निजीकरण का प्रस्ताव जो प्रबंधन द्वारा लाया गया है वह उपभोक्ता एवं विभाग के हित में नहीं है। निजीकरण की वजह से एक तरह बेरोजगार युवाओं के रोजगार के अवसर समाप्त होंगे। वहीं दूसरी तरफ कंपनी मुनाफा कमाने की वजह से महंगी दर पर बिजली बेचेगी जिसका आम जन मानस पर आर्थिक रूप से इसका प्रभाव पड़ेगा।