#UP Gonda, how Mahant shot the shooter in film style ; महंत ने कैसे फिल्मी स्टाइल में शूटर से खुद पर चलवाई थी गोली।

गोंडा में पुजारी के हमले पर बड़ा खुलासा , महंत ने कैसे फिल्मी स्टाइल में शूटर से खुद पर चलवाई थी गोली

#6AM_NEWS_TIMES_Lucknow 18:10 : 2020 



लखनऊ: गोंडा में 11 अक्टूबर को इटियाथोक इलाके के राम जानकी मंदिर के पुजारी सम्राट दास ने अपने दुश्मन को फंसाने के लिए प्रोफेशनल शूटर से अपने ऊपर गोली चलवाई थी, इसमें मंदिर का महंत भी शामिल था। महंत को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. अस्पताल में भर्ती पुजारी ठीक होते ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पुलिस ने इस मामले में 9 लोगों को आरोपी बनाया है, जिसमें महंत सीताराम दास समेत सात लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। पुजारी सम्राट दास को रात दो बजे मंदिर में गोली मार दी गई थी। घायल पुजारी को फौरन लखनऊ  की किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में इलाज के लिए भर्ती करा दिया गया था। 

पुजारी सम्राट दास और मंदिर के महंत सीताराम दास ने हमले के लिए एक प्रोफेशनल शूटर को सुपारी दी थी। दोनों ने सुपारी किलर को बता दिया था कि उसे पुजारी सम्राट दास पर ऐसे गोली चलानी है कि गोली सिर्फ उन्हें छूकर निकल जाए। वे गलती से भी मरने न पाएं. प्रोफेशनल सुपारी किलर ने ऐसा ही किया। पुजारी सम्राट दास को ऐसे गोली मारी कि वे सिर्फ जख्मी हुए।

घायल पुजारी सम्राट दास और उनके बॉस महंत सीताराम दास ने पुजारी को गोली मारने लिए एक दबंग अमर सिंह को ज़िम्मेदार ठहराया था. उनका आरोप था कि राम जानकी मंदिर के पास करीब 150 बीघा कीमती जमीन है. अमर सिंह उस जमीन पर कब्ज़ा करना चाहता है। उससेे ज़मीन पर क़ब्ज़े को लेकर पहले भी केस चल रहा है। गोली से घायल पुजारी और मंदिर के महंत की शिकायत पर अमर सिंह और उसके साथियों के खिलाफ एफ़आईआर दर्ज कर अमर सिंह के दो साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया लेकिन अमर सिंह पकड़ में नहीं आया। 




शनिवार (Saturday) को जब जिले के एसपी शैलेन्द्र कुमार पांडेय ने केस को हल कर प्रेस कॉन्फ्रेंस की तो उन्होंने बताया कि पुजारी सम्राट दास पर गोली खुद सम्राट दास और उनके बॉस महंत सीता राम दास ने चलवाई थी. उनका मकसद अपने दुश्मन अमर सिंह पर पुजारी की हत्या (Murder) के प्रयास का केस लगवाकर उसे जेल भिजवाना था. एसपी ने यह भी बताया कि अमर सिंह इस बार वहां गांव में प्रधान का चुनाव लड़ना चाहता था. गांव का मौजूदा प्रधान विनय कुमार सिंह भी नहीं चाहता था कि अमर सिंह जैसा मजबूत उम्मीदवार वहां चुनाव लड़े लिहाज़ा वो भी इस साजिश में शामि

ल हो गया.

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