Prayagraj-Criminals। कीडगंज धमेंद्र पाठक और रंजन पाठक के घर अवैध कारतूस का जखीरा मिला।

 कीडगंज; खुद को बालू कारोबारी बताने धमेंद्र पाठक और रंजन पाठक के घर अवैध कारतूस का जखीरा मिला।

Subscribe Now www.6amnewstimes.com RAVINDRA YADAV LUCKNOW 15:01:2021

                        कारतूस सांकेतिक तस्वीर। 

कीडगंज में रहने वाले दो बालू कारोबारी भाइयों के घर अवैध कारतूस का जखीरा मिला। पुलिसकर्मियों की आंखें उस वक्त फटी रह गईं जब दबिश देने पर उनकी आलमारी से कुल 42 अवैध कारतूस मिले। पूछताछ में पता चला कि कारतूस उन्हें झूंसी निवासी असलहा तस्कर के माध्यम से मिले हैं। जिसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। उनके कब्जे से दो असलहा व 17 मोबाइल फोन भी बरामद हुए हैं।

13 जनवरी की रात कीडगंज पुलिस टीम गश्त पर थी। इसी दौरान मिली सूचना के आधार पर सीओ बैरहना एएसपी सोमेंद्र मीणा ने कृष्णा नगर स्थित एक घर में छापा मारा। यहां मिले दो भाइयों धमेंद्र कुमार पाठक और रंजन कुमार पाठक ने खुद को बालू कारोबारी बताया। पुलिस ने तलाशी शुरू की तो आलमारी का ताला बंद मिला। चाबी मांगने पर दोनों बहाना करने लगे। सख्ती पर आलमारी खोली तो वहां एक पोटली में 42 कारतूस, दो तमंचा व 17 मोबाइल मिले। पुलिस ने पूछा तो दोनों कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। जिसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया। 

थाने लाकर पूछताछ शुरू की गई तो पता चला कि उन्हें यह कारतूस झूंसी निवासी असलहा तस्कर राजेंद्र निषाद के माध्यम से मिले जो 10 दिन पहले ही किसी मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। जिसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। सीओ ने बताया कि पकड़े गए दोनों भाई पूछताछ में यह नहीं बता सके कि आखिर उन्होंने इतने कारतूस क्यों जमा कर रखे थे। जांच पड़ताल में एक अन्य व्यक्ति का नाम सामने आया है जो असलहा तस्कर से कारतूस लेकर दोनों भाइयों को उपलब्ध कराता था। उसकी तलाश की जा रही है।

प्रतिबंधित बोर के भी मिले कारतूस

पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार दोनों भाई मूल रूप से कौशाम्बी में सरायअकिल के डीहा उपरहार गांव के रहने वाले हैं। जो कीडगंज में किराये के कमरे में रहते हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि उनके कब्जे से प्रतिबंधित बोर के भी छह कारतूस बरामद हुए हैं। जिनमें दो एसएलआर जबकि चार थ्री नॉट थ्री के हैं। यह कारतूस पुलिस को ही मिलते हैं। आरोपियों का कहना है कि यह कारतूस उन्हें उनके चाचा ने दिए जो आजमगढ़ में एसओ हैं। पुलिस का कहना है कि पता लगाया जा रहा है कि आरोपियों की बात में कितनी सच्चाई है।


 


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