दर्दनाक कहानी: पुलिसकर्मी की शर्मनाक करतूत ; मां और पिता के गले लग रातभर रोती रही बिटिया,! Chinhat-Girl-kidnapping-Lucknow

 दस साल बाद परिवार से मिली बंधक बनी लड़की, 

दर्दनाक कहानी : पुलिसकर्मी की शर्मनाक करतूत ;मां और पिता के गले लग रातभर रोती रही बिटिया, शारीरिक शाेषण, तोड़ दिए दांत, सड़ गए पैर, आपबीती सुन रो पड़े घरवाले, 

Ravindra Yadav 6 एएम न्यूज़ टाइम्स लखनऊ ; 07:12 : 2020 

   

                            प्रतीकात्मक तस्वीर 

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लखनऊ के आशियाना स्थित बंगला बाजार में घर के बाहर खेलते वक्त दस साल पहले लापता हुई 11 वर्षीय लड़की बुधवार रात चिनहट में ट्रेवल एजेंसी संचालक धर्मेंद्र सिंह के घर पर बंधक मिली। युवती का ममेरा भाई घर में बीमा संबंधी काम के लिए गया था और उसने ही पहचान की। जिला प्रोबेशन अधिकारी (डीपीओ) सुधाकरण पांडेय ने बताया कि सूचना पर बुधवार देर रात 181 वन स्टॉप सेंटर की टीम ने युवती को रेस्क्यू किया। डीपीओ ने बताया कि ट्रेवल एजेंसी संचालक की दो महीने पहले मौत हो चुकी है। कार्रवाई के दौरान धर्मेंद्र की पत्नी रेखा के भाई अजीत सिंह ने फोन पर युवती को न ले जाने की बात कही। अजीत सिंह बाराबंकी क्राइम ब्रांच में तैनात है।



181 वन स्टॉप सेंटर की मैनेजर अर्चना सिंह ने बताया कि युवती डरी व सहमी है। रातभर की काउंसिलिंग और सुबह परिजनों के आने के बाद उसने आपबीती सुनाई। युवती का आरोप है कि घर के बाहर से खेलते वक्त कोई उसे ले गया था। इस दौरान उसे पुलिस विभाग में तैनात रामाशीष मिला। जिसने उसकी शादी एक लड़के से करवा दी, लेकिन वह कहीं चला गया। इसके बाद रामाशीष ने पीड़िता का शारीरिक शाेषण किया। 

इस दौरान उसे एक बेटी भी हुई, जिसकी मौत हो चुकी है। कुछ समय बाद रामाशीष ने उसे अपनी बेटी रेखा और दामाद धर्मेंद्र के यहां रखा, जहां दस किरायेदार थे। सारा काम उससे ही करवाया जाता था। न भरपेट खाने को मिलता था और न ही पहनने को कपड़े। एक टूटा सोफा और कंबल ही दे रखा था। युवती ने आरोप लगाया कि माता-पिता के बारे में पूछने पर रेखा जेल भिजवाने की धमकी देती थी। आपबीती सुनाते हुए युवती कभी पैर की हालत दिखाती तो कभी पेट पर बने ऑपरेशन के निशान को।

रात में सीडब्ल्यूसी को सूचना दी गई और बाल कल्याण समिति सदस्य व न्यायिक मजिस्ट्रेट सुधा रानी ने आधी रात केंद्र पहुंच कर युवती के बयान लिए।

बीमा के लिए रेखा के घर पहुंचे पीड़िता के ममेरे भाई ने पहचाना

अर्चना सिंह ने बताया कि युवती के घरवालों ने जानकारी दी कि रेखा गर्भवती है और उसके पति धर्मेंद्र की दो महीने पहले मौत हो चुकी है। पीड़ित युवती के मामा का बेटा ही रेखा के घर बीमा संबंधी काम के लिए गया था। इस दौरान उसने पीड़िता को पहचान लिया। पूछताछ की तो रेखा युवती को कभी नौकरानी तो कभी रिश्तेदार बताती। इसके बाद युवक ने पीड़िता के चाचा को मामले की जानकारी दी। 


क्षेत्रीय चौकी इंचार्ज ने नहीं की मदद। 

अर्चना सिंह ने बताया कि बुधवार देर रात युवती के चाचा ने 181 वन स्टॉप सेंटर पर कॉल कर मदद मांगी थी। इसके बाद स्टाफ नर्स प्रतिमा और कॉन्सटेबल वंदना पांडेय चिनहट निवासी रेखा सिंह उर्फ टुनटुन के घर गईं। अर्चना का कहना है कि क्षेत्रीय चौकी इंचार्ज को फोन किया लेकिन, कोई सहयोग न मिलता देख डीसीपी क्राइम अगेंस्ट विमेन एंड सिक्योरिटी रुचिता चौधरी को कॉल किया। उन्होंने तुरंत एसएचओ चिनहट को आदेश दिया, तब थाने के सहयोग से युवती को रेस्क्यू किया।

       डीसीपी क्राइम अगेंस्ट विमेन एंड सिक्योरिटी रुचिता चौधरी

दस साल बाद अपनी बेटी को देखकर माता-पिता कुछ पल के लिए नि:शब्द हो गए। सिर्फ उनकी आंखें बरस रही थीं। युवती के पिता ने बताया कि हंसता-खेलता परिवार था। एक बेटा और दो बेटियां और हैं। 18 दिसंबर 2010 को सुबह सात बजे बेटी लापता हुई थी। पीजीआई थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। सारी कोशिशें विफल रहने के बाद मान लिया था कि बेटी नहीं मिलेगी।


डीसीपी क्राइम अगेंस्ट विमेन एंड सिक्योरिटी रुचिता चौधरी ने कहा कि सेंटर द्वारा सूचना दिए जाने पर तत्काल मदद का निर्देश संबंधित थाने को दिया गया था। आगे भी सेंटर को जरूरी मदद दी जाएगी।  

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